मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्टॉकहोम सम्मेलन में भारत की चुनावी पारदर्शिता को प्रदर्शित किया

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन के स्टॉकहोम में आयोजित ‘इलेक्ट्रोरल इंटीग्रिटी पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ (Stockholm International Conference on Electoral Integrity) में भारत की मतदाता सूची प्रणाली की पारदर्शिता और कठोरता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भारत 1960 से मान्यता प्राप्त सभी राजनीतिक दलों के साथ हर वर्ष मतदाता सूची साझा करता है, जिसमें दावे, आपत्तियां और अपील की प्रक्रियाएं शामिल हैं—यह प्रणाली दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में भरोसे और निष्पक्षता को मजबूत करती है।

समाचार में क्यों?

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित सम्मेलन में भारत की पारदर्शी और सहभागी मतदाता सूची प्रणाली पर प्रकाश डाला, जो वैश्विक लोकतांत्रिक मानकों में एक मिसाल के रूप में उभर रही है।

ज्ञानेश कुमार के संबोधन की प्रमुख बातें:

  • भारत की मतदाता सूची 1960 से सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ वैधानिक रूप से साझा की जाती है।

  • प्रक्रिया में शामिल हैं:

    • वार्षिक पुनरीक्षण (Annual Revision)

    • दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की सुविधा

    • अपील का अवसर

ये उपाय मिलकर भारत की चुनावी प्रक्रिया को विश्व की सबसे पारदर्शी और सहभागी मतदाता सूची प्रणालियों में से एक बनाते हैं।

वैश्विक प्रतिनिधित्व और प्रभाव

  • सम्मेलन का आयोजन International Institute for Democracy and Electoral Assistance (IDEA) द्वारा किया गया।

  • 50 देशों से 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

  • ज्ञानेश कुमार ने भारत की वैश्विक प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसमें शामिल हैं:

    • सर्वोत्तम चुनावी प्रक्रियाओं को साझा करना

    • चुनाव प्रबंधन निकायों के साथ प्रशिक्षण और ज्ञान विनिमय करना

द्विपक्षीय बैठकें

मुख्य चुनाव आयुक्त ने निम्नलिखित देशों के चुनाव आयोगों के प्रमुखों से मुलाकात की:

  • मैक्सिको

  • इंडोनेशिया

  • मंगोलिया

  • दक्षिण अफ्रीका

  • स्विट्ज़रलैंड

  • मोल्दोवा

  • लिथुआनिया

  • मॉरीशस

  • जर्मनी

  • क्रोएशिया

  • यूक्रेन

  • यूनाइटेड किंगडम

चर्चा के विषय:

  • मतदाता सहभागिता को बढ़ाना

  • चुनावी प्रौद्योगिकी का उपयोग

  • प्रवासी भारतीयों (डायस्पोरा) के लिए मतदान की सुविधा

  • लोकतंत्रों में संस्थागत क्षमता निर्माण

ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2025 में भारत 131वें स्थान पर पहुंचा

भारत ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) द्वारा जारी 2025 के ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में 148 देशों में से 131वां स्थान प्राप्त किया है, जो पिछले वर्ष (2024) की तुलना में दो पायदान नीचे है। आर्थिक भागीदारी और शिक्षा के क्षेत्र में मामूली प्रगति के बावजूद भारत का समग्र जेंडर पैरिटी स्कोर 64.1% पर बना हुआ है, जो यह दर्शाता है कि लैंगिक समानता की दिशा में प्रगति धीमी है। विशेष रूप से राजनीतिक सशक्तिकरण में मौजूद संरचनात्मक बाधाएं भारत के लैंगिक परिदृश्य में बड़े सुधार को रोक रही हैं।

समाचार में क्यों?

ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट का 19वाँ संस्करण 12 जून, 2025 को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी किया गया। इसमें भारत दो स्थान फिसलकर 131वें स्थान पर पहुंच गया है। रिपोर्ट में भारत के लिए मिश्रित परिणाम सामने आए—जहाँ आर्थिक भागीदारी में कुछ सुधार हुआ, वहीं राजनीतिक सशक्तिकरण, खासकर संसद और मंत्रिमंडल में महिलाओं की भागीदारी, में गिरावट देखी गई।

वैश्विक परिदृश्य

  • वैश्विक लैंगिक अंतर 68.8% तक कम हुआ, जो COVID-19 के बाद से सबसे बड़ी प्रगति है।

  • मौजूदा गति से पूर्ण लैंगिक समानता हासिल करने में 123 वर्ष लगेंगे

  • शीर्ष 5 देश:

    1. आइसलैंड

    2. फिनलैंड

    3. नॉर्वे

    4. यूनाइटेड किंगडम

    5. न्यूज़ीलैंड

भारत का प्रदर्शन (2025)

  • कुल रैंक: 131वां (2024 में 129वां)

  • जेंडर पैरिटी स्कोर: 64.1% (दक्षिण एशिया में सबसे कम में से एक)

सकारात्मक प्रगति:

1. आर्थिक भागीदारी और अवसर:

  • स्कोर में +0.9 प्रतिशत अंक की वृद्धि, अब 40.7%

  • औसत आय समानता 28.6% से बढ़कर 29.9% हुई।

  • श्रमबल भागीदारी 45.9% पर स्थिर रही (भारत के लिए अब तक की उच्चतम)।

2. शैक्षिक प्राप्ति:

  • स्कोर: 97.1%, महिला साक्षरता और उच्च शिक्षा में नामांकन में वृद्धि के कारण।

3. स्वास्थ्य और उत्तरजीविता:

  • लिंगानुपात में सुधार और स्वस्थ जीवन प्रत्याशा बढ़ने से स्कोर बेहतर।

चिंताजनक क्षेत्र:

राजनीतिक सशक्तिकरण:

  • संसद में महिला सांसदों की संख्या 14.7% से घटकर 13.8% हो गई।

  • मंत्री पदों पर महिलाओं की हिस्सेदारी 6.5% से घटकर 5.6%

  • इस उप-सूचकांक का स्कोर 0.6 प्रतिशत अंक गिरा, जो 2023 से भी नीचे है।

  • 2019 में राजनीतिक समानता का शिखर 30% था।

दक्षिण एशिया क्षेत्र में तुलना (2025)

देश रैंक
बांग्लादेश 24
नेपाल 125
श्रीलंका 130
भारत 131
भूटान 119
मालदीव 138
पाकिस्तान 148

लोक संवर्धन पर्व: अल्पसंख्यक समुदायों के सांस्कृतिक और आर्थिक सशक्तिकरण का उत्सव

नई दिल्ली स्थित राज घाट पर आयोजित एक उल्लासपूर्ण समारोह में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ‘लोक संवर्धन पर्व’ का उद्घाटन किया। यह बहु-दिवसीय आयोजन भारत की अल्पसंख्यक समुदायों की प्रतिभा, परंपराओं और आर्थिक संभावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है। यह पर्व सरकार के मार्गदर्शक सिद्धांत “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के तहत समावेशी विकास के प्रति साझा संकल्प को दर्शाता है।

कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक मंच

उद्घाटन के दौरान मीडिया से बातचीत में श्री रिजिजू ने ग्रामीण और पारंपरिक शिल्पकारों की अंतर्निहित प्रतिभा और कौशल पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लोक संवर्धन पर्व पारंपरिक शिल्प को आधुनिक बाजारों से जोड़ने वाला एक सेतु है। इस आयोजन का उद्देश्य हस्तनिर्मित कलाओं को प्रोत्साहित करना, राज्यों के बीच उत्पादों की आवाजाही को बढ़ाना और अंततः इन समुदायों की आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।

भारत की समृद्ध विरासत का प्रदर्शन

लोक संवर्धन पर्व की मुख्य विशेषताओं में एक प्रदर्शनी-सह-विक्रय मेला शामिल है, जिसमें पारंपरिक कलाओं और हस्तशिल्प की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जा रही है। इसमें देशभर से आए शिल्पकार अपने पारंपरिक शिल्पकौशल का जीवंत प्रदर्शन कर रहे हैं। मुख्य आकर्षणों में शामिल हैं:

  • राजस्थान की लाख की चूड़ियाँ

  • सूक्ष्म नक्काशी वाली लकड़ी की पेंटिंग्स

  • जयपुर की पारंपरिक ब्लू पॉटरी (नीली माटी कला)

