शेखा नासिर अल नौवैस संयुक्त राष्ट्र पर्यटन का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं

लैंगिक समानता और वैश्विक पर्यटन क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए शेखा नासिर अल नौवैस (Shaikha Nasser Al Nowais) को यूएन टूरिज़्म (UN Tourism) की पहली महिला प्रमुख नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति की पुष्टि स्पेन के सेगोविया शहर में आयोजित 123वें यूएन टूरिज़्म कार्यकारी परिषद सत्र के दौरान की गई, और इसे जल्द ही संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) द्वारा औपचारिक रूप से अनुमोदित किया जाएगा। वे जनवरी 2026 में चार वर्ष के कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करेंगी, जिससे संगठन की स्थापना (1975) के बाद 50 वर्षों की परंपरा टूटेगी।

50 साल की बाधा को तोड़ने वाली नियुक्ति

शेखा नासिर अल नौवैस की नियुक्ति अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। वे संयुक्त राष्ट्र की उस विशेषीकृत एजेंसी का नेतृत्व करेंगी जो जिम्मेदार, सतत और सार्वभौमिक रूप से सुलभ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य करती है।

  • यूएई की प्रतिक्रिया: संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने इस नियुक्ति को महिला सशक्तिकरण और वैश्विक सहयोग के प्रति यूएई की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।

  • समर्पण: अल नौवैस ने अपनी उपलब्धि को हिज हाईनेस शैखा फातिमा बिंत मुबारक को समर्पित किया, जिन्हें उन्होंने एमिराती महिलाओं की प्रेरणा और समर्थन का स्तंभ बताया।

एक अग्रणी एमिराती नेता

16 वर्षों से अधिक के पेशेवर अनुभव के साथ, शेखा नासिर अल नौवैस ने व्यवसाय और पर्यटन दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है —

  • कॉरपोरेट वाइस प्रेसिडेंट, रोटाना होटल्स

  • अध्यक्ष, अबू धाबी चैंबर की टूरिज़्म वर्किंग ग्रुप

  • सदस्य, अबू धाबी बिजनेसवुमन काउंसिल

उनकी विशेषज्ञता कॉरपोरेट गवर्नेंस, रणनीतिक विकास और पर्यटन प्रबंधन में है, जिससे वे यूएन टूरिज़्म को वैश्विक चुनौतियों के बीच नवाचार, समावेशन और सतत विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए सक्षम हैं।

वैश्विक पर्यटन के लिए दृष्टि 

यूएन टूरिज़्म की महासचिव (Secretary-General) के रूप में, शैखा अल नवाइस ने “पांच स्तंभों वाली दृष्टि” (Five-Pillar Vision) प्रस्तुत की है —

  1. जिम्मेदार पर्यटन (Responsible Tourism): पर्यावरण-सचेत और टिकाऊ यात्रा प्रथाओं को बढ़ावा देना।

  2. डिजिटल नवाचार (Digital Innovation): पर्यटन क्षेत्र में एआई और तकनीकी अपनाने को प्रोत्साहित करना।

  3. सतत वित्तपोषण (Sustainable Financing): पर्यटन ढाँचे और विकास में वैश्विक निवेश को सुदृढ़ करना।

  4. युवा और महिला सशक्तिकरण (Youth & Women Empowerment): उद्योग में कम प्रतिनिधित्व वाले वर्गों के लिए अवसर बढ़ाना।

  5. पारदर्शी शासन (Transparent Governance): जवाबदेही और वैश्विक पर्यटन प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं को सुनिश्चित करना।

उनका नेतृत्व समावेशिता, नवाचार और स्थिरता के नए वैश्विक मानक स्थापित करने की उम्मीद जगाता है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय शासन में यूएई की नेतृत्व भूमिका और महिला भागीदारी को और मजबूत करेगा।

मुख्य तथ्य 

  • कार्यकाल की अवधि: 4 वर्ष (जनवरी 2026 से प्रारंभ)

  • पुष्टि: 123वां यूएन टूरिज़्म कार्यकारी परिषद सत्र, सेगोविया, स्पेन

  • पूर्व भूमिकाएँ: रोटाना होटल्स में कॉरपोरेट वाइस प्रेसिडेंट, अबू धाबी चैंबर की टूरिज़्म वर्किंग ग्रुप की अध्यक्ष, अबू धाबी बिजनेसवुमन काउंसिल की सदस्य

  • दृष्टि का केंद्रबिंदु: जिम्मेदार पर्यटन, डिजिटल नवाचार, सतत वित्तपोषण, युवा एवं महिला सशक्तिकरण, और पारदर्शी शासन

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को खेल नगरी के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा

भारत के खेल बुनियादी ढांचे को मज़बूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, नई दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (JLN) को अब एक आधुनिक स्पोर्ट्स सिटी के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। खेल मंत्रालय द्वारा घोषित इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत, मौजूदा स्टेडियम परिसर को एक अत्याधुनिक बहु-खेल केंद्र में बदलने का प्रस्ताव है, जिसमें एथलीटों के लिए आवासीय सुविधाएँ भी शामिल होंगी। यह पहल भारत की उस दीर्घकालिक दृष्टि को आगे बढ़ाती है, जिसके तहत विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वातावरण तैयार कर खिलाड़ियों के समग्र विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

पुनर्विकास में क्या शामिल है

यह प्रस्तावित परियोजना 102 एकड़ क्षेत्र में फैले मौजूदा स्टेडियम परिसर के पूर्ण पुनर्निर्माण को शामिल करती है। योजना की मुख्य विशेषताएँ हैं —

