2025 के 6 जनवरी को, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW), लोकसभा सचिवालय और आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने समविधान सदन के केंद्रीय हॉल में ‘पंचायत से संसद 2.0’ का उद्घाटन किया। यह पहल भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित की गई, जो एक सम्मानित आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
- भागीदार: इस कार्यक्रम में 22 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से 502 निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- उद्देश्य: इस पहल का मुख्य उद्देश्य इन महिलाओं को संवैधानिक प्रावधानों, संसदीय प्रक्रियाओं और शासन के बारे में जागरूक करके उनकी नेतृत्व क्षमता को बढ़ाना है, ताकि वे प्रभावी नेतृत्व निभा सकें।
- गतिविधियाँ: कार्यक्रम में कार्यशालाएं, सत्र और महत्वपूर्ण सरकारी स्थलों जैसे नए संसद भवन, समविधान सदन, प्रधान मंत्री संग्रहालय और राष्ट्रपति भवन की सैर शामिल है।
मुख्य सत्र और वक्ता
- संविधानिक प्रावधान: महिलाओं से संबंधित संविधानिक प्रावधानों पर इंटरएक्टिव कार्यशालाएं, जिसमें 73वां संशोधन और पंचायत (आदिवासी क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम (PESA) पर विशेष ध्यान दिया गया।
- सरकारी योजनाएं: आदिवासी मुद्दों पर सरकारी योजनाओं पर चर्चा, जो विशेषज्ञों और संसद सदस्यों द्वारा संचालित की गई।
- नेतृत्व विकास: शिक्षा और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में इन प्रतिनिधियों के योगदान को पहचानने वाले सत्र।
उपस्थित महत्वपूर्ण हस्तियाँ
- लोकसभा अध्यक्ष: ओम बिड़ला ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और प्रतिनिधियों के साथ संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया।
- केंद्रीय मंत्री: अनुपर्णा देवी (महिला और बाल विकास) और जुआल ओराम (आदिवासी मामले) ने कार्यक्रम में भाग लिया और शासन में महिलाओं के नेतृत्व के महत्व पर जोर दिया।
- NCW अध्यक्ष: विजय राहटकर ने राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में महिला नेताओं को सशक्त बनाने के महत्व को रेखांकित किया।
पिछली पहलों पर आधारित
यह कार्यक्रम ‘पंचायत से संसद 2024’ की सफलता पर आधारित है, जिसमें भारत भर से 500 महिला सरपंचों ने भाग लिया था। दूसरा संस्करण विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की महिलाओं के नेतृत्व कौशल को और मजबूत करने का लक्ष्य रखता है।