राष्ट्रपति ट्रंप को मिलेगा इजरायल का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

इजरायल ने एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान — इजरायली राष्ट्रपति पदक (Israeli Presidential Medal of Honor) देने की घोषणा की है। यह सम्मान ट्रंप की गाज़ा युद्धविराम में मध्यस्थता और इजरायली बंधकों की रिहाई में मदद के लिए दिया जा रहा है, जो उनके पद छोड़ने के बाद भी मध्य-पूर्व की भू-राजनीति में उनके प्रभाव को दर्शाता है।

राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग द्वारा सम्मान

  • इजरायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ट्रंप को यह पदक प्रदान करेंगे।

  • राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने कहा कि ट्रंप ने इजरायली बंधकों को घर लाने में मदद की और मध्य-पूर्व में सुरक्षा, सहयोग और शांति के नए युग की नींव रखी।

  • यह घोषणा पहले सात इजरायली बंधकों की अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस के माध्यम से रिहाई के बाद की गई है, जो युद्धविराम वार्ता का एक महत्वपूर्ण परिणाम है।

गाज़ा युद्धविराम का पृष्ठभूमि

  • मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप ने पीछे से कूटनीतिक दबाव डालकर क्षेत्रीय पक्षकारों को युद्धविराम का समर्थन करने के लिए प्रेरित किया।

  • समझौते में बंधकों की चरणबद्ध रिहाई, मानवीय सहायता का विस्तार और दोनों पक्षों से तनाव कम करने की गारंटी शामिल है।

इजरायली राष्ट्रपति पदक के बारे में

  • यह इजरायल का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जो उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने इजरायल या मानवता के लिए असाधारण योगदान दिया हो।

  • स्थापना वर्ष: 2012

  • पूर्व प्राप्तकर्ता: बराक ओबामा (2013), नोबेल पुरस्कार विजेता और अन्य प्रमुख वैश्विक नेता।

  • यह सम्मान साहस, कूटनीति और शांति व न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।

स्थिर तथ्य

बिंदु विवरण
पुरस्कार का नाम Israeli Presidential Medal of Honor
प्राप्तकर्ता डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति
प्रदानकर्ता राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग
कारण गाज़ा युद्धविराम में मध्यस्थता और बंधकों की रिहाई में मदद

8वें वेतन आयोग, सरकारी कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ कब मिलेगा?

केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 को दिवाली से पहले अपने कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफ़ा दिया — महँगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) में 3% की बढ़ोतरी की घोषणा की। इस संशोधन के बाद, DA अब 55% से बढ़कर 58% हो गया है, जो 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत लागू किया गया है।

8वां वेतन आयोग कब लागू होगा?

8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढाँचे, भत्तों और पेंशन लाभों में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी।

हालांकि, इसके लागू होने की कोई आधिकारिक समयसीमा अभी तक घोषित नहीं की गई है। अनुमान है कि इसे लागू होने में 2 से 3 वर्ष का समय लग सकता है।

पिछले वेतन आयोगों से तुलना

आयोग गठन वर्ष रिपोर्ट सौंपी गई लागू हुआ
7वां वेतन आयोग 2014 2015 2016

अगर यही पैटर्न इस बार भी अपनाया गया, तो 8वें वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि वर्ष 2027 तक लागू हो सकती है।

8वें वेतन आयोग में संभावित वेतन वृद्धि

  • रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक पे (Basic Pay) ₹18,000 प्रति माह से बढ़कर लगभग ₹26,000 प्रति माह किया जा सकता है।

  • हालांकि यह अभी अनुमानित (speculative) है — सरकार की ओर से अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है।

8वें वेतन आयोग से जुड़ी मुख्य बातें

बिंदु विवरण
गठन आवृत्ति (Frequency) हर 10 वर्ष में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है
मुख्य उद्देश्य वेतन, भत्तों और पेंशन लाभों की समीक्षा व संशोधन
लाभार्थी लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी
संभावित लागू वर्ष लगभग 2027 (पिछले पैटर्न के अनुसार)
घोषणा तिथि 16 जनवरी 2025
वर्तमान DA वृद्धि 55% से बढ़ाकर 58%, लागू 1 अक्टूबर 2025 से

पीएम गतिशक्ति ने बुनियादी ढांचे के एकीकरण के 4 साल पूरे किए

प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PM GatiShakti National Master Plan) की चौथी वर्षगांठ 13 अक्टूबर 2025 को मनाई गई। यह भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाली योजना है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अक्टूबर 2021 को लॉन्च किया था। इस योजना ने परियोजनाओं के क्रियान्वयन को सुव्यवस्थित करने, कनेक्टिविटी बढ़ाने और देशभर में लॉजिस्टिक्स दक्षता सुधारने में अहम भूमिका निभाई है।

क्या है प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना?

