भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने घोषणा की है कि भारत पेरिस 2024 ओलंपिक में दो ध्वजवाहकों की परंपरा को जारी रखेगा, जो टोक्यो 2020 में स्थापित की गई थी। यह निर्णय अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की खेलों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की पहल के साथ मेल खाता है।
पीवी सिंधु: महिला ध्वजवाहक
बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु को भारतीय दल के लिए महिला ध्वजवाहक के रूप में चुना गया है।
सिंधु की ओलंपिक उपलब्धियां:
- 2016 रियो ओलंपिक में रजत पदक
- 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक
- दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला
महत्त्व:
सिंधु की नियुक्ति उनके उच्चतम स्तर पर लगातार अच्छे प्रदर्शन और भारत के सबसे सफल ओलंपियनों में से एक के रूप में उनकी स्थिति को मान्यता देती है।
शरत कमल: पुरुष ध्वजवाहक
अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल पुरुष ध्वजवाहक के रूप में काम करेंगे।
कमल की उपलब्धियां:
- 13 बार के राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता
- चार ओलंपिक खेलों (2004, 2008, 2016, 2020) में भाग लिया
- 2019 में पद्म श्री से सम्मानित
महत्त्व :
कमल के चयन को भारतीय टेबल टेनिस में उनके लंबे समय से योगदान और भारतीय खेलों में एक वरिष्ठ राजनेता के रूप में उनकी भूमिका के लिए मान्यता दी गई है।
ध्वजवाहकों की भूमिका और महत्व
ध्वजवाहक ओलंपिक में एक महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक भूमिका निभाते हैं:
- नेतृत्व: वे उद्घाटन समारोह के परेड के दौरान देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हैं।
- राष्ट्रीय गर्व: वे गर्व से राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करते हैं, जो पूरे राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है।
- प्रेरणा: उनका चयन अक्सर युवा एथलीटों को प्रेरित करता है और देश के खेल नायकों को प्रदर्शित करता है।
- कूटनीतिक महत्व: वे अक्सर उद्घाटन समारोह की अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कवरेज में राष्ट्र का चेहरा होते हैं।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:
- भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष: पी. टी. उषा;
- भारतीय ओलंपिक संघ की स्थापना: 1927;
- भारतीय ओलंपिक संघ का मुख्यालय: नई दिल्ली, भारत।