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प्रधानमंत्री मोदी ने एशियाई शेरों की जनसंख्या का अनुमान घोषित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सासन, जूनागढ़ में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य फोकस एशियाई शेरों की जनगणना और विभिन्न संरक्षण पहलों के शुभारंभ पर था।

मई 2024 में एशियाई शेरों की जनगणना

बैठक में 16वीं एशियाई शेर जनगणना मई 2024 में कराने की घोषणा की गई। इस जनगणना से शेरों की मौजूदा स्थिति, उनकी आबादी में वृद्धि, आवासीय स्थिति और संरक्षण चुनौतियों पर महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।

एशियाई शेरों की आबादी में निरंतर वृद्धि

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक से पहले गिर नेशनल पार्क में एक शेर सफारी का आनंद लिया और शेरों की बढ़ती संख्या को संरक्षण प्रयासों का परिणाम बताया। उन्होंने विशेष रूप से आदिवासी समुदायों और महिलाओं की भूमिका की सराहना की।

घोषित प्रमुख पहलें

1. जूनागढ़ में राष्ट्रीय रेफरल वन्यजीव केंद्र की स्थापना

प्रधानमंत्री ने जूनागढ़ के न्यू पीपलिया में 20.24 हेक्टेयर भूमि पर राष्ट्रीय रेफरल वन्यजीव केंद्र की आधारशिला रखी। यह केंद्र वन्यजीव स्वास्थ्य निगरानी, रोग प्रबंधन और अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा होगी।

2. कोयंबटूर में मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन केंद्र

बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष को ध्यान में रखते हुए, तमिलनाडु के SACON, कोयंबटूर में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य:

  • मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए वैज्ञानिक समाधान विकसित करना।
  • स्थायी सह-अस्तित्व रणनीतियों को लागू करना।
  • अनुसंधान और नीति सिफारिशों के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण नीतियों को सशक्त बनाना।

3. नदी डॉल्फिन पर पुस्तक का विमोचन

प्रधानमंत्री मोदी ने नदी डॉल्फिन पर एक पुस्तक का अनावरण किया, जिसमें जल जैव विविधता के संरक्षण और संकटग्रस्त मीठे पानी की प्रजातियों की रक्षा के महत्व को रेखांकित किया गया।

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की भूमिका

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) भारत में वन्यजीव संरक्षण नीतियों को आकार देने वाली एक प्रमुख सलाहकार संस्था है। इसमें कुल 47 सदस्य होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (अध्यक्ष)
  • केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव (उपाध्यक्ष)
  • विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि
  • एनजीओ, मुख्य वन्यजीव संरक्षक और राज्यों के सचिव
  • भारतीय सेना प्रमुख

परियोजना लॉयन: ₹2,900 करोड़ की संरक्षण योजना

केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए ₹2,900 करोड़ की ‘परियोजना लॉयन’ को मंजूरी दी है। एशियाई शेर केवल गुजरात में पाए जाते हैं, और इस परियोजना के तहत उनके संरक्षण को मजबूत किया जाएगा।

गुजरात में एशियाई शेरों की वर्तमान स्थिति

  • शेर अब गुजरात के 9 जिलों की 53 तालुकाओं में लगभग 30,000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले हुए हैं।
  • ग्रेटर गिर क्षेत्र इनका मुख्य आवास बना हुआ है।
  • राज्य सरकार और भारतीय रेलवे ने शेरों की रेलवे ट्रैक पर मृत्यु रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOPs) लागू की हैं।

गिर में संरक्षण अवसंरचना को सुदृढ़ करना

1. उच्च-प्रौद्योगिकी वन्यजीव निगरानी केंद्र

सासन, गिर में एक अत्याधुनिक वन्यजीव निगरानी केंद्र स्थापित किया गया है, जो उन्नत ट्रैकिंग तकनीक का उपयोग करके शेरों और अन्य वन्यजीवों की निगरानी करता है।

2. उन्नत वन्यजीव अस्पताल

सासन में एक पूरी तरह से सुसज्जित वन्यजीव अस्पताल स्थापित किया गया है, जो वन्यजीवों के स्वास्थ्य देखभाल और बचाव कार्यों में सहायक होगा।

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