आईबीएम ने COVID-19 से संबंधित जानकारी के लिए ‘वाटसन असिस्टेंट फॉर सिटिजन्स’ किया लॉन्च

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आईबीएम ने COVID-19 से संबंधित सवालों का जवाब फ्री में देने के लिए ‘वाटसन असिस्टेंट फॉर सिटिजन्स ‘ प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। वाटसन असिस्टेंट फॉर सिटिजन्स ’एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म है जो COVID-19 से संबंधित प्रश्नों पर विश्वसनीय जानकारी प्रदान करता है। वाटसन असिस्टेंट फॉर सिटिजंस के वॉट्सन असिस्टेंट, आम भाषा को समझाने के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सर्च क्षमताएं जो COVID-19 के बारे में आम प्रश्नों को समझने और उनका जवाब देने में सहायता करती हैं।
वाटसन असिस्टेंट फॉर सिटिजंस वर्तमान में उपलब्ध बाहरी स्रोतों के डेटा का इस्तेमाल कर जानकारी प्रदान करेगा। इन स्रोतों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और अन्य सरकारी स्रोत, देश की नागरिक कल्याण योजनाएँ जैसे विश्व संसाधन और विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र शामिल हैं।
AI- संचालित वर्चुअल एजेंट वाटसन असिस्टेंट फॉर सिटिजंस सरकारों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा क्योंकि वे अपने नागरिकों को बिना संपर्क केंद्रों की सूचना दिए सटीक जानकारी प्रदान कर सकते है। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए, आईबीएम रिसर्च ने वॉटसन असिस्टेंट को अंग्रेजी में प्रश्नों का जवाब देने के साथ-साथ हिंदी में विभिन्न सरकारी एजेंसियों और विभागों को अपने घटकों को यह सेवा प्रदान करने के लिए तैयार किया है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री: हर्षवर्धन.

डोमिनोज पिज्जा ने लोगों को जरुरी सामान पहुँचाने के लिए ‘डोमिनोज एसेंशियल’ सेवा की लॉन्च

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डोमिनोज़ पिज्जा ने “डोमिनोज़ एसेंशियल” सेवा लॉन्च करने के लिए आईटीसी फूड्स के साथ साझेदारी की है। “डोमिनोज़ एसेंशियल” सेवा के जरिए आईटीसी फूड्स द्वारा रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएँ डोमिनोज़ के डिलीवरी नेटवर्क के माध्यम से लोगो तक पहुंचाई जाएंगी। इस साझेदारी का उद्देश्य लोगों के बिना घरों के बाहर निकले, उनके दरवाजे तक आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करके जनता की सेवा करना है।

डोमिनोज़ ऐप पर “डोमिनोज़ एसेंशियल” सेक्शन से इस सेवा का लाभ उपभोक्ता उठा सकेंगे। डोमिनोज़ पिज्जा लोगों के घर तक आवश्यक सामान पहुंचाने के लिए अपने सप्लाई चेन और डिलीवरी नेटवर्क का इस्तेमाल करेगा। यह सेवा COVID-19 महामारी को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के सरकार के फैसले के सहयोग के प्रयास को दर्शाती है।

SCTIMST और Wipro 3D ने ऑटोमेटेड वेंटिलेटर का निर्माण करने के लिए किया समझौता

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श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ने विप्रो 3 डी, बेंगलुरु के साथ मिलकर ऑटोमेटेड वेंटिलेटर का निर्माण करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों संगठन ने आर्टिफिशियल मैनुअल ब्रीदिंग यूनिट (AMBU) पर आधारित एक आपातकालीन वेंटिलेटर सिस्टम के प्रोटाटाइप का संयुक्त रूप से निर्माण करने के लिए करार किया है।


आर्टिफिशियल मैनुअल ब्रीदिंग यूनिट (AMBU) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

