पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण, ओडिशा ने 2023-24 में भारत के शीर्ष कार्गो-हैंडलिंग प्रमुख बंदरगाह के रूप में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण, कांडला को विस्थापित कर दिया है। 2023-24 में, पारादीप बंदरगाह ने 145.38 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कार्गो को संभाला। पारादीप बंदरगाह ने पिछले वर्ष की तुलना में 10.02 मिलियन मीट्रिक अधिक कार्गो का प्रबंधन किया और इसमे 7.4% की वृद्धि दर्ज की गई। पारादीप बंदरगाह की क्षमता 289 मिलियन मीट्रिक टन संभालने की है।
पारादीप बंदरगाह की उपलब्धियाँ: एक नजर में
- पारादीप बंदरगाह तटीय शिपिंग के लिए देश के केंद्र के रूप में उभरा है। 2023-24 में पारादीप बंदरगाह ने 59.19 मिलियन मीट्रिक टन शिपिंग यातायात और थर्मल कोयला तटीय शिपिंग 43.97 मिलियन मीट्रिक टन शिपिंग यातायात संभाला।
- पारादीप बंदरगाह ने भारत के सभी प्रमुख बंदरगाहों में सबसे अधिक उत्पादकता हासिल की। इसकी बर्थ उत्पादकता 31050 मीट्रिक टन से बढ़कर 33014 मीट्रिक टन हो गई है।
- पारादीप बंदरगाह देश के सभी बंदरगाहों में टैरिफ के मामले में सबसे सस्ता है। अपनी व्यवसाय विकास योजना के हिस्से के रूप में, पारादीप बंदरगाह ने 2022 से शुरू होने वाले तीन वर्षों के लिए कार्गो हैंडलिंग के लिए अपने शुल्क को फ्रीज कर दिया है।
पारादीप बंदरगाह के बारे में
- पारादीप बंदरगाह की स्थापना 1962 में ओडिशा सरकार द्वारा की गई थी। हालाँकि 1965 में, भारत सरकार ने बंदरगाह का स्वामित्व और प्रबंधन ओडिशा सरकार से अपने हाथ में ले लिया।
- भारत सरकार द्वारा 18 अप्रैल 1966 को पारादीप बंदरगाह को एक प्रमुख बंदरगाह घोषित किया गया और यह भारत का 8वां प्रमुख बंदरगाह बन गया।
- पारादीप बंदरगाह प्रमुख बंदरगाह ट्रस्ट अधिनियम 1963 के तहत एक स्वायत्त निकाय है, जो बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के तहत कार्य करता है। इसका संचालन भारत सरकार द्वारा गठित न्यासी बोर्ड द्वारा किया जाता है।