भारत की पहली अंतरिक्ष एआई लैब

हैदराबाद स्थित स्पेस टेक कंपनी टेकमी2स्पेस (TM2Space) भारत की पहली अंतरिक्ष स्थित AI प्रयोगशाला MOI-TD (My Orbital Infrastructure – Technology Demonstrator) को दिसंबर 2024 के मध्य में ISRO के PSLV C60 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह मिशन अंतरिक्ष में वास्तविक समय में डेटा प्रोसेसिंग को सक्षम करेगा, डेटा ट्रांसमिशन लागत को काफी हद तक कम करेगा, और अंतरिक्ष अनुसंधान को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाएगा।

प्रमुख साझेदारी

MOI-TD के विकास और परीक्षण में अहम भूमिका निभाई IN-SPACe टेक्निकल सेंटर, अहमदाबाद ने, जो निजी अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए सरकार की सिंगल-विंडो एजेंसी है। इस परियोजना का मूल्यांकन भारत में निजी अंतरिक्ष अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक सैटेलाइट परीक्षण सुविधाओं की भूमिका को उजागर करता है।

क्रांतिकारी अंतरिक्ष डेटा प्रोसेसिंग

MOI-TD सैटेलाइट संचालन में एक महत्वपूर्ण समस्या का समाधान करता है—डेटा ट्रांसमिशन में देरी और भारी संसाधन लागत।

  • पारंपरिक प्रणालियों के तहत, उपग्रहों द्वारा भेजे गए डेटा में से लगभग 40% अनुपयोगी होता है।
  • MOI-TD द्वारा इन-कक्षा डेटा प्रोसेसिंग के माध्यम से, वास्तविक समय में उपयोगी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जिससे विलंबता (latency) और लागत में भारी कमी आएगी।

अभिनव अनुप्रयोग और सुलभता

TM2Space का प्लेटफ़ॉर्म OrbitLab उपयोगकर्ताओं को—जिनमें शोधकर्ता से लेकर स्कूल के छात्र शामिल हैं—AI मॉडल अपलोड करने की सुविधा देता है।

  • इसके अनुप्रयोगों में पर्यावरण निगरानी, वनों की कटाई का पता लगाना, और ग्रीनहाउस गैस का विश्लेषण शामिल है।
  • प्रारंभिक भागीदार: एक प्रमुख मलेशियाई विश्वविद्यालय और भारतीय स्कूलों के छात्र, जो अंतरिक्ष अनुसंधान को लोकतांत्रिक बनाने की इस पहल की क्षमता को दर्शाते हैं।

तकनीकी विशेषताएँ

MOI-TD में अत्याधुनिक हार्डवेयर का उपयोग किया गया है:

  • रिएक्शन व्हील्स और मैग्नेटोरकर्स: उपग्रह की दिशा और स्थिरता नियंत्रित करने के लिए।
  • एडवांस्ड ऑनबोर्ड कंप्यूटर और AI एक्सेलेरेटर्स: तेज़ और कुशल डेटा प्रोसेसिंग के लिए।
  • फ्लेक्सिबल सोलर सेल और विकिरण सुरक्षा तकनीक: भविष्य में अंतरिक्ष आधारित डेटा केंद्रों की नींव रखने के लिए, जो पृथ्वी-आधारित प्रणालियों की तुलना में अधिक टिकाऊ माने जा रहे हैं।

उद्योगों और अन्वेषण पर भविष्य का प्रभाव

MOI-TD के माध्यम से कक्षा अनुसंधान में AI का उपयोग दूरसंचार, कृषि, और रक्षा जैसे क्षेत्रों को बदल सकता है।

  • हालांकि वर्तमान लागत अधिक है, यह परियोजना विकासशील और पर्यावरण के अनुकूल कक्षीय बुनियादी ढांचे के लिए आधार तैयार करती है।

आगे का रास्ता

MOI-TD भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, यह दिखाता है कि कैसे निजी कंपनियां, जैसे TM2Space, अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को पुनर्परिभाषित कर रही हैं। यह मिशन एक ऐसे भविष्य की ओर पहला कदम है, जहाँ अंतरिक्ष अन्वेषण और अनुप्रयोग अधिक समावेशी, अभिनव और प्रभावशाली होंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय संविधान के संस्कृत और मैथिली अनुवाद का अनावरण किया

26 नवंबर 2024 को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में भारतीय संविधान के संस्कृत और मैथिली अनुवाद का विमोचन किया। यह आयोजन भारत की भाषाई विरासत की समृद्धि का उत्सव था और संविधान को देश के मार्गदर्शक ढांचे के रूप में पुनः स्थापित करता है।

प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति

इस ऐतिहासिक अवसर पर, कई विशिष्ट गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे:

  • उपराष्ट्रपति और राज्यसभा अध्यक्ष: जगदीप धनखड़
  • प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी
  • लोकसभा अध्यक्ष: ओम बिरला
  • लोकसभा में विपक्ष के नेता: राहुल गांधी

यह कार्यक्रम नवनामित संविधान सदन (पूर्व में पुरानी संसद भवन) में आयोजित हुआ।

सभी अनुसूचित भाषाओं में संविधान का अनुवाद

भारत सरकार ने भारतीय संविधान को संविधान की 8वीं अनुसूची में सूचीबद्ध 22 अनुसूचित भाषाओं में अनुवादित करने का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह पहल समावेशिता के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे नागरिकों को उनकी मातृभाषा में संविधान समझने का अवसर मिलेगा।

मैथिली भाषा और अनुवाद

मैथिली, जो मुख्यतः बिहार, झारखंड और नेपाल के कुछ हिस्सों में बोली जाती है, अब उन भाषाओं में शामिल हो गई है जिनमें संविधान उपलब्ध है।

  • इस कदम का उद्देश्य मैथिलीभाषी नागरिकों को सशक्त बनाना और उन्हें उनके मूल भाषा में संवैधानिक सिद्धांतों को बेहतर ढंग से समझने में सहायता प्रदान करना है।

