पीएम मोदी ने ‘काशी तमिल संगमम 2.0’ का किया उद्घाटन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो घाट पर काशी तमिल संगमम के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने काशी तमिल संगमम स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जो सप्ताह में एक दिन चलने वाली काशी-कन्याकुमारी एक्सप्रेस को रवाना किया। साथ ही प्राचीन तमिल ग्रंथों के ब्रेल लिपि में अनुवाद का भी विमोचन किया। इस दौरान पहली बार वाराणसी में AI टेक्निक से तीन मिनट के लिए तमिलनाडु से आए छात्रों के दाल के सम्बोधित किया।

उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘दुनिया के दूसरे देशों में राष्ट्र एक राजनीतिक परिभाषा रही है, लेकिन भारत एक राष्ट्र के रूप में आध्यात्मिक आस्थाओं से भरा है। भारत को एक बनाया है आदि शंकराचार्य और रामानुजाचार्य जैसे संतों ने, जिन्होंने अपनी यात्राओं से भारत की राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया। सदियों से अधीनम संत काशी की यात्रा करते रहे हैं। इन यात्राओं और तीर्थ यात्राओं के जरिए भारत हजारों साल से एक राष्ट्र के रूप में अडिग रहा है, अमर रहा है। काशी तमिल संगमम इसी एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत कर रहा है।’

 

IIT-BHU और मद्रास आईआईटी बना रहे संगमम को सफल

तमिलनाडु और काशीवासियों के बीच प्रेम संबंध अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम की आवाज पूरी दुनिया में जा रही है। इसके लिए सभी मंत्रालयों, यूपी सरकार और तमिलनाडु के नागरिकों को उन्होंने बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम विभिन्न वर्गों के बीच आपसी संवाद और संपर्क का प्रभावी मंच बना है। इस संगमम को सफल बनाने के लिए बीएचयू और आईआईटी मद्रास भी साथ आए हैं। आईआईटी मद्रास ने बनारस के हजारों छात्रों को मैथ्स में ऑनलाइन सपोर्ट देने के लिए विद्या शक्ति इनिशिएटिव शुरू किया है।

 

काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस

सांस्कृतिक एकीकरण के प्रतीकात्मक संकेत के रूप में, पीएम मोदी ने वाराणसी और कन्याकुमारी को जोड़ने वाली ट्रेन सेवा काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। यह पहल न केवल कनेक्टिविटी को बढ़ाती है बल्कि विविधता में एकता का प्रतीक है बल्कि भारत को परिभाषित करती है।

 

सूरत डायमंड बोर्स और सूरत एयरपोर्ट टर्मिनल

काशी तमिल संगमम कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने गुजरात के सूरत एयरपोर्ट पर सूरत डायमंड बोर्स और एक नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। ये उद्घाटन देश के विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और आर्थिक विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करते हैं।

 

भागीदारी और प्रभाव

काशी तमिल संगमम 2023 में तमिलनाडु और पुडुचेरी के 1,400 गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी की उम्मीद है, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। यह सांस्कृतिक उत्सव भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।

 

Surat Diamond Bourse Inaugurated by PM Modi_80.1

स्वदेशी SAMAR एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण

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भारतीय वायुसेना ने SAMAR (Surface to Air Missile for Assured Retaliation) एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया। बता दें कि समर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को भारत में ही विकसित किया गया है और यह स्वदेशी डिजाइन पर आधारित है। जमीन से हवा में मार करने वाला यह मिसाइल सिस्टम भारतीय वायुसेना द्वारा ही विकसित किया गया है। वायुसेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह अहम कदम है।

वायुसेना ने बयान जारी कर बताया कि भारत में ही डिजाइन और विकसित किए गए SAMAR एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का युद्धाभ्यास अस्त्रशक्ति-2023 के दौरान सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण एयर फोर्स स्टेशन सूर्यलंका में किया गया। एयर डिफेंस सिस्टम को वायुसेना की मेंटिनेंस कमांड की एक यूनिट द्वारा ही विकसित किया गया है। पहली बार इस एयर डिफेंस सिस्टम का फील्ड परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान मिसाइल सिस्टम ने विभिन्न परिस्थितियों में सफलतापूर्वक अपने सभी उद्देश्य पूरे किए।

 

