राजेंद्र प्रसाद जयंती हर साल 3 दिसंबर को भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। एक प्रतिष्ठित नेता, वकील, विद्वान और स्वतंत्रता सेनानी, डॉ. प्रसाद ने भारत की स्वतंत्रता और लोकतंत्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2024 का उत्सव राष्ट्र के लिए उनकी विरासत और योगदान को प्रतिबिंबित करने का एक अवसर है।
राजेंद्र प्रसाद की 140वीं जयंती
2024 में हम भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 140वीं जयंती मनाएंगे। एक स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और दूरदर्शी नेता, उन्होंने आधुनिक भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्र के लिए उनका योगदान और निस्वार्थ सेवा के प्रति प्रतिबद्धता एक स्थायी प्रेरणा बनी हुई है।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद कौन थे?
डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 1950 से 1962 तक सेवा की। 3 दिसंबर 1884 को बिहार में जन्मे, वे एक स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और वकील थे। उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर काम करते हुए भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। अपनी विनम्रता और समर्पण के लिए जाने जाने वाले, उन्होंने भारत के संविधान को आकार देने और शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बारे में कुछ मुख्य तथ्य
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जो आपको अवश्य जानने चाहिए:
- भारत के प्रथम राष्ट्रपति, दो कार्यकाल (1950-1962) तक सेवा की।
- 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के जीरादेई में जन्मे।
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट (डी. लिट.) की उपाधि प्राप्त की।
- 1911 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए।
- प्रमुख स्वतंत्रता आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया।
- स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी।
- राष्ट्रपति के रूप में विनम्रता और बुद्धिमान नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं।
- अपनी आत्मकथा आत्मकथा सहित कई किताबें लिखीं।
- राष्ट्रपति के रूप में भी सादा जीवन जिया।
- भारत के प्रति उनकी सेवा के लिए 1962 में भारत रत्न से सम्मानित।
- 28 फरवरी, 1963 को 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
- अपने समर्पण के लिए “लोगों के राष्ट्रपति” के रूप में याद किए जाते हैं।