  • मौजूदा स्टेडियम संरचना को पूरी तरह तोड़कर आधुनिक रूप में पुनर्निर्माण।

  • कई खेल विधाओं के लिए सुविधाओं वाला एकीकृत खेल परिसर का निर्माण।

  • एथलीटों के लिए आवासीय सुविधाएँ, ताकि प्रशिक्षण, पुनर्प्राप्ति और निवास एक ही स्थान पर संभव हो सके।

  • इनडोर और आउटडोर एरेना, अभ्यास मैदान, उच्च प्रदर्शन केंद्र और दर्शक-अनुकूल स्थानों का विकास।

हालांकि यह परियोजना अभी प्रस्ताव चरण में है, लेकिन इसे कतर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के सफल स्पोर्ट्स सिटी मॉडल्स के अनुरूप तैयार करने पर विचार किया जा रहा है।

वर्तमान स्थिति और चुनौतियाँ

  • फिलहाल परियोजना की योजना और मूल्यांकन का कार्य जारी है; समयसीमा और लागत का विस्तृत विवरण अभी तय नहीं हुआ है।

  • विकास कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा ताकि वर्तमान गतिविधियाँ बाधित न हों।

  • खेल महासंघों, शहरी नियोजन निकायों, एथलीटों और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग और समन्वय अत्यंत आवश्यक होगा।

  • परियोजना की सततता, पर्यावरणीय प्रभाव और विरासत संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा।

संभावित लाभ

खिलाड़ियों के लिए:

  • अत्याधुनिक और केंद्रीकृत प्रशिक्षण, विश्राम और प्रदर्शन सुधार सुविधाएँ।

  • चिकित्सा, पोषण और मनोवैज्ञानिक सहायता के साथ उच्च प्रदर्शन वातावरण।

जनता और शहर के लिए:

  • नागरिकों के लिए खेल और मनोरंजन सुविधाओं तक बेहतर पहुंच।

  • सामुदायिक आयोजन, विद्यालयी खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अवसर।

प्रमुख स्थिर तथ्य

  • स्टेडियम: जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (JLN), नई दिल्ली

  • परियोजना का प्रकार: बहु-खेल स्पोर्ट्स सिटी के रूप में संपूर्ण पुनर्विकास

  • क्षेत्रफल: 102 एकड़

  • मुख्य विशेषताएँ: मल्टी-स्पोर्ट एरेना, एथलीट आवास, प्रशिक्षण और पुनर्प्राप्ति क्षेत्र

  • स्थिति: प्रस्ताव चरण; समयसीमा और लागत तय नहीं

  • अंतरराष्ट्रीय मॉडल: कतर और ऑस्ट्रेलिया की स्पोर्ट्स सिटी परियोजनाएँ

धर्मेंद्र की Biography: जानें उनके जीवन, करियर और कुल संपत्ति के बारे में

धर्मेंद्र ने 60 के दशक में अपने अभिनय का सफर शुरू किया था। वह बॉलीवुड में सबसे ज्यादा हिट फिल्में देने वाले कलाकार हैं। पंजाब के एक गांव से निकलकर वह मायानगरी आए और अपने अभिनय से सबके दिलों में छा गए। 6 दशक तक फिल्मों में अभिनय करने वाले धर्मेंद्र ने अपने करियर में लगभग 300 से ज्यादा फिल्में कीं। इस दौरान उन्होंने हर तरह के किरदारों को बड़े पर्दे पर उतारा।

धर्मेंद्र, जिन्हें स्नेहपूर्वक बॉलीवुड के “ही-मैन” के नाम से जाना जाता है, भारत के सबसे प्रसिद्ध और दीर्घकालिक अभिनेताओं में से एक हैं। पंजाब के एक छोटे से गाँव से लेकर सुपरस्टार बनने तक का उनका सफ़र मेहनत, प्रतिभा और आकर्षण की अद्भुत कहानी है। यह लेख धर्मेंद्र के प्रारंभिक जीवन, फ़िल्मी करियर, पुरस्कारों और संपत्ति पर प्रकाश डालता है — एक ऐसे महान कलाकार के जीवन का उत्सव मनाते हुए, जिन्होंने भारतीय सिनेमा के स्वर्ण युग को अपनी अदाकारी से अमर बना दिया।

दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र अस्पात में भर्ती हैं। वे 89 साल के हैं और तबीयत बिगड़ने पर 10 नवंबर 2025 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, जहां रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें वेंटिलेट पर रखा गया है। फिल्मों में अलग पहचान बनाने वाले अमिनेता की नेटवर्थ की बात करें, तो ये करीब 450-500 करोड़ रुपये के आसपास बताई जाती है।

इतनी संपत्ति

रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मेंद्र ने जब 1960 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी, तो उन्हें पहली फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ के लिए महज 51 रुपये की रकम मिली थी। धर्मेंद्र की संपत्ति के बारे में बात करें, तो ये 450-500 करोड़ रुपये के आस-पास बताई जाती है। इसमें फिल्मों से होने वाली कमाई के अलावा ब्रांड एंडोर्समेंट और बिजनेस इन्वेस्टमेंट से होने वाली इनकम भी शामिल है। गौरतलब है कि उनके नाम से एक रेस्टोरेंट चेन भी चती है, जो Garam-Dharam के नाम से संचालित है। ये रेस्टोरेंट कई शहरों में मौजूद हैं। इसके अलावा भी उन्होंने कई निवेश किये हैं।

लग्जीरियश लाइफस्टाइल

धर्मेंन्द्र अपनी लग्जीरियश लाइफस्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं। उनके पास जहां मुंबई में शानदार घर है, तो खंडाला के लोनावाला में उनका आलीशान फॉर्महाउ भी है। ये 100 एकड़ के आस-पास फैला हुआ है और इसकी झलक आए दिन धर्मेंद्र सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते थे। इसमें सभी लग्जरी सुविधाएं मौजूद हैं।