भारतीय संविधान के 75 वर्ष

  • भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने अपनाया और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
  • वर्ष 2024 इस ऐतिहासिक उपलब्धि का 75वां वर्षगांठ है।
  • 2015 से: 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

संविधान दिवस समारोह के मुख्य आकर्षण

स्थल और आयोजन

मुख्य कार्यक्रम संविधान सदन में आयोजित हुआ, जहाँ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया।

प्रस्तावना का वाचन

राष्ट्रपति मुर्मु ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे मूलभूत मूल्यों की पुनः पुष्टि की गई।

स्मारक वस्तुओं का विमोचन

  • स्मारक सिक्का और डाक टिकट: संविधान के 75वें वर्षगांठ को सम्मानित करने के लिए जारी।
  • पुस्तकें और पुस्तिकाएँ:
    • “भारतीय संविधान निर्माण: एक झलक”
    • “भारतीय संविधान निर्माण और उसकी गौरवशाली यात्रा”
    • भारतीय संविधान की कला पर एक पुस्तिका, जिसमें इसके सौंदर्य और कलात्मक पहलुओं को उजागर किया गया है।

संविधान के अनुवाद

  • संस्कृत अनुवाद: भारत की शास्त्रीय भाषाई विरासत का उत्सव।
  • मैथिली अनुवाद: मैथिली की सांस्कृतिक महत्ता को मान्यता।

“हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” अभियान

25 नवंबर 2024 को, राष्ट्रपति ने “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” नामक एक वर्षव्यापी अभियान की शुरुआत की।

उद्देश्य:

  • संविधान निर्माताओं के योगदान का सम्मान।
  • पूरे देश में संविधान के मूल मूल्यों को बढ़ावा देना।

संविधान का हिंदी अनुवाद

पृष्ठभूमि

  • भारतीय संविधान, जो विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, मूल रूप से अंग्रेज़ी में तैयार किया गया था।
  • लेकिन, इसे अधिक सुलभ बनाने की आवश्यकता महसूस की गई, जिससे हिंदी अनुवाद की मांग उठी।

अनुवाद समिति का गठन

  • संविधान सभा ने घनश्याम दास गुप्ता के नेतृत्व में 41 सदस्यों की अनुवाद समिति बनाई।
  • 24 जनवरी 1950 को, संविधान का हिंदी अनुवाद संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को प्रस्तुत किया गया।

महत्व

  • संविधान सभा के सदस्यों ने उसी दिन अंग्रेज़ी और हिंदी संस्करणों पर हस्ताक्षर किए, यह दिखाने के लिए कि हिंदी अनुवाद भी समान रूप से महत्वपूर्ण है।

हिंदी अनुवाद की संवैधानिक मान्यता

  • अनुच्छेद 394A: 58वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1987 के तहत हिंदी अनुवाद को अधिकृत पाठ का दर्जा दिया गया।
  • हिंदी अनुवाद को अंग्रेज़ी संस्करण के बराबर कानूनी वैधता प्राप्त है।
  • भारत के राष्ट्रपति को अधिकार है कि वे अंग्रेज़ी संस्करण और उसके संशोधनों का हिंदी अनुवाद प्रकाशित करें।

दिनेश भाटिया ब्राज़ील में भारत के अगले राजदूत नियुक्त

भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी श्री दिनेश भाटिया को ब्राजील में भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है। विदेश मंत्रालय ने 25 नवंबर, 2024 को इसकी घोषणा की। 1992 बैच के आईएफएस अधिकारी श्री भाटिया के पास व्यापक कूटनीतिक अनुभव है, उन्होंने कई देशों में सेवा की है और भारत तथा विदेश में विभिन्न प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं।

श्री दिनेश भाटिया के करियर की प्रमुख झलकियाँ:

वर्तमान नियुक्ति:

  • नवंबर 2024 में ब्राजील में भारत के अगले राजदूत के रूप में नियुक्ति।

वर्तमान भूमिका:

  • 21 अगस्त 2019 से अर्जेंटीना में भारत के राजदूत के रूप में कार्यरत।
  • 2022 तक उरुग्वे और पराग्वे में भी भारत के राजदूत के रूप में मान्यता प्राप्त।

पार्श्व कूटनीतिक नियुक्तियाँ:

  • कनाडा के टोरंटो में भारत के महावाणिज्यदूत।
  • कोटे डिवोआयर, गिनी और लाइबेरिया में भारत के राजदूत।
  • स्पेन (मैड्रिड), नेपाल (काठमांडू), और कुवैत में भारतीय मिशनों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।

भारत में सरकारी नियुक्तियाँ:

  • मुंबई में परमाणु ऊर्जा विभाग में कार्य हेतु नियुक्त।
  • भारत के पर्यटन मंत्री के निजी सचिव के रूप में कार्य किया।

प्रशिक्षण और शिक्षा:

  • लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA), मसूरी और विदेश सेवा संस्थान, नई दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
  • राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (NDC) के पूर्व छात्र।
  • LBSNAA में राष्ट्रीय सुरक्षा पर 4वीं संयुक्त नागरिक-मिलिट्री पाठ्यक्रम में भाग लिया।

शैक्षिक पृष्ठभूमि:

  • दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग।
  • भारतीय अभियंताओं के संस्थान के फेलो और इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरों के संस्थान के सदस्य।

पूर्व-नौकरशाही करियर:

  • IFS जॉइन करने से पहले निजी क्षेत्र में कार्य किया।

प्रकाशन:

  • “देवी पुराण—A Rendition of Srimad Devi Bhagavatam” (ब्लूम्सबरी, 2023) की रचना की।
  • “फिजिक्स फॉर सिविल सर्विसेज प्रिलिम्स” (1994) लिखा।

व्यक्तिगत जीवन:

