विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस या विश्व प्रेस दिवस: 3 मई

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हर साल 3 मई को दुनिया  भर में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इसे विश्व प्रेस दिवस के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन उन सभी पत्रकारों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने जनहित के लिए पत्रकारिकता करते हुए अपनी जान गंवा दी। साथ ही, उन लोगो के लिए भी इस दिन का महत्त्व है जो कई बार दुनिया के विभिन्न कोनों से समाचार के जरिए जनता के सामने सच लाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालते है या जिन्हें कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2020 का विषय है: “Journalism without Fear or Favour”.

इस वर्ष के लिए अन्य सहयोगी-विषय हैं:
  • Safety of Women and Men Journalists and Media Workers.
  • Independent and Professional Journalism free from Political and Commercial Influence.
  • Gender Equality in All Aspect of the Media.
विश्व प्रेस  स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र में महासभा ने अफ्रीका प्रेस की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने के लिए साल 1993 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुरूआत की थी। इसके बाद विंडहॉक घोषणा की गई जो प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए की गई थी। चूंकि ये घोषणा 3 मई को की गई थी, इसलिए प्रत्येक वर्ष 3 मई को यह विशेष दिन मनाया जाता है।
उपरोक्त
समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
  • संयुक्त राष्ट्र के महासचिव:
    एंटोनियो गुटेरेस.
  • संयुक्त
    राष्ट्र (यूएन) अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए
     24 अक्टूबर 1945 को
    अंतर्राष्ट्रीय देशों के बीच स्थापित
     किया
    गया
     एक संगठन है

केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने लॉन्च की ई-बुक “Prof. B.B. Lal: India Rediscovered”

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केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने “Prof. B.B. Lal: India Rediscovered” शीर्षक एक ई-बुक का विमोचन किया। यह ई-बुक महान पुरातत्वविद् प्रोफेसर बी बी लाल के शताब्दी वर्षगाठ के अवसर पर लॉन्च की गई।
“Prof. B.B. Lal: India Rediscovered” शीर्षक ई-बुक को प्रो. बी. बी. लाल शताब्दी समारोह समिति ने संस्कृति मंत्रालय के साथ मिलकर पूरा किया है। यह पुस्तक एक शताब्दी विशेष संस्करण है और जो पुरातत्व के क्षेत्र में उनके बेशुमार योगदान को संस्कृति मंत्रालय की ओर से सम्मान है।

CSIR-केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ने विकसित की “किसान सभा” ऐप

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CSIR-केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CSIR-CRRI) ने “किसान सभा” नामक एक ऐप विकसित किया है। इस एप्लिकेशन को COVID-19 महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के दौरान देश के दूरदराज के इलाकों में आपूर्ति श्रृंखला और माल परिवहन प्रबंधन प्रणाली से किसानों को जोड़ने के लिए शुरू किया गया है। हाल ही में लॉन्च किया गया पोर्टल कृषि से संबंधित हर इकाई के लिए एकमात्र पड़ाव होगा, जो किसानों को फसलों की बेहतर कीमत की दिलाने, मंडी डीलर से बात करना जो अधिक किसानों या ट्रक ड्राइवरों से जुड़ना चाहते और बार-बार मंडियों से खाली जाने वाले ट्रक ड्राइवरों के लिए मददगार साबित होगा। 
किसान सभा ऐप के बारे में:
किसान सभा ऐप का मुख्य उद्देश्य किसानों को सबसे किफायती और समय पर लॉजिस्टिक सहायता मुहैया कराना है। यह किसानों को सर्वोत्तम संभव कीमतों पर उनकी उपज का समय पर वितरण प्रदान करके मदद करेगा। इसका उद्देश्य बिचौलियों के हस्तक्षेप को कम करके और सीधे संस्थागत खरीदारों के साथ जुड़कर उनके लाभ को बढ़ाना है। यह निकटतम मंडियों की उपज मूल्यों की तुलना करके, सस्ती कीमत पर मालवाहक वाहन की बुकिंग करके फसलों का सर्वोत्तम बाजार दर प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें अधिकतम लाभ प्रदान करेगा।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री: नरेंद्र सिंह तोमर.
  • कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री: पुरुषोत्तम रुपाला.

शोभना नरसिम्हन चुनी गई अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज की मानद सदस्य

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शोभना नरसिम्हन को अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मानद सदस्य के रूप में चुना गया है। वह वर्तमान जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR) में सैद्धांतिक विज्ञान इकाई (TSU) की प्रोफेसर हैं। उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में उनके विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया है। उन्होंने नैनोमैटेरियल्स के तर्कसंगत डिजाइन पर महत्वपूर्ण काम किया है, और जांच की कि कैसे आयाम में कमी लाने और आकार को छोटा करने से भौतिक गुणों पर प्रभाव पड़ता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज द्वारा उन विद्वानों और नेताओं को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने विज्ञान, कला, मानविकी और सार्वजनिक जीवन में खुद को उत्कृष्ट साबित किया है। अंतरराष्ट्रीय मानद सदस्यों की पिछली सूची में, चार्ल्स डार्विन, अल्बर्ट आइंस्टीन और नेल्सन मंडेला जैसी हस्तियों के नाम शामिल हैं।

