भारतीय संविधान के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत के राष्ट्रपति ने, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से परामर्श कर, इलाहाबाद और केरल उच्च न्यायालय में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। इसमें अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है। इससे दोनों उच्च न्यायालयों की न्यायिक क्षमता सुदृढ़ होगी।
मुख्य विवरण – न्यायिक नियुक्तियाँ
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अरुण कुमार (वरिष्ठ अधिवक्ता)
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नियुक्ति: न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय
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अनुभव: बार में दीर्घकालिक प्रैक्टिस
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न्यायमूर्ति जॉनसन जॉन
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पदोन्नति: अतिरिक्त न्यायाधीश → स्थायी न्यायाधीश
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उच्च न्यायालय: केरल
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न्यायमूर्ति जी. यू. गिरीश
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पदोन्नति: स्थायी न्यायाधीश
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उच्च न्यायालय: केरल
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न्यायमूर्ति सी. एन. प्रतिप कुमार
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पदोन्नति: स्थायी न्यायाधीश
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उच्च न्यायालय: केरल
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ये नियुक्तियाँ कोलेजियम की अनुशंसाओं के अनुरूप की गई हैं।
संवैधानिक प्रावधान
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अनुच्छेद 217 (Article 217) – उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रावधान।
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राष्ट्रपति नियुक्ति करते हैं, परामर्श लेते हैं:
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)
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संबंधित राज्य के राज्यपाल
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संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
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नियुक्तियों का महत्व
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इलाहाबाद और केरल उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों में कमी आएगी।
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न्यायिक शक्ति और क्षमता बढ़ेगी।
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बढ़ते मुकदमों के बोझ से निपटने में सहायता मिलेगी।
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न्याय तक समय पर पहुँच और न्यायिक दक्षता सुनिश्चित होगी।
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अतिरिक्त न्यायाधीशों की समयबद्ध पदोन्नति से न्यायिक निरंतरता बनी रहेगी।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण बिंदु
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नियुक्ति करने वाला प्राधिकारी: भारत के राष्ट्रपति
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अनुच्छेद: 217
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परामर्श लिया जाता है:
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)
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संबंधित राज्य के राज्यपाल
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संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
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