राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वर्ष 2023 और 2024 के लिए शिल्प गुरु पुरस्कार और राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किए। ये सम्मान राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह 2025 का हिस्सा थे, जिसका आयोजन 8 से 14 दिसंबर तक वस्त्र मंत्रालय द्वारा किया गया था। समारोह में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा भी उपस्थित रहे।
ये पुरस्कार क्या हैं?
राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार: वर्ष 1965 में शुरू किए गए ये पुरस्कार कुशल शिल्पकारों को उनकी कलात्मक प्रतिभा और भारत की सांस्कृतिक विरासत में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित करते हैं।
शिल्प गुरु पुरस्कार: वर्ष 2002 में शुरू किए गए ये पुरस्कार भारत के हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट महारत रखने वाले शिल्प गुरुओं को दिया जाने वाला सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है।
वर्ष 2023–24 के लिए कुल 48 पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें 12 शिल्प गुरु पुरस्कार, 36 राष्ट्रीय पुरस्कार, और 2 विशेष डिज़ाइन एवं नवाचार पुरस्कार शामिल थे, जो कारीगर–डिज़ाइनर सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं।
हस्तशिल्प में महिला सशक्तिकरण
पुरस्कार पाने वालों में 20 महिलाएँ शामिल थीं, जो इस क्षेत्र में महिलाओं की मजबूत भागीदारी को दर्शाता है। वास्तव में, भारत की हस्तशिल्प कार्यबल में 68% महिलाएँ हैं, जो देशभर में 32 लाख से अधिक आजीविकाएँ समर्थित करती हैं।
मान्यता प्राप्त शिल्प और कारीगर
पुरस्कार विजेताओं ने भारत की विविध पारंपरिक कलाओं का प्रतिनिधित्व किया, जिनमें शामिल हैं:
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धातुकला और लकड़ी का शिल्प
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हाथ से प्रिंट किए गए वस्त्र
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पत्तचित्र चित्रकला
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चमड़े की कठपुतली कला
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टेराकोटा और पत्थर की नक्काशी
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कालीन और बांस-बेंत शिल्प
ये पुरस्कार इस बात पर जोर देते हैं कि पारंपरिक शिल्प न सिर्फ सांस्कृतिक धरोहर हैं, बल्कि कारीगरों की आजीविका का महत्वपूर्ण आधार भी हैं।
शिल्प गुरु पुरस्कार – मुख्य झलकियाँ
2023 के शिल्प गुरु पुरस्कार विजेता:
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अजीत कुमार दास – हस्त-चित्रित वस्त्र, पश्चिम बंगाल
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सुधीर कुमार महाराणा – पत्तचित्र पेंटिंग, ओडिशा
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डी. सिवम्मा – चमड़े की कठपुतली कला, आंध्र प्रदेश
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डोलोन कुंडु मंडल – टेराकोटा, पश्चिम बंगाल
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खत्री गुलामहुसैन उमर – कलात्मक वस्त्र (बांधनी), गुजरात
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माधुरी मिश्रा – कलात्मक वस्त्र (बाटिक प्रिंटिंग), उत्तर प्रदेश
2024 के शिल्प गुरु पुरस्कार विजेता:
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कमलेश शर्मा – वुड क्राफ्ट, राजस्थान
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सुबHASH अरोड़ा – मेटल क्राफ्ट (ढोकरा), हरियाणा
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शहीन अंजुम – वुड क्राफ्ट (ज्वेलरी बॉक्स), दिल्ली
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मो. दिलशाद – वुड कार्विंग (शीशम टेबल), उत्तर प्रदेश
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तारित पॉल – क्ले मॉडलिंग (कृष्ण जी का विश्वरूप), पश्चिम बंगाल
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शोभारानी पोद्दार – जूट क्राफ्ट (देवी दुर्गा), पश्चिम बंगाल
भारत में हस्तशिल्प का महत्व
भारत का हस्तशिल्प क्षेत्र न केवल सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति भी है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ:
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ग्रामीण आजीविका और महिला सशक्तिकरण को मजबूत समर्थन
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पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ शिल्प पर आधारित उत्पादन
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GI टैग, ODOP पहल और वोकल फॉर लोकल कार्यक्रमों का लाभ
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जीएसटी में कमी (18% से 5%) से निर्यात में बढ़ोतरी, लक्ष्य — 2031–32 तक ₹1 लाख करोड़
वस्त्र मंत्रालय के बारे में
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केंद्रीय मंत्री: गिरिराज सिंह (बेगूसराय, बिहार)
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राज्य मंत्री (MoS): पबित्रा मरघेरिटा (राज्यसभा, असम)
वस्त्र मंत्रालय का उद्देश्य भारत की पारंपरिक कला और शिल्प को बढ़ावा देना, कारीगरों का समर्थन करना और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखना है।


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