भारत सरकार ने लघु वन उपज के लिए एमएसपी में की वृद्धि

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केंद्र सरकार ने 49 वस्तुओं के लघु वन उपज (Minor Forest Produce-MFP) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) बढ़ाने की घोषणा की है। लघु वन उपज के विभिन्न मदों के बीच एमएसपी वृद्धि 16% से 66% के बीच है।

लघु वन उपज (MFP) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत गठित मूल्य निर्धारण सेल द्वारा प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार संशोधित किया जाता है। नवीनतम मूल्य निर्धारण से जनजातीय संग्रहकर्ताओं की आजीविकाओं को जरूरी सहायता मिलने की संभावना है क्योंकि यह कम से कम 20 राज्यों में गौण जनजातीय उपज की खरीद को तत्काल और बेहद आवश्यक गति प्रदान करेगा।



उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री: अर्जुन मुंडा.
  • जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री: रेणुका सिंह सरुता.

अरविंद कुमार शर्मा ने संभाला एमएसएमई मंत्रालय के सचिव का कार्यभार

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अरविंद कुमार शर्मा ने सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय के सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया है। उनकी नियुक्ति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था। एमएसएमई मंत्रालय के सचिव के रूप में पदभार संभालने से पहले, वह प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्यरत थे।
अरविंद कुमार शर्मा गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं तथा ये गुजरात सरकार में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-

  • केंद्रीय सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री: नितिन जयराम गडकरी.

गिरधर अरमाने ने परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव का पदभार किया ग्रहण

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गिरिधर अरमाने ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव का पदभार संभाला लिया है। उनकी नियुक्ति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा अनुमति मिलने के बाद की गई है। उन्हें संजीव रंजन की जगह नियुक्त किया गया है जिन्हें शिपिंग मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है।
गिरिधर अरमाने आंध्र प्रदेश कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। MoRTH के सचिव के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, वह कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्यरत थे। इसके अलावा उन्होंने 2012-14 से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया है। वे आंध्र प्रदेश सरकार में विभिन्न पदों पर भी काम कर चुके है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-

  • केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री: नितिन जयराम गडकरी.

CSIR-CSIO ने वायरस का खात्मा करने के लिए इलेक्ट्रोस्टैटिक कीटाणुशोधन मशीन की विकसित

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वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, सीएसआईआर के वैज्ञानिक उपकरण संगठन, चंडीगढ़ ने एक इलेक्ट्रोस्टैटिक कीटाणुशोधन मशीन तैयार की है। इस नवीन तकनीक को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए प्रभावी कीटाणुशोधन और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए विकसित किया है।
इलेक्ट्रोस्टैटिक कीटाणुशोधन मशीन इलेक्ट्रोस्टैटिक सिद्धांत पर काम करती है और सूक्ष्मजीवों और वायरस को ख़त्म करने के लिए कीटाणुनाशक की समान और बारीक स्प्रे बूंदों का उत्पादन करता है। इस प्रकार यह बहुत प्रभावी ढंग से कोरोनोवायरस और रोगाणुओं को खत्म कर देता है या उसे फैलने से रोकने में सक्षम है। इस तकनीक को सीएसआईआर-सीएसआईओ ने व्यावसायीकरण और बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए नागपुर की एक कंपनी, राइट वाटर सलूशन प्राइवेट लिमिटेड, को हस्तांतरित कर दिया है।

COVID-19 को विघटित करने के लिए विकसित किया गया माइक्रोवेव स्टेरलाइजर “ATULYA”

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पुणे के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी, द्वारा “अतुल्य” नामक एक माइक्रोवेव स्टरलाइजर विकसित किया गया है। माइक्रोवेव स्टेरलाइज़र “ATULYA” 56 डिग्री से 60 डिग्री सेल्सियस तापमान में विभेदकारी हीटिंग की मदद से COVID -19 वायरस का विघटन करेगा।
माइक्रोवेव स्टेरलाइजर “ATULYA”, सिस्टम का वजन लगभग 3 किलोग्राम है और इसका उपयोग केवल गैर-मेटैलिक वस्तुओं के स्टरलाइजेशन के लिए किया जा सकता है। इस सिस्टम का मानव/प्रचालक सुरक्षा के लिए परीक्षण किया एवं इसे सुरक्षित पाया गया। इसे पोर्टेबल या फिक्स्ड इंस्टोलेशन में प्रचालित किया जा सकता है।

रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले जाने-माने कार्यकर्ता डेनिस गोल्डबर्ग का निधन

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रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध दक्षिण अफ्रीकी कार्यकर्ता डेनिस गोल्डबर्ग का निधन। वह दिवंगत दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के सहयोगी थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी मुक्ति संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस के सैन्य विंग, उमाखंतो वी सिज़वे (Umkhonto we Sizwe) (MK) के एकमात्र श्वेत सदस्य थे।

डेनिस गोल्डबर्ग को रंगभेद के खिलाफ एएनसी की लड़ाई में शामिल होने के लिए 22 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी और वे 22 साल तक राजधानी प्रिटोरिया में जेल में रहने वाले एकमात्र श्वेत व्यक्ति थे। इसके अलावा श्वेत अल्पसंख्यक सरकार द्वारा जबरन उत्पीड़न की जातिवादी व्यवस्था थी। उन्हें 1985 में जेल से रिहा किया गया था।

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