प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में श्री नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। ‘स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी’ बेंगलुरू के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा के योगदान को याद करने के लिए बनाई गई है। मूर्ति की अवधारणा और मूर्तिकला राम वी सुतार ने की थी, जिन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी क्यूरेट किया था। ‘स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी’ 98 टन कांस्य और 120 टन स्टील से बनी है।
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प्रमुख बिंदु
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘समृद्धि की मूर्ति’ का उद्घाटन किया और प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
- प्रधानमंत्री के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी भी थे।
- पीएम मोदी ने चेन्नई-मैसूर वंदे भारत एक्सप्रेस को क्रांतिवीर संगोली रायन्ना (केएसआर) रेलवे स्टेशन पर हरी झंडी दिखाई।
- उन्होंने बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पर भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई।
नादप्रभु केम्पेगौड़ा के बारे में
नादप्रभु हिरिये केम्पे गौड़ा को केम्पे गौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। वह विजयनगर साम्राज्य के अधीन एक सरदार था। कर्नाटक की राजधानी, बेंगलुरु को 1537 में केम्पे गौड़ा द्वारा दृढ़ किया गया था। उन्होंने इस क्षेत्र में कई कन्नड़ शिलालेख बनवाए। केम्पे गौड़ा अब तक के सबसे सुशिक्षित शासकों में से एक थे।