धर्मेंद्र के कार कलेक्शन

धर्मेंद्र के कार कलेक्शन की बात करें, तो इसमें कई महंगी और लग्जरी कारें शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके कलेक्शन में मर्सिडीज-बेंज S-Class, मर्सिडीज बेंज SL500 और लैंड रोवर रेंज रोवर जैसे महंगी कारें हैं।

धर्मेंद्र की आयु

धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर, 1935 को हुआ था। अब 2025 में, उनकी आयु 89 वर्ष है। भारतीय सिनेमा में उनका करियर लंबा और सफल रहा है, उन्होंने 300 से ज़्यादा फ़िल्मों में अभिनय किया है, और उन्हें बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित अभिनेताओं में से एक के रूप में याद किया जाता है।

धर्मेंद्र का शुरुआती जीवन

पंजाब के लुधियाना जिले के एक गांव नासराली में धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को हुआ था। धर्मेंद्र का पूरा नाम धर्मेंद्र केवल कृष्ण देओल था। पिता का नाम केवल कृष्ण और मां का सतवंत कौर था। धर्मेंद्र का शुरुआती जीवन सानेहवाल गांव में ही गुजरा, सरकारी स्कूल से पढ़ाई-लिखाई हुई थी। इसी स्कूल के हेडमास्टर उनके पिता थे। धर्मेंद्र ने पंजाब यूनिवर्सिटी से धर्मेंद्र से अपनी हायर एजुकेशन पूरी की थी। फिल्मफेयर मैगजीन ने एक न्यू टैलेंट कॉम्पिटिशन करवाया जिसके विजेता धर्मेंद्र बने थे। इसके बाद अभिनय करने की चाहत लिए वह मुंबई चले आए थे।

धर्मेंद्र ने किस फिल्म से डेब्यू किया

1960 में फिल्म ‘दिल भी मेरा हम भी तेरे’ से बॉलीवुड में धर्मेंद्र ने डेब्यू किया था। फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली। इसके बाद वह फिल्म ‘शोला और शबनम’ में नजर आए थे, इस फिल्म को मनचाही सफलता मिली। आगे चलकर धर्मेंद्र ने ‘अनपढ़’, ‘बंदिनी’, ‘आई मिलन की बेला’, ‘हकीकत’, ‘फूल और पत्थर’, ‘ममता’, ‘अनुपमा’, ‘इज्जत’, ‘आंखें’, ‘शिखर’, ‘मंझली दीदी’, ‘चंदन का पालना’, ‘मेरे हमदम मेरे दोस्त’, ‘दो रास्ते’, ‘सत्यकाम’, ‘आदमी और इंसान’ जैसे हिट और उम्दा फिल्में दीं।

शोले में निभाया ‘वीरू’ का किरदार

धर्मेंद्र ने अपने करियर में लगभग 300 फिल्में की थीं लेकिन फिल्म ‘शोले’ उनके करियर की सबसे यादगार फिल्म थी। इस फिल्म में उनका निभाया वीरू का किरदार अमर हो चुका है। धर्मेंद्र का नाम लेने पर सबसे पहले यही किरदार दर्शकों को याद आता है। हाल ही में इस फिल्म ने अपनी गोल्डन जुबली पूरी की है।

धर्मेंद्र का निजी जीवन

धर्मेंद्र अपनी फिल्मों के कारण ही नहीं अपने निजी जीवन के कारण भी काफी चर्चा में रहते थे। धर्मेंद्र ने दो शादी की थीं। पहली शादी कम उम्र में ही प्रकाश कौर से हुई थी। प्रकाश कौर और धर्मेंद्र के दो बेटे और दो बेटियां हैं, सनी देओल और बॉबी देओल। पिता की विरासत को बॉबी और सनी ने आगे बढ़ाया है, दाेनों ही बॉलीवुड के चर्चित एक्टर्स हैं। धर्मेंद्र और प्रकाश कौर की बेटियों के नाम अजीता और विजीता हैं। साल 1980 में धर्मेंद्र ने एक्ट्रेस हेमा मालिनी से दूसरी शादी की थी। हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की दो बेटियां हैं, एशा और अहाना। एशा ने कुछ वक्त फिल्मों में काम किया, वहीं अहाना कभी एक्टिंग की दुनिया में नहीं आईं।

धर्मेंद्र को मिले अवॉर्ड-एचीवमेंट्स

साल 2012 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। धर्मेंद्र की प्रोड्यूस फिल्म ‘घायल’ को साल 1990 में बेस्ट पॉपुलर फिल्म का नेशनल अवाॅर्ड मिला था। इस फिल्म में उनके बेटे सनी देओल ने लीड रोल किया था। धर्मेंद्र को साल 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट्स अवॉर्ड मिला था। वहीं 1991 में उनकी प्रोड्यूस फिल्म ‘घायल’ को बेस्ट फिल्म का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।

सितंबर तिमाही में बेरोजगारी दर 5.4 से घटकर 5.2 पर आई

भारत के श्रम बाज़ार में वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई–सितंबर) के दौरान थोड़ा सुधार दर्ज किया गया। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में बेरोज़गारी दर घटकर 5.2% रह गई, जो पहली तिमाही (अप्रैल–जून 2025) के 5.4% से कम है। यह सुधार मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों और महिला श्रमिकों में बेहतर रोज़गार अवसरों के कारण देखा गया।

तिमाही तुलना: बेरोज़गारी दर (Unemployment Rate)

अवधि बेरोज़गारी दर
Q1 2025 (अप्रैल–जून) 5.4%
Q2 2025 (जुलाई–सितंबर) 5.2%

यह डेटा Current Weekly Status (CWS) पद्धति पर आधारित है, जो सात दिन की संदर्भ अवधि में रोजगार की स्थिति मापती है।

