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हैदराबाद में बनेगा एयरक्राफ्ट का इंजन, PM Modi ने किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर 2025 को हैदराबाद में भारत की पहली वैश्विक-स्तरीय विमान इंजन मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहौल (MRO) सुविधा का उद्घाटन किया। फ्रांस की प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी सफ़रान द्वारा विकसित यह सुविधा — सफ़रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (SAESI) — भारत के विमानन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। प्रधानमंत्री ने इसे भारत की एयरोस्पेस महत्वाकांक्षाओं की “नई उड़ान” बताते हुए जोर दिया कि यह कदम देश को वैश्विक MRO हब के रूप में स्थापित करेगा और भारत को विमानन निवेश का पसंदीदा गंतव्य बनाएगा।

आत्मनिर्भर विमानन की दिशा में बड़ा कदम

  • SAESI को ₹1,300 करोड़ के निवेश से स्थापित किया गया है।

  • स्थान: जीएमआर एयरोस्पेस एवं इंडस्ट्रियल पार्क – SEZ, RGIA के पास, हैदराबाद

  • यह केंद्र LEAP इंजन की मेंटेनेंस करेगा — ये इंजन Airbus A320neo और Boeing 737 MAX जैसे विमानों को शक्ति देते हैं।

  • पहली बार किसी वैश्विक इंजन निर्माता (OEM) ने भारत में इतनी गहराई वाली सर्विस सुविधा स्थापित की है।

2035 तक लक्ष्य

  • 300 इंजन ओवरहॉल प्रति वर्ष

  • 1,000 से अधिक भारतीय इंजीनियर और तकनीशियन को रोजगार

यह भारत की विदेशी MRO सेवाओं पर भारी निर्भरता को कम करेगा और विदेशी मुद्रा की बचत करेगा।

भारत का तेजी से बढ़ता विमानन क्षेत्र

  • भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है (अमेरिका और चीन के बाद)।

  • भारतीय एयरलाइनों ने हाल ही में 1,500 से अधिक नए विमान ऑर्डर किए हैं।

  • विमानन मांग में तेज वृद्धि को देखते हुए इंजन मेंटेनेंस जैसी सेवाओं का घरेलू विकास अत्यंत आवश्यक है।

मेक इन इंडिया और एयरोस्पेस इकोसिस्टम को बढ़ावा

SAESI परियोजना सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत महत्वाकांक्षा से सीधे जुड़ी है।

प्रधानमंत्री ने सफ्रान से आग्रह किया:

  • केवल सर्विसिंग ही नहीं, बल्कि इंजन और कंपोनेंट डिज़ाइन व निर्माण भी भारत में शुरू करने पर विचार करें।

  • भारत के MSME सेक्टर, युवाओं और मजबूत सप्लाई चेन का उपयोग करें।

उन्होंने बताया कि सरकार शिपिंग MRO क्षमताओं को भी मजबूत करने पर कार्य कर रही है।

निवेश-अनुकूल सुधारों से बढ़ा विश्वास

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में निवेशकों के लिए वातावरण लगातार सुधरा है। प्रमुख सुधार:

  • 100% FDI अधिकांश क्षेत्रों में

  • रक्षा क्षेत्र में 74% FDI ऑटोमैटिक रूट से

  • GST में सरलीकरण

  • एमआरओ दिशानिर्देश 2021

  • घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम

  • व्यावसायिक मंज़ूरियों के लिए राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली का निर्माण

  • 40,000+ अनुपालन बोझ में कमी

  • फेसलेस टैक्स असेसमेंट, नए लेबर कोड और इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की शुरुआत

इन सुधारों से भारत वैश्विक निवेश के लिए विश्वसनीय और आकर्षक गंतव्य बना है।

युवा रोजगार और कौशल विकास

SAESI परियोजना का एक बड़ा लाभ यह है कि यह व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन की क्षमता रखती है। इसके तहत 1,000 से अधिक कुशल नौकरियों के बनने की उम्मीद है, जिससे विशेष रूप से दक्षिण भारत के युवाओं को लाभ मिलेगा।

इसके अलावा, सफ़रान वैश्विक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करने और भारतीय संस्थानों के साथ मिलकर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व विश्व-स्तरीय एयरोस्पेस मेंटेनेंस वर्कफ़ोर्स तैयार करने की दिशा में काम करेगा।

यह पहल भारत की नई पीढ़ी के एयरोस्पेस इंजीनियरों और तकनीशियनों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता प्रदान करेगी।

भारत के MRO लक्ष्य क्यों महत्वपूर्ण हैं?

भारत का लगभग 85% MRO कार्य अभी विदेशों में होता है, जिससे—

  • आपरेशन लागत बढ़ती है

  • विमान लंबे समय तक जमीन पर रहते हैं

  • विदेशी मुद्रा का बड़ा व्यय होता है

घरेलू MRO क्षमताएँ सक्षम बनाती हैं:

  • अरबों डॉलर की बचत

  • तेज सेवा

  • मजबूत सप्लाई चेन

  • अन्य देशों के विमानों के लिए भी MRO सेवा

  • MRO इकोसिस्टम का विकास (OEM, पार्ट सप्लायर, ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट इत्यादि)

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • उद्घाटन तिथि: 26 नवंबर 2025

  • स्थान: जीएमआर एयरोस्पेस एवं इंडस्ट्रियल पार्क, हैदराबाद

  • निवेश: ₹1,300 करोड़

  • सेवा इंजन: LEAP (Airbus A320neo, Boeing 737 MAX)

  • क्षमता: 2035 तक 300 इंजन वार्षिक

  • रोजगार: 1,000+

  • भारत की विमानन रैंक: घरेलू बाजार में विश्व में तीसरा स्थान

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