विश्व पुर्तगाली भाषा दिवस: तिथि, इतिहास, महत्व

विश्व भर के देशों ने 5 मई 2025 को ‘विश्व पुर्तगाली भाषा दिवस’ (World Portuguese Language Day) मनाया, जो 265 मिलियन से अधिक पुर्तगाली भाषी लोगों की भाषाई और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करने का एक विशेष अवसर है। यह दिवस सबसे पहले 2009 में पुर्तगाली भाषी देशों के समुदाय (CPLP) द्वारा स्थापित किया गया था और 2019 में यूनेस्को द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त हुई थी। यह दिन पुर्तगाली भाषा की एकता, विविधता और अंतरराष्ट्रीय महत्व को दर्शाता है, जो ब्राज़ील से मोज़ाम्बिक और पुर्तगाल से पूर्वी तिमोर तक महाद्वीपों को जोड़ती है।

क्यों चर्चा में है?

  • 5 मई 2025 को विश्व पुर्तगाली भाषा दिवस को भव्य रूप से मनाया गया। इस अवसर पर विश्वभर में सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्यिक आयोजन और वैश्विक नेताओं के संदेश प्रस्तुत किए गए।
  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पुर्तगाली को अंतरराष्ट्रीय संवाद और सांस्कृतिक एकता का सशक्त माध्यम बताया।

उद्देश्य और लक्ष्य

  • लुसोफोन देशों (पुर्तगाली बोलने वाले देशों) की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता का उत्सव मनाना।

  • पुर्तगाली को एक वैश्विक संवाद और सांस्कृतिक जोड़ की भाषा के रूप में प्रोत्साहित करना।

  • CPLP सदस्य देशों के बीच भाषाई एकता और पहचान को सशक्त करना।

पृष्ठभूमि

  • 2009: CPLP ने 5 मई को पुर्तगाली भाषा दिवस के रूप में घोषित किया।

  • 2019: यूनेस्को ने अपनी 40वीं महासभा में इसे आधिकारिक रूप से “विश्व पुर्तगाली भाषा दिवस” घोषित किया।

  • CPLP (Community of Portuguese-speaking Countries): 1996 में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन।

स्थैतिक तथ्य

  • पुर्तगाली भाषा 265 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है।

  • यह दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

  • CPLP सदस्य देश: अंगोला, ब्राज़ील, केप वर्डे, गिनी-बिसाउ, मोज़ाम्बिक, पुर्तगाल, साओ टोमे और प्रिंसिपे, पूर्वी तिमोर और इक्वेटोरियल गिनी।

महत्व

  • अंतर-सांस्कृतिक संवाद और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना।

  • बहुभाषिकता (Multilingualism) को प्रोत्साहित करना, जो यूनेस्को का मूल मूल्य है।

  • भाषा अध्ययन और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को प्रेरित करना।

  • दुनिया भर में फैले पुर्तगाली भाषी समुदायों के बीच पहचान और एकता को मजबूत करना

कैसे मनाया गया?

  • भाषा आदान-प्रदान कार्यक्रम और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

  • पुर्तगाली साहित्य और कविता का पाठ

  • फादो संगीत सुनना और लुसोफोन फिल्में देखना

  • पारंपरिक व्यंजन जैसे बकालहाऊ (सूखी मछली) और पेस्टéis दे नाता (कस्टर्ड टार्ट) का आनंद

  • वैश्विक नेताओं जैसे एंटोनियो गुटेरेस के संदेश और भाषण

DRDO ने स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म की पहली उड़ान सफलतापूर्वक संचालित की

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 3 मई 2025 को मध्य प्रदेश के श्योपुर से अपने स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म (Stratospheric Airship Platform) का पहली बार सफल परीक्षण उड़ान (maiden flight-trial) पूरी की। आगरा स्थित एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADRDE) द्वारा विकसित यह एयरशिप लगभग 17 किलोमीटर की ऊँचाई तक पहुँचा। यह भारत की दीर्घकालिक (long-endurance) मिशनों और उन्नत निगरानी क्षमताओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

क्यों चर्चा में है?

