भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) के 1995 बैच के अधिकारी रथेंद्र रमन ने कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह (एसएमपी) बंदरगाह के नए चेयरमैन का पदभार संभाला। एसएमपी ने एक बयान में कहा कि रमन ने चेयरमैन का पद संभालने के बाद कोलकाता डॉक सिस्टम और हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने इसके पहले दक्षिण पूर्व रेलवे में मुख्य माल यातायात प्रबंधक (सीएफटीएम) के तौर पर जिम्मेदारी निभाई। बयान के मुताबिक, रमन को चार बार महाप्रबंधक के पदक और 2006 में रेल मंत्री के पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
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उन्होंने कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लिए पूर्वी क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक के रूप में भी काम किया, जहां उन्होंने बांग्लादेश के लिए पहली कंटेनर ट्रेन की आवाजाही और जोगबनी और बटनाहा रेल टर्मिनल के माध्यम से नेपाल में कंटेनर आवाजाही सहित कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के बारे में
श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, जिसे पहले कोलकाता पोर्ट के नाम से जाना जाता था, कोलकाता, भारत में स्थित एक नदी बंदरगाह है। यह भारत का सबसे पुराना परिचालन बंदरगाह है और देश का एकमात्र नदीय बंदरगाह है जो समुद्र में जाने वाले बड़े जहाजों को संभालने की क्षमता रखता है। कोलकाता पोर्ट की गिनती देश के सबसे बड़े बंदरगाह में होती है। ये बंदरगाह ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है। 17 अक्टूबर, 1870 से ही ये ट्रस्ट के तहत है। कोलकाता पोर्ट को 150 साल पूरे हो चुके हैं। इस यात्रा में यह व्यापार, वाणिज्य और आर्थिक विकास के लिए भारत का प्रवेश द्वार रहा है। आमतौर पर, भारत के प्रमुख बंदरगाहों का नाम उस शहर के नाम पर रखा जाता है, जहां वे स्थित हैं। हालांकि, पूर्व में कुछ बंदरगाह के नाम को कुछ विशेष मामलों में या प्रतिष्ठित नेताओं द्वारा दिए गए योगदान के कारण बदला गया है।
बंदरगाह भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, देश को समुद्री मार्गों के माध्यम से विभिन्न वैश्विक स्थलों से जोड़ता है। यह अंतर्देशीय जल परिवहन के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जिसमें हुगली नदी के माध्यम से बंदरगाह को भारत के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने वाले बार्ज, टग और अन्य जहाजों का एक विशाल नेटवर्क है।