भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2025 में कई महत्वपूर्ण परिपत्र जारी किए, जिनका प्रभाव वित्तीय समावेशन, सुशासन, ऋण मानदंड, आवास वित्त, एनबीएफसी ऋण, ब्याज दरों और मुद्रा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों पर पड़ा। ये अद्यतन RBI ग्रेड बी, नाबार्ड, यूपीएससी और बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन बदलावों में नीतिगत संशोधन के साथ-साथ परिचालन नियम भी शामिल हैं, जिससे ये बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQ) और वर्णनात्मक उत्तरों — दोनों के लिए समान रूप से उपयोगी बनते हैं।
वित्तीय समावेशन एवं आजीविका समर्थन
एसएचजी–बैंक लिंकिंग कार्यक्रम
-
बैंकों को एसएचजी (स्वयं सहायता समूह) सदस्यों की संपूर्ण ऋण आवश्यकताओं को पूरा करना होगा — आय सृजन, सामाजिक आवश्यकताएँ (आवास, शिक्षा, विवाह) और ऋण पुनर्भुगतान के लिए।
-
एसएचजी को दिए जाने वाले ऋण शाखा, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर के ऋण योजनाओं में एकीकृत किए जाएंगे।
-
ऋण को बचत के अनुपात में (1:1 से 1:4 तक) जोड़ा जा सकता है; परिपक्व एसएचजी को उच्चतर अनुपात पर ऋण मिल सकता है।
-
एसएचजी को दिए गए सभी ऋण प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) में गिने जाएंगे।
-
यदि समूह स्तर पर डिफॉल्ट नहीं है, तो कुछ सदस्यों के डिफॉल्ट से समूह को ऋण रोकने का आधार नहीं बनेगा।
DAY–NRLM दिशा–निर्देश
-
10–20 सदस्यों वाले महिला-प्रधान एसएचजी पर जोर (विशेष परिस्थितियों में न्यूनतम 5 सदस्य)।
-
घूर्णन निधि (Revolving Fund): पात्र एसएचजी को ₹20,000–₹30,000; कोई पूंजीगत सब्सिडी नहीं।
-
ऋण पर ब्याज अनुदान उपलब्ध; सीसीएल और टर्म लोन सीमा एसएचजी की निधि पर आधारित।
-
लाभार्थी संरचना: 50% अनुसूचित जाति/जनजाति, 15% अल्पसंख्यक, 3% दिव्यांगजन।
शहरी सहकारी बैंकों में सुशासन
-
बोर्ड में कम से कम दो पेशेवर निदेशक होने चाहिए।
-
जिन यूसीबी की परिसंपत्ति ₹5000 करोड़ या उससे अधिक है, उन्हें जोखिम प्रबंधन समिति बनानी होगी।
-
बोर्ड में महिला शेयरधारकों के लिए एक आरक्षित सीट।
-
निदेशक या उनके रिश्तेदारों से जुड़े संस्थानों को दान, अनुमत सीमा के भीतर भी, प्रतिबंधित।
लीड बैंक योजना और वित्तीय पहुँच
-
1969 से ग्रामीण बैंकिंग के समन्वय हेतु सक्रिय।
-
प्रमुख मंच: ब्लॉक स्तरीय बैंकर्स समिति (BLBC), जिला परामर्श समिति (DCC), राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC)।
-
लक्ष्य: प्रत्येक गाँव को 5 किमी के दायरे में या पहाड़ी क्षेत्रों में 500 परिवारों वाले टोले तक वित्तीय पहुँच।
-
ऐसे गाँव (जनसंख्या > 5000) जहाँ कोई अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक शाखा नहीं है, वहाँ नई शाखा खोलने की योजना।
आवास वित्त मानदंड
-
ऋण ₹30 लाख तक: LTV ≤ 80% → जोखिम भार 35%।
-
₹30–₹75 लाख: LTV ≤ 80% → जोखिम भार 35%।
-
₹75 लाख से अधिक: LTV ≤ 75% → जोखिम भार 50%।
-
अधिकतम पुनर्भुगतान अवधि: 20 वर्ष (मोराटोरियम सहित)।
-
मरम्मत हेतु अतिरिक्त ऋण, प्रमाणित लागत अनुमान के आधार पर।
-
यूसीबी के लिए आवास ऋण व रियल एस्टेट ऋण पर कुल जोखिम सीमा निर्धारित।
एनबीएफसी को ऋण
-
पंजीकृत एनबीएफसी (ऋण, लीजिंग, निवेश में संलग्न) के लिए बैंक ऋण सीमा, नेट ओन्ड फंड से जुड़ी बाध्यता समाप्त।
-
प्रतिबंध: आईपीओ फंडिंग, इंटर-कॉरपोरेट डिपॉज़िट, ब्रिज लोन।
-
स्वर्ण-समर्थित एनबीएफसी पर कड़े जोखिम मानदंड जारी।
मुद्रा प्रबंधन और दंड
-
करेंसी चेस्ट द्वारा विलंबित लेनदेन रिपोर्टिंग: दंडात्मक ब्याज = बैंक दर + 2%।
-
गलत रिपोर्टिंग: ₹50,000 का स्थिर जुर्माना।
-
जाली नोट:
-
एक ही लेनदेन में ≥5 टुकड़े → तत्काल पुलिस रिपोर्ट।
-
उच्च मूल्य वर्ग में 200% तक दंड।
-
-
राजनीतिक/धार्मिक नारे या जानबूझकर क्षति वाले नोट वैध मुद्रा नहीं।
-
अधिकतम 20 नोट/₹5000 प्रतिदिन तक क्षतिग्रस्त नोटों का निःशुल्क विनिमय।
जमा पर ब्याज दरें
-
सभी शाखाओं में एकसमान ब्याज दर; व्यक्तिगत सौदेबाज़ी नहीं।
-
वरिष्ठ नागरिक: अधिकतम +1% अतिरिक्त; बैंक कर्मचारी: +1% अतिरिक्त।
-
न्यूनतम अवधि: घरेलू जमा के लिए 7 दिन; एनआरई जमा के लिए 1 वर्ष।
-
FCNR(B) जमा: 1–5 वर्ष, ब्याज सीमा Overnight ARR + स्प्रेड से जुड़ी।
-
प्रतिबंध: लॉटरी, ₹250 से अधिक के उपहार, अन्य बैंकों की जमा पर अग्रिम।


भारत इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेस...
RBI ने कस्टमर सर्विस डिलीवरी को बेहतर बन...
वित्तीय समावेशन बढ़ाने की पंचवर्षीय रणनी...

