
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में 1,156 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं की शुरुआत यहां एक समारोह में की गई जिसमें सैकड़ों द्वीपवासियों ने हिस्सा लिया।
इसमें कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (केएलआई – एसओएफसी) परियोजना शामिल है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने अगस्त 2020 में लाल किले पर अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में की थी।
इस पहल का उद्देश्य
इस पहल का उद्देश्य लक्षद्वीप द्वीप पर धीमी इंटरनेट गति की चुनौती को दूर करना है। अधिकारियों के अनुसार, इससे द्वीपों में इंटरनेट की गति 100 गुना से अधिक बढ़कर, 1.7 जीबीपीएस से 200 जीबीपीएस (गीगा बाइट प्रति सेकेंड) हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप अब एक पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से जुड़ा हुआ है, जो संचार बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इससे द्वीपों में इंटरनेट सेवाओं, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस, शिक्षा, डिजिटल बैंकिंग, मुद्रा उपयोग और साक्षरता में वृद्धि होगी।
थर्मल डी-सैलिनेशन (एलटीटीडी) संयंत्र का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने कदमत में कम तापमान वाले थर्मल डी-सैलिनेशन (एलटीटीडी) संयंत्र का भी उद्घाटन किया, जो हर दिन 1.5 लाख लीटर स्वच्छ पेयजल का उत्पादन करेगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अगाती और मिनिकॉय द्वीपों पर सभी घरों में घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) राष्ट्र को समर्पित किया।
मोदी द्वारा शुरू की गई अन्य परियोजनाओं में कावारत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र, लक्षद्वीप में पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना शामिल है। उन्होंने कल्पेनी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के नवीनीकरण और पांच द्वीपों एंड्रोथ, चेतलाट, कदमत, अगाती और मिनिकॉय में पांच मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों (नंद घरों) के निर्माण की आधारशिला भी रखी।



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