भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी उधारकर्ताओं के लिए समकक्षीय उधार (पीयर-टू-पीयर लेंडिंग) प्लेटफॉर्म के लिए ऋणदाता की अनुमत सीमा को कम कर दिया है। कुल निवेश को 50 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। यह कदम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
पी2पी प्लेटफार्मों में 10 लाख रुपये से अधिक का निवेश करने वाले ऋणदाता को किसी भी पेशेवर चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा 50 लाख रुपये की निवल मालियत प्रमाणित करने वाला प्रमाण पत्र प्नस्तुत करना होगा।रिज़र्व बैंक ने यह भी कहा कि धन के हस्तांतरण के लिए बैंक द्वारा पदोन्नत ट्रस्टी द्वारा संचालित किए जाने वाले “निलंब खाता” को बैंक के साथ अनिवार्य रूप से बनाए रखा जाना चाहिए, जिन्होंने ट्रस्टी को पदोन्नत किया है। साथ ही यह भी अनिवार्य है कि बैंक खातों के माध्यम से किए जाने वाले सभी लेनदेन और नकद लेनदेन पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।
उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- RBI के 25 वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता
स्रोत: द इकोनॉमिक टाइम्स