मिसाइलों को तबाह करने में सक्षम

वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि 2 से 2.5 मैक की स्पीड रेंज वाली मिसाइल को इस समर एयर डिफेंस से तबाह किया जा सकता है। इस डिफेंस सिस्टम में दो लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म हैं और खतरे को भांपते हुए इसमें एक साथ दोनों मिसाइलों को लॉन्च किया जा सकता है। एयर फोर्स चीफ वीआर चौधरी और वाइस एयर चीफ एपी सिंह ने भी इस मिसाइल सिस्टम के परीक्षण को देखा। युद्धाभ्यास के दौरान वायुसेना ने अन्य हथियारों की क्षमता का भी प्रदर्शन देखा। बता दें कि भारतीय वायुसेना भी तेजी से आत्मनिर्भरत की तरफ कदम बढ़ा रही है।

 

ग्राउंड बेस्ड हथियार विकसित करने में सफलता

वायुसेना की मेंटिनेंस कमांड की 7 बीआरडी यूनिट ने एयर डिफेंस सिस्टम को विकसित किया है। मेंटिनेंस कमांड ने फाइटर जेट्स के कई अहम उपकरण बनाने, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर्स और ग्राउंड बेस्ड हथियार विकसित करने में सफलता मिली है। मेंटिनेंस कमांड फिलहाल एचएएल के साथ मिलकर सुखोई 30 और मिग-29 जेट्स की क्षमता को बेहतर बनाने में भी जुटी है।

 

स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाश का भी परीक्षण

युद्धाभ्यास अस्त्रशक्ति के तहत वायुसेना ने अपने एक और स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाश का भी परीक्षण किया। इस दौरान आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने कमाल की क्षमता का प्रदर्शन करते हुए एक साथ चार लक्ष्यों को भेद दिया। जमीन से सतह पर मार करने वाले आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने सिंगर फायरिंग से चार मानवरहित लक्ष्यों को एक साथ तबाह करने में सफलता पाई। वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि युद्धाभ्यास के दौरान चार टारगेट एक ही दिशा से आ रहे थे, जिस पर आकाश एयर डिफेंस सिस्टम के फायरिंग लेवल रडार से चारों टारगेट को ट्रैक किया और चारों को हवा में एक साथ तबाह कर दिया। बता दें कि डीआरडीओ ने आकाश मिसाइल सिस्टम को विकसित किया है और इसे डिफेंस पब्लिक सेक्टर ने अन्य कंपनियों के साथ मिलकर बनाया है।

 

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कुवैत के शासक शेख नवाफ अल-अहमद अल-सबा का निधन

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कुवैत के शासक अमीर, 86 वर्षीय शेख नवाफ अल अहमद अल सबा का निधन हो गया है। बता दें कि नवंबर के अंत में, शेख नवाफ को एक अज्ञात बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उन्होंने साल 2021 में स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को लेकर अमेरिका का दौरा किया था।

शेख नवाफ ने अपने पूर्ववर्ती दिवंगत शेख सबा अल अहमद अल सबा की 2020 में मृत्यु के बाद अमीर के रूप में शपथ ली थी। बता दें कि शेख सबा अपनी कूटनीति और शांति स्थापना के लिए जाने जाते थे। शेख नवाफ ने पहले कुवैत के आंतरिक और रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था। हालांकि उनकी बढ़ती उम्र के कारण विश्लेषकों का मानना था कि उनका कार्यकाल छोटा होगा।

 

कुवैत के शासक का पद अब कौन संभालेगा ?

कुवैत के शासक का पद संभालने की कतार में अब शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर है। वह 83 वर्ष के हैं और उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज युवराज माना जाता है। लगभग 4.2 मिलियन लोगों का घर कुवैत में दुनिया का छठा सबसे बड़ा तेल भंडार स्थित है। 1991 के खाड़ी युद्ध में सद्दाम हुसैन की इराकी सेना को खदेड़ने के बाद से यह अमेरिका का एक कट्टर सहयोगी रहा है। कुवैत देश में लगभग 13,500 अमेरिकी सैनिकों के साथ-साथ मध्य पूर्व में अमेरिकी सेना के अग्रिम मुख्यालय की मेजबानी करता है।

 

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इंडसइंड बैंक ने हीरा उद्योग के लिए ‘इंडस सॉलिटेयर प्रोग्राम’ शुरू किया