DRDO ने 3 मई 2025 को अपने स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म का पहला सफल फ्लाइट ट्रायल किया। यह एयरशिप लगभग 17 किलोमीटर की स्ट्रैटोस्फेरिक ऊँचाई तक गया, इसमें कई उपप्रणालियों (subsystems) का परीक्षण किया गया और इसे सुरक्षित रूप से वापस लाया गया।
यह सफलता भारत की इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस (ISR) और अर्थ ऑब्ज़र्वेशन क्षमताओं को मजबूती प्रदान करती है।

प्रमुख विशेषताएँ और परीक्षण उद्देश्य

  • विकास एजेंसी: ADRDE (एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट), आगरा

  • परीक्षण स्थान: श्योपुर, मध्य प्रदेश

  • प्राप्त ऊँचाई: लगभग 17 किलोमीटर (स्ट्रैटोस्फेयर स्तर)

  • उड़ान अवधि: लगभग 62 मिनट

  • पेलोड: वायुमंडलीय और प्रदर्शन डेटा संग्रह हेतु उपकरणों से युक्त

परीक्षण की गई ऑनबोर्ड प्रणालियाँ

  • एनवेलप प्रेशर कंट्रोल सिस्टम

  • इमरजेंसी डिफ्लेशन सिस्टम

  • उद्देश्य: प्रणालियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन और भविष्य के मिशनों के लिए डेटा संग्रह

स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप का महत्व

  • यह प्लेटफॉर्म 15–25 किमी की ऊँचाई पर काम करता है।

  • यह उपग्रहों और ड्रोन की तुलना में कई लाभ प्रदान करता है, जैसे:

    • लगातार निगरानी

    • कम लागत और जोखिम

    • लचीलापन और त्वरित पुनर्प्राप्ति

रणनीतिक उपयोग

  • पृथ्वी का अवलोकन

  • सीमावर्ती निगरानी

  • आपदा प्रबंधन

  • पर्यावरण निगरानी

  • संचार रिले

प्रमुख वक्तव्यों की झलक

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह

  • DRDO को बधाई दी और कहा कि यह प्लेटफॉर्म भारत की स्वदेशी ISR क्षमताओं को बढ़ाएगा।

  • भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में लाएगा जो इस उन्नत तकनीक में सक्षम हैं।

DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत

  • इसे “लाइटर दैन एयर” (LTA) तकनीक में एक मील का पत्थर बताया, जो लंबे समय तक चलने वाले उच्च-ऊँचाई प्लेटफॉर्म की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

भारत ने विकसित की विश्व की पहली दो जीनोम-संपादित चावल की किस्में

एक क्रांतिकारी विकास में, भारत दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने जीनोम-संपादित (Genome-Edited) चावल की किस्मों का विकास किया है और उन्हें आधिकारिक रूप से घोषित भी किया है। कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने CRISPR-Cas तकनीक से विकसित दो नवीन चावल की किस्में—DRR Rice 100 (कमला) और Pusa DST Rice 1—भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा लॉन्च कीं। ये किस्में उत्पादकता बढ़ाने, जल संरक्षण करने और जलवायु सहनशीलता बढ़ाने में सहायक होंगी, जो भारत की कृषि आधुनिकीकरण दिशा में एक बड़ा कदम है।

क्यों चर्चा में है?

4 मई 2025 को भारत ने अपनी पहली जीनोम-संपादित चावल किस्मों की घोषणा की, जिससे वह कृषि जैवप्रौद्योगिकी में वैश्विक अग्रणी बन गया। यह कदम खाद्य सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु-उपयुक्त खेती में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

प्रमुख घोषणाएँ

  • कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दो किस्में लॉन्च कीं:

    • DRR Rice 100 (कमला)

    • Pusa DST Rice 1

  • कार्यक्रम स्थल: भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार, NASC कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली

  • मंत्री ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए ICAR वैज्ञानिकों को सम्मानित किया।

लक्ष्य एवं महत्व

  • चावल की उपज में वृद्धि, जल की खपत में कमी और पर्यावरणीय दबावों के प्रति सहनशीलता बढ़ाना।

  • भारत को “विश्व का खाद्य भंडार” बनाने की दिशा में सहयोग।

  • दूसरे हरित क्रांति एवं जलवायु-स्मार्ट कृषि की ओर एक ठोस कदम।

तकनीक और कार्यप्रणाली

  • CRISPR-Cas आधारित जीन संपादन तकनीक (SDN 1 और SDN 2)।

  • बिना विदेशी डीएनए मिलाए जीन अभिव्यक्ति में परिवर्तन।

  • भारत की जैवसुरक्षा नीति के तहत अनुमोदित।

किस्मों का विवरण

1. DRR Rice 100 (कमला)

  • संस्थान: ICAR-IIRR, हैदराबाद

  • आधार किस्म: सांबा महसूरी (BPT 5204)

