भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्टि की है कि वह 22 से 24 अगस्त 2023 को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में होने वाले BRICS सम्मेलन में शामिल होंगे। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी समारोह के लिए अपनी यात्रा रद्द कर दी थी। यूक्रेन में चल रहे संकट और BRICS की सदस्यता के विस्तार पर चर्चा के कारण शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण हो जाता है, जो रूस और चीन दोनों के लिए रुचि का विषय है।
1. BRICS शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी की पुष्टि:
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त से 24 अगस्त, 2023 को जोहानेसबर्ग में होने वाले BRICS सम्मेलन में शामिल होंगे। इस पुष्टि का संदेश एक दूसरे के साथ दूरसंचार के माध्यम से हुआ, जिसमें मोदीजी ने दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा से बातचीत की।
2. रूसी राष्ट्रपति का रद्दीकरण:
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामाफोसा के बीच टेलीफोनिक वार्ता उस समय हुई जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जोहानेसबर्ग में BRICS सम्मेलन की यात्रा रद्द कर दी थी।
3. यूक्रेन संकट के बीच घटना का महत्व:
जोहानेसबर्ग में आगामी BRICS सम्मेलन को यूक्रेन में चल रहे संकट के कारण विशेष महत्व प्राप्त होता है। सदस्य देशों के नेता क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर चर्चा कर सकते हैं।।
4. BRICS विस्तार पर चर्चा:
इस आयोजन में BRICS सदस्यता के विस्तार पर ठोस चर्चा होने की उम्मीद है, जिसकी रूस और चीन दोनों वकालत कर रहे हैं। करीब 25 देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन किया है और शिखर सम्मेलन के दौरान इस मामले पर फैसला लिया जाएगा।
5. सकारात्मक द्विपक्षीय सहयोग:
टेलीफोनिक वार्ता के दौरान, दोनों नेताओं ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति का सकारात्मक मूल्यांकन किया, जो 2023 में दूतावासीय संबंधों के स्थापना के 30वें वर्षोत्सव को ध्वजारोहण कर रहे हैं।
6. BRICS में भारत का प्रभाव:
BRICS मंच पर चीन के प्रयासों के बावजूद, भारत और ब्राज़िल, इस बहुपक्षीय संस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दोनों देशों को अपने विचारों को व्यक्त करने और BRICS के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका होता है।
7. अन्य देशों से रुचि:
सऊदी अरब और यूएई जैसे करीबी मित्र और अन्य देश, BRICS संस्था के सदस्यता में शामिल होने के इच्छुक रहे हैं। लगभग 25 देशों ने सदस्यता के लिए आवेदन किए हैं, और विस्तार पर निर्णय जोहानेसबर्ग सम्मेलन में एक मुख्य विषय होगा।
8. क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे:
टेलीफोन पर बातचीत के दौरान, पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामफोसा ने पारस्परिक हित के विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने BRICS संदर्भ और उससे परे महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की।
9. भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए समर्थन:
राष्ट्रपति रामाफोसा ने भारत के चल रहे जी-20 प्रेसिडेंसी के दौरान भारत की पहलों के पूर्ण समर्थन का संदेश दिया और भारत में आयोजित होने वाले जी-20 सम्मेलन को आशावादी भावना से देखने की जिक्र किया।