शहरी–ग्रामीण अंतर

क्षेत्र बेरोज़गारी दर
ग्रामीण क्षेत्र 4.4%
शहरी क्षेत्र 6.9%
  •  ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार की स्थिति बेहतर रही, जहाँ कृषि, मनरेगा जैसी सरकारी योजनाएँ और मौसमी कार्यों ने श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया।
  • शहरी इलाकों में बेरोज़गारी अभी भी अपेक्षाकृत अधिक बनी हुई है।

महिलाओं की श्रम भागीदारी में वृद्धि

तिमाही महिला श्रम भागीदारी दर
Q1 2025 33.4%
Q2 2025 33.7%

महिलाओं की भागीदारी में 0.3 प्रतिशत अंक की वृद्धि दर्ज की गई — यह धीरे-धीरे लेकिन सतत सुधार का संकेत है। यह बदलाव महिला सशक्तिकरण और औपचारिक–अनौपचारिक क्षेत्रों में अवसरों की बढ़ती पहुँच को दर्शाता है।

श्रम बल भागीदारी दर (LFPR)

  • Q2 2025: 55.1%

  • Q1 2025: 55.0%

यह सूचक बताता है कि कार्यशील आयु वर्ग के अधिक लोग या तो नौकरी कर रहे हैं या काम की तलाश में हैं।

मुख्य कारण

  • महामारी के बाद आर्थिक स्थिरीकरण

  • सरकारी रोजगार योजनाएँ (जैसे PMEGP, MGNREGA)

  • कृषि व निर्माण क्षेत्र में मौसमी रोजगार

  • डिजिटल एवं गिग अर्थव्यवस्था में अवसरों का विस्तार

मुख्य परीक्षा बिंदु

सूचक मान
भारत की कुल बेरोज़गारी दर (15+) 5.2% (Q2 2025)
ग्रामीण बेरोज़गारी 4.4%
शहरी बेरोज़गारी 6.9%
महिला श्रम भागीदारी 33.7%
श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 55.1%
डेटा स्रोत MoSPI – PLFS (CWS)

भारत–श्रीलंका सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति-2025’ शुरु, जानें सबकुछ

भारत और श्रीलंका ने 10 नवम्बर 2025 को सैन्य अभ्यास “मित्र शक्ति–2025” (Mitra Shakti XI) का 11वाँ संस्करण कर्नाटक के बेलगावी स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में आरंभ किया। यह अभ्यास 23 नवम्बर 2025 तक चलेगा। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग और परिचालन समन्वय को सुदृढ़ करना है। यह अभ्यास आतंकवाद विरोधी अभियानों, उप-पारंपरिक युद्धक रणनीतियों और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों (UN Peacekeeping) के परिदृश्यों पर केंद्रित है।

मित्र शक्ति क्या है?

मित्र शक्ति भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच आयोजित एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है, जिसकी शुरुआत दोनों देशों के बीच उप-पारंपरिक युद्ध (sub-conventional warfare), विशेष रूप से आतंकवाद और विद्रोह-रोधी अभियानों में समन्वय बढ़ाने हेतु की गई थी। यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत आयोजित होता है, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रवर्तन उपायों की अनुमति देता है। वर्षों से यह अभ्यास दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग का प्रतीक बन चुका है और उनके रणनीतिक साझेदारी संबंधों को और मजबूत करता है।

मित्र शक्ति 2025 के प्रमुख बिंदु

अवधि और स्थान

  • तिथि: 10 से 23 नवम्बर 2025

  • स्थान: फॉरेन ट्रेनिंग नोड, बेलगावी (कर्नाटक)

भाग लेने वाली सेनाएँ

  • भारतीय दल: 170 सैनिक, मुख्यतः राजपूत रेजिमेंट से

  • श्रीलंकाई दल: 135 सैनिक, गजाबा रेजिमेंट से

  • अतिरिक्त रूप से, भारतीय वायुसेना के 20 और श्रीलंकाई वायुसेना के 10 कर्मी भी शामिल हैं।

प्रशिक्षण का फोकस

अभ्यास का मुख्य उद्देश्य बहुराष्ट्रीय शांति अभियानों के वातावरण में उप-पारंपरिक सैन्य अभियानों का सिमुलेशन करना है। इसमें शामिल प्रमुख गतिविधियाँ हैं —

  • सर्च एंड डेस्टॉय मिशन

  • हेलिबोर्न ऑपरेशन

  • काउंटर-टेरर रेड्स

  • कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग

  • ड्रोन और एंटी-ड्रोन ऑपरेशन

  • हेलिपैड सुरक्षा तथा घायलों की निकासी (casualty evacuation) अभ्यास में आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन (AMAR) और योग सत्र भी शामिल हैं, जो सैनिकों के शारीरिक व मानसिक संतुलन पर बल देते हैं।

आधुनिक युद्ध कौशल और तकनीक

इस संस्करण की विशेषता ड्रोन और काउंटर–अनमैन्ड एरियल सिस्टम (C-UAS) का उपयोग है, जो आधुनिक युद्धक्षेत्रों में निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया और खतरे के निष्प्रभावीकरण के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। हेलीकॉप्टर और हेलिबोर्न अभियानों का प्रयोग शहरी एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में होने वाले वास्तविक आतंकवाद-रोधी अभियानों की परिस्थितियों को दर्शाता है।

मुख्य तथ्य 

तथ्य विवरण
अभ्यास का नाम मित्र शक्ति – 2025
संस्करण 11वाँ
तिथियाँ 10–23 नवम्बर 2025
स्थान फॉरेन ट्रेनिंग नोड, बेलगावी (कर्नाटक)
भारतीय रेजिमेंट राजपूत रेजिमेंट
श्रीलंकाई रेजिमेंट गजाबा रेजिमेंट

भारत-वियतनाम संयुक्त पनडुब्बी बचाव सहायता पर सहमत: इसका क्या अर्थ है?

