भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर नीति बैठक से पहले कार्यकारी निदेशक इंद्रनील भट्टाचार्य को मौद्रिक नीति समिति (MPC) का पदेन सदस्य नियुक्त किया है, जो राजीव रंजन का स्थान लेंगे।
एक महत्वपूर्ण नेतृत्व विकास में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति विभाग के कार्यकारी निदेशक, इंद्रनील भट्टाचार्य को मौद्रिक नीति समिति (MPC) का नवीनतम पदेन सदस्य नियुक्त किया है। यह कदम समिति की आगामी बैठक से पहले उठाया गया है, जो 29 सितंबर और 1 अक्टूबर, 2025 के बीच निर्धारित है। भट्टाचार्य, सेवानिवृत्त हो रहे राजीव रंजन का स्थान लेंगे, जिससे RBI के प्रमुख नीति-निर्माण निकाय में एक निर्बाध परिवर्तन सुनिश्चित होगा।
इंद्रनील भट्टाचार्य: मौद्रिक नीति में निहित करियर
केंद्रीय बैंकिंग में 28 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, भट्टाचार्य MPC में गहन विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि लेकर आते हैं।
उनके करियर की मुख्य बातें
- उनकी दो-तिहाई से अधिक व्यावसायिक यात्रा मौद्रिक नीति निर्माण पर केंद्रित रही है।
- मार्च 2025 से आर्थिक एवं नीति अनुसंधान विभाग (DEPR) के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत।
- 2009 से 2014 तक कतर सेंट्रल बैंक में आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में काम किया।
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।
- मौद्रिक अर्थशास्त्र, वित्तीय बाजार और बाजार सूक्ष्म संरचना जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में कई पत्र प्रकाशित।
उनकी पृष्ठभूमि उन्हें आने वाले महीनों में भारत की मौद्रिक नीति को आकार देने में सार्थक योगदान देने के लिए उपयुक्त बनाती है।
एमपीसी की भूमिका और महत्व
मौद्रिक नीति समिति (MPC) भारत की मौद्रिक नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें मुद्रास्फीति लक्ष्य बनाए रखने और आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए ब्याज दर संबंधी निर्णय शामिल हैं।
एमपीसी की जिम्मेदारियां
- बेंचमार्क ब्याज दर (रेपो दर) निर्धारित करना।
- मुद्रास्फीति को लक्षित सीमा के भीतर बनाए रखना।
- व्यापक आर्थिक स्थिरता और विकास को समर्थन देना।


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