US Travel Ban 2025: 43 देशों पर प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 2025 में 43 देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। प्रस्तावित प्रतिबंध, जो अभी समीक्षा के अधीन है, देशों को तीन सूचियों—रेड, ऑरेंज और येलो—में विभाजित करता है, जो प्रतिबंधों की गंभीरता को दर्शाती हैं। रेड सूची में 11 देश शामिल हैं, जिनके नागरिकों पर पूरी तरह से वीज़ा प्रतिबंध लगाया जाएगा। ऑरेंज सूची में 10 देश हैं, जहां वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया को सख्त बनाया जाएगा। वहीं, येलो सूची में 22 देशों को 60 दिनों की अवधि दी गई है ताकि वे अमेरिकी चिंताओं को दूर कर सकें और प्रतिबंधों से बच सकें। यह प्रस्तावित प्रतिबंध ट्रम्प के पहले कार्यकाल में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों का विस्तार है, जिन्हें 2021 में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा हटा दिया गया था।

रेड सूची (पूर्ण वीज़ा निलंबन – 11 देश):
इन देशों के नागरिकों को अमेरिका के वीज़ा प्राप्त करने से पूरी तरह रोका जाएगा:

  • अफ़ग़ानिस्तान
  • भूटान
  • क्यूबा
  • ईरान
  • लीबिया
  • उत्तर कोरिया
  • सोमालिया
  • सूडान
  • सीरिया
  • वेनेज़ुएला
  • यमन

यह प्रस्ताव अभी अंतिम रूप से लागू नहीं हुआ है, और इसे लेकर वैश्विक स्तर पर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं। कई देशों ने अमेरिकी प्रशासन से इस प्रतिबंध पर स्पष्टीकरण की मांग की है।

ऑरेंज सूची (वीज़ा कड़े प्रतिबंधों के अधीन – 10 देश):
इन देशों के नागरिकों को वीज़ा प्राप्त करने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। वीज़ा आवेदनकर्ताओं के लिए अनिवार्य रूप से प्रत्यक्ष साक्षात्कार (इन-पर्सन इंटरव्यू) की आवश्यकता होगी।

  • बेलारूस
  • इरीट्रिया
  • हैती
  • लाओस
  • म्यांमार
  • पाकिस्तान
  • रूस
  • सिएरा लियोन
  • दक्षिण सूडान
  • तुर्कमेनिस्तान

इस सूची में शामिल देशों के लिए वीज़ा प्रक्रिया अधिक जटिल और सीमित कर दी जाएगी, जिससे इन देशों के नागरिकों के लिए अमेरिका की यात्रा करना कठिन हो जाएगा।

येलो सूची (60 दिनों की समयसीमा – 22 देश):
इन देशों को 60 दिनों के भीतर अमेरिका की चिंताओं को दूर करना होगा, अन्यथा उन्हें और कड़े यात्रा प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

  • अंगोला
  • एंटीगुआ और बारबुडा
  • बेनिन
  • बुर्किना फासो
  • कंबोडिया
  • कैमरून
  • केप वर्डे
  • चाड
  • कांगो गणराज्य
  • डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो
  • डोमिनिका
  • इक्वेटोरियल गिनी
  • गाम्बिया
  • लाइबेरिया
  • मलावी
  • माली
  • मॉरिटानिया
  • सेंट किट्स एंड नेविस
  • सेंट लूसिया
  • साओ टोमे और प्रिंसिपे
  • वनुआतु
  • जिम्बाब्वे

यदि इन देशों ने अमेरिका की शर्तों को समय पर पूरा नहीं किया, तो उन्हें यात्रा प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

प्रतिबंध के प्रभाव:

  • रेड सूची में शामिल देशों के नागरिकों को पूरी तरह वीजा निलंबन का सामना करना पड़ेगा, जिससे उनका अमेरिका में प्रवेश असंभव हो जाएगा।
  • ऑरेंज सूची के अंतर्गत आने वाले देशों के नागरिकों को कड़े वीजा स्क्रीनिंग नियमों का पालन करना होगा, जिससे पर्यटक, छात्र, और कार्य वीजा धारकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, जबकि व्यावसायिक वर्ग के लोगों को कुछ छूट मिल सकती है।
  • येलो सूची के देशों को अमेरिका की चिंताओं को दूर करने के लिए 60 दिनों का समय दिया गया है, अन्यथा उन्हें अधिक सख्त श्रेणी में रखा जा सकता है।

ऐतिहासिक संदर्भ:

  • अपने पहले कार्यकाल में, डोनाल्ड ट्रंप ने सात इस्लामिक-बहुल देशों के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाया था और उत्तर कोरिया के खिलाफ एक रिवर्स ट्रैवल बैन भी लागू किया था।
  • 2021 में, जो बाइडेन ने ट्रंप के अधिकांश यात्रा प्रतिबंधों को हटा दिया था, लेकिन उत्तर कोरिया पर लगा प्रतिबंध बरकरार रखा गया था।

विश्व गौरैया दिवस 2025: महत्व और इतिहास

हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है ताकि घरों में चहकने वाली इन नन्हीं चिड़ियों की घटती आबादी को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके और इनके संरक्षण के लिए कदम उठाए जाएं। इस दिवस की शुरुआत 2010 में भारत की नेचर फॉरएवर सोसाइटी द्वारा की गई थी। आज यह एक वैश्विक पहल बन चुकी है, जिसमें 50 से अधिक देश संरक्षण अभियानों में भाग ले रहे हैं।

गौरैया की घटती चहचहाहट

गांवों की शांत सुबह से लेकर शहरों की व्यस्त गलियों तक, कभी गौरैया की चहचहाहट आम बात थी। ये नन्हीं चिड़ियां घरों, मंदिरों और पेड़ों में बसेरा करती थीं। लेकिन समय के साथ, इनकी संख्या तेजी से घटती गई और अब यह एक दुर्लभ दृश्य बन चुकी हैं।

गौरैयाओं के लुप्त होने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें शहरीकरण, प्रदूषण और कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग शामिल हैं। इन चुनौतियों को देखते हुए संरक्षण कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने इनके बचाव के लिए कदम उठाने शुरू किए हैं।