आर्टिफिशियल मैनुअल ब्रीदिंग यूनिट (AMBU) को SCTIMST द्वारा विकसित किया गया है। एएमबीयू बैग या एक बैग-वाल्व-मास्क (बीवीएम) एक हाथ में रखा जाने वाला उपकरण है जिसका उपयोग किसी रोगी को, जो या तो सांस नहीं ले रहा है, या अपर्याप्त रूप से सांस ले रहा है, को सकारात्मक प्रेशर वेंटिलेशन देने में किया जाता है। त्वरित उत्पादन में सक्षम बनाने के लिए, इस उपकरण का डिजाइन सहजता से तैयार कंपोनेंट से बनाया गया है जिससे कि यह वैकल्पिक समाधान बन सकता है। यह आटोमैटिक उपकरण आइसोलेशन कक्ष में सहायता कार्मिक की आवश्यकता को न्यून करेगा तथा इसके द्वारा कोविड रोगियों के लिए एक सुरक्षित और कारगर फेफड़ा-सुरक्षा ऑपरेशन में सक्षम बनाएगा।

SCTIMST और Wipro 3D द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए जाने वाले ये आटोमैटिक वेंटिलेटर कोविड-19 से संबंधित खतरे से उत्पन्न तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सहायता कर सकते हैं।

मुबंई में नौसेना डॉकयार्ड ने बनाई कम लागत वाली इन्फ्रारेड सेंसर गन

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नौसेना के मुबंई स्थिति डॉकयार्ड ने COVID -19 संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित रखने के लिए कर्मियों की स्क्रीनिंग के लिए खुद के उपलब्ध संसाधनों से इन्फ्रारेड-आधारित तापमान सेंसर गन को डिजाइन एवं विकसित किया है। कोविड के प्रकोप के बाद से, गैर-संपर्क वाले थर्मामीटर या इन्फ्रारेड तापमान सेंसर गन बाजार में दुर्लभ हो गई हैं, और जिन्हें बहुत अधिक कीमतों पर बेचा जा रहा हैं। 
यार्ड ने अपने  प्रवेश द्वारों पर बड़ी संख्या में कर्मियों की स्क्रीनिंग के लिए इन्फ्रारेड तापमान सेंसर गन डिजाइन की है, ताकि सुरक्षा जांच गतिविधियों पर बोझ कम किया जा सके। डॉकयार्ड द्वारा खुद के उपलब्ध संसाधनों से विकसित इस गन की कीमत 1000 रूपए से भी कम है जो कि बाजार में उपलब्ध ऐसे अन्य गनों की कीमत का अंश भर है। यह तापमान गन 0.02 डिग्री सेल्सियस तक के शारीरिक तापमान को सटीकता से नापने में सक्षम है। तापमान गन में एक एलईडी डिस्प्ले और एक इन्फ्रारेड सेंसर भी लगा हुआ है।

क्या होता है इन्फ्रारेड थर्मामीटर?

इन्फ्रारेड थर्मामीटर, डॉकयार्ड द्वारा इंफ्रारेड लाइट को फोकस करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लेंस के जैसा है। यह ब्लैक बॉडी रेडिएशन नामक सिद्धांत पर काम करता है। आईआर थर्मामीटर में एक डिटेक्टर लगा होता है जो शरीर की गर्म किरणों की जानकारी देता है। यदि किरणें अधिक हैं, तो डिटेक्टर एक उच्च धारा उत्पन्न करता है जिसका मतलब है कि शरीर का तापमान अधिक है। आम भाषा में कहे है तो यह एक तरह का थर्मामीटर है जो किसी के शारीरिक संपर्क में आए बिना ही उसके शरीर का तापमान जांच लेता है। 

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • नौसेना स्टाफ के प्रमुख: एडमिरल करमबीर सिंह.

ब्रिटेन के बॉब वेटन बने दुनिया के सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति: गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

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गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने ब्रिटेन के बॉब वेटन के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में 30 मार्च 2020 तक 112 साल 1 दिन (पुरुष) तक जीवित रहने वाले व्यक्ति का खिताब दिया है। बॉब वेटन को यह रिकॉर्ड खिताब जापान के चितेतसु वातानाबेबे का 23 फरवरी 2020 को 112 साल और 355 दिन पर निधन होने के बाद दिया गया है।

DRDO ने कोविड-19 से बचने के लिए “व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण” जैविक सूट किया विकसित