  • विभिन्न क्षेत्रों की कढ़ाई, जो विविध शैलियों को दर्शाती है

  • वाराणसी का शानदार बनारसी ब्रोकेड

  • पंजाबी परंपरा की पहचान — फुलकारी कढ़ाई

  • आदिवासी और ग्रामीण कलाओं को दर्शाते चमड़े के शिल्प

ये शिल्प केवल सौंदर्य की दृष्टि से ही आकर्षक नहीं हैं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही पारंपरिक ज्ञान और विरासत का प्रतीक भी हैं।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और व्यंजन विशेष

संस्कृतिक अनुभव को और समृद्ध बनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोक कलाकार पारंपरिक संगीत और नृत्य की जीवंत प्रस्तुतियाँ देंगे। ये कार्यक्रम आयोजन में रंग भरते हैं और क्षेत्रीय विविधता तथा लोक परंपराओं की झलक प्रस्तुत करते हैं।

साथ ही, यहां क्षेत्रीय व्यंजनों की झलक देने वाले पाक कला विशेषज्ञ भी मौजूद हैं, जो अपने क्षेत्रों के प्रामाणिक और खास स्वादों से आगंतुकों का मन मोह लेंगे।

सरकारी पहलों को उजागर करता मंच

कला और संस्कृति के अलावा लोक संवर्धन पर्व सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों को प्रदर्शित करने का भी एक सार्वजनिक मंच है। यहां लगी प्रदर्शनियों और जानकारी केंद्रों के माध्यम से आगंतुक यह जान सकते हैं कि कैसे विभिन्न योजनाएं:

  • अल्पसंख्यक समुदायों को सशक्त बना रही हैं

  • वित्तीय सहायता और कौशल विकास के अवसर प्रदान कर रही हैं

  • पारंपरिक उद्योगों और सूक्ष्म उद्यमों को समर्थन दे रही हैं

  • शिल्पकारों और कारीगरों में आत्मनिर्भरता और उद्यमिता को प्रोत्साहित कर रही हैं

ये सभी पहल अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के व्यापक मिशन का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य समावेशी विकास और सामाजिक समानता को सुनिश्चित करना है।

कैबिनेट ने तीन राज्यों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 6,405 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी

केंद्र सरकार ने झारखंड और कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश के दो रेलखंडों (Rail Sections) के दोहरीकरण (Doubling) का फैसला किया है। सरकार ने झारखंड के कोडरमा-बरकाकाना सेक्शन और कर्नाटक और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाले बल्लारी-चिकजाजपुर सिंगल लाइन सेक्शन को डबल लाइन में बदलने का निर्णय लिया है। इन दोनों प्रोजेक्ट में करीब 6400 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

कैबिनेट में हुआ फैसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का फैसला किया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को इन फैसलों की जानकारी दी। इन परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने से झारखंड और कर्नाटक-आंध्र प्रदेश में रेल सेवाएं और भी बेहतर हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि यह काम अगले तीन सालों में पूरा हो जाएगा।

समाचार में क्यों?

  • 11 जून 2025 को कैबिनेट की आर्थिक कार्य समिति (CCEA) ने इन परियोजनाओं को मंजूरी दी।

  • ये योजनाएं पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत बहु-मोडीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं।

मंजूर की गई रेलवे परियोजनाएं

1. कोडरमा–बरकाकाना दोहरीकरण (133 किमी)

  • राज्य: झारखंड

  • महत्त्व: कोयला बहुल क्षेत्रों से गुजरती है; पटना को रांची से जोड़ने का सबसे छोटा मार्ग।

2. बल्लारी–चिकजाजूर दोहरीकरण (185 किमी)

  • राज्य: कर्नाटक और आंध्र प्रदेश

  • जिले: बल्लारी, चित्रदुर्ग (कर्नाटक) और अनंतपुर (आंध्र प्रदेश)

लक्ष्य और प्रभाव

गतिशीलता एवं दक्षता में सुधार

  • लाइन क्षमता में वृद्धि

  • भीड़-भाड़ में कमी

  • सेवा की विश्वसनीयता में सुधार

पर्यावरणीय लाभ

  • 52 करोड़ लीटर तेल आयात में कमी

  • 264 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी (यह 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है)

माल परिवहन में सहयोग

  • 49 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) अतिरिक्त माल ढुलाई संभव होगी:

    • कोयला, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, पेट्रोलियम और कृषि उत्पाद