भारत और वियतनाम ने पनडुब्बी खोज और बचाव सहयोग पर पारस्परिक सहायता हेतु समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह महत्वपूर्ण समझौता 15वें भारत–वियतनाम रक्षा नीति संवाद (Defence Policy Dialogue) के दौरान हनोई में हुआ, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और वियतनाम के उप रक्षा मंत्री वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल होआंग जुआन चीएन ने की। इस समझौते का उद्देश्य पनडुब्बी से जुड़ी आपात स्थितियों में त्वरित सहायता और सहयोग सुनिश्चित करना है। इसी अवसर पर रक्षा उद्योग सहयोग पर एक आशय पत्र (Letter of Intent – LoI) पर भी हस्ताक्षर किए गए।

मुख्य उद्देश्य और फोकस क्षेत्र

1. पनडुब्बी खोज एवं बचाव सहयोग (Submarine Search and Rescue MoA)

यह समझौता दोनों देशों के बीच पनडुब्बी दुर्घटनाओं या आपात स्थितियों में सहयोग के लिए एक औपचारिक ढाँचा तैयार करता है। इसके अंतर्गत शामिल हैं —

  • समन्वित खोज और बचाव अभियान

  • आवश्यक कर्मियों, उपकरणों और तकनीकी विशेषज्ञता की तैनाती

  • संयुक्त प्रशिक्षण और साझा प्रोटोकॉल, जिससे परिचालन तत्परता सुनिश्चित हो सके

2. रक्षा उद्योग सहयोग (Defence Industry Collaboration)

आशय पत्र (LoI) का उद्देश्य रक्षा निर्माण, प्रौद्योगिकी साझेदारी और संभावित संयुक्त विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देना है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक महत्व

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती पनडुब्बी गतिविधियों के बीच यह समझौता समुद्री सुरक्षा और पारस्परिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। यह दोनों नौसेनाओं को आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है और आपसी विश्वास और सामंजस्य को बढ़ावा देता है।

भारत–वियतनाम व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मज़बूती

यह समझौता भारत–वियतनाम के व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) को और गहरा करता है। इससे रक्षा और समुद्री सहयोग दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख स्तंभ के रूप में उभर रहे हैं। यह पहल भारत की “एक्ट ईस्ट नीति” और वियतनाम की क्षेत्रीय समुद्री भूमिका के अनुरूप है।

पनडुब्बी अभियानों में क्षमता निर्माण

यह समझौता दोनों देशों के रक्षा संबंधों की तकनीकी परिपक्वता और रणनीतिक गहराई को दर्शाता है। इससे संयुक्त प्रशिक्षण, सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान और भविष्य में पनडुब्बी बचाव तकनीक और नौसैनिक डिज़ाइन में सहयोग की संभावनाएँ खुलती हैं।

मुख्य तथ्य 

तथ्य विवरण
कार्यक्रम 15वाँ भारत–वियतनाम रक्षा नीति संवाद
तिथि नवम्बर 2025
स्थान हनोई, वियतनाम
भारतीय प्रतिनिधि रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह
वियतनामी प्रतिनिधि उप रक्षा मंत्री वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल होआंग जुआन चीएन
मुख्य समझौते पनडुब्बी खोज एवं बचाव सहयोग पर MoA
रक्षा उद्योग सहयोग पर LoI

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2025: भारत के शिक्षा और एकता के अग्रदूत को श्रद्धांजलि

भारत में हर वर्ष 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है। यह दिन भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है — जो आधुनिक भारतीय शिक्षा प्रणाली के प्रमुख शिल्पकारों में से एक थे। यह दिवस शिक्षा, ज्ञान और राष्ट्रनिर्माण के प्रति उनके समर्पण को सम्मानित करता है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की घोषणा मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) ने सितम्बर 2008 में की थी।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस?

हर वर्ष 11 नवम्बर को मौलाना आज़ाद के जन्मदिन पर यह दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर देशभर के विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं —

  • शिक्षा सुधारों पर सेमिनार और वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ

  • निबंध लेखन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएँ, ताकि साक्षरता को बढ़ावा दिया जा सके

  • कार्यशालाएँ और जन-जागरूकता रैलियाँ, जो शिक्षा के अधिकार पर बल देती हैं

इस दिवस का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार, आधुनिक चुनौतियों पर विचार और सभी के लिए शिक्षा के संवैधानिक अधिकार को दोहराना है।

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: ज्ञान और दृष्टि के प्रतीक

  • जन्म: 11 नवम्बर 1888, मक्का (सऊदी अरब)

  • आज़ाद न केवल स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक दूरदर्शी शिक्षाविद, पत्रकार और चिंतक भी थे।

  • उन्होंने उर्दू साप्ताहिक “अल-हिलाल” (1912) और “अल-बलाघ” की स्थापना की, जो स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रवादी विचारों के सशक्त माध्यम बने।

  • केवल 35 वर्ष की आयु में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्षों में से एक बने (1923)।

  • स्वतंत्रता के बाद (1947–1958) उन्होंने भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया और देश की शिक्षा नीति की नींव रखी।

मौलाना आज़ाद के प्रमुख योगदान

मौलाना आज़ाद ने स्वतंत्र भारत की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उनके कुछ प्रमुख योगदान —

  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की स्थापना

  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु को प्रोत्साहन

  • अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) को सशक्त किया

  • वयस्क साक्षरता, वैज्ञानिक शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा दिया

  • साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी और संगीत नाटक अकादमी की स्थापना कर भारतीय कला, साहित्य और संस्कृति को प्रोत्साहित किया

उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 1992 में मरणोपरांत “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्यों मौलाना आज़ाद के नाम पर मनाया जाता है?

