सरकार ने राज्यसभा में कहा कि पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के लाभार्थियों को अब तक कुल 9,790 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए हैं। यह योजना शहरों में रेहड़ी-पटरी वालों के लिए एक लघु-ऋण योजना के रूप में कोविड महारारी के दौरान शुरू की गई थी, जिसका मकसद 50,000 रुपये तक ऋण प्रदान करना है।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि यह योजना पूरे देश में सभी शहरी स्थानीय निकायों में उपलब्ध है। शहरी क्षेत्रों के सभी रेहड़ी-पटरी वाले पीएम स्वनिधि योजना के तहत लाभ के पात्र हैं।
पीएम स्वनिधि लाभार्थियों को वित्त वर्ष 2022-23 में 1,866 करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष में पांच दिसंबर तक 4,637 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब तक कुल 9,790 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस साल पांच दिसंबर तक 56.58 लाख लाभार्थियों को इस योजना के तहत ऋण दिए गए हैं। मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या अब तक 56.89 लाख तक पहुंच गई है और उसमें लगातार वृद्धि हो रही है।
पीएम स्वनिधि योजना पात्र विक्रेताओं की पहचान करने के लिए विभिन्न मानदंड अपनाती है। यह सुनिश्चित करता है कि लाभ उन लोगों तक पहुंचाया जाए जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है, जो पहल की समग्र सफलता और प्रभाव में योगदान देता है।
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना शहरी स्ट्रीट वेंडरों के लिए एक सूक्ष्म ऋण योजना है जिसकी शुरुआत 01 जून 2020 को हुई थी और इसका उद्देश्य 50,000 रुपये तक बिना किसी गारंटी के पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है.
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