प्रभावित गांव

  • 1,408 गांवों को जोड़ने वाली कनेक्टिविटी

  • कुल जनसंख्या लाभार्थी: 28.19 लाख

रोजगार और आर्थिक विकास

  • निर्माण चरण में 108 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा

  • क्षेत्रीय विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मदद

  • ‘नया भारत’ और ‘गति शक्ति’ योजना के साथ तालमेल

बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास के लिए मंगोलिया पहुंची भारतीय सेना की टुकड़ी

भारतीय सेना के 40 सैनिकों का एक दल बुधवार को मंगोलिया पहुंचा। इनमें ज्यादातर सैनिक कुमाऊं रेजीमेंट की एक बटालियन से हैं। यह दल एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ में भाग लेगा। यह सैन्य अभ्यास 14 से 28 जून तक उलानबातर में आयोजित होगा। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। यह बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत शांति अभियानों के लिए भागीदार देशों की परस्पर संचालन क्षमता (interoperability) और संचालनिक तत्परता (operational readiness) बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है।

समाचार में क्यों?

  • भारतीय सेना ने मंगोलिया में ‘खान क्वेस्ट 2025’ अभ्यास में भाग लिया, जिसमें दर्जनों देशों की सेनाएं संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के तहत प्रशिक्षण ले रही हैं।

  • अभ्यास की शुरुआत 14 जून 2025 से हो रही है, ऐसे समय में जब वैश्विक अशांति के कारण संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों का महत्व बढ़ रहा है

उद्देश्य और लक्ष्य

  • बहुराष्ट्रीय वातावरण में शांति अभियानों की क्षमताओं को बढ़ाना।

  • समन्वय, संचालनिक दक्षता, और युद्ध तत्परता में सुधार करना।

  • वास्तविक संघर्ष परिदृश्यों का अभ्यास कराकर अनुभव प्रदान करना।

‘खान क्वेस्ट’ का परिचय

  • शुरुआत: 2003, अमेरिका और मंगोलिया के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में।

  • 2006 से यह बहुराष्ट्रीय शांति अभ्यास बन गया।

  • 2025 का संस्करण 22वां है।

  • हर साल मंगोलिया में होता है – 2024 में यह 27 जुलाई से 9 अगस्त तक हुआ था।

भारतीय टुकड़ी का विवरण

  • 40 सैनिक, मुख्यतः कुमाऊं रेजिमेंट से।

  • 1 महिला अधिकारी और 2 महिला सैनिक, जो भारत की लैंगिक समावेशन की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

  • अन्य शाखाओं और सेवाओं का भी सहयोग शामिल।

प्रमुख युद्धाभ्यास और गतिविधियाँ

  • स्थिर और मोबाइल चेकपॉइंट की स्थापना।

  • दुश्मन-प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी और घेराबंदी।

  • गश्त अभियान।

  • संघर्ष क्षेत्रों से नागरिकों की सुरक्षित निकासी

  • प्राथमिक चिकित्सा और घायल सैनिकों को निकालने का प्रशिक्षण

  • IED (विस्फोटक उपकरण) निरोध अभ्यास

वैश्विक महत्व

  • भारत की संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

  • अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग में भारत की साख और भागीदारी को मजबूत करता है।

  • बहुराष्ट्रीय संकटों में समन्वित कार्रवाई के लिए सैनिकों को प्रशिक्षित करता है।

  • भारत–मंगोलिया सैन्य संबंधों को और सुदृढ़ करता है।

ईरान के परमाणु प्रमुख ने पुष्टि की, ईरान में 8 न्यूक्लियर प्लांट लगाएगा रूस

ईरान ने घोषणा की है कि रूस उसके क्षेत्र में आठ नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण करेगा, जो पहले से हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौते का हिस्सा हैं। यह घोषणा ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) के अध्यक्ष मोहम्मद इस्लामी ने तब की, जब संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति समिति के सदस्य AEOI मुख्यालय, तेहरान के दौरे पर थे। यह कदम ईरान की नागरिक परमाणु ऊर्जा क्षमता को तीन गुना बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है और रूस की रोसएटोम कंपनी इसमें प्रमुख साझेदार है।

समाचार में क्यों?