  • 130 दिन में परिपक्व होती है (20 दिन पहले)।

  • जल की बचत और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी।

  • मजबूत तना, अधिक दाने प्रति बाल (पैनीकल)।

2. Pusa DST Rice 1

  • संस्थान: ICAR-IARI, नई दिल्ली

  • आधार किस्म: MTU 1010

  • नमक/क्षारीय मिट्टी में 9.66% से 30.4% तक अधिक उपज

  • जलवायु संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए उपयुक्त।

प्रभाव और परिणाम

  • कुल उपज में 19% की वृद्धि

  • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 20% की कमी

  • 7,500 मिलियन घन मीटर सिंचाई जल की बचत

  • ₹48,000 करोड़ वार्षिक बासमती चावल निर्यात को और बढ़ावा।

भौगोलिक कवरेज

लक्षित राज्य:
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल

सरकारी समर्थन

  • ₹500 करोड़ का बजट आवंटन (2023–24) जीनोम संपादन के लिए।

  • तिलहन और दलहनों पर भी अनुसंधान जारी।

ITBP ने फतह की दुनिया की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 12-सदस्यीय टीम ने विश्व की पाँचवीं सबसे ऊँची पर्वत चोटी माउंट मकालू (8,485 मीटर) को सफलतापूर्वक फतह किया। यह चढ़ाई बल के एक ऐतिहासिक ट्विन पीक अभियान का हिस्सा थी, जिसमें पहली बार ITBP ने माउंट मकालू और माउंट अन्नपूर्णा—दोनों पर चढ़ाई का प्रयास किया। यह अभियान उच्च पर्वतारोहण में बल की परंपरा को और मज़बूती देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

क्यों चर्चा में है?

ITBP द्वारा 19 अप्रैल 2025 को माउंट मकालू की सफल चढ़ाई (83% सफलता दर) भारत की पर्वतारोहण क्षमता को उजागर करती है। यह मिशन बल के फिटनेस, सहनशक्ति और पारिस्थितिकीय उत्तरदायित्व को प्रदर्शित करता है। ITBP इतिहास में यह पहला जुड़वाँ अभियान था, जिसमें माउंट अन्नपूर्णा की चढ़ाई भी शामिल थी, जो मौसम की खराबी के कारण अधूरी रह गई।

पृष्ठभूमि और उद्देश्य:

  • प्रारंभ तिथि: 21 मार्च 2025, नई दिल्ली से फ्लैग ऑफ़ किया गया।

  • उद्देश्य: नेपाल स्थित दो 8,000 मीटर से ऊँचे पर्वतों—माउंट मकालू और माउंट अन्नपूर्णा की चढ़ाई।

  • पर्वतारोहण प्रशिक्षण और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी में ITBP की परंपरा को मज़बूती देना।

मुख्य विवरण:

विवरण जानकारी
माउंट मकालू ऊँचाई 8,485 मीटर (दुनिया की 5वीं सबसे ऊँची चोटी)
माउंट अन्नपूर्णा ऊँचाई 8,091 मीटर (दुनिया की 10वीं सबसे ऊँची चोटी)
स्थान हिमालय क्षेत्र, नेपाल
ITBP का पहला प्रयास दोनों चोटियों पर एक साथ चढ़ाई का पहला प्रयास

टीम विवरण:

  • नेतृत्व: उप कमांडेंट अनूप कुमार नेगी

  • उपनेता: निहास सुरेश

  • कुल 12 सदस्यीय टीम, दो 6-6 सदस्यों के समूहों में विभाजित

प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • 19 अप्रैल 2025 को सुबह 8:15 बजे पाँच सदस्य माउंट मकालू के शिखर तक पहुँचे।

  • माउंट अन्नपूर्णा की टीम 7,940 मीटर तक पहुँची, लेकिन बर्फीले तूफान और व्हाइटआउट के कारण 150 मीटर पहले रुकना पड़ा।

महत्व और विरासत:

  • अब तक ITBP ने दुनिया की 14 “एट-थाउज़ैंडर” चोटियों में से 6 को फतह कर लिया है।

  • अब तक कुल 229 चोटियाँ फतह की गईं—इनमें माउंट एवरेस्ट (5 बार), कंचनजंगा, धौलागिरी, ल्होत्से और मनास्लु शामिल हैं।

  • यह उपलब्धियाँ बल की भूमिका को सीमा सुरक्षा से आगे बढ़ाकर, आपदा प्रतिक्रिया, पर्वतीय बचाव, और पर्यावरणीय संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण बनाती हैं।

सारांश / स्थैतिक बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में है? ITBP ने माउंट मकालू फतह किया: ट्विन पीक अभियान में ऐतिहासिक उपलब्धि
अभियान का नाम मकालू एवं अन्नपूर्णा हेतु ट्विन पीक अभियान
संगठन भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
फतह की गई चोटी माउंट मकालू (8,485 मीटर)
सफलता दर (मकालू) 83% (6 में से 5 पर्वतारोही शिखर पर पहुँचे)
नेतृत्व अनुप कुमार नेगी (नेता), निहास सुरेश (उपनेता)
पर्यावरणीय योगदान 150 किलोग्राम अपघटनीय कचरा एकत्र किया गया