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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा “व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण” नामक एक जैविक सूट तैयार किया गया है। डीआरडीओ द्वारा COVID-19 से मुकाबला करने वाले मेडिकल, पैरामेडिकल और अन्य कर्मियों को जानलेवा वायरस से सुरक्षित रखने के लिए जैविक सूट तैयार किया गया है। डीआरडीओ यह भी सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है कि इन सूटों का उत्पादन बड़ी संख्या में किया जाए। DRDO कोविड-19 से मुकाबला करने वाले फ्रंटलाइन  मेडिकल, पैरामेडिकल और अन्य कर्मियों के लिए सुरक्षा के लिए मजबूत प्रणाली तैयार करने के लिए काम कर रहा है।
व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई):

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा “पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट” विकसित किया गया है। जैव सूट को तैयार करने के लिए, डीआरडीओ के विभिन्न प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों ने इसके लिए अपने तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल किया है- कि कैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) को विकसित करने के लिए टेक्सटाइल, कोटिंग और नैनोटेक्नालजी की दक्षता का उपयोग किया जाए, जिसमें कोटिंग के साथ विशिष्ट प्रकार के कपड़े शामिल हों। इसमें कृत्रिम रक्त से सुरक्षा का मानदंड, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बॉडी सूट के लिए निर्धारित मानदंडों से कहीं ज्यादा है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष: जी सतीश रेड्डी.
  • स्थापित: 1958; मुख्यालय: नई दिल्ली.

SBI ने इंडिया INX पर 100 मिलियन अमरीकी डालर के ग्रीन बांड किए सूचीबद्ध

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भारतीय स्टेट बैंक ने बीएसई के इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज (इंडिया आईएनएक्स) पर 100 मिलियन डॉलर (लगभग 750 करोड़ रुपये) ग्रीन बांड सूचीबद्ध किए हैं। बैंक ने आईएनएक्स के ग्लोबल सिक्योरिटीज मार्केट ग्रीन प्लेटफॉर्म (जीएसएम) पर अपने यूएसडी 10 बिलियन वैश्विक मध्यम अवधि नोट कार्यक्रम के तहत ग्रीन बांड सूचीबद्ध किए हैं।

एसबीआई ने प्रणाली पर अनुकूल प्रभाव पैदा करने के उद्देश्य से ग्रीन बॉन्ड ढांचे को अपनाया है और इस लेनदेन को स्थिरता बनाए रखने का हिस्सा माना जाएगा। ग्रीन बॉन्ड द्वारा जुटे गए फंड का इस्तेमाल हरित परियोजनाओं को वित्त करने के लिए किया जाता है जो विषाक्त तत्वों का निर्वहन नहीं करते हैं।

ग्रीन बॉन्ड क्या है?


ग्रीन बॉन्ड (हरित बांड) एक प्रकार से धन जुटाने का एक निश्चित साधन है जो विशेष रूप से जलवायु और पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए आरक्षित है ताकि स्थिरता को प्रोत्साहित किया जा सके। तुलनात्मक कर योग्य बॉन्ड की तुलना में यह तुलनात्मक रूप से एक आकर्षक निवेश है, क्योंकि यह कर छूट और कर क्रेडिट जैसे कर प्रोत्साहन प्रदान करता है। यह सामान्य बांड से अलग है क्योंकि इस बांड से उठाए गए धन केवल हरित परियोजनाओ के लिए उपयोग किया जाता है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
  • SBI का मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र.
  • SBI के अध्यक्ष: रजनीश कुमार.

विशाखापत्तनम नौसेना डॉकयार्ड ने विकसित की एक बार में कई रोगियों को ऑक्सीजन देने की तकनीक

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आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम नौसेना डॉकयार्ड ने ‘पोर्टेबल मल्टी-फीड ऑक्सीजन मैनिफोल्ड (एमओएम)’ विकसित किया है। इस ऑक्सीजन मैनिफोल्ड को एक समय में एक साथ कई रोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो COVID-19 महामारी के कारण पैदा हुए हालात में मददगार साबित हो सकता है। NDV के एमआई रूम में किए गए शुरुआती परीक्षण के बाद नौसेना अस्पताल आईएनएचएस कल्याणी में कई बार इसका परीक्षण किया गया, जहां इसे 30 मिनट के भीतर सफलतापूर्वक स्थापित किया गया था।
पूर्वी नौसेना कमान (ENC) के नौसेना कर्मियों ने एक सिलेंडर में लगे छह-तरफ़ा रेडियल हैडर का उपयोग करते हुए पोर्टेबल मल्टी-फीड ऑक्सीजन मैनिफोल्ड (MOM) विकसित किया है। यह अभिनव प्रणाली एक ही समय में छह रोगियों को एक ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में सक्षम होगी, जिससे मौजूदा सीमित संसाधनों का उपयोग करके बड़ी संख्या में COVID -19 रोगियों की महत्वपूर्ण देखभाल प्रबंधन को सक्षम बनाया जा सकेगा।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • आंध्र प्रदेश की राजधानी: अमरावती.
  • आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री: वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी.
  • आंध्र प्रदेश के राज्यपाल: बिस्वा भूषण हरिचंदन.