विश्व गौरैया दिवस का इतिहास और महत्व

2010 में पहली बार मनाए गए विश्व गौरैया दिवस का उद्देश्य इन पक्षियों की घटती संख्या के प्रति जागरूकता फैलाना था। यह अभियान तेजी से लोकप्रिय हुआ और 2012 में दिल्ली सरकार ने गौरैया को राज्य पक्षी घोषित किया। इस पहल को वैश्विक स्तर पर सराहना मिली और दुनिया भर के लोग गौरैया संरक्षण अभियान में शामिल होने लगे।

इस दिवस के मुख्य उद्देश्य हैं:

  • गौरैयाओं के सामने आने वाले खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • शहरी विकास को पक्षी अनुकूल बनाना।
  • संरक्षण अभियानों को बढ़ावा देना।
  • बच्चों और समुदायों को गौरैया की अहमियत समझाना।

गौरैया का पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान

गौरैया भले ही आकार में छोटी हों, लेकिन इनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है:

  • प्राकृतिक कीट नियंत्रण: गौरैया कीड़ों और छोटे-मोटे कीटों को खाकर जैविक संतुलन बनाए रखती हैं।
  • परागण और बीजों का प्रसार: ये पक्षी फूलों और बीजों के जरिए जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं।
  • पर्यावरण सूचक: गौरैयाओं की मौजूदगी एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत मानी जाती है।

भारत में गौरैया का सांस्कृतिक महत्व भी है। इन्हें हिंदी में “गौरैया”, तमिल में “कुरुवी”, और उर्दू में “चिरैया” कहा जाता है। ये पक्षी शांति, सद्भाव और बचपन की यादों से जुड़े हुए हैं।

गौरैया की घटती संख्या के कारण

गौरैयाओं की संख्या में गिरावट के पीछे कई मानवीय और पर्यावरणीय कारण हैं:

  • शहरीकरण और आवास का नुकसान: आधुनिक इमारतों में वे छोटे स्थान नहीं होते जहां गौरैया घोंसला बना सके।
  • अशोधित पेट्रोल और प्रदूषण: पेट्रोल में मौजूद विषाक्त पदार्थ कीड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं, जो गौरैयाओं के भोजन का मुख्य स्रोत हैं।
  • कीटनाशकों का अधिक उपयोग: कीटनाशकों से खेतों में कीड़ों की संख्या कम हो रही है, जिससे गौरैयाओं को भोजन नहीं मिल रहा।
  • शिकारी और प्रतिस्पर्धा: कौवे, बिल्लियां और अन्य बड़े पक्षी गौरैयाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
  • हरे-भरे स्थानों की कमी: पार्कों और बगीचों की घटती संख्या भी इनके आश्रय और भोजन की कमी का कारण है।

गौरैया संरक्षण के लिए प्रयास

गौरैयाओं को बचाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं:

  • “सेव द स्पैरो” अभियान – इस पहल के तहत गौरैया बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में जागरूकता अभियान का समर्थन किया।
  • “कूडुगल ट्रस्ट” (चेन्नई) – स्कूल के बच्चों की मदद से 2020 से 2024 के बीच 10,000 से अधिक घोंसले बनाए गए।
  • “अर्ली बर्ड अभियान” (मैसूर, कर्नाटक) – यह अभियान बच्चों को पर्यावरण संरक्षण और पक्षी बचाने के लिए प्रेरित करता है।

हम गौरैयाओं की मदद कैसे कर सकते हैं?

  • घोंसले और फीडर लगाएं: घरों में लकड़ी के छोटे घोंसले और पानी के पात्र रखें।
  • अधिक पेड़ लगाएं: हरे-भरे स्थान गौरैयाओं को सुरक्षा और भोजन देते हैं।
  • कीटनाशकों का कम उपयोग करें: प्राकृतिक खेती को अपनाने से कीटों की संख्या संतुलित रहेगी।
  • जागरूकता फैलाएं: लोगों को गौरैया के महत्व और संरक्षण के उपायों के बारे में बताएं।
पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? विश्व गौरैया दिवस हर साल 20 मार्च को घटती गौरैया आबादी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
महत्व 2010 में नेचर फॉरएवर सोसाइटी द्वारा शुरू किया गया, अब 50+ देशों में मनाया जाता है।
गौरैया की घटती संख्या के कारण शहरीकरण, आवास की कमी, प्रदूषण, कीटनाशकों का उपयोग, कीड़ों की घटती संख्या और बड़े पक्षियों से प्रतिस्पर्धा।
पर्यावरणीय महत्व कीट नियंत्रण, परागण, बीज प्रसार, और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं।
संरक्षण प्रयास सेव द स्पैरो” अभियान (जगत किंखाभवाला द्वारा, जिसे 2017 में पीएम मोदी का समर्थन मिला)।

 

वरुण 2025: भारत-फ्रांस नौसैनिक सहयोग को मजबूत करना

भारत और फ्रांस के बीच मज़बूत समुद्री साझेदारी का प्रतीक, द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास “वरुणा” का 23वां संस्करण 19 से 22 मार्च 2025 तक आयोजित किया जाएगा। 2001 में शुरू हुआ यह वार्षिक अभ्यास दोनों देशों के बीच नौसैनिक संचालन क्षमता और अंतर-संचालनशीलता (interoperability) को बढ़ाने का एक प्रमुख मंच बन चुका है। वरुणा 2025 में कई समुद्री क्षमताओं का व्यापक प्रदर्शन होगा, जिसमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और चार्ल्स डे गॉल, लड़ाकू विमान मिग-29K और राफेल-एम, विध्वंसक जहाज, फ्रिगेट्स और एक स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बी शामिल होंगे। यह अभ्यास वायु रक्षा, पनडुब्बी रोधी युद्ध और सतही युद्ध अभियानों में समन्वय को बेहतर बनाने और मुक्त, खुली और सुरक्षित समुद्री स्थिति बनाए रखने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेगा।

वरुणा 2025 के प्रमुख बिंदु

  • तिथियां: 19–22 मार्च 2025
  • भाग लेने वाले देश: भारत और फ्रांस
  • उद्देश्य: समुद्री सहयोग, संचालन तालमेल और अंतर-संचालनशीलता को मजबूत बनाना