गोल्डसिक्का द्वारा भारत के पहले सोना पिघलाने वाले एटीएम का अनावरण

भारत में सोने के लेन-देन के परिदृश्य को बदलने वाली एक क्रांतिकारी पहल के तहत, हैदराबाद की कंपनी गोल्डसिक्का ने एआई-सक्षम गोल्ड-मेल्टिंग एटीएम लॉन्च किया है। यह उन्नत मशीन उपयोगकर्ताओं को सोने को खरीदने, बेचने, विनिमय करने, किराये पर देने, डिजिटाइज करने और मौद्रिक रूप से उपयोग करने की सुविधा पूरी तरह स्वचालित प्रक्रिया के माध्यम से देती है। इसमें ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) तकनीक भी एकीकृत की गई है, जिससे ग्राहक आभूषणों को वर्चुअल रूप से पहनकर देख सकते हैं। यह एटीएम सोने के लेन-देन के अनुभव को न केवल अत्याधुनिक बनाता है, बल्कि उपयोगकर्ता के लिए अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और सुविधाजनक भी बनाता है।

समाचारों में क्यों?

हैदराबाद स्थित कंपनी गोल्डसिक्का (Goldsikka) ने भारत में सोने के लेन-देन की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए एक अत्याधुनिक AI-सक्षम ‘गोल्ड-मेल्टिंग एटीएम’ लॉन्च किया है। यह मशीन सोना खरीदने, बेचने, बदलने, किराये पर देने, डिजिटाइज़ करने और मौद्रिक रूप से उपयोग करने की सुविधा प्रदान करती है — वह भी पूरी तरह स्वचालित प्रणाली के माध्यम से। इसमें ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) की मदद से आभूषणों को वर्चुअली पहनकर देखने की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे लेन-देन प्रक्रिया और अधिक आधुनिक तथा उपयोगकर्ता के अनुकूल बनती है।

प्रमुख विशेषताएँ और कार्यप्रणालियाँ

  • सोना खरीदें/बेचें: उपयोगकर्ता एटीएम से सोना खरीद सकते हैं या उसमें जमा कर सकते हैं।

  • पिघलाना और परीक्षण: जमा किए गए सोने को मौके पर ही पिघलाया जाता है और उसकी शुद्धता की जांच की जाती है।

  • तत्काल मूल्यांकन: मशीन बाजार दर के अनुसार शुद्ध सोने का रीयल-टाइम मूल्य दिखाती है।

  • सीधा बैंक ट्रांसफर: उपयोगकर्ता की अनुमति के बाद, सोने का मूल्य 30 मिनट के भीतर उनके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है।

  • AR इंटीग्रेशन: ग्राहक वर्चुअल रूप से आभूषण पहनकर देख सकते हैं।

  • AI-आधारित सुरक्षा: आधार सत्यापन, पहचान पत्र जांच और उपयोगकर्ता की तस्वीर रिकॉर्ड करने की सुविधा।

  • अपराध पहचान: संदिग्ध लेन-देन को तुरंत चिह्नित कर पुलिस को अलर्ट भेजा जाता है।

उद्देश्य और दृष्टिकोण

  • सुविधा बढ़ाना: मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम कर सुरक्षित, तेज़ और स्वचालित सेवा प्रदान करना।

  • वित्तीय समावेशन को बढ़ावा: व्यक्तिगत स्वर्ण संपत्तियों को मौद्रिक और डिजिटल रूप में परिवर्तित करने की सुविधा।

  • विस्तार की योजना: अगले एक वर्ष में भारत में 100 और विदेशों में 100 मशीनें लगाने की योजना।

पृष्ठभूमि और स्थायी जानकारी

  • कंपनी: गोल्डसिक्का प्रा. लि., मुख्यालय – हैदराबाद

  • पहला नवाचार: 2022 में भारत का पहला रीयल-टाइम गोल्ड एटीएम लॉन्च किया था

  • वर्तमान स्थिति: भारत में 14 स्वर्ण एटीएम सक्रिय; अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 3

  • अनुमोदन की प्रतीक्षा: गोल्ड-मेल्टिंग संस्करण तैयार है और नियामकीय स्वीकृति का इंतजार कर रहा है

महत्त्व

  • भौतिक बैंकिंग में AI और AR का एकीकृत उपयोग

  • पारंपरिक स्वर्ण बाजार में डिजिटल परिवर्तन को प्रोत्साहन

  • कानूनी और ट्रैक योग्य स्वर्ण लेन-देन को बढ़ावा

  • वैश्विक स्तर पर कीमती धातुओं के स्वचालित बैंकिंग मॉडल के रूप में मिसाल बन सकता है