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इंडसइंड बैंक ने हाल ही में ‘इंडस सॉलिटेयर प्रोग्राम’ लॉन्च किया है, जो एक अभिनव सामुदायिक बैंकिंग पहल है जिसे विशेष रूप से हीरा उद्योग की अनूठी जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह व्यापक कार्यक्रम हीरा समुदाय की सेवा के लिए बैंक की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, विशेष लाभ और सुविधाओं की एक श्रृंखला प्रदान करने के लिए तैयार है।

 

हीरा उद्योग के पेशेवरों के लिए अनुकूलित बैंकिंग समाधान

1. विशिष्ट शाखा उपस्थिति:

  • यह कार्यक्रम इंडसइंड बैंक की रणनीतिक रूप से प्रमुख शहरों में स्थित प्रमुख शाखाओं के माध्यम से पहुंच योग्य होगा, जिसमें मुंबई और सूरत पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

2. विशिष्ट बैंकिंग सुविधाएँ:

मूल्यवान संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चुनिंदा शाखाओं में 24×7 लॉकर की सुविधा।
व्यापक बैंकिंग अनुभव के लिए पारिवारिक खाता ऐड-ऑन।
विदेशी मुद्रा लेनदेन पर शून्य क्रॉस-करेंसी मार्कअप शुल्क, उद्योग के पेशेवरों के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुविधा।

 

उन्नत जीवनशैली लाभ

 

3. अनुकूलित डेबिट और क्रेडिट कार्ड:

  • विशेषीकृत कार्ड, जो कार्यक्रम के सदस्यों की समग्र जीवनशैली को बढ़ाते हुए, नि:शुल्क गोल्फ प्रशिक्षण, मूवी टिकट और बिना किसी विदेशी मुद्रा शुल्क जैसे लाभ प्रदान करते हैं।
    वैयक्तिकृत वित्तीय सेवाएँ

4. समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर:

  • कार्यक्रम हीरा उद्योग के भीतर ग्राहकों की अद्वितीय वित्तीय जरूरतों को पूरा करने वाले समर्पित संबंध प्रबंधकों के साथ व्यक्तिगत सेवा पर जोर देता है।

5. विशेष वेतन खाते:

  • इस पहल में हीरा क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए विशेष वेतन खातों का प्रावधान, उनकी विशिष्ट वित्तीय आवश्यकताओं को पहचानना और संबोधित करना शामिल है।

 

सूरत डायमंड बोर्स का विस्तार

 

6. सूरत डायमंड बोर्स शाखा का उद्घाटन:

  • हीरा समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, इंडसइंड बैंक ने दुनिया के सबसे बड़े हीरा व्यापार केंद्र, सूरत डायमंड बोर्स में एक नई शाखा का उद्घाटन किया है।
  • यह शाखा सूरत हीरा समुदाय को व्यावसायिक और व्यक्तिगत बैंकिंग समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

 

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PM मोदी करेंगे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन

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दानकुनी से सोननगर तक 538 किलोमीटर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य पीएम गति शक्ति फंड से जल्द शुरू होगा। इसमें कोडरमा से न्यू मुगमा तक 195 किलोमीटर रेल लाइन भी शामिल है। इसके बनने से सेक्शन में मालगाड़ियों की औसत गति 60-70 किमी प्रति घंटे तक हो जाएगी। वर्तमान में इसकी गति 25-30 किमी प्रति घंटा है।

इस कॉरिडोर के बनने से कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलेगा। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से न्यू सोननगर खंड तक 137 किलोमीटर की दूरी में बने ट्रैक का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। इसकी लागत 5,705 करोड़ है। डीएफसीसीआइएल झारखंड और पश्चिम बंगाल के इसीएल, सीसीएल, बीसीसीएल और एनसीएल के प्रमुख कोयला बेल्टों को उत्तरी भारत के बिजली घरों से जोड़ता है।

 

इस सेक्शन में आठ स्टेशन

इस कॉरिडोर में मालगाड़ियां अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही हैं, जिससे बिजली संयंत्रों तक कोयले की रैक की आवाजाही में काफी कम समय लगेगा। साथ ही अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ लौह और इस्पात की आवाजाही में भी तेजी आएगी। यह महत्वपूर्ण खंड उत्तर प्रदेश और बिहार में स्थित है। 5,705 करोड़ रुपये का यह सेक्शन विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित है। इस सेक्शन में आठ स्टेशन हैं, जिसमें पांच जंक्शन स्टेशन और तीन क्रॉसिंग स्टेशन शामिल हैं।

