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इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम को संबोधित किया, जहां उन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि, शासन और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं पर प्रकाश डाला।

भारत की आर्थिक वृद्धि

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था 90% बढ़ी है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की 35% वृद्धि से काफी आगे है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय निरंतर सुधारों को दिया और आश्वासन दिया कि सरकार निरंतर विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

शासन के माध्यम से परिवर्तन

उन्होंने सरकार के मंत्र “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन” को रेखांकित किया, इस बात पर जोर देते हुए कि पिछले दशक के प्रयासों ने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है। पीएम मोदी ने कहा कि 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल आए हैं, जिससे एक “नव-मध्यम वर्ग” का निर्माण हुआ है जो अब भारत की प्रगति में एक प्रेरक शक्ति है।

बुनियादी ढांचे का विकास

प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुरू की गई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर प्रकाश डाला, जिसमें नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत और पुणे, ठाणे और बैंगलोर जैसे शहरों में मेट्रो सिस्टम का विस्तार शामिल है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के प्रति सरकार के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए जीवन की सुगमता को बढ़ाना है।

वैश्विक आकांक्षाएं और भविष्य के लिए विजन

पीएम मोदी ने वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की भारत की आकांक्षा, एमएसएमई के लिए समर्थन और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं जैसी पहलों में महत्वपूर्ण प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण निवेश के साथ भारत को ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी चर्चा की।

स्थिरता और वैश्विक नेतृत्व

पीएम मोदी ने हरित ऊर्जा क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को रेखांकित किया, जिसमें हरित हाइड्रोजन उत्पादन और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य शामिल हैं। उन्होंने जैविक और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के बारे में भी बात की, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक खाद्य टोकरी के रूप में स्थापित करना है।

पर्यटन और समावेशी विकास

प्रधानमंत्री ने पर्यटन को भारत के विकास का एक प्रमुख स्तंभ बताया और समावेशी वैश्विक विकास की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए। उन्होंने जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान इन देशों की आवाज़ के रूप में भारत की भूमिका को दोहराया।

भावी विकास के प्रति प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के भारत के संकल्प की पुष्टि करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने नागरिकों और हितधारकों से इस यात्रा में योगदान देने का आह्वान किया और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में नवाचार, समावेशन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

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