PM GatiShakti भारत की पहली एकीकृत मल्टीमॉडल (Multimodal) अवसंरचना योजना है।
इसका उद्देश्य परिवहन, लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचा विकास को एक ही डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर लाना है ताकि —

  • बाधाओं (bottlenecks) को समाप्त किया जा सके,

  • परियोजनाओं में देरी और लागत बढ़ोतरी को रोका जा सके, और

  • विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके।

इस योजना में 44 केंद्रीय मंत्रालयों और 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को एक GIS-आधारित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से जोड़ा गया है ताकि वे साझा डेटा और योजना के तहत एकसाथ काम कर सकें।

प्रमुख उद्देश्य

  1. सुगम कनेक्टिविटी (Seamless Connectivity):
    रेल, सड़क, बंदरगाह और हवाई नेटवर्क के बीच अंतिम चरण (last-mile) की कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करना।

  2. समय और लागत दक्षता (Time & Cost Efficiency):
    एकीकृत योजना के माध्यम से यात्रा समय और लॉजिस्टिक्स लागत को घटाना।

  3. डेटा-आधारित योजना (Data-Driven Planning):
    GIS मैपिंग से वास्तविक समय (real-time) में प्रगति की निगरानी और संसाधनों का अनुकूल आवंटन।

  4. आर्थिक क्षेत्रों को बढ़ावा (Boost to Economic Zones):
    औद्योगिक क्लस्टर, बंदरगाह, हवाई अड्डे, SEZs और लॉजिस्टिक्स पार्क में तेज़ अवसंरचना विकास।

  5. सतत विकास (Sustainable Development):
    हरित गलियारों (green corridors) और पर्यावरण-अनुकूल मार्ग नियोजन के माध्यम से न्यूनतम प्रभाव।

चार वर्षों की उपलब्धियाँ

  • व्यापक एकीकरण: 44 मंत्रालयों और सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को एक साझा डिजिटल मंच से जोड़ा गया है।

  • डिजिटल मॉनिटरिंग: राष्ट्रीय मास्टर प्लान पोर्टल पर सड़कों, रेलमार्गों, बिजली लाइनों आदि की वास्तविक समय पर निगरानी संभव है।

  • समन्वय में सुधार: अब मंत्रालयों के बीच समयसीमा और योजनाएँ समन्वित हैं, जिससे परियोजना क्रियान्वयन सुचारु हुआ है।

  • लॉजिस्टिक्स दक्षता: राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के साथ जुड़कर माल परिवहन की लागत को 13–14% से घटाकर 8–9% GDP तक लाने का लक्ष्य।

  • तेज़ मंज़ूरियाँ: डेटा साझेदारी और विभागीय तालमेल से परियोजनाओं की मंज़ूरी व पर्यावरणीय स्वीकृतियाँ तेज़ हुई हैं।

महत्व

PM GatiShakti सिर्फ़ तेज़ सड़कों या बड़े बंदरगाहों की योजना नहीं है — यह भारत के आर्थिक लक्ष्यों के अनुरूप अवसंरचना के रणनीतिक संरेखण (strategic alignment) का प्रतीक है।
यह पहल निम्नलिखित क्षेत्रों में अहम भूमिका निभा रही है —

  • ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) को सशक्त बनाकर आपूर्ति श्रृंखला कनेक्टिविटी को बढ़ाना।

  • वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धा (Global Trade Competitiveness) में भारत की स्थिति मज़बूत करना।

  • पीएम मित्रा वस्त्र पार्क, रक्षा औद्योगिक गलियारे और लॉजिस्टिक्स पार्क जैसी पहलों को मज़बूत अवसंरचना से जोड़ना।