    क्रिकेट में डकवर्थ-लुईस नियम देने वाले टोनी लुईस का निधन

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    वर्षा से प्रभावित सीमित ओवरों के क्रिकेट मैचों के नतीजे के लिए इस्‍तेमाल होने वाले नियम डकवर्थ-लुईस-स्टर्न (DLS) देने वालों में शामिल टोनी लुईस का निधन। लुईस को साल 2010 में क्रिकेट और गणित में दी गई सेवाओं के लिए MBE (ऑर्डर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर) से सम्मानित किया गया था।

    क्या है DLS पद्धति (method)?

    डकवर्थ-लुईस स्टर्न मेथड या नियम (DLS) एक गणितीय सूत्रीकरण है जिसका इस्तेमाल मौसम या अन्य परिस्थितियों से प्रभावित सीमित ओवरों के क्रिकेट मैचों में बल्लेबाजी करने वाली टीम की के लिए टारगेट स्कोर की गणना करने के लिए किया जाता है।

    डकवर्थ-लुईस-स्टर्न (DLS) नियम का इतिहास:

    टोनी लुईस एक गणितज्ञ थे, जिन्होंने अपने गणितज्ञ साथी फ्रेंक डकवर्थ के साथ मिलकर वर्ष 1997 में डकवर्थ लुईस नियम दिया था। अंतर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट परिषद-आईसीसी द्वारा वर्ष 1999 में इसे आधिकारिक तौर पर स्‍वीकृति दी गई थी। इस नियम का नाम 2014 में डकवर्थ-लुईस-स्टर्न (DLS) नियम रखा गया, जिसके बाद दुनिया भर में इसका इस्तेमाल किया गया।

    NCC ने ‘एक्सरसाइज NCC योगदान’ के तहत COVID-19 से निपटने के लिए मदद की कि पेशकश

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    राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स (NCC) ने एक्सरसाइज NCC योगदान’ के तहत COVID-19 से निपटने के लिए चलाए जा रहे देशव्यापी अभियान में मदद की पेशकश की है। इसने अपने इच्छुक कैडेटों के अस्थायी रोजगार के दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि महामारी से निपटने के कार्यो में शामिल विभिन्न एजेंसियों की ओर से चलाए जा रहे राहत प्रयासों और काम काज के तरीकों को और मजबूत बनाया जा सके। इसके तहत अस्थायी रोजगार की व्यवस्था के तहत केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मंडल कैडट ही कार्यत होंगे। एनसीसी कैडेटों के लिए निर्धारित कार्यों में , हेल्पलाइन / कॉल सेंटर का प्रबंधन; राहत सामग्री / दवाओं / खाद्य / आवश्यक वस्तुओं का वितरण; सामुदायिक सहायता; डेटा प्रबंधन और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए कतार में खडे होने की व्यवस्था करना तथा यातायात प्रबंधन शामिल है। 

    NCC?
    • रक्षा मंत्रालय के अ​धीन कार्यरत एनसीसी देश का सबसे बड़ा वर्दीवाला युवा संगठन है जो  विभिन्न तरत की सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास की गतिविधियां संचालित करता है।
    • नसीसी के कैडेट अपने संगठन की स्थापना के समय से ही  बाढ़ और चक्रवात आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राष्ट्र सेव में योगदान देते रहे हैं।

    उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

    • एनसीसी के महानिदेशक: लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चोपड़ा.
    • एनसीसी का आदर्श वाक्य: Unity and discipline.
    • एनसीसी का मुख्यालय: नई दिल्ली.
    • एनसीसी की स्थापना: 16 अप्रैल 1948.

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