 

स्टेशन कहां-कहां है

बता दें कि, इसके दो स्टेशन उत्तर प्रदेश और छह बिहार में हैं। स्टेशनों में न्यू दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, न्यू गंजख्वाजा जंक्शन, न्यू दुर्गावती, न्यू कुदरा, न्यू करवंदिया, न्यू सोननगर लिंक, न्यू सोननगर जंक्शन और न्यू चिरैला पौथु शामिल हैं। यह परियोजना मौजूदा दिल्ली-हावड़ा मुख्य लाइन पर ट्रेनों की ट्रैफिक को कम करेगी।

सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम

मालगाड़ियों के डीएफसी रूट पर शिफ्ट होने से आइआर सेक्शन पर ट्रेनें तेज गति से चलेंगी। मेल/एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेनों के समय चलने से इस खंड में अतिरिक्त कोचिंग सेवाएं शुरू की जा सकेंगी। मालूम हो कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने से झारखंड से माल ढुलाई 10 प्रतिशत बढ़ गयी है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए इलाहाबाद में सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा सेंट्रलाइज नियंत्रण कक्ष है।

 

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रूवेन अजार होंगे भारत में इजरायल के नए राजदूत

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भारत में इजरायल के नए राजदूत रूवेन अजार (Reuven Azar) होंगे। इजरायली सरकार ने भारत में नए राजदूत के रूप में रूवने अजार को नियुक्त करने की मंजूरी दी है। अजार भारत के अलावा, श्रीलंका और भूटान में अनिवासी राजदूत के रूप में भी काम करने वाले हैं।

विदेश मंत्री एली कोहेन ने रूवेन अजार की भारत में बतौर राजदूत की नियुक्ति की सूचना देते हुए कहा कि वो इन देशों में इजरायली नागरिकों का प्रतिनिधित्व करेंगे। बता दें कि अजार फिलहाल रोमानिया में इजरायल के राजदूत के रूप में कार्यरत हैं।

 

इजरायल के दूतावास में उप राजदूत

साल 2014 से लेकर 2018 तक अजार अमेरिका में इजरायल के दूतावास में उप राजदूत थे। पिछले तीन दशकों से वो इजरायल विभिन्न पदों पर काम करने वाले अजार ने फलस्तीन के मुद्दे पर भी काफी काम किया है। बताते चलें कि अजार का जन्म अर्जेंटीना में हुआ था। वह 13 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ इजरायल आ गए थे। उनके पास हिब्रू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्नातक की डिग्री है।

 

व्यापक क्षेत्रीय सहभागिता

अजार मध्य पूर्व मामलों में बड़े पैमाने पर शामिल रहा है, जिसमें फिलिस्तीनी प्राधिकरण के साथ सहयोग और वार्ता के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। उनकी भूमिकाओं में ईरान प्रतिबंध टीम का नेतृत्व करना और लगभग तीन दशकों की राजनयिक सेवा के दौरान मध्य पूर्व आर्थिक अनुसंधान का निर्देशन करना शामिल था।

 

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Akash Missile: हवा में एक साथ चार लक्ष्य भेदने की क्षमता, 25 KM तक अचूक निशाना

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आकाश मिसाइल की ताकत के बारे में जानकारी दी। आकाश मिसाइल सिस्टम के प्रदर्शन में डीआरडीओ ने दिखाया कि आकाश एक साथ चार निशानों को तबाह करने की ताकत रखता है। 25 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता वाले आकाश मिसाइल के सफल प्रक्षेपण पर डीआरडीओ ने बताया कि हवा में सटीक निशाना साधने की ताकत से लैस आकाश मिसाइल सिस्टम भारत के सुरक्षा असलहों में अत्याधुनिक हथियार के रूप में गिना जाएगा।

 

भारत ऐसी ताकत वाला दुनिया का पहला देश

डीआरडीओ के मुताबिक भारत दुनिया का पहला देश है जिसके पास आकाश मिसाइल जैसी तकनीक और ताकत है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRRO) के मुताबिक सिंगल फायरिंग यूनिट का इस्तेमाल कर मिसाइल लॉन्च करना और एक साथ चार ठिकानों पर सटीक निशाना लगाने की क्षमता रखने वाले देशों में भारत सबसे आगे है। दुनिया के किसी और देश के पास फिलहाल ऐसी क्षमता नहीं है।

 