स्थिर तथ्य

बिंदु विवरण
लॉन्च तिथि 13 अक्टूबर 2021
लॉन्चकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मुख्य उद्देश्य मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी आधारित अवसंरचना योजना
शामिल इकाइयाँ 44 केंद्रीय मंत्रालय, 36 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश
प्रयुक्त तकनीक GIS-आधारित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म
संबद्ध नीतियाँ राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति, भारतमाला, सागरमाला, उड़ान

असम के मुख्यमंत्री ने वैश्विक करियर के लिए “सीएम फ्लाइट” की शुरुआत की

असम के मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य के युवाओं को वैश्विक करियर अवसरों से जोड़ने के उद्देश्य से “सीएम फ्लाइट (CM Flight)” कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह पहल राज्य सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि असम के युवाओं को ऐसे कौशल, अवसर और अनुभव प्रदान किए जाएँ, जो उन्हें स्थानीय प्रतिभा से अंतरराष्ट्रीय पेशेवर मंचों तक पहुँचाने में सक्षम बनाएँ। यह कदम असम में बेरोज़गारी, ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन) और कौशल असंगति (skill mismatch) जैसी समस्याओं से निपटने की दिशा में एक दूरदर्शी प्रयास है।

पृष्ठभूमि और उद्देश्य

  • असम मानव और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद उच्च स्तर के करियर अवसरों में पिछड़ा रहा है।

  • कई प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएँ स्थानीय अवसरों की कमी और सीमित exposure के कारण बाहर जाते हैं।

  • इस अंतर को दूर करने के लिए असम सरकार ने युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने का संकल्प लिया है।

“CM Flight” की परिकल्पना निम्न उद्देश्यों से की गई है —

  • युवाओं को विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण और कौशल विकास प्रदान करना।

  • अंतरराष्ट्रीय इंटर्नशिप और प्लेसमेंट मार्ग उपलब्ध कराना।

  • युवाओं को वैश्विक उद्योग मानकों और नेटवर्क से जोड़ना।

“सीएम फ्लाइट” की प्रमुख विशेषताएँ

  1. कौशल एवं तकनीकी प्रशिक्षण:
    आईटी, डेटा साइंस, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, विदेशी भाषाएँ और अन्य सेक्टर आधारित विषयों में उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा।

  2. अंतरराष्ट्रीय exposure व इंटर्नशिप:
    चयनित युवाओं को अंतरराष्ट्रीय कंपनियों या संस्थानों में इंटर्नशिप या विज़िट का अवसर मिलेगा।

  3. रोज़गार एवं प्लेसमेंट सहायता:
    सरकार प्रशिक्षित युवाओं को विदेशी नियोक्ताओं से जोड़ने में सेतु का कार्य करेगी और उनके लिए प्लेसमेंट सहायता प्रदान करेगी।

  4. मेंटॉरशिप और नेटवर्किंग:
    उद्योग विशेषज्ञ और वैश्विक पेशेवर युवाओं का मार्गदर्शन करेंगे, जिससे दीर्घकालीन करियर नेटवर्क तैयार होंगे।

  5. पात्रता और चयन:
    प्रवेश के लिए योग्यता, अभिरुचि परीक्षा या मेरिट के आधार पर चयन होगा। वंचित वर्गों को प्राथमिकता देकर समावेशी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

महत्व और लाभ

  • ब्रेन ड्रेन में कमी: राज्य के भीतर ही अंतरराष्ट्रीय अवसर उपलब्ध होने से युवाओं का पलायन कम होगा।

  • कौशल पारिस्थितिकी का विकास: विश्वस्तरीय मानकों से मानव पूंजी की गुणवत्ता बढ़ेगी।

  • राज्य की छवि सुदृढ़: असम एक ऐसे राज्य के रूप में उभरेगा जो वैश्विक रूप से तैयार पेशेवर तैयार करता है।

  • समावेशी विकास: यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के युवाओं को भी वैश्विक मंच तक पहुँच दे सकती है।

मुख्य निष्कर्ष

पहल उद्देश्य
नाम: “सीएम फ्लाइट” असम के युवाओं को वैश्विक करियर के लिए सशक्त बनाना
मुख्य घटक: प्रशिक्षण, exposure, प्लेसमेंट, मेंटॉरशिप
संभावित चुनौतियाँ: वित्तपोषण, समानता, ब्रेन ड्रेन की निगरानी
नीतिगत संकेत: PPP मॉडल, ट्रैकिंग सिस्टम, प्रोत्साहन व जागरूकता अभियान

भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.33% बढ़कर ₹11.89 लाख करोड़ हुआ

भारत के प्रत्यक्ष कर संग्रह (Direct Tax Collections) में चालू वित्त वर्ष में स्थिर वृद्धि दर्ज की गई है। 12 अक्टूबर 2025 तक शुद्ध कर प्राप्तियाँ ₹11.89 लाख करोड़ को पार कर गई हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.33% की वृद्धि दर्शाती हैं। आयकर विभाग के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से कॉरपोरेट टैक्स से बेहतर प्राप्तियों और कम रिफंड (वापसी) जारी होने के कारण हुई है। यह प्रदर्शन वित्त वर्ष 2025–26 के लिए सरकार के ₹25.20 लाख करोड़ के महत्वाकांक्षी वार्षिक लक्ष्य के लिए मजबूत आधार तैयार करता है।

संग्रह का विस्तृत विवरण

सकल बनाम शुद्ध संग्रह (Gross vs Net Collection)

  • सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह: ₹13.92 लाख करोड़

  • रिफंड जारी किए गए: ₹2.03 लाख करोड़ (पिछले वर्ष ₹2.41 लाख करोड़ से 16% कम)

  • शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह: ₹11.89 लाख करोड़

रिफंड की राशि में कमी ने शुद्ध कर संग्रह में बढ़ोतरी में योगदान दिया है, जिससे वित्तीय वर्ष के शुरुआती महीनों में राजकोषीय संतुलन (fiscal balance) में सुधार हुआ है।

कर श्रेणीवार राजस्व रुझान

कॉरपोरेट और गैर-कॉरपोरेट कर (Corporate & Non-Corporate Taxes)

  • कॉरपोरेट कर संग्रह: ₹5.02 लाख करोड़ (FY 2024–25 के ₹4.91 लाख करोड़ से अधिक)

  • गैर-कॉरपोरेट कर (मुख्यतः व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों से आयकर): ₹6.56 लाख करोड़ (पिछले वर्ष ₹5.94 लाख करोड़ से वृद्धि)

ये आँकड़े दर्शाते हैं कि व्यवसायों और व्यक्तिगत करदाताओं — दोनों ने प्रत्यक्ष कर आधार को मजबूत किया है, बावजूद इसके कि वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियाँ चुनौतीपूर्ण रहीं।

अन्य कर घटक (Other Tax Components)

  • सिक्योरिटीज़ ट्रांज़ैक्शन टैक्स (STT): ₹30,878 करोड़ (हल्की वृद्धि)

  • अन्य प्रत्यक्ष कर: ₹294 करोड़

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में ₹78,000 करोड़ का STT लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे आगामी तिमाहियों में और वृद्धि की उम्मीद है।

सरकार का वित्तीय लक्ष्य

  • वित्त वर्ष 2025–26 के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य ₹25.20 लाख करोड़ रखा गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.7% की वृद्धि का लक्ष्य है।

  • वर्तमान आँकड़े दर्शाते हैं कि अब तक की प्रगति मजबूत और स्थिर है, लेकिन लक्ष्य हासिल करने के लिए आने वाले महीनों में गति बनाए रखना आवश्यक होगा।

  • यदि वर्तमान रुझान जारी रहते हैं — विशेषकर बेहतर अनुपालन (compliance) और डिजिटल टैक्स फाइलिंग प्रणाली के साथ — तो सरकार अपने लक्ष्य के करीब पहुँच सकती है या उसे पार भी कर सकती है।

  • हालांकि, वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही का प्रदर्शन निर्णायक रहेगा।

स्थिर तथ्य

संकेतक आँकड़ा
शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (12 अक्तूबर 2025 तक) ₹11.89 लाख करोड़
वार्षिक वृद्धि दर (YoY Growth) 6.33%
सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह ₹13.92 लाख करोड़
रिफंड जारी किए गए ₹2.03 लाख करोड़ (16% की कमी)
कॉरपोरेट कर संग्रह ₹5.02 लाख करोड़
गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह ₹6.56 लाख करोड़

सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर आठ साल के निचले स्तर 1.54 प्रतिशत पर पहुंची