मौलाना आज़ाद का मानना था कि सच्ची स्वतंत्रता तभी संभव है जब हर नागरिक शिक्षित हो। वे शिक्षा को केवल अकादमिक उपलब्धि नहीं, बल्कि रचनात्मकता, चिंतनशीलता और सामाजिक जागरूकता के माध्यम से राष्ट्र की प्रगति का आधार मानते थे।

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस बनाम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

  • राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (भारत): 11 नवम्बर

  • अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस (UN): 24 जनवरी
    (संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित)

2025 का वैश्विक विषय:
AI and Education: Preserving Human Agency in a World of Automation
(“कृत्रिम बुद्धिमत्ता और शिक्षा: स्वचालन के युग में मानवीय स्वतंत्रता की रक्षा”)

दोनों दिवसों का उद्देश्य समान है — सभी के लिए समान, गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करना, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 4 (SDG 4) से जुड़ा है।

मुख्य तथ्य: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2025

विवरण जानकारी
तिथि 11 नवम्बर 2025
अवसर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
समर्पित व्यक्तित्व मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (जन्म: 11 नवम्बर 1888)
प्रथम आयोजन वर्ष 2008
आयोजक मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार
मुख्य उद्देश्य मौलाना आज़ाद के योगदान को सम्मानित करना और सबके लिए शिक्षा को बढ़ावा देना
प्रमुख संस्थान UGC, IITs, IISc, AICTE, साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी
सम्मान भारत रत्न (1992, मरणोपरांत)
अंतरराष्ट्रीय दिवस 24 जनवरी (UN द्वारा घोषित)

लाल किला विस्फोट 2025 – पूरी घटना का अवलोकन

दिल्ली में 10 नवम्बर 2025 को एक भयानक बम विस्फोट ने राजधानी को हिला दिया। यह धमाका पुरानी दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ, जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। विस्फोट के तुरंत बाद पुलिस, एनआईए और आपातकालीन टीमें मौके पर पहुंचीं और पूरे क्षेत्र को घेर लिया। चाँदनी चौक और लाल किला जैसे व्यस्त इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घायलों को नजदीकी एलएनजेपी अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां आपात स्थिति घोषित कर दी गई। चश्मदीदों के अनुसार, धमाका लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर खड़ी एक कार में हुआ, जिससे आग और धुआँ तेजी से फैल गया। सुरक्षा एजेंसियाँ देर रात तक मौके पर जांच कर रही हैं, जबकि आईईडी और आतंकी कनेक्शन की भी जांच जारी है। दिल्ली और मुंबई में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, और पूरा देश इस हादसे की ताज़ा जानकारी पर नज़र बनाए हुए है।

लाल किले में विस्फोट में वास्तव में क्या हुआ था?

शाम करीब 6:50 बजे दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जोरदार बम विस्फोट हुआ, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। यह धमाका उस समय हुआ जब आसपास की सड़कों पर दफ्तर से लौट रहे लोग और खरीददारों की भारी भीड़ थी। चश्मदीदों के अनुसार, विस्फोट के कुछ ही मिनटों में छह गाड़ियाँ और तीन ऑटो रिक्शा जलकर खाक हो गए। चाँदनी चौक और लाल किला क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई, पुलिस सायरन बजाते हुए मौके पर पहुँची और पूरे इलाके को घेर लिया। एनआईए और दिल्ली पुलिस की फॉरेंसिक टीमें तुरंत जांच के लिए घटनास्थल पर पहुँच गईं और सबूत जुटाने में लग गईं। यह कार ब्लास्ट हाल के वर्षों में दिल्ली में हुआ सबसे गंभीर आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसके बाद राजधानी में उच्च सतर्कता (हाई अलर्ट) घोषित कर दी गई है।

दिल्ली धमाके में हताहतों की संख्या

रात तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, एलएनजेपी समेत प्रमुख अस्पतालों ने पुष्टि की कि दिल्ली बम विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है, और अस्पतालों में पीड़ितों के परिजनों की भीड़ लगी हुई है जो ताज़ा खबरों का इंतजार कर रही है। डॉक्टरों के अनुसार, यह हाल के वर्षों में दिल्ली का सबसे भयानक हमला माना जा रहा है।

विस्फोट के कारणों की जांच जारी

फिलहाल दिल्ली पुलिस और एनआईए ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए विस्फोट के कारणों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। प्रारंभिक जांच में आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) या किसी अन्य शक्तिशाली विस्फोटक के इस्तेमाल की आशंका जताई गई है। सूत्रों के अनुसार, यह धमाका किसी बड़े आतंकी षड्यंत्र से जुड़ा हो सकता है, क्योंकि इसी दिन फरीदाबाद में विस्फोटक सामग्री का एक जखीरा भी बरामद किया गया था। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, और एक संदिग्ध व्यक्ति से पूछताछ जारी है। लाल किला विस्फोट की असली वजह और इसके पीछे की मंशा का पता लगाने के लिए जांच एजेंसियाँ लगातार काम कर रही हैं।

लाल किला धमाके के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट

लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए बम विस्फोट के बाद दिल्ली को उच्चतम सतर्कता (हाई अलर्ट) पर रखा गया है। राजधानी के सभी प्रमुख स्थलों, मेट्रो स्टेशनों और अस्पतालों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। लाल किला, चाँदनी चौक और मेट्रो स्टेशन के आसपास का ट्रैफिक सुरक्षा कारणों से डायवर्ट कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस बीच एनडीटीवी, ज़ी न्यूज़, इंडिया टीवी जैसे समाचार चैनल लगातार लाइव अपडेट दे रहे हैं, जबकि सोशल मीडिया पर #RedFortBlast और #DelhiNews जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। पूरे दिल्ली में तनाव का माहौल है, और लोग हर नई खबर का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