महत्वपूर्ण नौसैनिक संपत्तियां

  • विमानवाहक पोत: आईएनएस विक्रांत (भारत) और चार्ल्स डे गॉल (फ्रांस)
  • लड़ाकू विमान: मिग-29K (भारत) और राफेल-एम (फ्रांस)
  • अन्य जहाज: विध्वंसक, फ्रिगेट्स और भारतीय स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बी

प्रमुख अभ्यास एवं युद्धाभ्यास

  • वायु रक्षा और लड़ाकू अभ्यास: मिग-29K और राफेल-एम के बीच मॉक हवाई युद्ध
  • पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW): समुद्र के भीतर डोमेन जागरूकता (Underwater Domain Awareness) को बढ़ाना
  • सतही युद्ध संचालन: समन्वित नौसैनिक युद्धाभ्यास और लड़ाकू रणनीति
  • समुद्री गश्ती विमान ऑपरेशन: स्थितिजन्य जागरूकता को बढ़ाना
  • समुद्र में पुनःपूर्ति अभ्यास: रसद सहयोग को मजबूत करना

महत्व

  • भारतीय और फ्रांसीसी नौसेनाओं के बीच बेहतर अंतर-संचालनशीलता सुनिश्चित करेगा
  • समुद्री सुरक्षा अभियानों में सर्वोत्तम प्रथाओं (Best Practices) को बढ़ावा देगा
  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेगा
श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? वरुणा 2025: भारत-फ्रांस नौसैनिक सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए
अवधि 19–22 मार्च 2025
भाग लेने वाले देश भारत, फ्रांस
विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (भारत), चार्ल्स डे गॉल (फ्रांस)
लड़ाकू विमान मिग-29K (भारत), राफेल-एम (फ्रांस)
नौसैनिक संपत्तियां विध्वंसक, फ्रिगेट्स, स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बी
प्रमुख अभ्यास वायु रक्षा, पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतही युद्ध, समुद्र में पुनःपूर्ति अभ्यास
महत्व अंतर-संचालनशीलता बढ़ाता है, समुद्री सुरक्षा को मजबूत करता है, हिंद-प्रशांत स्थिरता को बढ़ावा देता है

केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने आयुष्मान खुराना को ‘फिट इंडिया आइकन’ नामित किया

प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना को आधिकारिक रूप से ‘फिट इंडिया आइकन’ के रूप में नामित किया गया है। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने नई दिल्ली में फिट इंडिया मूवमेंट के उद्घाटन समारोह के दौरान इस घोषणा की। 40 वर्षीय अभिनेता अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मूवमेंट से जुड़ गए हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों को अपने स्वास्थ्य और फिटनेस को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करना है।

फिट इंडिया मूवमेंट: राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहल

फिट इंडिया मूवमेंट क्या है?
फिट इंडिया मूवमेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 29 अगस्त 2019 को शुरू किया गया एक राष्ट्रव्यापी अभियान है। इसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों के बीच फिटनेस और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है। इसके प्रमुख लक्ष्य हैं:

  • लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना।
  • रोजमर्रा की दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को सरल और मनोरंजक तरीके से शामिल करना।
  • फिटनेस को सभी के लिए सुलभ बनाकर स्वास्थ्य संबंधी बाधाओं को कम करना।

इस आंदोलन के तहत विभिन्न जागरूकता अभियान, फिटनेस चुनौतियाँ और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि समाज में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को स्थापित किया जा सके।

‘फिट इंडिया आइकन’ के रूप में आयुष्मान खुराना की भूमिका

आयुष्मान खुराना, फिट इंडिया आइकन के रूप में, फिटनेस, मानसिक स्वास्थ्य और सक्रिय जीवनशैली के महत्व को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एक लोकप्रिय सेलिब्रिटी होने के नाते, वे खासकर युवाओं को फिट इंडिया अभियान में भाग लेने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? आयुष्मान खुराना को केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में ‘फिट इंडिया आइकन’ नामित किया गया।
आयुष्मान खुराना कौन हैं? एक प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता, जो सामाजिक विषयों पर आधारित फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
फिट इंडिया मूवमेंट क्या है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 में शुरू की गई राष्ट्रीय पहल, जिसका उद्देश्य फिटनेस और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है।
खुराना की भूमिका फिट इंडिया आइकन के रूप में, वे फिटनेस जागरूकता को बढ़ावा देंगे और विशेष रूप से युवाओं को सक्रिय जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
उनका बयान “स्वस्थ राष्ट्र ही समृद्ध राष्ट्र होता है। जब हम स्वस्थ होते हैं, तो हम अधिक उत्पादक, संपन्न होते हैं और राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं।”
सरकार का बयान केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि आयुष्मान खुराना जैसे सेलिब्रिटी लाखों लोगों को फिट रहने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
नवीनतम कार्य आयुष्मान खुराना की हालिया फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ (2023) है, जिसका निर्देशन राज शांडिल्य ने किया है और इसमें अनन्या पांडे भी मुख्य भूमिका में हैं।

UIDAI ने एआई-संचालित समाधानों के साथ आधार सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु सर्वम एआई के साथ साझेदारी की

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने बेंगलुरु स्थित स्वदेशी जनरेटिव एआई (GenAI) कंपनी सर्वम एआई के साथ सहयोग किया है ताकि आधार सेवाओं को अधिक सुलभ, सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सके। यह साझेदारी 18 मार्च 2025 से प्रभावी है और इसके तहत एआई-सक्षम वॉयस इंटरैक्शन, रीयल-टाइम धोखाधड़ी की पहचान, और बहुभाषी समर्थन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ जोड़ी गई हैं। यह विशेष GenAI समाधान यूआईडीएआई के सुरक्षित बुनियादी ढांचे के भीतर संचालित होगा, जिससे डेटा गोपनीयता और संप्रभुता सुनिश्चित होगी।

साझेदारी की प्रमुख विशेषताएँ

1. आधार सेवाओं में एआई-सक्षम वॉयस इंटरैक्शन

  • यूजर्स को त्वरित फीडबैक देने में सक्षम
  • नामांकन और अद्यतन प्रक्रिया में अतिरिक्त शुल्क वसूली का पता लगाने में मदद

2. रीयल-टाइम धोखाधड़ी की पहचान

  • संदिग्ध प्रमाणीकरण अनुरोधों के लिए एआई-संचालित अलर्ट
  • आधार डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सुरक्षा को मजबूत बनाता है