उपभोक्ताओं और नीतिनिर्माताओं — दोनों के लिए बड़ी राहत की खबर है। भारत की खुदरा (रिटेल) मुद्रास्फीति सितंबर 2025 में घटकर 1.54% पर आ गई है, जो जून 2017 के बाद का सबसे निचला स्तर है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण भोजन सामग्रियों में लगातार गिरते दाम और पिछले वर्ष के अनुकूल आधार प्रभाव (base effect) हैं। यह आँकड़ा अगस्त 2025 के 2.07% से तेज गिरावट दर्शाता है, जिससे संकेत मिलता है कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर दबाव लगातार घट रहा है।

ग्रामीण बनाम शहरी मुद्रास्फीति

यह गिरावट देशभर में व्यापक रही —

  • ग्रामीण मुद्रास्फीति: 1.07% — आवश्यक वस्तुओं में गहराई से कीमतों में गिरावट।

  • शहरी मुद्रास्फीति: 2.04% — ग्रामीण की तुलना में थोड़ी अधिक, लेकिन पिछले महीनों की औसत से काफी कम।

यह अंतर दर्शाता है कि कृषि प्रधान क्षेत्रों में मूल्य-वृद्धि पर नियंत्रण अधिक प्रभावी रहा।

खाद्य मुद्रास्फीति में डिफ्लेशन

खाद्य मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने नकारात्मक रही, जिससे समग्र मुद्रास्फीति दर नीचे आई।

  • संपूर्ण भारत उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI): –2.28%, दिसंबर 2018 के बाद का सबसे निचला स्तर।

  • ग्रामीण क्षेत्र: –2.17%

  • शहरी क्षेत्र: –2.47%

यह डिफ्लेशन मुख्यतः इन वस्तुओं की घटती कीमतों के कारण है —

  • सब्ज़ियाँ

  • दालें

  • अनाज

  • खाद्य तेल

  • फल

गिरावट के प्रमुख कारण

मंत्रालय ने इस रिकॉर्ड गिरावट के दो प्रमुख कारण बताए —

  1. अनुकूल आधार प्रभाव (Favorable Base Effect): सितंबर 2024 में मुद्रास्फीति दर अपेक्षाकृत अधिक थी, जिससे इस वर्ष के आँकड़े तुलनात्मक रूप से कम दिख रहे हैं।

  2. खाद्य पदार्थों की कीमतों में तीव्र गिरावट: सब्ज़ियों और तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम में निरंतर कमी आई है, जो बेहतर आपूर्ति श्रृंखला, अच्छे उत्पादन और नियंत्रित वितरण तंत्र का परिणाम है।

स्थिर तथ्य

संकेतक आँकड़ा
खुदरा मुद्रास्फीति (सितंबर 2025) 1.54% (जून 2017 के बाद सबसे कम)
पिछला महीना (अगस्त 2025) 2.07%
ग्रामीण मुद्रास्फीति 1.07%
शहरी मुद्रास्फीति 2.04%
खाद्य मुद्रास्फीति (संपूर्ण भारत) –2.28% (दिसंबर 2018 के बाद सबसे कम)

HSBC ने भारतीय स्टार्टअप्स के लिए 1 बिलियन डॉलर देने का वादा किया

भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूती देने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत, एचएसबीसी (HSBC) ने अपने नए इनोवेशन बैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म (Innovation Banking Platform) के माध्यम से शुरुआती और विकास-स्तर के स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए 1 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹8,880 करोड़) की प्रतिबद्धता जताई है। यह पहल गैर-इक्विटी आधारित ऋण पूंजी (Non-Dilutive Debt Capital) जैसे कार्यशील पूंजी (Working Capital) और टर्म लोन (Term Loans) के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिससे स्टार्टअप्स को अपने स्वामित्व में हिस्सेदारी दिए बिना धन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही, भारत एचएसबीसी की इस विशेष इनोवेशन बैंकिंग सेवा से लाभान्वित होने वाला 13वां वैश्विक बाज़ार बन गया है।

पहल की प्रमुख विशेषताएँ

1. गैर-इक्विटी वित्तीय सहायता (Non-Dilutive Financial Support):
इस फंड के माध्यम से स्टार्टअप्स को ऐसे ऋण मिलेंगे जिनमें इक्विटी हिस्सेदारी छोड़ने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे संस्थापकों को अपने स्टार्टअप पर नियंत्रण बनाए रखते हुए विस्तार करने में मदद मिलेगी।