  • श्री भाटिया की पत्नी, सीमा भाटिया, एक आयुर्वेदिक चिकित्सक, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और हिप्नोथेरेपिस्ट हैं।
  • एक बेटी और एक बेटे के पिता हैं।
Summary/Static Details
चर्चा में क्यों? भारत ने दिनेश भाटिया को ब्राज़ील का राजदूत नियुक्त किया
पिछली भूमिका अर्जेंटीना में भारत के राजदूत (2019-2024); उरुग्वे और पैराग्वे में नियुक्त (2022 तक)
विगत राजनयिक भूमिकाएँ महावाणिज्य दूत (टोरंटो), राजदूत (कोट डी आइवर, गिनी, लाइबेरिया), मैड्रिड, काठमांडू, कुवैत
सरकारी कार्यभार परमाणु ऊर्जा विभाग में सहायक, पर्यटन मंत्री के निजी सचिव

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में ऐतिहासिक सहकारी सम्मेलन का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ भी किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, भूटान के प्रधानमंत्री और फिजी के उप प्रधानमंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। यह सम्मेलन वैश्विक विकास में सहकारिता के महत्व को रेखांकित करता है, खासकर ग्रामीण आबादी, महिलाओं और किसानों के लिए।

मुख्य बिंदु

घटना का अवलोकन

  • वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 का उद्घाटन नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र का अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 भी लॉन्च किया।
  • इस अवसर पर स्मारक डाक टिकट जारी किया गया।
  • केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने प्रमुख संबोधन दिया।

प्रधानमंत्री मोदी की पहल

  • पीएम मोदी ने तीन साल पहले शुरू की गई थीम “सहकार से समृद्धि” पर जोर दिया।
  • भारत की सहकारी क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।
  • उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ ग्रामीण क्षेत्रों और कमजोर वर्गों की जिंदगी को बेहतर बनाएगा।

सरकार की सहकारी पहल

  • सहकारी समितियों के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करना।
  • सफेद क्रांति 2.0 और नीली क्रांति में सहकारी समितियों की भूमिका को प्राथमिकता।
  • सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना।
  • नई सहकारी नीति लागू करने की पहल ताकि सहकारी समितियों का विस्तार और वैश्विक सहयोग बढ़ सके।

वैश्विक प्रभाव

  • भारत का सहकारी मॉडल, जैसे IFFCO, KRIBHCO, और अमूल, दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
  • यह आंदोलन किसानों, महिलाओं और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने में सहायक होगा।

सारांश

श्रेणी विवरण
समाचार का कारण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 का उद्घाटन किया।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र का अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 लॉन्च किया।
स्मारक डाक टिकट इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति अमित शाह, भूटान के प्रधानमंत्री, फिजी के उप प्रधानमंत्री, ICA अध्यक्ष आदि।
पीएम मोदी का दृष्टिकोण “सहकार से समृद्धि” पर जोर, सहकारी आंदोलन को मजबूत करने पर ध्यान।
सहकारी पहलें
  • 2 लाख प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) की स्थापना।
  • सहकारी समितियों में तकनीकी सशक्तिकरण।
  • नए सहकारी निकायों का गठन। |
    | कानूनी और संरचनात्मक बदलाव | सहकारी क्षेत्र के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करना और एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करना। |

लैंगिक हिंसा के खिलाफ शिवराज सिंह चौहान ने ‘नयी चेतना’ अभियान शुरू किया

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली में “नई चेतना – पहल बदलाव की” राष्ट्रीय अभियान के तीसरे संस्करण का शुभारंभ किया। यह एक माह तक चलने वाला अभियान 23 दिसंबर, 2024 तक देशभर में आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करना, जागरूकता बढ़ाना, सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना और पीड़ितों के लिए सहायता तंत्र को मजबूत करना है।

यह अभियान दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

नई चेतना 3.0 अभियान के मुख्य बिंदु

शुभारंभ और मुख्य व्यक्ति

  • नई दिल्ली में श्री शिवराज सिंह चौहान ने अभियान का शुभारंभ किया।
  • कार्यक्रम में महिला और बाल विकास मंत्री, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री, श्री कमलेश पासवान एवं डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी उपस्थित थे।

अभियान के उद्देश्य

  1. लिंग आधारित हिंसा के सभी रूपों के प्रति जागरूकता फैलाना।
  2. समुदायों को हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने और कार्रवाई की मांग करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  3. पीड़ितों के लिए समय पर सहायता प्रदान करने वाले तंत्र को सुलभ बनाना।
  4. स्थानीय संस्थानों को हिंसा के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सशक्त बनाना।

अभियान के प्रमुख घटक

  • स्लोगन: “एक साथ, एक आवाज, हिंसा के खिलाफ।”
  • प्रमुख मंत्रियों द्वारा संयुक्त सलाह जारी की गई।
  • 13 राज्यों में 227 नए जेंडर रिसोर्स सेंटर्स का उद्घाटन।

महिला सशक्तिकरण पर जोर

  • श्री चौहान ने सामाजिक, शैक्षिक, राजनीतिक और आर्थिक आयामों में महिलाओं के सशक्तिकरण की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिए शून्य सहनशीलता की नीति अपनाने का आह्वान किया।
  • बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड की वकालत की।

सरकार और मंत्रालय का समर्थन

  • यह अभियान 9 मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से संपूर्ण-सरकार की पहल है।
  • महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय सहित अन्य मंत्रालयों की भागीदारी।

चुनौतियां और मुख्य क्षेत्र

  • ग्रामीण भारत में लिंग आधारित हिंसा जैसे शारीरिक, मानसिक और ऑनलाइन दुर्व्यवहार गंभीर समस्या बने हुए हैं।
  • ग्रामीण महिलाओं में से 49% अपनी आय पर नियंत्रण नहीं रख पातीं।
  • 32% महिलाएं महसूस करती हैं कि लैंगिक असमानता के कारण उनके अवसर सीमित हैं।