श्रेणी विवरण (हिंदी में)
क्यों चर्चा में? भारत का पहला गोल्ड-मेल्टिंग एटीएम गोल्डसिक्का द्वारा लॉन्च किया गया।
विषय गोल्डसिक्का द्वारा गोल्ड-मेल्टिंग एटीएम का अनावरण
स्थान हैदराबाद, भारत
प्रयुक्त तकनीक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ऑगमेंटेड रियलिटी (AR), आधार सत्यापन
मुख्य विशेषताएँ सोना खरीदना/बेचना, पिघलाना, शुद्धता जांच, त्वरित बैंक ट्रांसफर, वर्चुअल आभूषण आज़माना
कंपनी गोल्डसिक्का प्रा. लि.
भविष्य की योजना भारत में 100 और विदेशों में 100 नई मशीनें स्थापित करने की योजना
सुरक्षा व्यवस्था फोटो कैप्चर, पहचान पत्र सत्यापन, संदेहास्पद गतिविधियों पर पुलिस को स्वत: सूचना
एटीएम की स्थिति नियामकीय स्वीकृति की प्रतीक्षा में

लॉरेंस वोंग ने सिंगापुर के आम चुनाव 2025 में पीएपी को शानदार जीत दिलाई

सिंगापुर की सत्तारूढ़ पार्टी पीपल्स एक्शन पार्टी (PAP) ने 3 मई 2025 को हुए ऐतिहासिक आम चुनाव में प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के नेतृत्व में जोरदार जीत दर्ज की, जिसमें उसने 97 में से 87 संसदीय सीटें हासिल कीं। यह चुनाव प्रधानमंत्री वोंग की बतौर राष्ट्र प्रमुख पहली चुनावी परीक्षा थी, जो ली सिएन लूंग से नेतृत्व संभालने के बाद हुई। 65.57% की लोकप्रिय वोट हिस्सेदारी के साथ, सिंगापुर की जनता ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और क्षेत्रीय भू-राजनीतिक बदलावों के बीच PAP पर अपना विश्वास फिर से जताया।

समाचारों में क्यों?

3 मई 2025 को हुए ऐतिहासिक आम चुनाव में सिंगापुर की सत्तारूढ़ पीपल्स एक्शन पार्टी (PAP) ने प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के नेतृत्व में 97 में से 87 सीटें जीतकर निर्णायक विजय हासिल की। यह चुनाव लॉरेंस वोंग के लिए बतौर प्रधानमंत्री पहला चुनाव था, जो 2024 में ली सिएन लूंग के स्थान पर सत्ता में आए थे। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और क्षेत्रीय भू-राजनीतिक बदलावों के बीच, 65.57% वोट शेयर के साथ यह जीत PAP में जनता के भरोसे की फिर से पुष्टि मानी जा रही है।

चुनाव के मुख्य बिंदु

  • चुनाव की तारीख: 3 मई 2025

  • PAP का प्रदर्शन: 97 में से 87 सीटों पर जीत

  • लोकप्रिय वोट शेयर: 65.57% (2020 में 61.24% था)

  • कुल मतदाता मतदान: 24,29,281

  • कुल सीटें जिन पर मतदान हुआ: 92 (एक 5-सदस्यीय GRC सीट पर PAP को निर्विरोध जीत मिली)

  • मुख्य विपक्षी दल (वर्कर्स पार्टी): 10 सीटें बरकरार रखीं

प्रसंग और महत्व

  • लॉरेंस वोंग के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहला आम चुनाव, जो उन्होंने मई 2024 में ली सिएन लूंग से पदभार ग्रहण करने के बाद लड़ा।

  • चुनाव उस समय हुआ जब देश आर्थिक मंदी, बढ़ती महंगाई, और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा था।

  • 1965 से सत्ता में बनी हुई PAP की यह जीत राजनीतिक स्थिरता और जनता के विश्वास को दर्शाती है।

  • पार्टी का चुनाव प्रचार मुख्य रूप से स्थिरता, आर्थिक सुरक्षा, और अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितता में कुशल मार्गदर्शन पर केंद्रित था।

चुनावी अभियान के दौरान उठे प्रमुख मुद्दे

  • जीवन यापन और आवास की बढ़ती लागत

  • विदेशी श्रमिकों की बढ़ती संख्या

  • विपक्ष की प्रभावी भूमिका और संतुलन की आवश्यकता

मुख्य आर्थिक चुनौतियाँ

  • अप्रैल 2025 में सिंगापुर का PMI (Purchasing Managers’ Index) गिरकर 49.6 पर आ गया, जो विनिर्माण क्षेत्र में संकुचन का संकेत है।

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण निर्यात और निवेशकों के विश्वास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

  • प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने नई कैबिनेट के शीघ्र गठन और आवास, सामर्थ्य और आर्थिक सुधार को नीति प्राथमिकता देने का वादा किया।