आकाश मिसाइल सिस्टम शॉर्ट रेंज मिसाइल

सतह से हवा में मार करने की क्षमता के साथ विकसित आकाश मिसाइल सिस्टम शॉर्ट रेंज मिसाइल है। मुख्य रूप से दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना है। भारत चुनिंदा मित्र देशों को यह मिसाइल सिस्टम निर्यात भी करता है।

 

आकाश मिसाइल सिस्टम

आकाश मिसाइल सिस्टम के अलावा भारत, डॉर्नियर-228 एयरक्राफ्ट, 155 एमएम की एडवांस्ड आर्टिलरी गन, ब्रह्मोस मिसाइल, लैंडमाइंस धमाके में भी सुरक्षित रहने वाले वाहनों का भी निर्यात करता है। इसके अलावा कई और अत्याधुनिक हथियार, थर्मल इमेजिंग डिवाइस, हवाई यंत्र और छोटे हथियार भी एक्सपोर्ट किए जाते हैं।

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यूके सरकार का अंडर-16 के लिए सोशल मीडिया सीमाओं पर विचार

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प्रधान मंत्री ऋषि सनक के नेतृत्व में, यूके सरकार ऑनलाइन सुरक्षा अधिनियम लागू करने के बाद भी, 16 वर्ष से कम आयु के किशोरों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने पर विचार कर रही है।

डिजिटल युग ने अभूतपूर्व कनेक्टिविटी की शुरुआत की है, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बच्चों को होने वाले संभावित नुकसान के बारे में भी चिंताएं बढ़ गई हैं। ऑनलाइन सुरक्षा अधिनियम के हालिया कार्यान्वयन के बावजूद, प्रधान मंत्री ऋषि सनक के नेतृत्व वाली यूके सरकार 16 वर्ष से कम आयु के किशोरों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए अतिरिक्त उपायों पर विचार कर रही है।

ऑनलाइन सुरक्षा अधिनियम और इसकी सीमाएँ

ऑनलाइन सुरक्षा अधिनियम, एक ऐतिहासिक कानून है जो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को नाबालिगों को हानिकारक सामग्री से बचाने या महत्वपूर्ण उद्देश्यों का सामना करने के लिए बाध्य करता है, जो बच्चों के लिए ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि, रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकार आगे प्रतिबंधों की संभावना तलाश रही है, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र में चिंताएँ और चर्चाएँ बढ़ रही हैं।

बच्चों के लिए सोशल मीडिया जोखिमों पर परामर्श

आने वाले वर्ष में, सरकार सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले बच्चों द्वारा सामना किए जाने वाले जोखिमों की जांच के लिए एक परामर्श शुरू करने की योजना बना रही है। जबकि 16 वर्ष से कम आयु वालों के लिए संभावित प्रतिबंधों के बारे में अटकलें हैं, एक सरकारी प्रवक्ता ने ऐसे दावों को खारिज कर दिया। आधिकारिक बयानों के अनुसार, सख्त नियम लागू करने के बजाय माता-पिता को अपने बच्चों के ऑनलाइन अनुभवों को नेविगेट करने के लिए सशक्त बनाने पर जोर दिया गया है।

मौली रोज़ फाउंडेशन का परिप्रेक्ष्य

इंस्टाग्राम और पिन्टरेस्ट पर हानिकारक सामग्री का सामना करने के बाद अपनी जान लेने वाली 14 वर्षीय मौली रसेल के दुखद मामले ने ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में चर्चा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी स्मृति में स्थापित फाउंडेशन, द मौली रोज़ फाउंडेशन, किसी भी नियामक समीक्षा में संचार निगरानी संस्था, ऑफकॉम की शक्तियों को बढ़ाने की वकालत करता है।

बीबन किड्रोन की चिंताएँ और वकालत

बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के एक प्रमुख वकील, बीबन किड्रोन ने बच्चों को डिजिटल स्थानों से संभावित रूप से बाहर करने के बारे में चिंता व्यक्त की। इसके बजाय, किड्रॉन ऐसे प्लेटफ़ॉर्म डिज़ाइन करने के महत्व पर ज़ोर देता है जो सक्रिय रूप से युवा उपयोगकर्ताओं की भलाई का समर्थन करते हैं। किड्रोन का परिप्रेक्ष्य एक सूक्ष्म दृष्टिकोण पर प्रकाश डालता है जो बच्चों के लिए सकारात्मक डिजिटल वातावरण को बढ़ावा देने को प्राथमिकता देता है।