3. बहुभाषी एआई समर्थन

  • 10 भाषाओं में उपलब्ध: हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, तमिल, मराठी, गुजराती, कन्नड़, ओड़िया, पंजाबी और मलयालम
  • अगले कुछ महीनों में और भाषाएँ जोड़ी जाएंगी

4. डेटा सुरक्षा उपाय

  • यूआईडीएआई के एयर-गैप्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में ऑन-प्रिमाइसेस एआई समाधान होस्ट किया गया
  • डेटा पूरी तरह से सुरक्षित, कोई जानकारी बाहरी सर्वर पर नहीं जाएगी

5. सहयोग का ढांचा

  • यूआईडीएआई की वॉलंटियर नीति के तहत विकसित
  • सर्वम एआई के विशेषज्ञों ने यूआईडीएआई के टेक्नोलॉजी सेंटर, बेंगलुरु में सहयोग किया
  • यूआईडीएआई के पास इस GenAI समाधान का पूर्ण स्वामित्व रहेगा

6. अनुबंध की अवधि

  • प्रारंभिक अवधि एक वर्ष, जिसे एक और वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है

नेतृत्व की प्रतिक्रियाएँ

  • भुवनेश कुमार (सीईओ, UIDAI) – “जनरेटिव एआई, यूआईडीएआई की नवाचार यात्रा में अगला महत्वपूर्ण कदम है।”
  • विवेक राघवन (सह-संस्थापक, सर्वम एआई) – “एआई, सार्वजनिक हित में बदलाव लाने का एक शक्तिशाली माध्यम है, और इस तरह की साझेदारियाँ इसका बेहतरीन उदाहरण हैं।”
सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? यूआईडीएआई और सर्वम एआई की साझेदारी, आधार सेवाओं को एआई-संचालित समाधानों से उन्नत करने के लिए
साझेदारी की घोषणा 18 मार्च 2025
संबंधित संगठन यूआईडीएआई, सर्वम एआई
मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार, सुरक्षा बढ़ाना, और सेवाओं की पहुंच विस्तारित करना
एआई-सक्षम सुविधाएँ वॉयस इंटरैक्शन, रीयल-टाइम धोखाधड़ी अलर्ट, बहुभाषी समर्थन
समर्थित भाषाएँ 10 भाषाएँ (अधिक भाषाएँ जल्द ही जोड़ी जाएंगी)
सुरक्षा उपाय ऑन-प्रिमाइसेस एआई समाधान, कोई डेटा यूआईडीएआई से बाहर नहीं जाएगा
समझौते की अवधि 1 वर्ष (एक और वर्ष के लिए बढ़ाने योग्य)
विकास दृष्टिकोण यूआईडीएआई की वॉलंटियर नीति के तहत उद्योग सहयोग
समाधान स्वामित्व यूआईडीएआई के पास पूर्ण नियंत्रण रहेगा
नेतृत्व की राय नवाचार-केंद्रित दृष्टिकोण, सार्वजनिक हित में एआई का उपयोग

सुनीता विलियम्स की वापसी: नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर उतरने के बाद क्या होगा?

नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर और सुनीता विलियम्स 18 मार्च 2025 (भारत में 19 मार्च) को नौ महीनों से अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए। यह देरी बोइंग स्टारलाइनर क्रू फ्लाइट टेस्ट (CFT) मिशन में आई तकनीकी समस्याओं के कारण हुई। उनके स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल “फ्रीडम” ने फ्लोरिडा के तालाहासी के पास मैक्सिको की खाड़ी में सुरक्षित लैंडिंग की। यह मिशन वैश्विक स्तर पर चर्चा में रहा और अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है।

नासा अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी: विस्तृत विवरण

  1. मिशन की पृष्ठभूमि
    नासा का क्रू फ्लाइट टेस्ट (CFT) बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान का मूल्यांकन करने के लिए किया गया था, जिससे भविष्य में नियमित अंतरिक्ष यात्री परिवहन संभव हो सके।
  • स्टारलाइनर को यूनाइटेड लॉन्च एलायंस (ULA) के एटलस V रॉकेट के जरिए केप कैनावेरल, फ्लोरिडा से प्रक्षेपित किया गया।
  • मूल योजना के अनुसार, यह मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 10 दिनों तक रहने वाला था।
  • हालांकि, तकनीकी खराबियों के कारण यह मिशन नौ महीनों से अधिक समय तक बढ़ गया।
  1. स्टारलाइनर की तकनीकी खराबियां और देरी
    मिशन के दौरान कई तकनीकी समस्याएं सामने आईं, जिससे बार-बार विलंब हुआ:
  • 6 जून 2024: स्टारलाइनर के थ्रस्टर में खराबी आ गई, जिससे ISS के साथ डॉकिंग में देरी हुई। बाद में पांच में से चार थ्रस्टर बहाल किए गए और दूसरी कोशिश में सफलतापूर्वक डॉकिंग की गई।
  • 18 जून 2024: नासा ने हीलियम लीक और अन्य तकनीकी समस्याओं की जांच के लिए स्टारलाइनर की वापसी टाल दी।
  • 2 जुलाई 2024: नासा ने स्टारलाइनर की मिशन अवधि को 45 दिनों की सीमा से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया ताकि इसके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा सके।
  • 24 अगस्त 2024: नासा ने सुरक्षा कारणों से घोषणा की कि स्टारलाइनर को बिना अंतरिक्ष यात्रियों के पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा

3. स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन के जरिए वापसी का निर्णय

चूंकि स्टारलाइनर को अंतरिक्ष यात्रियों के परिवहन के लिए असुरक्षित माना गया, नासा ने विल्मोर और सुनीता विलियम्स को स्पेसएक्स क्रू-9 के ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से वापस लाने का फैसला किया।

  • 30 अगस्त 2024: नासा ने क्रू-9 के मिशन कार्यक्रम में बदलाव करते हुए विल्मोर और विलियम्स के लिए दो सीटें आरक्षित कीं।
  • 22 सितंबर 2024: रूसी कॉस्मोनॉट ओलेग कोनोनेंको के प्रस्थान के बाद सुनीता विलियम्स को ISS की कमान सौंपी गई
  • 28 सितंबर 2024: स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से क्रू-9 का प्रक्षेपण किया गया, जिसमें निक हेग (नासा) और एलेक्ज़ेंडर गोर्बुनोव (रोस्कोस्मोस) शामिल थे। इससे विलियम्स और विल्मोर की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई।

