सीमा सड़क संगठन (BRO) के प्रोजेक्ट विजयक ने हाल ही में करगिल (लद्दाख) में अपना 15वाँ स्थापना दिवस मनाया। वर्ष 2010 में स्थापित इस परियोजना का उद्देश्य लद्दाख के दुर्गम और ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सामरिक सड़कों का निर्माण और रखरखाव करना है। इसका नामकरण ऑपरेशन विजय (करगिल युद्ध, 1999) के सम्मान में किया गया था, जो इसकी सामरिक महत्ता और ऐतिहासिक प्रतीकात्मकता को दर्शाता है।
प्रोजेक्ट विजयक क्या है?
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शुरुआत व नामकरण: 2010 में बीआरओ द्वारा शुरू किया गया, पहले ये क्षेत्र प्रोजेक्ट हिमांक के अधीन थे।
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उद्देश्य: करगिल और ज़ंस्कार क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सड़क ढाँचे का विकास करना, सेना की रसद आपूर्ति को सक्षम बनाना और नागरिकों को हर मौसम में संपर्क प्रदान करना।
सामरिक महत्व
प्रोजेक्ट विजयक के तहत बनाए और सँभाले जाने वाले प्रमुख सड़क मार्ग:
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ज़ोजिला – करगिल – लेह धुरी : कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाला मुख्य आपूर्ति मार्ग।
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निम्मू – पदम – दारचा धुरी : मध्य लद्दाख को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने वाला मार्ग, जो सामरिक रूप से वैकल्पिक संपर्क उपलब्ध कराता है।
ये सड़कें सैनिकों की आवाजाही, रसद पहुँचाने और नियंत्रण रेखा (LC) के पास दूरदराज़ के क्षेत्रों को जोड़ने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
श्रमिक कल्याण पहल
प्रोजेक्ट विजयक ने मजदूरों के लिए कई कल्याणकारी कदम उठाए हैं, जैसे –
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उप-शून्य तापमान में काम करने हेतु इंसुलेटेड आश्रय।
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कार्यस्थलों पर बेहतर स्वच्छता सुविधाएँ।
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ऊँचाई पर काम के लिए सुरक्षा उपकरण व शीतकालीन वस्त्र।
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नियमित स्वास्थ्य शिविर और चिकित्सकीय सुविधाएँ।
मुख्य तथ्य
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प्रोजेक्ट विजयक की शुरुआत: 2010
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नामकरण: ऑपरेशन विजय के आधार पर
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संचालन क्षेत्र: करगिल और ज़ंस्कार (लद्दाख)
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प्रमुख सड़क धुरी: ज़ोजिला–करगिल–लेह और निम्मू–पदम–दारचा
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15वाँ स्थापना दिवस: सितंबर 2025, करगिल
यह परियोजना न केवल रणनीतिक और सैन्य दृष्टि से बल्कि स्थानीय निवासियों के विकास और कनेक्टिविटी के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।


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