2. जीवनचक्र आधारित सहायता – बीज से लेकर IPO तक (Lifecycle Support – From Seed to IPO):
यह पहल स्टार्टअप्स के विभिन्न विकास चरणों के अनुसार पूंजी और वित्तीय सेवाएँ प्रदान करेगी — शुरुआती चरण से लेकर सार्वजनिक निर्गम (IPO) से पहले तक।

3. वैश्विक नेटवर्क से जुड़ाव (Global Integration):
इस लॉन्च के साथ भारतीय स्टार्टअप्स को एचएसबीसी के अंतरराष्ट्रीय इनोवेशन बैंकिंग नेटवर्क तक पहुँच मिलेगी, जो उन्हें वैश्विक बाज़ारों, वित्तीय सलाह और क्रॉस-बॉर्डर संचालन सहयोग से जोड़ने में मदद करेगी।

4. निवेश में विस्तार (Scaling Past Commitments):
एचएसबीसी ने पहले वर्ष 2020 में लगभग 50 मिलियन डॉलर और 2024 में इसे बढ़ाकर 600 मिलियन डॉलर किया था। 2025 में घोषित 1 अरब डॉलर का यह वचन भारत की नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था में उसकी गहरी भागीदारी को दर्शाता है।

भारत के लिए रणनीतिक महत्व

1. स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाना:
यह कदम भारत के स्टार्टअप परिदृश्य में मौजूद ऋण वित्त की कमी को दूर करेगा, जो अब तक अधिकतर इक्विटी निवेश पर निर्भर रहा है।

2. संस्थापकों की स्वामित्व सुरक्षा:
गैर-इक्विटी पूंजी से स्टार्टअप्स अपने दीर्घकालिक दृष्टिकोण और रणनीति पर नियंत्रण बनाए रख सकते हैं, जिससे बाहरी निवेशकों का दबाव कम होगा।

3. आर्थिक प्रभाव:
यह पहल भारत की 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की स्टार्टअप अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा के अनुरूप है, जिसके तहत प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से 5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है।

स्थायी तथ्य

विवरण जानकारी
फंड आकार 1 अरब अमेरिकी डॉलर (₹8,880 करोड़ लगभग)
पूंजी का स्वरूप गैर-इक्विटी (ऋण आधारित)
उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स के लिए कार्यशील पूंजी व टर्म लोन
लक्ष्य चरण बीज चरण से लेकर IPO तक

पुनर्निर्मित सुगम्य भारत ऐप: दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने की दिशा में एक नया कदम

भारत के सुगम्य भारत अभियान (Accessible India Campaign) के अंतर्गत विकसित सुगम्य भारत ऐप को हाल ही में पुनर्निर्मित (revamp) किया गया है ताकि इसे अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और प्रभावशाली बनाया जा सके। यह ऐप दिव्यांगजन (Persons with Disabilities – PwDs) और वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है, जिससे वे सार्वजनिक स्थलों, परिवहन और सूचना प्रौद्योगिकी में पहुँच संबंधी समस्याओं की रिपोर्ट कर सकें और विभिन्न योजनाओं व संसाधनों की जानकारी प्राप्त कर सकें।

सुगम्य भारत ऐप के बारे में

  • यह ऐप वर्ष 2021 में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।

  • यह एक क्राउडसोर्सिंग प्लेटफ़ॉर्म है, जिसके माध्यम से नागरिक निर्माण, परिवहन प्रणाली और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) में मौजूद पहुँच बाधाओं की पहचान और समाधान के लिए रिपोर्ट कर सकते हैं।

  • यह ऐप भारत सरकार के सुगम्य भारत अभियान के तहत सार्वभौमिक पहुँच (Universal Accessibility) सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्य विशेषताएँ और नए सुधार 

  1. उपयोगकर्ता-अनुकूल डिज़ाइन 

    • सरल नेविगेशन, सुलभ ड्रॉप-डाउन मेनू, वीडियो ट्यूटोरियल्स और फ़ॉन्ट साइज, स्क्रीन रीडर व कलर कॉन्ट्रास्ट जैसी सहायक सुविधाएँ जोड़ी गई हैं।

  2. एआई-सक्षम चैटबॉट सहायता 

    • ऐप में अब एक चैटबॉट जोड़ा गया है जो उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में योजनाओं, शिकायत पंजीकरण और प्रक्रियाओं से संबंधित सहायता प्रदान करता है।