4. अंतरिक्ष में विस्तारित प्रवास और गतिविधियाँ

अपने विस्तारित प्रवास के दौरान, विलियम्स और विल्मोर ने विज्ञान प्रयोगों और अंतरिक्ष यात्राओं (स्पेसवॉक) को जारी रखा।

  • 12 नवंबर 2024: सुनीता विलियम्स ने पुष्टि की कि सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (माइक्रोग्रैविटी) में लंबे समय तक रहने के बावजूद उनकी शारीरिक फिटनेस सामान्य बनी हुई है
  • 30 जनवरी 2025: विलियम्स ने विल्मोर के साथ 5.5 घंटे की स्पेसवॉक पूरी की, जिससे वह सबसे अधिक स्पेसवॉक समय वाली महिला अंतरिक्ष यात्री बन गईं।
  • 11 फरवरी 2025: नासा ने स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल “एंड्यूरेंस” के पुन: उपयोग से क्रू-10 के प्रक्षेपण में तेजी लाई, ताकि क्रू-9 की समय पर वापसी सुनिश्चित की जा सके।

5. अंतिम वापसी यात्रा

  • 14 मार्च 2025: नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से क्रू-10 का प्रक्षेपण किया गया, जिससे क्रू-9 के प्रस्थान का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • 18 मार्च 2025 (भारत में 19 मार्च):
    • सुबह 1:05 ईडीटीक्रू-9 का ड्रैगन कैप्सूल “फ्रीडम” अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अनडॉक हुआ।
    • शाम 5:57 (2157 GMT) – कैप्सूल ने मैक्सिको की खाड़ी में सुरक्षित लैंडिंग की।
    • अंतरिक्ष यात्री मुस्कुराते और हाथ हिलाते हुए बाहर आए, जिसके बाद उन्हें नियमित चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया।

लैंडिंग के बाद क्या होता है?

1. चिकित्सा परीक्षण:

  • नासा के डॉक्टर अंतरिक्ष में लंबे समय तक गुरुत्वाकर्षण के अभाव में रहने के बाद शारीरिक स्वास्थ्य की जांच करते हैं।
  • मांसपेशियों और हड्डियों की घनत्व का परीक्षण किया जाता है।

2. पुनर्वास (रीहेबिलिटेशन):

  • अंतरिक्ष यात्री विशेष पुनर्प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेते हैं ताकि वे मांसपेशियों की ताकत और संतुलन दोबारा हासिल कर सकें।

3. मिशन डिब्रीफिंग:

  • नासा विशेषज्ञों द्वारा स्टारलाइनर के प्रदर्शन और मिशन के अनुभवों पर चर्चा की जाती है।

4. सार्वजनिक उपस्थिति:

  • अंतरिक्ष यात्री मीडिया इंटरव्यू और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेकर अपने अनुभव साझा करते हैं।

अमित शाह ने असम में लचित बरफुकन पुलिस अकादमी का उद्घाटन किया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 15 मार्च 2025 को असम के डेरगांव में लचित बरफुकन पुलिस अकादमी का उद्घाटन किया। यह संस्थान पूर्वोत्तर भारत में पुलिस प्रशिक्षण को आधुनिक और सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद रहे।

प्रमुख विशेषताएँ

  • ₹167 करोड़ की लागत से पहले चरण का निर्माण पूर्ण, तीन चरणों में कुल ₹1050 करोड़ का निवेश प्रस्तावित।
  • राज्य का पहला आधुनिक पुलिस प्रशिक्षण संस्थान, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
  • असम के पुलिसकर्मियों को पहले अन्य राज्यों में प्रशिक्षण के लिए जाना पड़ता था, लेकिन अब गोवा और मणिपुर के 2000 पुलिसकर्मियों को यहीं प्रशिक्षित किया गया।
  • अगले पांच वर्षों में, इसे भारत की सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी बनाने का लक्ष्य।

लचित बरफुकन की वीरगाथा का सम्मान

  • पहले लचित बरफुकन की वीरता केवल असम तक सीमित थी, अब मोदी सरकार ने उनकी जीवनी को 23 भाषाओं में उपलब्ध कराया।
  • यह अकादमी नए पुलिस अधिकारियों को उनकी नेतृत्व क्षमता और संघर्षशील भावना से प्रेरित करेगी।

असम में शांति और बुनियादी ढाँचे का विकास

शांति समझौते लागू

  • बोडोलैंड समझौता (2020)
  • कार्बी आंगलोंग समझौता (2021)
  • जनजातीय शांति समझौता (2022)
  • ULFA, असम-मेघालय और असम-अरुणाचल समझौते (2023)

इन समझौतों के तहत 10,000 से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की

  • ₹27,000 करोड़ की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री स्थापित हो रही
  • Advantage Assam 2.0 सम्मेलन में ₹5.18 लाख करोड़ के समझौते, जिनमें ₹3 लाख करोड़ की आधारभूत संरचना परियोजनाएँ शामिल

प्रमुख बुनियादी ढाँचे की परियोजनाएँ

  • भारत माला परियोजना – ₹10,000 करोड़ (200+ किमी सड़क निर्माण)
  • धुबरी-फुलबाड़ी पुल – ₹3,000 करोड़
  • सिलचर-चुरैबारी कॉरिडोर (चार लेन) – ₹3,400 करोड़
  • माजुली द्वीप तटबंध और सड़क – ₹1,000 करोड़
  • ब्रह्मपुत्र नदी पर छह-लेन पुल
  • NH 715-K (माजुली से जोरहाट) – ₹382 करोड़
  • गोपीनाथ एयरपोर्ट का विस्तार – ₹1,200 करोड़
  • रेलवे क्षेत्र में ₹9,000 करोड़ के प्रोजेक्ट
  • असम में AIIMS की स्थापना – ₹1,000 करोड़

असम में क़ानून व्यवस्था में सुधार

  • दोषसिद्धि दर (Conviction Rate) 5% से बढ़कर 25% हुई
  • असम पुलिस अब नागरिक अधिकारों और आपराधिक न्याय सुधारों को प्राथमिकता दे रही है।
  • प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तावित तीन नए आपराधिक कानून प्रभावी रूप से लागू किए जाएँगे।