ग्रामीण स्तर पर सहभागिता

  • यह अभियान DAY-NRLM के तहत स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के नेटवर्क द्वारा संचालित किया जाता है।
  • शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समान रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है, विशेषकर भेदभाव, हिंसा और असमान कार्यभार जैसे मुद्दों पर।

शिवराज सिंह चौहान का व्यक्तिगत योगदान

  • श्री चौहान ने अपने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान महिलाओं के विकास के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं को याद किया।
  • उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि बलात्कार के 90% मामले परिचितों से जुड़े होते हैं, और इसके लिए व्यापक जन-जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया।

अभियान का महत्व:

यह अभियान सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है। इसका उद्देश्य एक ऐसा वातावरण तैयार करना है, जहां हर महिला सुरक्षित और सशक्त महसूस करे।

महिला अधिकारों के समर्थन में नई चेतना अभियान

महत्वपूर्ण बिंदु

  • श्री कमलेश पासवान और डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी जैसे मंत्रियों ने महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा और स्वतंत्रता पर जोर दिया।
  • डॉ. पेम्मासानी ने कहा कि लैंगिक हिंसा किसी भी सीमा को नहीं मानती और यह दुनिया भर में महिलाओं को प्रभावित करती है।
  • कई मामले भय और कलंक के कारण रिपोर्ट नहीं किए जाते।

अभियान का सारांश

श्रेणी विवरण
समाचार का कारण नई चेतना – पहल बदलाव की (3.0) अभियान।
मुख्य व्यक्ति श्री शिवराज सिंह चौहान (केंद्रीय मंत्री), श्रीमती अन्नपूर्णा देवी (महिला एवं बाल विकास मंत्री), श्री कमलेश पासवान, डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी
अभियान की अवधि एक माह (23 दिसंबर 2024 तक)।
आयोजक निकाय दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)
स्लोगन “एक साथ, एक आवाज, हिंसा के खिलाफ”।
उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, कार्रवाई को प्रोत्साहित करना, संस्थानों को सशक्त बनाना और पीड़ितों के लिए सहायता प्रदान करना।
नई पहल 13 राज्यों में 227 जेंडर रिसोर्स सेंटरों का उद्घाटन।
सरकार की भागीदारी महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, गृह मंत्रालय सहित 9 मंत्रालयों/विभागों की भागीदारी।
केंद्रित क्षेत्र जागरूकता, सशक्तिकरण, आर्थिक स्वतंत्रता, कानूनी सहायता, हिंसा के प्रति शून्य सहनशीलता।
ग्रामीण फोकस विशेष ध्यान ग्रामीण भारत पर:

 

दिल्ली सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए पोर्टल लॉन्च किया

दिल्ली सरकार ने अपनी वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 80,000 वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने की घोषणा की है, जिससे इस योजना के कुल लाभार्थियों की संख्या अब 5.3 लाख हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की सामाजिक कल्याण की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया, जिससे आवेदन प्रक्रिया को अधिक सुलभ बनाया जा सके। इस योजना का उद्देश्य पेंशन वितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और अधिक वरिष्ठ नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाना है।

वृद्धावस्था पेंशन योजना के प्रमुख बिंदु

घोषणा

  • 80,000 अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा।
  • कुल लाभार्थी अब 5.3 लाख हो गए हैं।
  • 24 नवंबर को वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवेदन करने हेतु एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया।

पात्रता मानदंड

  1. आयु: आवेदक की आयु कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए।
  2. निवास: आवेदक को पिछले 5 वर्षों से दिल्ली का निवासी होना चाहिए।
  3. आय: वार्षिक पारिवारिक आय 1 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
  4. बैंक खाता: आवेदक का एक मान्य बैंक खाता होना आवश्यक है।
  5. अन्य सरकारी पेंशन नहीं: आवेदक को किसी अन्य सरकारी योजना से पेंशन या वित्तीय सहायता नहीं मिल रही हो।
  6. आधार कार्ड: दिल्ली पते के साथ आवेदक के पास आधार कार्ड होना चाहिए।

पेंशन राशि

  1. 60-69 वर्ष: ₹2,000 प्रति माह।
  2. 70 वर्ष और उससे अधिक: ₹2,500 प्रति माह।
  3. विकलांग व्यक्ति: ₹5,000 प्रति माह (जल्द शुरू की जाएगी)।

आवेदन प्रक्रिया

  • वरिष्ठ नागरिक दिल्ली सरकार के ई-पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं।
  • पोर्टल 24 नवंबर को लॉन्च किया गया था और अब तक 10,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

सारांश

श्रेणी विवरण
समाचार में क्यों? वृद्धावस्था पेंशन योजना में 80,000 नए लाभार्थी शामिल।
कुल लाभार्थी 5.3 लाख वरिष्ठ नागरिक।
अतिरिक्त लाभार्थी 80,000 नए वरिष्ठ नागरिक।
पेंशन (60-69 वर्ष) ₹2,000 प्रति माह।
पेंशन (70+ वर्ष) ₹2,500 प्रति माह।
विकलांग पेंशन ₹5,000 प्रति माह (जल्द शुरू)।
पात्रता 60+ आयु, 5 साल का दिल्ली निवासी, ₹1 लाख से कम आय, बैंक खाता, अन्य सरकारी पेंशन नहीं,

13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी IPL इतिहास में बने सबसे युवा खिलाड़ी

बिहार के 13 वर्षीय क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल नीलामी में साइन किए जाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बनकर इतिहास रच दिया है। जेद्दा में आईपीएल 2025 मेगा नीलामी के दूसरे दिन, राजस्थान रॉयल्स ने सूर्यवंशी को ₹1.10 करोड़ की भारी भरकम कीमत पर खरीदा, जिसमें दिल्ली कैपिटल्स को एक गर्म बोली युद्ध में हराया। इस अविश्वसनीय उपलब्धि ने सूर्यवंशी को भारतीय क्रिकेट में उभरते सितारे के रूप में मजबूती से सुर्खियों में ला दिया है।

