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आरबीआई को 35,012 करोड़ रुपये हस्तांतरित

 

आरबीआई को 35,012 करोड़ रुपये हस्तांतरित |_3.1

भारत में कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कुल राशि 35,012 करोड़ रुपये ($4.7 अरब) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को सौंप दिया है। इस कदम का उद्देश्य बैंकों द्वारा रखी गई बिना दावे की जमा राशि को कम करना है और सुनिश्चित करना है कि पैसे उत्पादक उपयोग के लिए इस्तेमाल हों।

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Gp Capt Neeraj Bharadwaj veteranIAF?? on Twitter: "Seriously ? Benami account deposits!! ?? https://t.co/HUlKck2lMC" / Twitter

अप्राप्त जमा राशि क्या है

अप्राप्त जमा राशि वे राशियाँ होती हैं जो बैंक खातों में 10 साल या उससे अधिक समय से निष्क्रिय रह गई हैं। बैंकों को खाताधारकों या उनके कानूनी अंगों को खोजने और उन्हें धन का लाभ देने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता होती है। हालांकि, जहां खाताधारक या उनके उत्तराधिकारी ट्रेस नहीं किए जा सकते हैं, वहाँ राजभाषा विभाग के जमादारी के तहत जमा किए गए धन को भी RBI के डिपाजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में भेज दिया जाता है।

इस स्थानांतरित का उद्देश्य:

अप्राप्त जमा परिसंपत्तियों को DEAF में स्थानांतरित करने का मुख्य उद्देश्य जमा करने वालों के बीच वित्तीय साक्षरता और जागरूकता को बढ़ावा देना है। इस फंड का उपयोग जमा करने वालों को बैंकिंग और वित्तीय उत्पादों से जुड़े लाभ और जोखिमों के बारे में शिक्षा देने से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए किया जाता है।

कौन सा बैंक सबसे अधिक स्थानांतरित करता है:

उन बैंकों में शामिल हैं जिन्होंने अस्वीकृत जमा राशि आरबीआई को सौंपी हैं राज्य बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और कैनरा बैंक शामिल हैं। सबसे बड़ी राशि राज्य बैंक ऑफ इंडिया ने समर्पित की है, जिसने डीईएफ को 13,274 करोड़ रुपये (1.8 अरब डॉलर) सौंपे हैं।

इस दृष्टिकोण की आवश्यकता:

आरबीआई ने बैंकों द्वारा अवैध जमा परिवर्तन का स्वागत किया है और अन्य बैंकों से अनुरोध किया है कि वे भी इस प्रक्रिया का पालन करें। केंद्रीय बैंक ने बताया है कि अवैध जमा को वृद्धिशील उपयोग में लाना और जमाकर्ताओं को बैंकिंग और वित्तीय उत्पादों के लाभों के बारे में जागरूक करना एक महत्वपूर्ण कदम है।

सारांश में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को अनदायित जमा राशि का स्थानांतरण वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने और सुनिश्चित करने के लिए है कि जमा राशि का उपयोग उत्पादक ढंग से किया जाता है। इस स्थानांतरण से बैंकों को अनदायित जमा राशि के भार को कम करने में मदद मिलेगी और जमा करदाताओं को अपनी वित्त प्रबंधन में अधिक सक्रिय होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

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