इस परियोजना के माध्यम से असम सुरक्षा, विकास और आर्थिक प्रगति के एक नए युग में प्रवेश कर रहा है

असम में कल्याणकारी और सामाजिक विकास योजनाएँ

  • 58 लाख घरों में पहली बार नल जल आपूर्ति।
  • 1.8 करोड़ लोगों को ₹5 लाख तक का निःशुल्क चिकित्सा उपचार।
  • 43 लाख परिवारों को शौचालय की सुविधा, जिससे स्वच्छता में सुधार।
  • 2.32 करोड़ गरीब लोगों को प्रति व्यक्ति 5 किग्रा मुफ्त चावल प्रति माह।
  • मोदी सरकार की योजनाओं के तहत 51 लाख गैस सिलेंडर और 21 लाख मकान उपलब्ध कराए गए।

असम का भविष्य: विकास और प्रगति की ओर

  • अमित शाह ने घोषणा की कि असम आने वाले वर्षों में अभूतपूर्व विकास का साक्षी बनेगा।
  • ₹5 लाख करोड़ के निवेश से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  • असम शांति, आर्थिक वृद्धि और बुनियादी ढाँचे के विकास का केंद्र बन रहा है।

क्या है Truth Social?

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल जल्द ही NASDAQ स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने की तैयारी में है। यह प्रक्रिया डिजिटल वर्ल्ड एक्विजिशन कॉर्प (DWAC) नामक एक स्पेशल-पर्पज एक्विजिशन कंपनी (SPAC) के साथ विलय के बाद पूरी होगी, जिसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी आवश्यक है। इस विलय से ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप (TMTG) की वित्तीय संरचना में बड़ा बदलाव आ सकता है, जो ट्रुथ सोशल का मालिकाना हक रखता है।

ट्रुथ सोशल की उत्पत्ति

6 जनवरी 2021 को अमेरिकी कैपिटल पर हुए हमले के बाद जब डोनाल्ड ट्रंप को फेसबुक, ट्विटर (अब X) जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से प्रतिबंधित कर दिया गया, तो उन्होंने अपनी खुद की सोशल मीडिया साइट बनाने का निर्णय लिया। शुरुआत में, उन्होंने “From the Desk of Donald J. Trump” नाम से एक ब्लॉग लॉन्च किया, लेकिन यह सफल नहीं रहा।

इसके बाद, फरवरी 2022 में एप्पल ऐप स्टोर पर ट्रुथ सोशल को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया। हालांकि, शुरुआत में इसमें कुछ तकनीकी खामियां थीं, लेकिन जल्द ही यह ऐप स्टोर पर सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला मुफ्त ऐप बन गया। यह प्लेटफॉर्म उन उपयोगकर्ताओं को लक्षित करता है जो फ्री-स्पीच (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) के समर्थक हैं और ट्रंप के MAGA (Make America Great Again) आंदोलन से जुड़े हुए हैं।

ट्रुथ सोशल की विशेषताएं

उपयोगकर्ता अनुभव और डिज़ाइन
यह प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) की तरह दिखता है और उसी तरह कार्य करता है। उपयोगकर्ता इसमें –

  • प्रोफाइल बना सकते हैं
  • “ट्रुथ” पोस्ट कर सकते हैं (जो ट्वीट के समान हैं)
  • “री-ट्रुथ” कर सकते हैं (जो रीट्वीट के समान हैं)
  • डायरेक्ट मैसेज भेज सकते हैं
  • “For You” सेक्शन में अनुशंसित पोस्ट देख सकते हैं
  • बैंगनी थीम में प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं

साइन-अप प्रक्रिया और प्रतिबंध
प्लेटफॉर्म पर साइन-अप करने के लिए उपयोगकर्ताओं को ईमेल और फोन नंबर देना आवश्यक होता है, और एसएमएस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य है। फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम की तुलना में, ट्रुथ सोशल केवल 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध है। हालांकि, यह प्लेटफॉर्म उम्र की पुष्टि नहीं करता, जिससे नाबालिग उपयोगकर्ता भी आसानी से इस प्रतिबंध को बायपास कर सकते हैं।

उपयोगकर्ता आधार और बाज़ार स्थिति

ट्रुथ सोशल अब तक अपने रूढ़िवादी (कंज़र्वेटिव) उपयोगकर्ताओं के समूह से आगे नहीं बढ़ पाया है, और इसे Parler और Gettr जैसे प्लेटफार्मों के समान माना जाता है। कंपनी ने अपने सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या का खुलासा नहीं किया है, लेकिन Similarweb के अनुसार, फरवरी 2024 तक इसके लगभग 5 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्ता हैं।

तुलनात्मक रूप से –

  • फेसबुक के 3 अरब से अधिक उपयोगकर्ता हैं
  • टिकटॉक के 2 अरब से अधिक उपयोगकर्ता हैं
  • X (पूर्व में ट्विटर) के 550 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं
  • ट्रंप के खुद ट्रुथ सोशल पर 7 मिलियन से भी कम फॉलोअर्स हैं, जबकि X पर उनके 87 मिलियन फॉलोअर्स हैं

मुख्यधारा के प्लेटफार्मों से प्रतिस्पर्धा की चुनौती

सीमित नेटवर्क प्रभाव
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की सफलता उनके नेटवर्क प्रभाव (Network Effect) पर निर्भर करती है—यानी जितने अधिक लोग जुड़ते हैं, उतना ही प्लेटफॉर्म की उपयोगिता बढ़ती है। लेकिन बड़े रिपब्लिकन राजनेता और कंज़र्वेटिव इन्फ्लुएंसर्स अभी भी फेसबुक, X और यूट्यूब का उपयोग कर रहे हैं, जिससे वे ट्रुथ सोशल पर स्विच करने के इच्छुक नहीं हैं।

अंतर्वस्तु मॉडरेशन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस

ट्रुथ सोशल खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Free Speech) का समर्थक बताता है, लेकिन इसे कुछ उपयोगकर्ताओं को प्रतिबंधित (Ban) करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। आमतौर पर, प्लेटफॉर्म ने उन उपयोगकर्ताओं पर कार्रवाई की है जो –