प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट यात्रा
कृषकता से जुनून
2011 में जन्मे वैभव सूर्यवंशी ने महज 4 साल की उम्र में क्रिकेट के प्रति अपनी जबरदस्त रुचि दिखानी शुरू की। उनके पिता, संजीव सूर्यवंशी, ने इस जूनून को पहचानते हुए अपने घर के पिछवाड़े में एक छोटा क्रिकेट मैदान बना दिया, ताकि उनके बेटे की प्रतिभा को निखारा जा सके।

प्रशिक्षण और शुरुआती सफलता
9 साल की उम्र में वैभव ने समस्तीपुर, बिहार में एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया। उनके कोच और साथियों ने जल्द ही पहचान लिया कि वैभव की क्रिकेट क्षमता उनकी उम्र से कहीं अधिक थी। महज 12 साल की उम्र में उन्होंने बिहार की ओर से कई प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में भाग लिया, जिनमें विनू मांकड ट्रॉफी भी शामिल थी, जहां उन्होंने 5 मैचों में कुल 400 रन बनाए।

वैभव के करियर के महत्वपूर्ण मील के पत्थर
सबसे कम उम्र में फर्स्ट क्लास डेब्यू
जनवरी 2023 में वैभव ने रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप बी मैच में बिहार की ओर से मुंबई के खिलाफ फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पदार्पण किया। महज 12 साल और 284 दिन की उम्र में उन्होंने ये रिकॉर्ड बनाया:
– 1986 के बाद से सबसे कम उम्र में भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पदार्पण करने वाले खिलाड़ी।
– बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी।

उत्कृष्ट U-19 प्रदर्शन
वैभव की अद्भुत यात्रा तब और तेज़ हुई जब उन्होंने नवंबर 2023 में आंध्र प्रदेश के मुलापाडु में इंडिया बी U-19 टीम के लिए खेला। इस सीरीज़ में उनके प्रदर्शन ने उन्हें आईपीएल स्काउट्स का ध्यान आकर्षित किया, खासकर बांगलादेश और इंग्लैंड U-19 टीम के खिलाफ।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार पारी
सितंबर 2024 में, वैभव ने भारत U-19 की ओर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में एक युवा टेस्ट मैच में पदार्पण किया। उन्होंने केवल 62 गेंदों में 104 रन बनाकर यह साबित कर दिया कि वह दबाव में भी शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।

IPL 2025 में ऐतिहासिक साइनिंग
IPL 2025 मेगा ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने वैभव सूर्यवंशी को ₹1.10 करोड़ में खरीदा, जिससे वह आईपीएल इतिहास के सबसे युवा खिलाड़ी बने, जिन्हें अब तक किसी टीम ने साइन किया है। दिल्ली कैपिटल्स को हराते हुए यह बड़ी सफलता उनके लिए एक ऐतिहासिक पल साबित हुई।

IPL 2025 नीलामी: रिकॉर्ड तोड़ने वाला इतिहास

नीलामी की जंग
वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल 2025 मेगा नीलामी में सबसे युवा खिलाड़ी के रूप में प्रवेश किया। उनकी प्रतिभा और संभावनाओं ने राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच एक कड़ी प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया। अंततः राजस्थान रॉयल्स ने ₹1.10 करोड़ में उन्हें अपने नाम किया, जो आईपीएल इतिहास में एक ऐतिहासिक पल साबित हुआ।

ऐतिहासिक उपलब्धि
13 साल और 243 दिन की उम्र में, वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे युवा खिलाड़ी बन गए, जिन्हें किसी टीम ने साइन किया। उनकी चयन से न केवल उनकी क्रिकेटिंग क्षमताओं को सराहा गया, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सितारे बनने की उनकी संभावना को भी पहचाना गया।

उपलब्धियां और रिकॉर्ड्स
भारत U-19 चयन: वैभव के लगातार शानदार प्रदर्शन ने उन्हें भारत U-19 टीम में जगह दिलाई।
विनू मांकड ट्रॉफी: उन्होंने 5 मैचों में 400 रन बनाकर बिहार के लिए खुद को एक प्रमुख खिलाड़ी साबित किया।
युवाओं के खिलाफ टेस्ट मैच डेब्यू: ऑस्ट्रेलिया U-19 के खिलाफ चेन्नई में खेले गए टेस्ट मैच में उन्होंने केवल 62 गेंदों में 104 रन की शानदार पारी खेली।
रणजी ट्रॉफी रिकॉर्ड: 12 साल और 284 दिन की उम्र में, वैभव ने रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया, और 1986 के बाद से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पदार्पण करने वाले सबसे युवा भारतीय बने।

समाचार का सारांश

श्रेणी विवरण
समाचार में क्यों 13 साल के वैभव सूर्यवंशी आईपीएल नीलामी में सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स को पछाड़ते हुए उन्हें ₹1.10 करोड़ में खरीदा।
प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट यात्रा वैभव ने 4 साल की उम्र में क्रिकेट के प्रति अपनी रुचि दिखानी शुरू की। उनके पिता ने घर पर क्रिकेट के लिए एक छोटा सा मैदान बनाया, और 9 साल की उम्र में उन्होंने एक क्रिकेट अकादमी जॉइन की।
फर्स्ट क्लास डेब्यू 12 साल और 284 दिन की उम्र में, वैभव ने रणजी ट्रॉफी में बिहार के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया, और 1986 के बाद सबसे युवा भारतीय बने।
U-19 प्रदर्शन नवंबर 2023 में उन्होंने भारत बी U-19 टीम के लिए खेलते हुए बांगलादेश और इंग्लैंड U-19 के खिलाफ सीरीज में हिस्सा लिया।
युवाओं के खिलाफ टेस्ट मैच डेब्यू 2024 में, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया U-19 के खिलाफ चेन्नई में एक टेस्ट मैच में 62 गेंदों में 104 रन बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
आईपीएल 2025 नीलामी आईपीएल नीलामी में सबसे युवा खिलाड़ी के रूप में वैभव का पंजीकरण हुआ। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें दिल्ली कैपिटल्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद खरीदा।
ऐतिहासिक उपलब्धि 13 साल और 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल इतिहास में साइन किए जाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने।
मुख्य उपलब्धियां
– भारत U-19 टीम चयन
– विनू मांकड ट्रॉफी में 5 मैचों में 400 रन
– रणजी ट्रॉफी में 37 वर्षों में सबसे युवा डेब्यू
– ऑस्ट्रेलिया U-19 के खिलाफ टेस्ट मैच में शतक

