सरकार ने निर्धारित सीमा से अधिक नकदी में लेन-देन करने वालों की मूल पहचान दस्तावेजों की जांच बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के लिए अनिवार्य कर दिया है.
वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग ने एक गजट अधिसूचना जारी की है जिसमें धन-शोधन निवारण (रिकॉर्ड्स का रखरखाव) नियमों में संशोधन किया गया है.
उपरोक्त समाचार से परीक्षा उपयोगी तथ्य –
- ‘धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002(पीएमएलए) – अपराधिक गतिविधियों से व्युत्पन्न की गई परिसंपत्तियों का पता लगाने के लिए जॉंच करने और उस संपत्ति को अनंतिम रूप से जब्त करने के लिए गठित किया गया है.
- पीएमएलए और उसके नियम बैंकों, वित्तीय संस्थानों और मध्यस्थों जैसे ग्राहकों की पहचान सत्यापित करने, रिकॉर्ड बनाए रखने और भारत की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी) को जानकारी प्रस्तुत करने जैसी संस्थाओं की रिपोर्ट करने पर दायित्व लागू करते हैं.
- बॉयोमेट्रिक पहचान संख्या आधार और अन्य आधिकारिक दस्तावेजों को बैंक खाता खोलने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा 50,000 रुपये या उससे अधिक के किसी भी वित्तीय लेनदेन के लिए रिपोर्टिंग संस्थाओं द्वारा प्राप्त करना आवश्यक है.
स्रोत- द इकोनॉमिक टाइम्स