भारत के माइक्रोफाइनेंस का समर्थन करने के लिए भारत के संस्थागत ढांचे को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा माइक्रोलेंडरों के वित्तपोषण के लिए मौजूदा 1000 करोड़ रुपये के कोष में के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से से बढ़ावा मिलेगा. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) ने कुछ अन्य उद्देश्यों के लिए इस धन को रखा था और हाल ही में माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र के लिए इसका उपयोग करने के लिए RBI की स्वीकृति मांगी थी.
विकास बैंक अब एमएफआई को सॉफ्ट लोन देने के लिए पैसे का उपयोग इस शर्त पर करेगा कि अंत में उधारकर्ताओं को 15-17% की दर पर ऋण मिलना चाहिए, जो प्रचलित 20-22% बाजार दर से काफी कम है.
स्रोत– दि इकनोमिक टाइम
उपरोक्त समाचार से IBPS Clerk Mains Exam 2018 के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- मोहम्मद मुस्तफा SIDBI के वर्तमान CMD हैं.
- सिडबी मुख्यालय लखनऊ में है.
- SIDBI की स्थापना 2 अप्रैल 1990 को भारतीय संसद के एक अधिनियम के तहत की गई थी.



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