संविधान दिवस 2024: जानें सबकुछ

भारत हर वर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस या ‘समविधान दिवस’ मनाता है, जो 1949 में भारतीय संविधान के अंगीकरण की याद में है। यह ऐतिहासिक दिन न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व के उन मूल्यों को सम्मानित करने का अवसर है, जो भारत के लोकतंत्र की नींव हैं। 2024 में भारत 75वां संविधान दिवस मना रहा है, जो राष्ट्र के मार्गदर्शन करने वाली उन परिवर्तनकारी यात्रा और आदर्शों को सम्मानित करता है।

तारीख और ऐतिहासिक संदर्भ
संविधान दिवस 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा संविधान के अंगीकरण की याद में मनाया जाता है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ—जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2015 में इस दिन को ‘समविधान दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था, जो डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 125वीं जयंती के साथ मेल खाता है।

संविधान का महत्व
संविधान दिवस का उद्देश्य संविधान के मूल्यों को समझने और उन्हें कायम रखने का महत्व बताना है, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व शामिल हैं। यह नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है, साथ ही एकता और नागरिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देता है।

डॉ. बी.आर. अंबेडकर को श्रद्धांजलि
डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान का “जनक” माना जाता है। उनके दृष्टिकोण से संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं था, बल्कि यह भारत के सामाजिक-राजनीतिक आकांक्षाओं का प्रतिबिंब था। उनका प्रसिद्ध कथन, “संविधान केवल एक वकील का दस्तावेज़ नहीं है; यह जीवन का एक वाहन है, और इसका आत्मा हमेशा उस युग की आत्मा होती है”, इसके स्थायी प्रासंगिकता को उजागर करता है।

राष्ट्रीय आत्मनिरीक्षण
संविधान दिवस नागरिकों को भारत की लोकतांत्रिक यात्रा पर विचार करने और समावेशी, प्रगतिशील और समान समाज बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकरण करने के लिए प्रेरित करता है। यह सक्रिय नागरिक भागीदारी के महत्व को भी रेखांकित करता है।

भारतीय संविधान का निर्माण यात्रा

आवश्यकता का ढांचा
भारत की स्वतंत्रता संग्राम ने यह स्पष्ट किया कि एक सशक्त ढांचे की आवश्यकता है, जो सभी नागरिकों के लिए न्याय, समानता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करे। 1935 का भारत सरकार अधिनियम एक आधार के रूप में था, लेकिन इसमें एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य के लिए आवश्यक प्रावधान नहीं थे।

संविधान सभा का गठन
संविधान सभा का गठन दिसंबर 1946 में कैबिनेट मिशन योजना के तहत हुआ, जिसमें 389 सदस्य थे, जिन्हें विभाजन के बाद घटाकर 299 कर दिया गया। प्रमुख सदस्य थे डॉ. बी.आर. अंबेडकर, पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद।

संविधान का मसौदा तैयार करना
मसौदा समिति, जिसकी अध्यक्षता डॉ. अंबेडकर ने की, ने प्रारंभिक मसौदा तैयार किया। संविधान सभा ने इस मसौदे पर 11 सत्रों में विचार किया, जो 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन तक चला। 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अंगीकार किया, और भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया।

भारतीय संविधान की विशेषताएँ
कठोरता और लचीलापन का मिश्रण
भारतीय संविधान में कठोरता और लचीलापन दोनों के तत्व हैं, जो इसे अनोखा बनाता है। इसे ब्रिटिश, अमेरिकी और आयरिश संविधान से प्रेरणा मिली है।

व्यापक और समावेशी
संविधान के प्रारंभ में इसमें शामिल थे:

  • 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में व्यवस्थित थे।
  • 8 अनुसूचियाँ, जो प्रशासनिक विवरणों को बताती थीं।

प्रगतिशील दृष्टिकोण
संविधान भारत के समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करते हुए उनके कर्तव्यों को भी महत्व देता है।

संविधान दिवस 2024 का उत्सव और अवलोकन
देशभर में आयोजन
संविधान दिवस को मनाने के लिए निम्नलिखित आयोजनों का आयोजन किया जाता है:

  • स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थाओं में संविधान के मूल्यों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समारोह।
  • संसद में संविधान सभा के योगदान को सम्मानित करने के लिए विशेष सत्र।
  • संविधान की उद्देशिका का सार्वजनिक पाठ और संविधानिक आदर्शों पर चर्चा।

75वाँ संविधान दिवस
यह महत्वपूर्ण अवसर भारत की संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में प्रगति को उजागर करता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर पुनः बल दिया जाता है।

भारतीय संविधान की धरोहर
भारतीय संविधान एक जीवित दस्तावेज़ है, जिसे 105 संशोधनों के माध्यम से समय-समय पर राष्ट्र की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपडेट किया गया है। यह भारत के लोकतंत्र, विविधता और समानता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो पीढ़ियों को इसके सिद्धांतों को अपनाने और सम्मानित करने के लिए प्रेरित करता है।

