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RBI ने एआई के इस्तेमाल से नियामक निरीक्षण में सुधार हेतु मैकिन्से, एक्सेंचर सॉल्यूशंस को चुना

RBI ने एआई के इस्तेमाल से नियामक निरीक्षण में सुधार हेतु मैकिन्से, एक्सेंचर सॉल्यूशंस को चुना |_3.1

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने निरीक्षण कार्यों के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का इस्तेमाल कर एक व्यवस्था तैयार करने के लिए वैश्विक परामर्श फर्म मैकिन्से एंड कंपनी इंडिया एलएलपी और एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड इंडिया को चुना है।

आरबीआई अपने विशाल डेटाबेस का विश्लेषण करने और बैंकों तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर नियामक निरीक्षण में सुधार लाने के लिए उन्नत एनालिटिक्स, एआई और एमएल का बड़े पैमाने पर उपयोग करना चाहता है। इसके लिए, केंद्रीय बैंक बाहरी विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजना बना रहा है।

 

मुख्य बिंदु

  • पिछले साल सितंबर में, आरबीआई ने निरीक्षण में उन्नत विश्लेषण, एआई और एमएल के उपयोग के लिए सलाहकारों को शामिल करने के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए थे।
  • ईओआई दस्तावेज में निर्धारित जांच/मूल्यांकन के आधार पर, केंद्रीय बैंक ने सलाहकारों के चयन के लिए सात आवेदकों को छांटा था।
  • ये सात कंपनियां- एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, डेलॉयट टौशे तोहमात्सू इंडिया एलएलपी, अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी, केपीएमजी एश्योरेंस एंड कंसल्टिंग सर्विसेज एलएलपी, मैकिन्से एंड कंपनी और प्राइसवाटरहाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड थीं।

 

अनुबंध की कीमत करीब 91 करोड़ रुपये

रिजर्व बैंक के दस्तावेज के अनुसार, इनमें से मैकिन्से एंड कंपनी इंडिया एलएलपी और एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड इंडिया को अनुबंध दिया गया है। अनुबंध की कीमत करीब 91 करोड़ रुपये है।

 

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FAQs

आरबीआई का मुख्य कार्य क्या है?

भारतीय रिज़र्व बैंक के बुनियादी कार्य हैं - बैंक नोटों के निर्गम को विनयमित करना और रिज़र्व बनाए रखना ताकि भारत में मौद्रिक स्थिरता बनाई रखी जा सके और देश की मौद्रिक तथा ऋण प्रणाली का संचालन करना जिससे देश को लाभ हो ।