
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 4 जनवरी 2023 को राजस्थान के पाली जिले के रोहट में 18वें राष्ट्रीय स्काउट और गाइड जम्बूरी का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति दो दिवसीय (3 और 4 जनवरी) राज्य के दौरे पर थीं। 7 दिवसीय कार्यक्रम की मेजबानी 66 वर्षों के बाद राजस्थान द्वारा की जा रही है। इस कार्यक्रम में देश भर से 35,000 से अधिक स्काउट और गाइड भाग ले रहे हैं। पहला राष्ट्रीय स्काउट और गाइड जंबोरी 1951 में आंध्र प्रदेश में आयोजित किया गया था। 17वां जंबोरी मैसूर, कर्नाटक में दिसंबर 2016 -जनवरी 2017 में आयोजित किया गया था।
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जम्बूरी 2023 की थीम
18वें राष्ट्रीय स्काउट और गाइड जम्बूरी की थीम: शांति के साथ प्रगति
जम्बूरी क्या होता है ?
जम्बूरी 4 साल में एक बार या विशेष अवसरों को चिह्नित करने के लिए आयोजित स्काउट और गाइड की एक राष्ट्रीय स्तर की सभा है। जम्बूरी स्काउट्स और गाइड्स को भारत के विभिन्न राज्यों और विदेशों के युवाओं के साथ मिलने का अवसर देता है। युवा लोग अपने रीति-रिवाजों, खान-पान की आदतों, हस्तशिल्प, धार्मिक प्रथाओं, संस्कृति आदि को एक दूसरे के साथ साझा करते हैं। वे एक सप्ताह तक टेंट के नीचे रहते हैं और विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं। 18वें राष्ट्रीय स्काउट और गाइड जंबोरी के लिए, निम्ब्ली गांव में करीब 3500 से अधिक टेंट लगाए गए हैं।
स्काउट और गाइड आंदोलन के जनक
लड़कों की स्काउट आंदोलन की शुरुआत 1907 में ब्रिटिश सेना के मेजर जनरल बैडेन पॉवेल ने की थी। साल 1910 में मेजर जनरल पॉवेल की बहन एग्नेस बैडेन पॉवेल द्वारा लड़कियों के गाइड आंदोलन की शुरुआत की गई थी।
स्वतंत्रता के बाद भारत स्काउट और गाइड की स्थापना 1950 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में की गई थी। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक, गैर-राजनीतिक और धर्मनिरपेक्ष संगठन है।



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