भारत में आगामी चुनाव 2025-2029: चुनाव वाले राज्यों और उनके चुनाव वर्षों की पूरी सूची

भारत का राजनीतिक परिदृश्य 2025 से 2029 के बीच कई अहम चुनावी घटनाओं से भरा रहेगा। दिल्ली और बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव इस राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करेंगे, जबकि तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, गुजरात जैसे बड़े राज्यों में अगले वर्षों में चुनाव होंगे। ये चुनाव न केवल क्षेत्रीय नेतृत्व का फैसला करेंगे बल्कि आने वाले 2029 के आम चुनावों (लोकसभा चुनाव) की दिशा भी तय करेंगे।

भारत का राजनीतिक रोडमैप (2025–2029)

आने वाले वर्षों में देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे जो राष्ट्रीय राजनीति के भविष्य को आकार देंगे।
2025 में दिल्ली और बिहार, फिर क्रमशः दक्षिण, पूर्व और उत्तर भारत के राज्यों में चुनावी लहर चलेगी।

यह दौर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी INDIA ब्लॉक दोनों के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित होगा, जिससे 2029 के लोकसभा चुनावों की रणनीति प्रभावित होगी।

भारत में आगामी चुनाव 2025–2029 (वर्षवार सारांश)

राज्य / क्षेत्र वर्तमान कार्यकाल राज्यसभा सीटें संभावित चुनाव अवधि
दिल्ली 24 फ़रवरी 2020 – 23 फ़रवरी 2025 3 फ़रवरी–मार्च 2025
बिहार 23 नवम्बर 2021 – 22 नवम्बर 2025 16 अक्टूबर–नवम्बर 2025
असम 21 मई 2021 – 20 मई 2026 7 अप्रैल–मई 2026
केरल 24 मई 2021 – 23 मई 2026 9 अप्रैल–मई 2026
तमिलनाडु 11 मई 2021 – 10 मई 2026 18 अप्रैल–मई 2026
पश्चिम बंगाल 8 मई 2021 – 7 मई 2026 16 अप्रैल–मई 2026
पुडुचेरी 16 जून 2021 – 15 जून 2026 1 मई–जून 2026
गोवा 15 मार्च 2022 – 14 मार्च 2027 1 फ़रवरी–मार्च 2027
मणिपुर 14 मार्च 2022 – 13 मार्च 2027 1 फ़रवरी–मार्च 2027
पंजाब 17 मार्च 2022 – 16 मार्च 2027 7 फ़रवरी–मार्च 2027
उत्तर प्रदेश 23 मई 2022 – 22 मई 2027 31 अप्रैल–मई 2027
गुजरात 12 दिसम्बर 2022 – 11 दिसम्बर 2027 11 नवम्बर–दिसम्बर 2027
हिमाचल प्रदेश 12 दिसम्बर 2022 – 11 दिसम्बर 2027 3 नवम्बर–दिसम्बर 2027
छत्तीसगढ़ 5 दिसम्बर 2023 – 4 दिसम्बर 2028 5 नवम्बर–दिसम्बर 2028
मध्य प्रदेश 5 दिसम्बर 2023 – 4 दिसम्बर 2028 11 नवम्बर–दिसम्बर 2028
राजस्थान 5 दिसम्बर 2023 – 4 दिसम्बर 2028 10 नवम्बर–दिसम्बर 2028
तेलंगाना 5 दिसम्बर 2023 – 4 दिसम्बर 2028 7 नवम्बर–दिसम्बर 2028
कर्नाटक 14 मई 2023 – 13 मई 2028 12 अप्रैल–मई 2028
मेघालय 23 मार्च 2023 – 22 मार्च 2028 1 फ़रवरी–मार्च 2028
नागालैंड 23 मार्च 2023 – 22 मार्च 2028 1 फ़रवरी–मार्च 2028
त्रिपुरा 23 मार्च 2023 – 22 मार्च 2028 1 फ़रवरी–मार्च 2028
मिज़ोरम 6 दिसम्बर 2023 – 5 दिसम्बर 2028 1 नवम्बर–दिसम्बर 2028
आंध्र प्रदेश 6 जून 2024 – 5 जून 2029 11 मई–जून 2029
ओडिशा 6 जून 2024 – 5 जून 2029 10 मई–जून 2029
अरुणाचल प्रदेश 6 जून 2024 – 5 जून 2029 1 मई–जून 2029
सिक्किम 6 जून 2024 – 5 जून 2029 1 मई–जून 2029
जम्मू और कश्मीर 8 अक्टूबर 2024 – 7 अक्टूबर 2029 4 सितम्बर–अक्टूबर 2029
हरियाणा 8 अक्टूबर 2024 – 7 अक्टूबर 2029 5 सितम्बर–अक्टूबर 2029
महाराष्ट्र 23 नवम्बर 2024 – 22 नवम्बर 2029 19 अक्टूबर–नवम्बर 2029
झारखंड 23 नवम्बर 2024 – 22 नवम्बर 2029 6 अक्टूबर–नवम्बर 2029
भारतीय संसद (लोकसभा) 6 जून 2024 – 5 जून 2029 245 मई–जून 2029

इन चुनावों का भारत के भविष्य पर प्रभाव

हर राज्य चुनाव का असर राष्ट्रीय राजनीति पर पड़ेगा —

  • भाजपा (BJP) अपने मजबूत गढ़ जैसे उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में प्रभुत्व बनाए रखने की कोशिश करेगी।

  • कांग्रेस और क्षेत्रीय दल (जैसे तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, भारत राष्ट्र समिति) अपने-अपने राज्यों में प्रभाव बढ़ाने की दिशा में रणनीति बनाएंगे।

  • दक्षिण और पूर्वी राज्यों — तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल — के रुझान भविष्य के गठबंधन समीकरणों का संकेत दे सकते हैं।

इन राज्यों के परिणाम 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक जनमत, नेतृत्व की ताकत और गठबंधन की संभावनाओं को स्पष्ट करेंगे।

ब्रह्मांड में कितनी आकाशगंगाएँ मौजूद हैं?