संविधान दिवस 2024: भारत का 75वां संविधान दिवस

आधार विवरण
खबर में क्यों है भारत 26 नवम्बर 2024 को 75वां संविधान दिवस मना रहा है, जो 1949 में संविधान की अंगीकरण के दिन को स्मरण करता है।
अवधि 26 नवम्बर, हर वर्ष संविधान दिवस (सम्विधान दिवस) के रूप में मनाया जाता है।
ऐतिहासिक संदर्भ संविधान को 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकार किया गया, और 26 जनवरी 1950 को यह प्रभावी हुआ (गणतंत्र दिवस)।
संविधान दिवस का घोषणा 2015 में इसे औपचारिक रूप से संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया था, ताकि डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को सम्मानित किया जा सके और उनकी 125वीं जयंती के साथ मेल खा सके।
महत्व – संविधानिक मूल्यों, अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
– भारत के लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में यात्रा पर विचार करना।
– डॉ. भीमराव अंबेडकर, भारतीय संविधान के “पिता” के दृष्टिकोण को सम्मानित करना।
संविधान की प्रमुख विशेषताएँ – यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें शुरू में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ थीं।
– कठोरता और लचीलापन का संगम।
– वैश्विक ढाँचों से प्रेरणा लिया गया।
संविधान निर्माण यात्रा – संविधान सभा का गठन दिसंबर 1946 में हुआ।
– डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा अध्यक्षता की गई और मसौदा समिति की अध्यक्षता डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने की।
– इसे अंतिम रूप देने में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन लगे।
2024 में उत्सव – संविधान की उद्देशिका का सार्वजनिक पाठ।
– स्कूलों और कॉलेजों में शैक्षिक कार्यक्रम।
– संसद में विशेष सत्र।
– न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को बढ़ावा देने के लिए देशभर में विशेष ध्यान।

केनरा एचएसबीसी लाइफ ने अंडरराइटिंग को बदलने के लिए ओमनीजेन एआई का अनावरण किया

Canara HSBC Life Insurance ने OmniGen AI नामक एक नई जनरेटिव AI समाधान पेश किया है, जिसका उद्देश्य अंडरराइटिंग में जोखिम मूल्यांकन को अनुकूलित करना है। यह अभिनव प्रणाली Amazon Web Services (AWS) पर अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करती है, जो अंडरराइटर्स को डेटा के व्यापक सेट पर आधारित तेज़ और सटीक निर्णय लेने में सक्षम बनाती है। इस प्रणाली का उद्देश्य त्रुटियों को कम करना, निरंतरता में सुधार करना और पॉलिसी जारी करने की प्रक्रिया को तेज़ करना है।

OmniGen AI समाधान की मुख्य विशेषताएँ:

  1. जनरेटिव AI-पावर्ड अंडरराइटिंग: OmniGen AI अंडरराइटर्स के लिए सहायक के रूप में कार्य करता है, जो अंडरराइटिंग दिशानिर्देशों, जोखिम प्रोफाइलों और मॉडल परिणामों का विश्लेषण करके जटिल कार्यों को स्वचालित करता है। इससे तेज़, निष्पक्ष निर्णय लेने में मदद मिलती है, साथ ही मैन्युअल निर्णयों में होने वाली गलतियों को कम किया जाता है।
  2. सुधारित जोखिम मूल्यांकन: उन्नत एल्गोरिदम जोखिम प्रोफाइलों में रुझानों और पैटर्नों की पहचान करने में मदद करते हैं, जिससे अंडरराइटिंग निर्णयों की सटीकता में सुधार होता है। इस समाधान से मैन्युअल हस्तक्षेप में कमी आती है, जिससे जोखिम मूल्यांकन अधिक सटीक और लगातार रहता है।
  3. स्केलेबल और प्रभावी प्रसंस्करण: यह प्रणाली अंडरराइटिंग समय को काफी हद तक घटा देती है और नीति के उच्च वॉल्यूम को संभालने की क्षमता प्रदान करती है, जबकि सटीकता और गति बनाए रखती है। इसका परिणाम ऑपरेशनल लागत और बैक-एंड वर्कलोड में कमी के रूप में होता है।

उद्योग की चुनौतियों का समाधान:

  1. पारंपरिक अंडरराइटिंग की सीमाएँ: पारंपरिक अंडरराइटिंग प्रक्रियाएँ अक्सर धीमी गति से काम करती हैं, मानव पक्षपाती निर्णय और गलतियों का सामना करती हैं, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले मामलों में। OmniGen AI इन चुनौतियों को संबोधित करता है, मशीन लर्निंग और जनरेटिव AI के माध्यम से धोखाधड़ी का पता लगाने और जोखिम प्रोफाइलिंग को स्वचालित करता है।
  2. ग्राहक-केंद्रित नवाचार: जनरेटिव AI का उपयोग करते हुए, यह समाधान पॉलिसी खरीदने से लेकर दावा निपटान तक एक सहज अनुभव सुनिश्चित करता है। यह नवाचार Canara HSBC Life Insurance के ग्राहक केंद्रित, चपलता, और सहयोग के मूल मूल्यों को दर्शाता है।

रणनीतिक दृष्टिकोण और भविष्य की विस्तार योजना:

Canara HSBC Life Insurance का लक्ष्य अपने संचालन में जनरेटिव AI का उपयोग और भी बढ़ाना है, जिससे ग्राहक परिणामों और व्यावसायिक मूल्य में सुधार हो सके। कंपनी का उद्देश्य बीमा प्रक्रियाओं को और अधिक चपल, सुसंगत और प्रभावी बनाना है, जिससे इसकी वृद्धि की दिशा को तेज़ किया जा सके और सर्विस ऑफ़रिंग्स में सुधार किया जा सके।

समाचार का सारांश:

