शिक्षा मंत्रालय ने प्रधान मंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-यूएसएचए) की शुरुआत की है, जो एक केंद्रीय योजना है जिसका उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च शिक्षा तक पहुंच, समानता और उत्कृष्टता बढ़ाना है।
हालाँकि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने और धन प्राप्त करने के लिए कुछ शैक्षणिक मानदंडों को अपनाने की आवश्यकता ने विवाद को जन्म दिया है, जिससे यह योजना विशिष्ट प्रतीत होती है।
पीएम-उषा योजना और एनईपी 2020 एकीकरण
- पीएम-उषा योजना का उद्देश्य राज्यों को उनकी उच्च शिक्षा प्रणालियों में सुधार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- यह योजना राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार गतिविधियों के लिये अधिक प्रभावी संसाधन आवंटन तथा घटकों को सुव्यवस्थित करने हेतु लचीलापन प्रदान करती है।
- इसके अतिरिक्त राज्य नामांकन अनुपात, लिंग समानता एवं हाशिये पर रहने वाले समुदायों के जनसंख्या अनुपात जैसे संकेतकों के आधार पर लक्षित ज़िलों की पहचान कर सकते हैं।
- राज्य सरकारों से 40% फंडिंग योगदान की आवश्यकता के बावजूद, ये शर्तें 2023-24 और 2025-26 के बीच आवंटित ₹12,926.10 करोड़ तक पहुंचने के लिए पूर्व शर्त के रूप में काम करती हैं।
इस योजना का उद्देश्य:
- मौजूदा राज्य उच्च शिक्षण संस्थानों के निर्धारित मानदंडों और मानकों की अनुरूपता सुनिश्चित करके एवं गुणवत्ता आश्वासन ढाँचे के रूप में मान्यता को अपनाकर उनकी समग्र गुणवत्ता में सुधार करना।
- राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में शासन, शैक्षणिक और परीक्षा सुधार सुनिश्चित करना और एक तरफ स्कूली शिक्षा और दूसरी तरफ रोज़गार बाज़ार के साथ पुराने और आगामी संबंध स्थापित करना, ताकि आत्म-निर्भर भारत का निर्माण किया जा सके।
- उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान और नवाचारों के लिये एक सक्षम माहौल बनाना।
इस समझौता का निष्कर्ष:
- MoU की शर्तों को लेकर कई राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और शिक्षा मंत्रालय के बीच मौजूदा गतिरोध PM-USHA योजना के तहत NEP सुधारों के वित्तपोषण के बारे में चिंताओं को दर्शाता है।
- हालाँकि मतभेदों को सुलझाने के लिये चर्चा जारी है, MoU का सफल कार्यान्वयन NEP लक्ष्यों के एकीकरण और विभिन्न भारतीय राज्यों में उच्च शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
चिंताएँ:
- कुछ राज्य सरकारों ने समझौता ज्ञापन पर असंतोष व्यक्त किया है, क्योंकि यह NEP सुधारों को लागू करने के लिये अतिरिक्त वित्त की समस्या का समाधान नहीं करता है।
- PM-USHA खर्चों के 40 प्रतिशत के लिये राज्य ज़िम्मेदार हैं, लेकिन उक्त समझौता ज्ञापन NEP से संबंधित बदलावों के लिये वित्तपोषण तंत्र को लेकर स्पष्टता प्रदान नहीं करता है।
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