प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘जन औषधि दिवस (Janaushadhi Diwas)’ समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान NEIGRIHMS, शिलांग में 7500वां जन औषधि केंद्र को राष्ट्र को समर्पित किया. उन्होंने प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत की और अपने उत्कृष्ट कार्य को पहचानकर हितधारकों को पुरस्कार भी देते हैं. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री (Union Minister for Chemicals & Fertilizers) भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे.
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जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए “जन औषधि – सेवा भी, रोज़गार भी (Jan Aushadhi – Seva Bhi, Rozgar Bhi)” के विषय के साथ 1 मार्च से 7 मार्च तक ‘जन औषधि सप्ताह (Janaushadhi Week)’ के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है. इस सप्ताह में देश भर में विभिन्न कार्यों का आयोजन किया जाता है जैसे स्वास्थ्य जांच शिविर, जन औषधि परिचर्चा, टीच देम यंग, डॉक्टरों के साथ पैनल चर्चा आदि.
जन औषधि योजना के बारे में:
जनऔषधि योजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए काफी सहयोगी साबित हुई है. यह सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रहा है. छह वर्ष पहले भारत में इसके 100 केंद्र भी नहीं थे और हमें 10,000 केंद्रों का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है. गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार महंगी दवाओं पर प्रति वर्ष लगभग 3600 करोड़ रुपये बचा रहे हैं.