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चेक ट्रंकेशन सिस्टम की प्रक्रिया में होगा बदलाव: RBI

चेक ट्रंकेशन सिस्टम की प्रक्रिया में होगा बदलाव: RBI |_3.1

भारतीय रिजर्व बैंक ने चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में सुधार किया है, जो वर्तमान में दो कार्य दिवसों तक के समाशोधन चक्र के साथ चेकों का प्रसंस्करण करता है, ताकि ग्राहक अनुभव को बढ़ाने के अलावा चेक समाशोधन की दक्षता में सुधार हो और प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम कम हो। भारतीय रिजर्व बैंक ने चेक क्लियरिंग में लगने वाले समय को कुछ घंटे करने और उससे जुड़े जोखिम को कम करने के उद्देश्य से कदम उठाने का फैसला किया है।

चेक क्लियर होने में लगता है अभी 2 दिन का समय

वर्तमान में चेक जमा करने से लेकर चेक क्लियर होकर पैसे आने में कम से कम दो दिन का समय लग जाता है। लेकिन नए सिस्टम में चेक जमा करने के कुछ ही घंटों में ये क्लियर हो जाएगा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा की घोषणा करते हुए इसका ऐलान किया।

चेक ट्रंकेशन सिस्टम में बदलाव का प्रस्ताव

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चेक क्लियरिंग को दुरुस्त करने, निपटान जोखिम कम करने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) के मौजूदा सिस्टम में बदलाव का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि नए सिस्टम में मौजूदा सीटीएस व्यवस्था के तहत ‘बैच’ में प्रोसेसिंग की जगह कारोबारी समय (Working Hours) में निरंतर आधार पर क्लियरेंस की व्यवस्था की जाएगी।

चेक नए सिस्टम में स्कैन किया जाएगा

आरबीआई के मुताबिक, ”नई व्यवस्था में चेक को ‘स्कैन’ किया जाएगा, उसे प्रस्तुत किया जाएगा और कुछ घंटों में क्लियर किया जाएगा। इससे चेक का क्लियरेंस कुछ घंटे में हो जाएगा जबकि अभी दो दिन तक का समय (T+1) लगता है। शक्तिकांत दास ने कहा कि जल्द ही इस मामले में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

रेपो रेट लगातार 9वीं बार स्थिर

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अब यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने रेपो रेट को लगातार 9वीं बार 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का ऐलान किया।

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