सरकार की व्यापक परीक्षा और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

हालांकि प्रधान मंत्री के प्रवक्ता ने प्रस्तावित उपायों पर विशेष विवरण नहीं दिया, सरकार मोटे तौर पर बच्चों के लिए ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के मुद्दे की जांच कर रही है। चैरिटी और प्रचारक, जिन्होंने 2017 से मजबूत ऑनलाइन सुरक्षा नियमों की वकालत की है, ने ऑनलाइन सुरक्षा अधिनियम के पारित होने का स्वागत किया है, लेकिन व्यापक उपायों की आवश्यकता पर जोर देना जारी रखा है।

परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न: 16 वर्ष से कम उम्र के किशोरों के लिए सोशल मीडिया प्रतिबंधों पर यूके सरकार के विचार के पीछे प्राथमिक प्रेरणा क्या है?

उत्तर: सोशल मीडिया के उपयोग से जुड़े संभावित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सरकार का लक्ष्य किशोरों को ऑनलाइन नुकसान से बचाना और उनकी सुरक्षा बढ़ाना है।

प्रश्न: किस दुखद घटना ने द मौली रोज़ फ़ाउंडेशन की स्थापना को प्रेरित किया, और इसका समर्थन किस पर केंद्रित है?

उत्तर: फाउंडेशन की स्थापना मौली रसेल की याद में की गई थी, जिन्होंने इंस्टाग्राम और पिनटेरेस्ट पर हानिकारक सामग्री का सामना करने के बाद 14 वर्ष की आयु में अपनी जान ले ली थी। फाउंडेशन बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए किसी भी नियामक समीक्षा में ऑफकॉम की शक्तियों को बढ़ाने की वकालत करता है।

प्रश्न: बीबन किड्रोन बच्चों के लिए संभावित सोशल मीडिया प्रतिबंधों के संबंध में क्या चिंता व्यक्त करते हैं?

उत्तर: बीबन किड्रोन बच्चों को डिजिटल स्पेस से बाहर करने के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं और ऐसे प्लेटफ़ॉर्म डिज़ाइन करने के महत्व पर ज़ोर देते हैं जो सक्रिय रूप से उनकी भलाई का समर्थन करते हैं।

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डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ को मिला विजनरी लीडर आइकन 2023 पुरस्कार

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रियल विजन होम्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में 5वें राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में एएसआरएए से विजनरी लीडर आइकन अवार्ड 2023 प्राप्त हुआ।

रियल विज़न होम्स प्राइवेट लिमिटेड गर्व से अपने सम्मानित अध्यक्ष, डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ की उल्लेखनीय उपलब्धि की घोषणा करता है, जिन्हें एडवोकेट्स एसोसिएशन फॉर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड अवेयरनेस (आसरा) द्वारा वर्ष 2023 के विज़नरी लीडर आइकन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 24 नवंबर 2023 को नई दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित 5वें राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में प्रदान किया गया।

एक दूरदर्शी नेता की यात्रा

  • सूर्यापेट, तेलंगाना के मूल निवासी डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ ने रियल विज़न होम्स प्राइवेट लिमिटेड की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • रियल एस्टेट उद्योग में दो दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, उन्होंने मार्केटिंग के प्रति अपने जुनून को अद्वितीय सफलता में परिवर्तित कर दिया है, जिससे अनगिनत व्यक्तियों के लिए घर का स्वामित्व वास्तविकता बन गया है।
  • उनके नवीन विचारों और महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण ने तेलंगाना और उसके आसपास शानदार और किफायती उद्यमों के विकास को बढ़ावा दिया है।

व्यापार से परे नेतृत्व

  • विज़नरी लीडर आइकन अवार्ड डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ के नेतृत्व और न केवल व्यापार जगत में बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के क्षेत्र में भी प्रभाव की मान्यता है।
  • रियल विज़न होम्स के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने कंपनी को रियल एस्टेट बाजार में एक विश्वसनीय और विश्वसनीय खिलाड़ी बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • 2019 में स्थापित रियल विज़न होम्स प्राइवेट लिमिटेड, ईमानदारी और विशेषज्ञता के लिए त्रुटिहीन प्रतिष्ठा के साथ एक गतिशील और भरोसेमंद रियल एस्टेट फर्म के रूप में उभरी है।
  • विभिन्न परियोजनाओं में विशेषज्ञता के साथ, कंपनी प्रत्येक प्रयास को अत्यंत आत्मविश्वास और दक्षता के साथ पूरा करती है, और समय पर और सफल समापन सुनिश्चित करती है।

