राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुमान 2018-19 जारी किया गया है। इसमें कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकार की हिस्सेदारी 28.6 प्रतिशत (2013-14) से बढ़कर 40.6 प्रतिशत (2018-19) हो गई है। वहीं स्वास्थ्य सेवा पर प्रति व्यक्ति सरकारी खर्च 2013-14 से 74 प्रतिशत बढ़ा है। बता दें 2013-14 से सरकार द्वारा वित्तपोषित स्वास्थ्य बीमा व्यय में 167 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं कुल स्वास्थ्य व्यय के प्रतिशत के रूप में प्रति व्यक्ति आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (OOPE) में 16 प्रतिशत अंकों की गिरावट आयी है।
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नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ विनोद के पॉल ने राजेश भूषण, सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की उपस्थिति में 2018-19 के लिए भारत के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य खातों (एनएचए) अनुमानों के निष्कर्ष जारी किए। एक अहम अद्यतन में, देश में स्वास्थ्य व्यय से संबंधित विभिन्न संकेतकों ने उत्साहजनक प्रवृत्ति दिखाई है, जिसे निरंतर आधार पर प्रदर्शित किया गया है।
प्राथमिक और द्वितीयक सेवा खातों की मौजूदा सरकारी स्वास्थ्य खर्च में 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। निजी क्षेत्र के मामले में तृतीयक सेवा में इजाफा हुआ है, लेकिन प्राथमिक और द्वितीयक सेवा खर्च में गिरावट आई है। 2013-14 से 2018-19 के बीच में प्राथमिक और द्वितीयक सेवा में सरकार की हिस्सेदारी 74 फीसदी से बढ़कर 86 फीसदी हो गई। दूसरी तरफ निजी क्षेत्र में इसी अवधि में इन दोनों सेवाओं की हिस्सेदारी 82 फीसदी से घटकर 70 रह गई है।