एंथनी अल्बनीज़ भारी जीत के साथ पुनः ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री चुने गए

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज़ ने लेबर पार्टी को आश्चर्यजनक रूप से प्रचंड जीत दिलाई है और लगातार दूसरा कार्यकाल सुरक्षित किया है। यह जीत, स्वास्थ्य सेवा, आवास की उपलब्धता और वैश्विक स्तर पर फैली सत्ता-विरोधी लहर के बीच आई है, और इसे पीटर डटन के नेतृत्व वाले रूढ़िवादी लिबरल-नेशनल गठबंधन के स्पष्ट अस्वीकार के रूप में देखा जा रहा है। एल्बनीज़ की यह जीत पिछले दो दशकों में किसी भी ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की पहली लगातार दूसरी जीत है।

समाचारों में क्यों?

प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज़ ने 2025 के आम चुनावों में लेबर पार्टी का नेतृत्व करते हुए भारी जीत दर्ज की है और लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। यह जीत उस समय आई है जब वैश्विक स्तर पर “एंटी-इनकम्बेंसी लहर” चल रही है, यानी सत्ता में रही सरकारों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। एल्बनीज़ की जीत को पीटर डटन (लिबरल-नेशनल गठबंधन) के नेतृत्व वाली रूढ़िवादी विपक्ष की नीतियों के खंडन के रूप में देखा जा रहा है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करना – लेबर सरकार का दूसरा कार्यकाल देश में निरंतरता लाएगा।

  • न्याय और अवसर को बढ़ावा – यही एल्बनीज़ के प्रचार की प्रमुख थीम रही, जिसे जनता का समर्थन मिला।

  • अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत करना – चुनाव के बाद वैश्विक नेताओं से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं।

  • महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों का समाधान – जैसे महंगाई, जलवायु परिवर्तन, आवास संकट और स्वास्थ्य सेवाएं।

  • स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई समुदाय से पुनः संवाद – असफल ‘वॉयस जनमत संग्रह’ के बाद मेल-मिलाप की नई शुरुआत।

पृष्ठभूमि 

  • लेबर पार्टी ने 2022 में एल्बनीज़ के नेतृत्व में सत्ता हासिल की थी।

  • पहले कार्यकाल में आर्थिक मंदी, ‘वॉयस’ जनमत संग्रह की विफलता, और जनता की नाखुशी जैसी चुनौतियाँ थीं।

  • 2025 की शुरुआत में गिरते अनुमानों के बावजूद, लेबर ने एक संयमित और मध्यमार्गी अभियान चलाया।

  • विपक्षी गठबंधन (पीटर डटन के नेतृत्व में) जनता का भरोसा दोबारा नहीं जीत सका, खासकर जब उनके प्रचार को “ट्रंपीयन रणनीति” कहा गया।

स्थिर तथ्य 

  • देश: ऑस्ट्रेलिया

  • प्रधानमंत्री: एंथनी एल्बनीज़ (लेबर पार्टी)

  • विपक्ष के नेता (पराजित): पीटर डटन (लिबरल-नेशनल गठबंधन)

  • चुनाव वर्ष: 2025

  • संसद (हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव्स): 151 सीटें

  • अनुमानित सीटें (ABC के अनुसार):

    • लेबर: 86

    • गठबंधन: ~40

    • ग्रीन्स: 1–2

    • अन्य: 9

  • निर्वाचन आयोग: ऑस्ट्रेलियन इलेक्टोरल कमीशन

  • प्रमुख मंत्रालय:

    • गृह मंत्रालय

    • स्वास्थ्य मंत्रालय

    • स्वदेशी मामलों का मंत्रालय

एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी भारतीय वायु सेना के उप प्रमुख नियुक्त

एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने शुक्रवार को वायुसेना के नए उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने एयर मार्शल एसपी धारकर का स्थान लिया है जो 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए। वायुसेना उप प्रमुख का कार्यभार संभालने से पहले, एयर मार्शल तिवारी गांधीनगर स्थित दक्षिण पश्चिमी वायु कमान (एसडब्ल्यूएसी) के एयर आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी) के रूप में कार्यरत थे। वायुसेना ने एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी। तीन दशकों से अधिक की विशिष्ट सेवा के साथ, एयर मार्शल तिवारी एक अत्यंत सुसज्जित अधिकारी हैं। वे संचालन विशेषज्ञता, उड़ान परीक्षण की उत्कृष्ट योग्यता और रणनीतिक नेतृत्व के अनुभव के साथ वायु सेना को भविष्य की ओर मार्गदर्शित करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।

क्यों चर्चा में?

एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी को भारतीय वायु सेना के नए वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ के रूप में 2 मई 2025 को नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति वायु सेना द्वारा अनुभवी नेतृत्व, आधुनिकीकरण, और रणनीतिक क्षमता में वृद्धि को प्राथमिकता देने को दर्शाती है।

प्रमुख तथ्य

  • नियुक्ति की तिथि: 2 मई 2025

  • पद: वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ, भारतीय वायु सेना

  • सम्मान:

    • परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM) – 2025

    • अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) – 2022

    • वायु सेना मेडल (VM) – 2008

  • उड़ान अनुभव: विभिन्न विमानों पर 3600 घंटे से अधिक

करियर और शिक्षा

  • प्रारंभिक शिक्षा: राष्‍ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (RIMC), देहरादून

  • प्रशिक्षण: राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), खडकवासला – राष्ट्रपति स्वर्ण पदक विजेता (1985)

  • कमीशन: 7 जून 1986 को वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में

  • उच्च अध्ययन: एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज, अमेरिका

  • प्रशिक्षक अनुभव:

    • वायु सेना टेस्ट पायलट स्कूल

    • डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन

प्रमुख योगदान

  • कारगिल युद्ध (1999): ‘Litening’ लेजर डिज़िग्नेशन पॉड के संचालन में प्रमुख भूमिका

  • LCA तेजस परीक्षण:

    • 2006–09 और 2018–19 के दौरान फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस (FOC) में अहम योगदान

  • विदेशी दायित्व:

    • एयर अटैशे, पेरिस (2013–2016) – अंतरराष्ट्रीय सैन्य संबंधों को मजबूत किया

  • पिछला पद: दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ़

महत्व

एयर मार्शल तिवारी की विशेषज्ञता विशेष रूप से स्वदेशी विमानों के परीक्षण, संचालनात्मक नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय संपर्कों में रही है। उनका नेतृत्व भारतीय वायु सेना में आधुनिकीकरण को गति देने, संचालन क्षमता बढ़ाने, और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होगा।

नीति आयोग ने “भारत में एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने” पर रिपोर्ट जारी की

नीति आयोग ने इंस्टिट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस (IFC) के सहयोग से “भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना” शीर्षक वाली एक रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट भारत के MSME क्षेत्र का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें प्रमुख चुनौतियों की पहचान की गई है और उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए एक सुव्यवस्थित सुधार योजना सुझाई गई है। रिपोर्ट में वित्तपोषण, नवाचार, कौशल विकास और बाज़ार तक पहुँच जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, ताकि MSMEs न केवल घरेलू बल्कि वैश्विक बाज़ारों में भी सफलतापूर्वक कार्य कर सकें।

क्यों चर्चा में है?

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत अपने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को मजबूत करने की दिशा में प्रयास कर रहा है। MSMEs न केवल रोज़गार प्रदान करने में बल्कि GDP में योगदान के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इस क्षेत्र की चुनौतियों को दूर करना स्थायी आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। NITI आयोग की यह रिपोर्ट वित्तपोषण, कौशल विकास और तकनीकी अपनाने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में संगठित सुधारों के माध्यम से MSMEs की क्षमता को सशक्त करने की दिशा में एक रोडमैप प्रस्तुत करती है।

उद्देश्य और लक्ष्य

इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य भारत के MSME क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है, जिसके लिए निम्नलिखित प्रमुख चुनौतियों को दूर करने की सिफारिश की गई है:

  • सीमित ऋण सुविधा

  • कुशल श्रम की कमी

  • तकनीक को अपनाने में बाधाएँ

  • बाज़ार में एकीकरण की कमी

रिपोर्ट MSMEs को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में बेहतर एकीकरण और आर्थिक वृद्धि में अधिक योगदान देने के लिए सक्षम बनाने हेतु कार्यान्वयन योग्य सुझाव प्रदान करती है।

प्रमुख निष्कर्ष और सिफारिशें

1. ऋण की उपलब्धता

  • सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए औपचारिक ऋण की पहुँच 2020 से 2024 के बीच 14% से बढ़कर 20% हुई है।

  • मध्यम उद्यमों के लिए यह आंकड़ा 4% से 9% हुआ है।

  • इसके बावजूद, MSMEs की कुल ऋण मांग का केवल 19% ही पूरा हो पा रहा है।

  • सिफारिश: CGTMSE (क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट) को सुदृढ़ कर समावेशी और मापनीय वित्तपोषण को सक्षम बनाना।

2. कौशल विकास

  • MSME कार्यबल में प्रशिक्षित श्रमिकों की भारी कमी है।

  • सिफारिश: R&D और नवाचार जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना।