  3. जियो-टैग्ड शिकायत अपलोड 

    • उपयोगकर्ता अब अपनी शिकायतों के साथ स्थान की जानकारी और फ़ोटो अपलोड कर सकते हैं, जिससे संबंधित प्राधिकरण शीघ्र कार्रवाई कर सकें।

  4. नोटिफिकेशन और परिपत्र 

    • ऐप पर नई योजनाओं, पहल, शिकायत की स्थिति और सलाहों से संबंधित अपडेट प्राप्त किए जा सकते हैं।

  5. शिकायत ट्रैकिंग और रिमाइंडर 

    • उपयोगकर्ता अपनी शिकायतों की स्थिति देख सकते हैं, ईमेल अलर्ट प्राप्त कर सकते हैं और समाधान की प्रगति को वास्तविक समय में ट्रैक कर सकते हैं।

  6. बहुभाषीय समर्थन 

    • यह ऐप 23 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है और स्क्रीन रीडर, टेक्स्ट-टू-स्पीच जैसी सुलभ तकनीकों के साथ संगत है।

प्रयोग और प्रभाव 

  • 25 जून 2025 तक ऐप पर 14,358 पंजीकृत उपयोगकर्ता और 83,791 डाउनलोड दर्ज किए गए (82,291 एंड्रॉयड, 1,500 iOS)।

  • कुल 2,705 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1,897 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है।

  • ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर दोनों पर उपलब्ध है।

  • पुनर्निर्मित ऐप अब अधिक सहज, उत्तरदायी और संसाधन-संयुक्त है, जिससे दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों को वास्तविक सशक्तिकरण का अनुभव प्राप्त होगा।

संक्षिप्त तथ्य 

  • लॉन्च वर्ष: 2021

  • पुनर्निर्माण तिथि: 2025

  • विकसित किया गया: DEPwD, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा

  • उद्देश्य: सार्वभौमिक पहुँच और शिकायत समाधान

  • समर्थित भाषाएँ: 23 भारतीय भाषाएँ

  • डाउनलोड: 83,791 (जून 2025 तक)

पलाऊ में दुनिया का पहला लाइव अंडरवाटर इंटरव्यू आयोजित

इतिहास में पहली बार पलाऊ (Palau) के राष्ट्रपति सुरांगेल व्हिप्स जूनियर (Surangel Whipps Jr.) ने प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) की गहराइयों में लाइव अंडरवाटर इंटरव्यू किया। इस अनोखे प्रसारण में लाइ-फाई (Li-Fi) तकनीक का उपयोग किया गया, जो पारंपरिक रेडियो तरंगों के बजाय प्रकाश के माध्यम से डेटा संचारित करती है। इस इंटरव्यू का उद्देश्य महासागर संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के खतरों और पलाऊ जैसे छोटे द्वीपीय देशों के अस्तित्वगत संकटों पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना था।

अंडरवाटर इंटरव्यू और उसका संदेश

  • यह साक्षात्कार समुद्र के भीतर हुआ, जिसमें राष्ट्रपति सुरांगेल व्हिप्स जूनियर और समुद्री कार्यकर्ता मर्ल लीवांड (Merle Liivand) ने वास्तविक समय में बातचीत की।

  • इसमें प्रयुक्त Li-Fi तकनीक प्रकाश के माध्यम से डेटा संचारित करती है, जो पानी के भीतर संचार के लिए रेडियो तरंगों की तुलना में अधिक प्रभावी है।

  • इस अद्वितीय पहल के ज़रिए पलाऊ के नेतृत्व ने महासागरीय पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा, मूंगा भित्तियों (coral reefs) के क्षरण, समुद्र स्तर में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन के असमान प्रभावों पर वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित किया।

पलाऊ: प्रमुख तथ्य

  • स्थान: पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश

  • संरचना: लगभग 300 द्वीपों का समूह, कुल भूमि क्षेत्र लगभग 458 वर्ग किलोमीटर

  • भौगोलिक स्थिति: उत्तरी और पूर्वी गोलार्ध दोनों में फैला हुआ

  • सीमाएँ: माइक्रोनेशिया (पूर्व), इंडोनेशिया (दक्षिण), फिलीपींस (पश्चिम) और उत्तर में अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र

