राष्ट्रीय दुग्ध दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के “श्वेत क्रांति के जनक” डॉ. वर्गीज़ कुरियन की जयंती को समर्पित है। वर्ष 2025 का समारोह न केवल उनके दूरदर्शी नेतृत्व को श्रद्धांजलि देता है, बल्कि भारत की उस अद्भुत यात्रा को भी दर्शाता है जिसमें देश एक दूध–घाटा राष्ट्र से दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बना और आज वैश्विक उत्पादन का लगभग 25% हिस्सा अकेले भारत देता है।
दूध भारत की पोषण प्रणाली और अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे 8 करोड़ से अधिक किसान परिवार जुड़े हुए हैं। दूध उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कैल्शियम और आवश्यक पोषक तत्वों का प्रमुख स्रोत भी है।
ऐतिहासिक सफर : आयात पर निर्भरता से वैश्विक नेतृत्व तक
1950–60 के दशक में, विश्व की सबसे बड़ी पशुधन आबादी होने के बावजूद भारत दूध की भारी कमी से जूझ रहा था। इस संकट से समाधान मिला:
डॉ. कुरियन के नेतृत्व में,
-
गांव स्तर पर दुग्ध समितियों का विशाल नेटवर्क विकसित हुआ
-
किसान–शहर बाज़ार संबंध मजबूत हुए
-
बिचौलियों पर निर्भरता घटाई गई
-
करोड़ों ग्रामीण परिवारों की आय में स्थायी सुधार हुआ
भारत की डेयरी प्रगति : एक दशक की झलक
2014–15 से 2023–24 के बीच:
-
दूध उत्पादन में 63.56% वृद्धि
-
उत्पादन : 239.3 मिलियन टन
-
प्रति व्यक्ति उपलब्धता : 124 ग्राम → 471 ग्राम/दिन
भारत के 303.76 मिलियन पशुधन के कारण उत्पादकता में 27.39% वृद्धि, जो विश्व में सबसे तेज़ है। देसी नस्लों का योगदान भी तेजी से बढ़कर:
इन उपलब्धियों के पीछे महत्वपूर्ण योजनाएँ हैं:
1. राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission)
(2014 में शुरू, 2025 में पुनर्गठित)
मुख्य उद्देश्य:
-
देसी नस्लों का संरक्षण व आनुवंशिक सुधार
-
एआई (Artificial Insemination) सेवाओं का विस्तार
-
IVF लैब और ब्रीड मल्टीप्लिकेशन फार्म स्थापित करना
₹3,400 करोड़ की कुल लागत से अब तक लाभार्थी:
-
92 मिलियन पशु
-
56 मिलियन किसान
2024–25 में:
राष्ट्रीय एआई कार्यक्रम के अंतर्गत:
2. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)
(2021 से संशोधित ढांचा)
घटक A:
घटक B:
उपलब्धियाँ:
-
31,908 दुग्ध सहकारी समितियाँ बनीं
-
120.68 लाख किग्रा/दिन अतिरिक्त दूध संग्रह क्षमता
-
6,000 बल्क मिल्क कूलर्स
-
61,677 गांवों में परीक्षण लैब्स
सबसे बड़ा प्रमुख संयंत्र
महिलाओं की बढ़ती भूमिका
-
डेयरी क्षेत्र में 70% महिलाएँ सक्रिय
-
48,000 से अधिक महिला-संचालित सहकारी समितियाँ
-
16 महिला–प्रधान MPOs
-
आंध्र प्रदेश की श्रीजा MPO को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त
GST सुधार: डेयरी उपभोक्ताओं और किसानों के लिए राहत
56वीं GST परिषद (3 सितंबर 2025) में महत्वपूर्ण कटौतियाँ:
ये सुधार 8 करोड़ ग्रामीण परिवारों और दूध मूल्य श्रृंखला को मजबूत करेंगे।
व्हाइट रिवोल्यूशन 2.0 (2024–29)
उद्देश्य:
-
75,000 नई डेयरी सहकारी समितियाँ बनाना
-
दूध संग्रह क्षमता को 1007 लाख किग्रा/दिन तक बढ़ाना
-
तीन मल्टी–स्टेट सहकारी समितियों की स्थापना:
यह योजना किसान आय, स्थिरता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत का डेयरी भविष्य : आँकड़े और अनुमान
APEDA (सितंबर 2025) के अनुसार:
-
भारत 2025–26 में वैश्विक दूध उत्पादन में 32% योगदान देगा
-
उत्पादन : 242 मिलियन टन
-
2028–29 तक प्रोसेसिंग क्षमता : 100 मिलियन लीटर/दिन
-
FMD और ब्रूसीलोसिस उन्मूलन अभियान जारी
गोपाल रत्न पुरस्कार 2025
ये पुरस्कार 26 नवंबर को प्रदान किए जाएंगे, श्रेणियाँ:
-
देसी नस्ल दुग्ध पालन
-
कृत्रिम गर्भाधान सेवाएँ
-
दुग्ध सहकारी नेतृत्व
पुरस्कार राशि:
स्टैटिक फैक्ट्स (परीक्षा हेतु उपयोगी)
-
दिवस: 26 नवंबर (डॉ. कुरियन की जयंती)
-
भारत का उत्पादन (2023–24): 239.3 मिलियन टन
-
प्रति व्यक्ति उपलब्धता: 471 ग्राम/दिन
-
महिलाओं की भागीदारी: 70%
-
गोकुल मिशन बजट: ₹3,400 करोड़
-
AI (2024–25): 565.55 लाख
-
NPDD लक्ष्य: अवसंरचना + बाज़ार विस्तार
-
साबर डेयरी प्लांट, रोहतक: ₹350 करोड़