3. तकनीकी अपनाना और नवाचार

  • MSMEs को आधुनिक तकनीक अपनाने में समस्याएं आती हैं, जैसे:

    • अनियमित बिजली आपूर्ति

    • कमजोर इंटरनेट कनेक्टिविटी

    • उच्च लागत

  • सिफारिश: राज्य सरकारें डिजिटल टूल्स और आधुनिक तकनीक तक पहुँच को बढ़ावा दें।

  • R&D और गुणवत्ता सुधार में निवेश की भी आवश्यकता।

4. बाज़ार पहुँच और वैश्विक प्रतिस्पर्धा

  • MSMEs की वैश्विक बाज़ारों तक पहुँच को बढ़ाने के लिए सिफारिशें:

    • डिजिटल मार्केटिंग का प्रशिक्षण

    • लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं के साथ साझेदारी

    • प्रत्यक्ष बाज़ार संपर्क के लिए प्लेटफॉर्म बनाना

  • पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत जैसे उच्च संभावनाओं वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान।

नीति ढांचा

  • रिपोर्ट राज्य स्तर पर एक मजबूत, अनुकूलनशील और क्लस्टर आधारित नीति ढांचे की आवश्यकता पर बल देती है।

  • यह ढांचा MSMEs को नवाचार, प्रतिस्पर्धा और आर्थिक परिवर्तन में भागीदारी के लिए सशक्त करेगा।

फोर्ब्स डब्ल्यू-पावर लिस्ट 2025 में भारत की अग्रणी महिला अचीवर्स को मान्यता दी गई

एक ऐसे समय में जब दुनिया महिला नेतृत्व की शक्ति और क्षमता को तेजी से पहचान रही है, फोर्ब्स इंडिया ने अपनी बहुप्रतीक्षित W-पावर सूची 2025 (W-Power List 2025) जारी की है। यह सूची उन प्रभावशाली और स्वनिर्मित भारतीय महिलाओं को सम्मानित करती है जो व्यवसाय, विज्ञान, खेल, कला, और उद्यमिता जैसे विविध क्षेत्रों से ताल्लुक रखती हैं और अपने-अपने क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रही हैं।

क्यों है यह ख़बर में?

फोर्ब्स इंडिया ने हाल ही में W-पावर 2025 सूची प्रकाशित की है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रभाव डालने वाली स्वनिर्मित महिलाओं को शामिल किया गया है। ये महिलाएं पारंपरिक मान्यताओं को चुनौती देकर भारत और विश्व में सफलता की नई परिभाषा गढ़ रही हैं।

W-पावर सूची 2025 के बारे में

  • वार्षिक पहल, जिसमें भारत की अग्रणी, स्वनिर्मित महिलाओं को पहचान दी जाती है।

  • उद्देश्य: उन महिलाओं को सामने लाना जो नेतृत्व कर रही हैं — चाहे वह व्यवसाय, राजनीति, विज्ञान, कला, या खेल हो।

  • प्रेरणा स्रोत: अगली पीढ़ी की महिलाओं को प्रेरित करना, उन्हें सशक्त बनाना।

मुख्य विशेषताएं

  • व्यवसायों की विविधता: सूची में CEO, वैज्ञानिक, खिलाड़ी, फिल्म निर्माता, कलाकार, निवेशक शामिल हैं।

  • स्वनिर्मित सफलता पर ज़ोर: इनमें से अधिकांश महिलाओं ने अपनी सफलता प्रतिभा, दृढ़ता, और नवाचार के दम पर अर्जित की है।

प्रमुख नाम 

  • गीता गोपीनाथ – प्रथम उप प्रबंध निदेशक, IMF

  • लीना नायर – वैश्विक CEO, Chanel

  • स्मृति मंधाना, पीवी सिंधु, मनु भाकर – अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

  • पायल कपाड़िया – पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता

  • डॉ. प्रतिमा मूर्ति – निदेशक, NIMHANS

  • रोहिणी अय्यर – पीआर और मार्केटिंग उद्यमी

  • शेफाली गोराडिया – चेयरपर्सन, डेलॉयट साउथ एशिया

  • विशाखा मुल्ये – CEO, आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड

महत्वपूर्ण आँकड़े

  • 5 महिलाएं अंतरराष्ट्रीय संगठनों में कार्यरत

  • 3 शीर्ष खिलाड़ी

  • 4 फिल्म व कला क्षेत्र से

  • 4 प्रमुख निर्णायक मंडल सदस्य

उद्देश्य और महत्व

  • महिला सशक्तिकरण और नेतृत्व का उत्सव

  • पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में लैंगिक समावेशन को प्रोत्साहन

  • युवा परिवर्तनकर्ताओं और उद्यमियों को प्रेरित करने के लिए आदर्श प्रस्तुत करना

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