ब्रह्मांड एक असीम रहस्य है, जिसमें असंख्य तारे, ग्रह और आकाशगंगाएँ (Galaxies) अनगिनत दूरियों तक फैली हुई हैं। खगोलविद (Astronomers) सदियों से रात के आसमान का अध्ययन करते आ रहे हैं ताकि यह समझ सकें कि यह कितना विशाल है। आधुनिक तकनीक और शक्तिशाली दूरबीनों की मदद से वैज्ञानिक अब पहले से कहीं गहराई तक अंतरिक्ष का अन्वेषण कर रहे हैं — यह जानने के लिए कि ब्रह्मांड में कुल कितनी आकाशगंगाएँ हो सकती हैं।

आकाशगंगाओं की खोज (Discovery of Galaxies)

एक समय था जब लोग मानते थे कि मिल्की वे (आकाशगंगा) ही पूरा ब्रह्मांड है। लेकिन 1920 के दशक में खगोलशास्त्री एडविन हबल (Edwin Hubble) ने एक ऐतिहासिक खोज की — उन्होंने यह पाया कि जिन “नेबुला” (धुंधले बादलों) को लोग मिल्की वे का हिस्सा समझते थे, वे वास्तव में स्वतंत्र आकाशगंगाएँ थीं, जो हमारी आकाशगंगा से बहुत दूर स्थित हैं।
इस खोज ने हमारे ब्रह्मांड की संरचना और उसके आकार के बारे में मानवता की समझ को पूरी तरह बदल दिया।

आकाशगंगाओं के प्रकार (Different Types of Galaxies)

आकाशगंगाएँ आकार और संरचना में एक-दूसरे से भिन्न होती हैं। मुख्यतः तीन प्रकार की आकाशगंगाएँ होती हैं —

  1. सर्पिल आकाशगंगाएँ (Spiral Galaxies):
    इनमें एक चमकीला केंद्र होता है जिसके चारों ओर भुजाएँ सर्पिल रूप में घूमती हैं। हमारी मिल्की वे (Milky Way) भी इसी प्रकार की है।

  2. दीर्घवृत्ताकार आकाशगंगाएँ (Elliptical Galaxies):
    ये गोल या अंडाकार होती हैं और मुख्यतः पुराने तारों से बनी होती हैं। इनमें नए तारे बहुत कम बनते हैं।

  3. अनियमित आकाशगंगाएँ (Irregular Galaxies):
    इनका कोई निश्चित आकार नहीं होता। अक्सर ये दो आकाशगंगाओं के आपस में टकराने या मिल जाने के बाद बनती हैं।

हर प्रकार की आकाशगंगा यह दिखाती है कि ब्रह्मांड में समय के साथ तारों और पदार्थ का निर्माण व परिवर्तन कैसे होता है।

ब्रह्मांड में कितनी आकाशगंगाएँ हैं? (How Many Galaxies Exist?)

नासा (NASA) के हबल स्पेस टेलीस्कोप जैसी दूरबीनों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, प्रेक्षण योग्य ब्रह्मांड (Observable Universe) में लगभग 100 से 200 अरब आकाशगंगाएँ हो सकती हैं।
हर आकाशगंगा में अरबों तारे और असंख्य ग्रह मौजूद हैं।
जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ेगी, वैज्ञानिक उन आकाशगंगाओं का भी पता लगा सकते हैं जो अभी बहुत दूर या बहुत धुंधली हैं और हमें दिखाई नहीं देतीं।

आकाशगंगाएँ कहाँ पाई जाती हैं? (Where Are Galaxies Found?)

आकाशगंगाएँ पूरे अंतरिक्ष में समान रूप से फैली नहीं हैं। वे समूहों (Clusters) में बनती हैं।
कई समूह मिलकर सुपरक्लस्टर (Superclusters) बनाते हैं।
ये समूह कॉस्मिक फिलामेंट्स (Cosmic Filaments) नामक पदार्थ की लंबी डोरियों से जुड़े होते हैं, जिनके बीच विशाल खाली स्थान (Voids) होते हैं।
यह जाल जैसी संरचना वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करती है कि ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ और यह आज भी कैसे फैल रहा है

आकाशगंगाएँ क्यों महत्वपूर्ण हैं? (Why Galaxies Matter?)

आकाशगंगाएँ हमेशा परिवर्तनशील होती हैं। वे टकराती हैं, आपस में मिलती हैं और नए तारे बनाती रहती हैं।
कई आकाशगंगाओं के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) होते हैं जो अत्यधिक ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं।

आकाशगंगाओं का अध्ययन करने से वैज्ञानिक यह जान पाते हैं —

  • ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई,

  • यह समय के साथ कैसे विकसित हो रहा है,

  • और भविष्य में इसका स्वरूप क्या हो सकता है।

संक्षेप में 

विषय विवरण
मुख्य खोजकर्ता एडविन हबल (1920 के दशक में)
हमारी आकाशगंगा का नाम मिल्की वे (आकाशगंगा)
आकाशगंगाओं की संख्या (अनुमानित) 100–200 अरब
मुख्य प्रकार सर्पिल, दीर्घवृत्ताकार, अनियमित
वैज्ञानिक उपकरण हबल स्पेस टेलीस्कोप, जेम्स वेब टेलीस्कोप आदि
महत्व ब्रह्मांड की उत्पत्ति, संरचना और भविष्य को समझने में सहायक

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