मुख्य बिंदु विवरण
समाचार में क्यों Canara HSBC Life Insurance ने OmniGen AI नामक जनरेटिव AI-आधारित समाधान लॉन्च किया है, जो AWS का उपयोग करके अंडरराइटिंग में जोखिम मूल्यांकन को अनुकूलित करता है।
प्रयुक्त तकनीक जनरेटिव AI, जो Large Language Models (LLMs) द्वारा संचालित है और AWS पर होस्ट किया गया है।
मुख्य कार्य जोखिम मूल्यांकन और अंडरराइटिंग निर्णयों में सटीकता और गति को बढ़ाता है।
मुख्य विशेषताएँ जोखिम मूल्यांकन को स्वचालित करता है, मैन्युअल त्रुटियों को कम करता है, और निर्णयों में निरंतरता प्रदान करता है।
लाभ अंडरराइटिंग समय को घटाता है, ऑपरेशनल लागत को कम करता है, और पॉलिसी प्रसंस्करण के लिए स्केलेबिलिटी बढ़ाता है।
मुख्य मूल्य ग्राहक केंद्रितता, चपलता, जिम्मेदारी, सहयोग।
कंपनी का अवलोकन 2008 में स्थापित, गुरुग्राम, हरियाणा में मुख्यालय; भारत भर में 100 से अधिक शाखाएं।
प्रवर्तक और शेयरधारक Canara Bank (51%), HSBC Insurance (26%), Punjab National Bank (23%)।
मुख्य व्यापार मॉडल बैंकोसुरेंस-आधारित, जीवन, स्वास्थ्य, रिटायरमेंट, और क्रेडिट लाइफ उत्पादों के साथ विभिन्न चैनलों पर।
टैगलाइन/दर्शन “Promises Ka Partner।”

एसएंडपी ग्लोबल ने भारत के जीडीपी और मुद्रास्फीति अनुमानों में संशोधन किया

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.8% पर स्थिर रखा है, जबकि वित्त वर्ष 2026 के लिए इसे घटाकर 6.7% कर दिया (पहले 6.9% था)। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 4.6% कर दिया है। यह वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य मुद्रास्फीति और जलवायु कारकों जैसे बदलते वर्षा पैटर्न और गर्मी की लहरों के कारण कृषि आपूर्ति झटकों को दर्शाती है।

आर्थिक विकास का परिदृश्य

  • वित्त वर्ष 2025:
    • एसएंडपी ने 6.8% वृद्धि के अनुमान को बरकरार रखा।
    • स्थिर पीएमआई (Purchasing Manager Indices) आर्थिक विस्तार का संकेत देते हैं।
    • हालांकि, उच्च ब्याज दरें और घटा हुआ सरकारी व्यय शहरी मांग को प्रभावित कर रहे हैं।
  • वित्त वर्ष 2026:
    • वृद्धि का अनुमान घटाकर 6.7% किया गया।
    • यह कटौती वैश्विक चुनौतियों और निर्माण क्षेत्र की मंदी जैसे घरेलू कारकों को दर्शाती है।

मुद्रास्फीति रुझान और आरबीआई की नीति

  • वित्त वर्ष 2025 की मुद्रास्फीति:
    • 4.5% से बढ़ाकर 4.6% किया गया।
    • कारण: कृषि आपूर्ति झटके, खाद्य मुद्रास्फीति का उच्च योगदान (46%)।
  • आरबीआई की नीति:
    • आरबीआई के लिए खाद्य मुद्रास्फीति अप्रत्याशित बन गई है, जिससे मौद्रिक नीति में जटिलता आई है।
    • चालू वित्त वर्ष में आरबीआई द्वारा सिर्फ एक बार रेपो रेट कटौती की संभावना।
    • रेपो रेट फरवरी 2023 से 6.5% पर स्थिर।
  • वित्त वर्ष 2026 की मुद्रास्फीति:
    • अनुमान 4.6% से घटाकर 4.4% किया गया।

क्षेत्रीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य

  • एशिया-प्रशांत:
    • कमजोर वैश्विक मांग और अमेरिकी व्यापार नीतियों से क्षेत्रीय वृद्धि प्रभावित।
    • चीन का वित्त वर्ष 2026 का जीडीपी अनुमान 4.5% से घटाकर 3.8% किया गया।
  • भारत की स्थिति:
    • हालिया आर्थिक मंदी के बावजूद, आरबीआई को वित्त वर्ष 2025 में 7.2% वृद्धि की उम्मीद।

व्यापक प्रभाव

  • मजबूत और स्थिर वृद्धि:
    भारत की अर्थव्यवस्था ने चुनौतियों के बावजूद स्थिर वृद्धि बनाए रखी है।
  • चुनौतियां:
    मुद्रास्फीति दबाव, वैश्विक व्यापार की चुनौतियां, और जलवायु आधारित कृषि झटके
  • संतुलन की आवश्यकता:
    विकास और मूल्य स्थिरता के बीच आरबीआई को संतुलन बनाना होगा।

समाचार का सारांश

मुख्य बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में? एसएंडपी ग्लोबल ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.8% पर बरकरार रखा, लेकिन वित्त वर्ष 2026 के लिए इसे 6.9% से घटाकर 6.7% कर दिया।
वित्त वर्ष 2025 जीडीपी अनुमान 6.8%
वित्त वर्ष 2026 जीडीपी अनुमान 6.7% (पहले 6.9%)
वित्त वर्ष 2025 मुद्रास्फीति अनुमान 4.5% से बढ़ाकर 4.6% किया गया।
वित्त वर्ष 2026 मुद्रास्फीति अनुमान 4.6% से घटाकर 4.4% किया गया।
आरबीआई रेपो रेट 6.5% (फरवरी 2023 से लगातार 10 बार अपरिवर्तित)।
मुद्रास्फीति बास्केट का भार खाद्य सामग्री का योगदान 46%
आरबीआई का मुद्रास्फीति लक्ष्य 4% ± 2% (सरकार द्वारा निर्धारित)।
वृद्धि में बाधाएं उच्च ब्याज दर, घटा हुआ राजकोषीय खर्च, जलवायु-आधारित खाद्य आपूर्ति झटके।
एशिया-प्रशांत परिदृश्य कमजोर वैश्विक मांग और अमेरिकी व्यापार नीतियों के कारण धीमी वृद्धि।
चीन का 2026 जीडीपी अनुमान 4.5% से घटाकर 3.8%
पिछला वित्त वर्ष वृद्धि (भारत) 8.2%
आरबीआई का वित्त वर्ष 2025 वृद्धि अनुमान 7.2%

 

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