केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हाल ही में चल रही कोविड महामारी से उत्पन्न कठिनाइयों के कारण स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार संख्या से जोड़ने की समय सीमा 30 जून, 2021 तक बढ़ा दी थी. तो अब जैसे-जैसे समय सीमा नजदीक आ रही है, यहां कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए.
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आयकर अधिनियम 1961 की नई धारा 234H के अनुसार, जिसे हाल ही में बजट 2021 के दौरान पेश किया गया है, जो पैन कार्ड 30 जून, 2021 के बाद आधार से जुड़े नहीं हैं, उन्हें “निष्क्रिय” घोषित किया जाएगा, साथ ही साथ एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. दूसरी ओर, व्यक्ति को बिना पैन कार्ड वाला व्यक्ति माना जाएगा.
पैन और आधार को लिंक नहीं करने पर होने वाली समस्याएं
- KYC स्थिति अमान्य हो जाएगी क्योंकि किसी के KYC के लिए पैन जरूरी है.
- एक निष्क्रिय पैन कार्ड का किसी के बैंक खाते पर प्रभाव पड़ेगा क्योंकि वह खाता बिना पैन कार्ड वाला खाता बन जाएगा.
- और उस स्थिति में, यदि बैंक खाताधारक 10,000 रुपये से अधिक की बचत पर ब्याज लेता है, तो TDS (Tax deduction at source) की दर दोगुनी अर्थात् 20 प्रतिशत होगी. पैन कार्ड वाले बैंक खाते पर TDS 10 प्रतिशत है.