  • डोनाल्ड ट्रंप या उनके सहयोगियों की आलोचना करते हैं
  • 6 जनवरी 2021 की कैपिटल हिंसा और उसकी जांच पर चर्चा करते हैं
  • पैरोडी या व्यंग्यात्मक (Satirical) अकाउंट्स चलाते हैं

वहीं, ट्रुथ सोशल पर मॉडरेशन नीतियां अपेक्षाकृत ढीली हैं, जिससे नफरत फैलाने वाले भाषण (Hate Speech) और चरमपंथी विचारों के प्रसार को लेकर चिंता जताई गई है।

वित्तीय और व्यावसायिक संभावनाएं

स्टॉक मार्केट लिस्टिंग और शेयरधारक वोट

यदि डिजिटल वर्ल्ड एक्विजिशन कॉर्प (DWAC) के साथ विलय को मंजूरी मिल जाती है, तो ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप (TMTG) एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी बन जाएगा। इसका मतलब होगा कि –

  • यह शेयरधारकों और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) के प्रति जवाबदेह होगा
  • कंपनी को त्रैमासिक वित्तीय रिपोर्टिंग करनी होगी
  • बढ़ी हुई जांच और नियामक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है

राजस्व और विकास रणनीति

फेसबुक और X की तुलना में, जो विज्ञापनों और सदस्यता मॉडल पर निर्भर हैं, ट्रुथ सोशल ने अपने राजस्व स्रोतों को सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया है। लेकिन इसकी वित्तीय स्थिरता को लेकर कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं –

  1. मुख्यधारा के विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करना – कई कंपनियां विवादास्पद कंटेंट के कारण प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देने से हिचकिचा सकती हैं।
  2. नए उपयोगकर्ताओं को जोड़ना – यह प्लेटफॉर्म अभी भी सीमित राजनीतिक विचारधारा वाले उपयोगकर्ताओं तक सीमित है।
  3. लंबी अवधि में वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना – बिना स्पष्ट राजस्व मॉडल के, कंपनी के लिए लाभदायक बने रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है

अन्य रूढ़िवादी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से तुलना

ट्रुथ सोशल को अक्सर अन्य दक्षिणपंथी (Right-leaning) सोशल मीडिया नेटवर्क्स से तुलना की जाती है।

प्लेटफॉर्म अनुमानित सक्रिय उपयोगकर्ता (फरवरी 2024) वर्तमान स्थिति
ट्रुथ सोशल ~5 मिलियन सक्रिय, DWAC के साथ विलय प्रक्रिया में
पार्लर (Parler) 2 मिलियन से कम हाल ही में एप्पल स्टोर पर वापस आया
गेट्टर (Gettr) 2 मिलियन से कम कम उपयोगकर्ता सहभागिता के कारण संघर्षरत
गैब (Gab) ज्ञात नहीं चरमपंथी कंटेंट के लिए जाना जाता है, वित्तीय संकट में

ट्रंप का पोस्टिंग समझौता और संभावित रणनीतिक परिवर्तन

डोनाल्ड ट्रंप ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करने के छह घंटे बाद ही वही सामग्री किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (जैसे X या फेसबुक) पर साझा कर सकते हैं। यह अनुबंधिक अनन्यता (Exclusivity Agreement) फरवरी 2025 में समाप्त हो रही है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि –

  • 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान, ट्रंप X (ट्विटर) और फेसबुक पर दोबारा सक्रिय हो सकते हैं
  • विस्तृत दर्शकों तक पहुंचने के लिए, ट्रंप ट्रुथ सोशल के बजाय मुख्यधारा के प्लेटफार्मों का अधिक उपयोग कर सकते हैं
  • अगर ट्रुथ सोशल की पहुंच सीमित रही, तो ट्रंप अपने सोशल मीडिया प्रचार रणनीति में बदलाव कर सकते हैं

यह रणनीतिक बदलाव ट्रुथ सोशल के भविष्य और उसकी वित्तीय स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, क्योंकि इसका मुख्य आकर्षण ट्रंप की एक्सक्लूसिव पोस्टिंग रही है।

ISRO के अध्यक्ष वी नारायणन ने आईआईटी मद्रास में थर्मल रिसर्च सेंटर का शुभारंभ किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। आईआईटी मद्रास में “श्री एस रामकृष्णन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन फ्लूइड एंड थर्मल साइंस रिसर्च” की स्थापना की गई है। इस अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने किया। यह केंद्र अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में जटिल तापीय चुनौतियों को हल करने पर केंद्रित रहेगा।

मुख्य बिंदु:

  1. अनुसंधान केंद्र के बारे में:

    • इस केंद्र का नाम प्रतिष्ठित एयरोस्पेस इंजीनियर और आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र श्री एस. रामकृष्णन के सम्मान में रखा गया है।
    • यह केंद्र आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्थित है।
    • इसका उद्देश्य अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए तापीय और द्रव विज्ञान अनुसंधान को उन्नत करना है।
  2. लक्ष्य और अनुसंधान क्षेत्र:

    • उपग्रहों और प्रक्षेपण यान में गर्मी अपव्यय (heat dissipation) की चुनौतियों को हल करना।
    • उन्नत शीतलन समाधान विकसित करना, जिनमें शामिल हैं:
      • माइक्रो हीट पाइप्स
      • वेपर चेंबर्स
      • स्प्रे कूलिंग
      • टू-फेज हीट ट्रांसफर डिवाइसेस
    • उच्च-स्तरीय सिमुलेशन और परीक्षण सुविधाओं का निर्माण
    • उपग्रहों की लंबी उम्र और सुरक्षा बढ़ाने के लिए थर्मल कंट्रोल सिस्टम को उन्नत करना
  3. ISRO-IIT मद्रास साझेदारी:

    • इसरो के वैज्ञानिक और इंजीनियर आईआईटी मद्रास के प्रोफेसरों के साथ मिलकर अनुसंधान करेंगे
    • यह सहयोग भारत के चंद्र, मंगल और गहरे अंतरिक्ष मिशनों को सहायता प्रदान करेगा।
    • इसरो के वैज्ञानिकों को आईआईटी मद्रास में उन्नत डिग्री हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा
    • उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच भागीदारी को मजबूत किया जाएगा ताकि अत्याधुनिक अंतरिक्ष अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके।
  4. भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर प्रभाव:

    • अंतरिक्ष अभियानों की कार्यक्षमता और स्थायित्व में सुधार होगा
    • भारत को थर्मल प्रबंधन प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में मदद मिलेगी
    • भारत की वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में स्थिति मजबूत होगी
    • उन्नत अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता और प्रतिभाओं को आकर्षित किया जाएगा

यह केंद्र भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होगा और अंतरिक्ष विज्ञान में देश की अग्रणी भूमिका को और अधिक सशक्त करेगा।

महाराष्ट्र ने भिवंडी में छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित पहले मंदिर का उद्घाटन किया

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित राज्य के पहले मंदिर का ऐतिहासिक उद्घाटन किया। यह भव्य उद्घाटन शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर ठाणे जिले के भिवंडी में संपन्न हुआ। यह मंदिर उनकी वीरता, शौर्य और अमर विरासत का प्रतीक है, जहां भक्त उनके राष्ट्र निर्माण में योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

वीरता और विरासत का स्मारक

नवनिर्मित शिवाजी महाराज मंदिर महाराष्ट्र में अपनी तरह की पहली संरचना है, जो विशेष रूप से इस महान मराठा शासक को समर्पित है। मराठा किलों की भव्य वास्तुकला से प्रेरित यह मंदिर उनकी सैन्य कुशलता, पराक्रम और रणनीतिक प्रतिभा को दर्शाता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि इस मंदिर को शीघ्र ही एक आधिकारिक तीर्थस्थल का दर्जा दिया जाएगा, जिससे इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता और भी बढ़ जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि यह मंदिर इसलिए बनाया गया है क्योंकि शिवाजी महाराज ने धर्म, राष्ट्र और समाज की रक्षा के लिए संघर्ष किया और उन्होंने हिंदू पहचान को एक नई दिशा दी।

वास्तुकला की अद्भुत कृति: मराठा किलों की भव्यता का प्रतीक

विख्यात वास्तुकार विजयकुमार पाटिल द्वारा डिज़ाइन किया गया यह मंदिर 2,500 वर्ग फुट में फैला हुआ है और इसे 5,000 वर्ग फुट के किले जैसी परिधि में सुरक्षित किया गया है। इस परिधि में बुर्ज, सुरक्षा मार्ग और एक भव्य प्रवेश द्वार शामिल हैं, जो शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित ऐतिहासिक किलों की सैन्य संरचना की झलक प्रदान करते हैं।

प्रमुख वास्तुशिल्प विशेषताएँ:

  • 42 फुट ऊँचा प्रवेश द्वार, जो मराठा सैन्य स्थापत्य की भव्यता को प्रदर्शित करता है।
  • सभा मंडप (असेंबली हॉल) भी 42 फुट ऊँचाई का बनाया गया है, जो मराठा युग की स्थापत्य कला के भव्य दृष्टिकोण को दर्शाता है।
  • 6.5 फुट ऊँची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा इस मंदिर का केंद्रबिंदु है। यह प्रतिमा प्रसिद्ध शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा निर्मित है, जिन्होंने अयोध्या राम मंदिर की श्रीराम प्रतिमा का भी निर्माण किया था।
  • मंदिर के चारों ओर 36 उत्कृष्ट रूप से निर्मित खंड बनाए गए हैं, जिनमें शिवाजी महाराज के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को उकेरा गया है।

एक नया तीर्थ स्थल

महाराष्ट्र सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज मंदिर को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में मान्यता देने की योजना बनाई है। यह निर्णय इस स्थान के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करता है, जिससे देशभर के श्रद्धालु यहाँ आकर्षित होंगे।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि शिवाजी महाराज को नमन करना अन्य देवताओं का आशीर्वाद लेने से पहले अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसकी तुलना भगवान राम की पूजा से पहले हनुमानजी का आशीर्वाद लेने से की, यह दर्शाते हुए कि शिवाजी महाराज ने हिंदू पहचान को आकार देने में एक दिव्य使命 निभाई।

ऐतिहासिक महत्व और विरासत

यह मंदिर छत्रपति शिवाजी महाराज की अमर विरासत की याद दिलाता है। उनकी नेतृत्व क्षमता, प्रशासनिक दृष्टि और सैन्य रणनीतियों ने पीढ़ियों को प्रेरित किया है, जिससे वे भारत के सबसे प्रतिष्ठित ऐतिहासिक व्यक्तियों में से एक बन गए हैं।

मंदिर में उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं का चित्रण किया गया है, जो उनकी संघर्षपूर्ण यात्रा, विजय और दूरदर्शी नेतृत्व की एक दृश्यात्मक गाथा प्रस्तुत करता है।

अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के कारण, यह मंदिर इतिहासकारों, भक्तों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख दर्शनीय स्थल बनने जा रहा है।

पहलू विवरण
घटना महाराष्ट्र के पहले शिवाजी महाराज मंदिर का उद्घाटन, भिवंडी, ठाणे
तारीख शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर
उद्घाटनकर्ता महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
महत्व छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य, वीरता और विरासत को सम्मान
वास्तुकार विजयकुमार पाटिल
मुख्य विशेषताएँ – 42 फुट ऊँचा प्रवेश द्वार और किले जैसी दीवारें
– 6.5 फुट ऊँची शिवाजी महाराज की प्रतिमा (अरुण योगीराज द्वारा निर्मित)
– 36 खंडों में शिवाजी महाराज के जीवन की प्रमुख घटनाएँ
– 2,500 वर्गफुट का मंदिर, 5,000 वर्गफुट के परिसर में स्थित
सांस्कृतिक स्थिति मुख्यमंत्री फडणवीस ने इसे तीर्थस्थल घोषित करने की योजना बनाई
ऐतिहासिक संबंध मराठा किले की वास्तुकला से प्रेरित, शिवाजी महाराज की सैन्य विरासत को दर्शाता है
आध्यात्मिक महत्व भक्तों को अन्य देवी-देवताओं की पूजा से पहले शिवाजी महाराज को नमन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया
अपेक्षित प्रभाव – पर्यटन और तीर्थ स्थल के रूप में आकर्षण
– मराठा विरासत का प्रतीक
– शिवाजी महाराज की विरासत को संरक्षित करना

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