  • राजधानी: नगेरुलमुद (Ngerulmud) – विश्व की सबसे कम जनसंख्या वाली राजधानी

  • मुख्य शहर: कोरर (Koror) – देश का वाणिज्यिक केंद्र

  • आधिकारिक भाषाएँ: पलाऊअन और अंग्रेज़ी; साथ ही जापानी, सॉन्सोरोलीज़ और टोबियन भी बोली जाती हैं

  • स्वतंत्रता: वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र के अमेरिकी प्रशासित ट्रस्टीशिप से स्वतंत्र हुआ

  • अमेरिका से संबंध: “कॉम्पैक्ट ऑफ फ्री एसोसिएशन” समझौते के तहत अमेरिका रक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान करता है तथा सैन्य ठिकानों की स्थापना का अधिकार रखता है।

महत्व और निहितार्थ

  • यह विश्व का पहला अंडरवाटर इंटरव्यू केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि एक सशक्त प्रतीकात्मक कदम है।

  • इसने महासागर संरक्षण और जलवायु न्याय के लिए वैश्विक विमर्श को गहराई दी है, विशेष रूप से छोटे द्वीपीय देशों के संदर्भ में।

  • Li-Fi तकनीक के माध्यम से नवाचारपूर्ण संवाद का यह उदाहरण दर्शाता है कि आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग सामाजिक और पर्यावरणीय संदेशों के प्रसार में कैसे किया जा सकता है।

  • इस पहल ने पलाऊ की पहचान को महासागर के संरक्षक और जलवायु नेतृत्वकर्ता देश के रूप में और भी सशक्त किया है।

Economics Nobel 2025: जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को अर्थशास्त्र का नोबेल

अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार का ऐलान हो गया है. इस साल यह पुरस्कार जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को संयुक्त रूप से दिया गया है। यह पुरस्कार इनोवेशन ड्रिवन इकोनॉमिक ग्रोथ (Innovation-Driven Economic Growth) की अवधारणा को समझाने के लिए प्रदान किया गया। पिछले साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिन्सन को दिया गया था।

आर्थशास्त्र के नोबेल विजेताओं का कहां से नाता?

जोएल मोकिर अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। वहीं, फिलिप अघियन फ्रांस के कॉलेज डी फ्रांस और INSEAD और ब्रिटेन के द लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से ताल्लुक रखते हैं। पीटर हॉविट अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी से संबंध रखते हैं। इन्हें सतत विकास के लिए स्थितियों की पहचान करने के लिए वर्ष 2025 के लिए आर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है।

नोबेल समिति ने विजेताओं के बारे में क्या बताया?

नोबेल समिति ने बताया कि मोकिर ने “यह प्रदर्शित किया कि यदि नवाचारों को एक स्व-उत्पादक प्रक्रिया में एक-दूसरे का उत्तराधिकारी बनाना है, तो हमें न केवल यह जानना होगा कि कोई चीज कैसे काम करती है, बल्कि हमें यह भी जानना होगा कि ऐसा क्यों होता है।”

अघियन और हॉविट ने सतत विकास के पीछे के तंत्र का भी अध्ययन किया। इसमें 1992 का एक लेख भी शामिल है, जिसमें उन्होंने रचनात्मक विनाश नामक गणितीय मॉडल का निर्माण किया। इसमें बताया गया कि जब एक नया और बेहतर उत्पाद बाजार में प्रवेश करता है, तो पुराने उत्पाद बेचने वाली कंपनियां नुकसान में आ जाती हैं।

अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के बारे में

  • अर्थशास्त्र में नोबेल अब तक 99 व्यक्तियों को दिया गया है।
  • अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार 1968 में शुरू किया गया।
  • आर्थिक विज्ञान में यह पुरस्कार 1969 से अब तक 56 बार प्रदान किया जा चुका है।
  • आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति एस्तेर डुफ्लो थीं, जिनकी आयु 46 वर्ष थी।
  • आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार पाने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति 90 वर्ष की आयु में लियोनिद हर्विक्ज थे।

अर्थशास्त्र में नोबेल मेमोरियल प्राइज के आयोजनकर्ता रॉयल स्वीडिश सोसाइटी की ओर से इसके विजेता या विजेताओं के नाम का एलान किया गया। पिछले वर्ष का पुरस्कार तीन अर्थशास्त्रियों- डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन को दिया गया था।

Recent Posts

about | - Part 69_12.1