आसरा के बारे में

  • आसरा एक गैर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 2010 में देश भर के अधिवक्ताओं द्वारा की गई थी। यह प्रचार गतिविधियों के माध्यम से उपभोक्ता कल्याण, जागरूकता पैदा करने और अज्ञानी, अशिक्षित और असहाय उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उचित मंचों पर शिकायत दर्ज करने में सहायता करने पर केंद्रित है।

आसरा रियल विज़न होम्स के साझा मूल्य

  • आसरा द्वारा विज़नरी लीडर आइकन अवार्ड न केवल डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावत की उपलब्धियों को मान्यता देता है, बल्कि व्यवसाय और सामाजिक जिम्मेदारी दोनों में उत्कृष्टता का उदाहरण पेश करने वाले नेताओं को सम्मानित करने के लिए एएसआरएए की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
  • यह पुरस्कार उपभोक्ता अधिकारों की वकालत करने और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देने में एएसआरएए और रियल विजन होम्स प्राइवेट लिमिटेड के साझा मूल्यों को दर्शाता है।

डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ टाइम्स ऑफ इंडिया – वर्ष 2023 में सबसे तेजी से बढ़ते रियल एस्टेट ब्रांड और श्रीलंका में जी20 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल आईसीओएन पुरस्कार के प्राप्तकर्ता भी रहे हैं।

परीक्षा से सम्बंधित प्रश्न

Q1. डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ को 2023 में कौन सा प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला?

A: डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ को एडवोकेट्स एसोसिएशन फॉर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड अवेयरनेस (आसरा) से वर्ष 2023 का विज़नरी लीडर आइकन अवार्ड मिला।

Q2. विज़नरी लीडर आइकन अवार्ड के अलावा, डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ को 2023 में और कौन सी मान्यताएँ मिली हैं?

A: डॉ. श्रीनिवास नाइक धारावथ को वर्ष 2023 में टाइम्स ऑफ इंडिया सबसे तेजी से बढ़ते रियल एस्टेट ब्रांड्स और श्रीलंका में जी20 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल आईसीओएन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।

Q3. आसरा क्या है और इसकी स्थापना कब हुई?

A: आसरा, एडवोकेट्स एसोसिएशन फॉर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड अवेयरनेस, भारत का सबसे बड़ा उपभोक्ता अधिकार संगठन है जिसकी स्थापना 2010 में हुई थी।

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रक्षा मंत्रालय ने बीईएल के साथ 5,336.25 करोड़ रुपये का सौदा किया

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रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने हाल ही में दस साल की अवधि के लिए इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ की खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ एक गेम-चेंजिंग अनुबंध को अंतिम रूप दिया है। 5,336.25 करोड़ रुपये मूल्य के इस महत्वपूर्ण समझौते का उद्देश्य देश की रक्षा क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। गोला-बारूद में एक महत्वपूर्ण घटक, इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ की खरीद, भारत की स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम का प्रतीक है।

MoD और BEL के बीच यह सहयोग स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में कार्य करता है। इस अनुबंध के तहत आपूर्ति किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ तोपखाने के गोला-बारूद के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो सैन्य अभियानों में सटीकता और सटीकता सुनिश्चित करते हैं।

 

मुख्य बिंदु

 

  • स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा: यह अनुबंध ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ संरेखित करते हुए, घरेलू रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के लिए सरकार के समर्पण को रेखांकित करता है।
  • विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता में कमी: घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ की खरीद विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता को कम करती है, जिससे रक्षा आवश्यकताओं में आत्मनिर्भरता में योगदान मिलता है।
  • सामरिक रक्षा अवसंरचना विकास: यह समझौता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान करता है।

 

इस समझौते के महत्व को समझने के लिए रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की ऐतिहासिक यात्रा को पहचानना आवश्यक है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों और गोला-बारूद के लिए विदेशी देशों पर अपनी निर्भरता को कम करने का लक्ष्य रखा है। 2014 में शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उद्देश्य रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देना था। रक्षा मंत्रालय और बीईएल के बीच यह हालिया सौदा इन प्रयासों के अनुरूप है, जो रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

 

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