भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में एक बड़ा नियामकीय पड़ाव दर्ज करते हुए फोनपे (PhonePe) को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (Payment Aggregator) के रूप में कार्य करने की अंतिम स्वीकृति मिल गई है। 19 सितम्बर 2025 को घोषित इस अनुमति के साथ, यह फिनटेक कंपनी अब विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (SMEs) को सुरक्षित और स्केलेबल डिजिटल भुगतान समाधान उपलब्ध करा सकेगी। यह कदम वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में फोनपे की भूमिका को और मजबूत बनाता है, खासकर उन छोटे कारोबारों के लिए जो अब तक सहज ऑनलाइन भुगतान ढाँचे से वंचित थे।
पेमेंट एग्रीगेटर क्या होता है?
पेमेंट एग्रीगेटर वह सेवा प्रदाता होता है जो व्यापारियों को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने की सुविधा देता है, बिना इसके कि उन्हें अलग से अपना पेमेंट गेटवे या मर्चेंट अकाउंट खोलना पड़े।
ये एग्रीगेटर ग्राहक, व्यापारी और बैंकों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं।
RBI का नियामकीय ढाँचा यह सुनिश्चित करता है कि पेमेंट एग्रीगेटर,
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सुरक्षित भुगतान प्रोसेसिंग करें
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उपभोक्ता संरक्षण का पालन करें
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संचालन में पारदर्शिता बनाए रखें
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मर्चेंट ऑनबोर्डिंग मानकों का पालन करें
फोनपे के लिए स्वीकृति का महत्व
फोनपे के मुख्य व्यवसाय अधिकारी (मर्चेंट बिजनेस) युवराज सिंह शेखावत ने कहा कि इस स्वीकृति से कंपनी को अपने सेवाओं का दायरा बढ़ाकर अधिक से अधिक व्यापारियों, विशेषकर SMEs तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
फोनपे के लिए प्रमुख अवसर:
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बड़े उद्यमों से आगे बढ़कर छोटे और मध्यम कारोबारों तक नेटवर्क का विस्तार।
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मजबूत सुरक्षा फीचर्स के साथ अनुकूलित भुगतान समाधान प्रदान करना।
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ग्रामीण और अर्ध-शहरी व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र में डिजिटलीकरण को तेज़ करना।
कंपनी का घोषित लक्ष्य है कि भारत के डिजिटल वित्तीय समावेशन मिशन को बढ़ावा दिया जाए और हर भारतीय व्यवसाय को ऑनलाइन भुगतान तक सुलभ, किफायती और सुरक्षित पहुँच मिले।
स्थिर तथ्य
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कंपनी: फोनपे (PhonePe)
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स्थापना: अगस्त 2016
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स्वीकृति की तिथि: 19 सितम्बर 2025
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स्वीकृति दी गई: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
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भूमिका: ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर


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