पेरिस में “सार्वजनिक कल्याण हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर कार्रवाई शिखर सम्मेलन” का भव्य शुभारंभ हो गया है, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस उच्च-स्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता कर रहे हैं। यह वैश्विक एआई सम्मेलन दुनिया भर के नेताओं, उद्योग विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को एक मंच पर ला रहा है, जिसका उद्देश्य एआई के नैतिक, नियामक और जिम्मेदार विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श करना है।
पेरिस एआई शिखर सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्य
- वैश्विक एआई शासन का ढांचा तैयार करना, जो नैतिक और जिम्मेदार एआई विकास को सुनिश्चित करे।
- एआई सुरक्षा, जोखिमों और सतत विकास से जुड़े विषयों पर गहन चर्चा करना।
- विकसित और विकासशील देशों के बीच एआई शासकीय अंतर को कम करने के लिए समावेशी एआई शासन पर जोर देना।
- नियामक संतुलन स्थापित करना, जिसमें नवाचार को बढ़ावा मिले, लेकिन एकाधिकार या दुरुपयोग न हो।
अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे देशों की विभिन्न एआई विनियमन नीतियों को देखते हुए, यह सम्मेलन एक संतुलित और पारदर्शी वैश्विक रूपरेखा तैयार करने पर केंद्रित है।
कौन-कौन से वैश्विक नेता और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं?
इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों और उद्योगों के दिग्गज भाग ले रहे हैं, जिनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
- अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस
- चीन के उप प्रधानमंत्री झांग गुओकिंग
- ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन
- डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हासाबिस
इन नेताओं और विशेषज्ञों द्वारा एआई के नवाचार और नैतिकता के बीच संतुलन बनाए रखने पर विस्तृत चर्चा की जा रही है।
फ्रांस एआई क्षेत्र में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका कैसे मजबूत कर रहा है?
- फ्रांस ने €109 बिलियन (लगभग ₹9.8 लाख करोड़) का निवेश एआई अनुसंधान और अवसंरचना के विकास के लिए घोषित किया।
- “सार्वजनिक लाभ एआई संस्थान” की स्थापना, जो सार्वजनिक उपयोग के लिए बड़े डेटा सेट का प्रबंधन करेगा और नैतिक एआई अनुप्रयोगों पर केंद्रित रहेगा।
- यूरोपीय संघ द्वारा निजी कंपनियों पर एआई का पूरा नियंत्रण रोकने की पहल का समर्थन।
वैश्विक एआई नियमन में प्रमुख भू-राजनीतिक चुनौतियाँ
- अमेरिका – उद्योग संचालित नवाचार को प्राथमिकता, न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप।
- यूरोपीय संघ – कड़े एआई कानून, विशेष रूप से निगरानी और गलत सूचना रोकने के लिए।
- चीन – सरकारी नियंत्रण के साथ एआई नवाचार, “डीपसीक” चैटबॉट लॉन्च कर वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर।
भारत का एआई क्षेत्र में उभरता प्रभाव
- भारत का इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करना इसके वैश्विक एआई नेतृत्व को दर्शाता है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सक्रिय योगदान, जिससे एआई को सुशासन, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में उपयोग करने पर बल दिया जा रहा है।
- समावेशी एआई नीतियों की वकालत, ताकि एआई केवल बड़े कॉरपोरेट्स तक सीमित न रहे, बल्कि सभी देशों और समाज के प्रत्येक वर्ग को इसका लाभ मिले।
पेरिस एआई शिखर सम्मेलन – मुख्य बिंदु
- आयोजन स्थल: पेरिस, फ्रांस
- सह-अध्यक्ष: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
- मुख्य भागीदार: अमेरिका, चीन, शीर्ष एआई कंपनियों के सीईओ
- प्रमुख चर्चा विषय: एआई शासन, नैतिकता, सुरक्षा, वैश्विक सहयोग और विनियमन
- फ्रांस की घोषणा: €109 बिलियन एआई निवेश
- चीन की रणनीति: “डीपसीक” चैटबॉट लॉन्च
- भारत की भूमिका: एआई नीतियों में समावेशिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना
यह शिखर सम्मेलन वैश्विक एआई नीतियों को एक नई दिशा देने और एआई नवाचार को सभी के लिए सुलभ और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।