महाराष्ट्र सरकार ने टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा को राज्य के पहले ‘उद्योग रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया। 19 अगस्त को महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने रतन टाटा के आवास पर पहुंचकर उन्हें यह अवार्ड सौंपा। महाराष्ट्र सरकार ने देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को राज्य में उद्योग के विकास में बड़ी भूमिका निभाने के मद्देनजर यह पुरस्कार दिया। राज्य सरकार ने यह पुरस्कार इस साल पहली बार दिया है।
महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस मौके पर उद्योग रत्न पुरस्कार महाराष्ट्र सरकार द्वारा पहली बार शुरू किया गया। पहला पुरस्कार हमें रतन टाटा को देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। रतन टाटा और टाटा ग्रुप का देश के लिए योगदान बहुत बड़ा है। सभी क्षेत्रों में टाटा समूह का योगदान अतुलनीय है। स्टील-टू-सॉल्ट समूह छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में काम करता है। 2021-22 में टाटा कंपनियों का सामूहिक राजस्व 128 अरब डॉलर रहा। उनके सम्मान में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) की ओर से एक शॉल, एक प्रशस्ति पत्र और एक स्मृति चिह्न भेंट किया गया। इसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
उद्योग रत्न पुरस्कार के बारे में
उद्योग रत्न पुरस्कार एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो महाराष्ट्र के उत्कृष्ट उद्योगपतियों की उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। यह राज्य के आर्थिक विकास में इन व्यक्तियों के योगदान का एक प्रमाण है। इस पुरस्कार का नाम संस्कृत शब्द “उद्योग” पर रखा गया है, जिसका अर्थ है “उद्यम” या “उद्योग”। महाराष्ट्र उद्योग रत्न पुरस्कारों का उद्देश्य उन व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों को मान्यता देना है, जिन्होंने महाराष्ट्र में व्यवसाय, उद्योग, शिक्षा, रियल एस्टेट, पर्यटन, वित्तीय सेवाओं, फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि, बैंकिंग, IT, फूड आइटम्स और हेल्थ सेक्टर में जबरदस्त योगदान दिया है।
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से हो चुके सम्मानित
अपने करियर के दौरान रतन टाटा को कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें भारत के दो सबसे बढ़े नागरिक पुरस्कारों 2008 में पद्म विभूषण और 2000 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है। हाल ही में रतन टाटा को ऑस्ट्रेलिया के हाईएस्ट सिविल ऑनर ‘ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।