  • ईरान के परमाणु प्रमुख ने पुष्टि की कि रूस आठ परमाणु संयंत्रों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

  • यह घोषणा ईरानी संसद की समिति की AEOI मुख्यालय यात्रा के दौरान की गई।

  • यह कदम तेहरान और मास्को के बीच ऊर्जा सहयोग को और मजबूत करता है।

परियोजना विवरण

  • कुल संयंत्र: 8 परमाणु रिएक्टर

  • साझेदार देश: रूस

  • क्रियान्वयन एजेंसी: Rosatom (रूसी राज्य परमाणु एजेंसी)

  • स्थान: बुशेहर प्रांत में 4 संयंत्र प्रस्तावित

वर्तमान प्रगति

  • बुशेहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र की यूनिट 2 और 3 ईरानी कंपनियों द्वारा निर्माणाधीन हैं।

  • ये नए संयंत्र परमाणु बुनियादी ढांचे को विस्तारित करेंगे और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाएंगे

रणनीतिक उद्देश्य

  • ईरान की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को तीन गुना करना।

  • घरेलू बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाना।

  • ईरान-रूस रणनीतिक संबंधों को ऊर्जा क्षेत्र में गहरा करना।

  • अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप नागरिक परमाणु कार्यक्रम को समर्थन देना।

पृष्ठभूमि

  • बुशेहर परमाणु संयंत्र, जिसे रूस ने मई 2011 में पूरा किया था, वर्तमान में ईरान का एकमात्र परिचालन परमाणु संयंत्र है।

  • यह ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं का केंद्रीय आधार माना जाता है और IAEA निगरानी में संचालित होता है।

  • हालांकि कार्यक्रम नागरिक है, फिर भी दोहरा उपयोग (dual-use) की आशंकाओं के कारण यह वैश्विक निगरानी में रहता है

मुख्य हितधारक

  • मोहम्मद इस्लामी – अध्यक्ष, AEOI

  • ईरानी संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेश नीति समिति

  • Rosatom – रूस की राज्य परमाणु निगम

  • ईरानी ऊर्जा एवं निर्माण कंपनियाँ

यह विकास ईरान की दीर्घकालिक ऊर्जा नीति को बल देता है और रूस के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करता है, विशेष रूप से उस समय जब वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चर्चा जोरों पर है।

बिना आधार और OTP के नहीं बुक कर सकते Tatkal ट्रेन टिकट, रेलवे ने जारी किए नए नियम

रेल मंत्रालय ने Tatkal टिकट बुकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने और दुरुपयोग रोकने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। 15 जुलाई 2025 से IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर Tatkal टिकट बुकिंग के लिए आधार-आधारित OTP प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। नई व्यवस्था से एजेंटों की भूमिका सीमित की गई है और वास्तविक यात्रियों को अधिक अवसर देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

समाचार में क्यों?

रेल मंत्रालय ने घोषणा की है कि ऑनलाइन Tatkal टिकट बुकिंग के लिए आधार OTP प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। यह नियम 15 जुलाई 2025 से लागू होंगे। इसका उद्देश्य बल्क बुकिंग और फर्जीवाड़ा रोकना, तथा Tatkal योजना का लाभ वास्तविक यात्रियों तक पहुँचाना है।

Tatkal टिकट बुकिंग के नए नियम

आधार-आधारित OTP प्रमाणीकरण

  • IRCTC वेबसाइट और ऐप पर टिकट बुकिंग के समय आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा, जिसे डालना अनिवार्य होगा।

PRS काउंटर पर Tatkal बुकिंग

  • यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) काउंटरों पर भी OTP प्रमाणीकरण लागू होगा।

  • OTP उस मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा जो बुकिंग के समय दिया गया है।

एजेंटों पर प्रतिबंध

  • IRCTC अधिकृत एजेंटों को Tatkal टिकट बुकिंग विंडो के प्रारंभिक 30 मिनट तक बुकिंग की अनुमति नहीं होगी:

    • AC श्रेणियाँ: सुबह 10:00 से 10:30 बजे तक प्रतिबंध

    • Non-AC श्रेणियाँ: सुबह 11:00 से 11:30 बजे तक प्रतिबंध

इस निर्णय के उद्देश्य

  • Tatkal कोटे के दुरुपयोग और बल्क बुकिंग को रोकना

  • वास्तविक यात्रियों को हाई-डिमांड टिकटों तक निष्पक्ष पहुँच देना

  • आधार प्रमाणीकरण के ज़रिए पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाना

  • बुकिंग प्रक्रिया को सुविधाजनक और निष्पक्ष बनाना

कार्यान्वयन और समन्वय

  • CRIS (Centre for Railway Information Systems) और IRCTC:

    • तकनीकी बदलाव करेंगे

    • जोनल रेलवे और संबंधित पक्षों को सूचित करेंगे

    • नियम लागू होने से पहले जन-जागरूकता अभियान चलाएंगे

यह पहल न केवल रेलवे टिकटिंग प्रणाली में सुधार लाएगी, बल्कि डिजिटल सत्यापन और उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है।

IREDA ने पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये 2,005 करोड़ रुपये जुटाये

भारत की स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन प्रक्रिया को तेज़ करने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत, भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) ने ₹2,005.90 करोड़ का फंड Qualified Institutional Placement (QIP) के माध्यम से सफलतापूर्वक जुटाया है। इस पूंजी से एजेंसी की हरित ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और इसकी पूंजी पर्याप्तता तथा वित्तीय आधार को मज़बूती मिलेगी।

समाचार में क्यों?

  • 5 जून से 10 जून 2025 के बीच IREDA ने ₹2,005.90 करोड़ का QIP इश्यू पूरा किया।

  • यह कदम नवंबर 2023 में हुए IPO के बाद आया है, जो निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।

  • जुटाई गई राशि का उपयोग Tier-I पूंजी को मजबूत करने और नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण को बढ़ाने में किया जाएगा।

QIP इश्यू के बारे में

घटक विवरण
जुटाई गई कुल राशि ₹2,005.90 करोड़
इक्विटी शेयर जारी 12.15 करोड़
इश्यू मूल्य ₹165.14 प्रति शेयर
फेस वैल्यू ₹10
प्रिमियम ₹155.14
फ्लोर प्राइस पर छूट 5% (फ्लोर प्राइस ₹173.83 थी)
बेस इश्यू साइज ₹1,500 करोड़
ओवरसब्सक्रिप्शन 1.34 गुना
  • Tier-I पूंजी को बढ़ाना

  • पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) में सुधार

  • नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण क्षमता को विस्तारित करना

  • भारत के जलवायु लक्ष्यों और ऊर्जा परिवर्तन को समर्थन देना

निवेशकों की रुचि

QIP में निम्नलिखित निवेशकों की भागीदारी देखी गई:

  • बीमा कंपनियाँ

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs)
    यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है।

IREDA की रणनीतिक भूमिका

  • IREDA, नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के तहत भारत सरकार की वित्तीय संस्था है।

  • यह पूरे भारत में नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

  • नवंबर 2023 का IPO, IREDA की बाजार सहभागिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

इस विकास का महत्व

इस पूंजी निवेश से:

  • हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ऋण देने की क्षमता में वृद्धि होगी

  • भारत के नेट ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्यों की प्राप्ति तेज़ होगी

  • सौर, पवन, जैव ऊर्जा और जलविद्युत परियोजनाओं को वित्तीय सहायता मिल सकेगी

  • यह IREDA की ग्रीन फाइनेंस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका पर निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2025: जानें इस दिन का इतिहास और महत्व

हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour Date) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद दुनिया भर में बच्चों से काम करवाने की समस्या पर ध्यान खींचना और इसे खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करना है। 2025 की थीम है: “प्रगति स्पष्ट है, लेकिन अभी और काम करना बाकी है: आइए प्रयासों में तेजी लाएं”। यह थीम अब तक हुई उपलब्धियों को स्वीकार करती है, लेकिन इस बात पर भी ज़ोर देती है कि बाल श्रम को समाप्त करने के लिए वैश्विक प्रयासों में तेजी लाना बेहद आवश्यक है, क्योंकि 2024 में 138 मिलियन (13.8 करोड़) बच्चे अब भी बाल श्रम में लगे हुए थे।

समाचार में क्यों?

  • 12 जून 2025 को बाल श्रम के विरुद्ध विश्व दिवस की 21वीं वर्षगांठ मनाई गई।

  • इस दिवस की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने वर्ष 2002 में की थी।

  • 2025 की थीम यह स्पष्ट करती है कि प्रगति हो रही है, लेकिन बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करने के लिए वैश्विक प्रयासों में तेजी ज़रूरी है।

2025 की थीम

“प्रगति स्पष्ट है, लेकिन अभी और करना बाकी है: आइए हम अपने प्रयासों को तेज़ करें!”
इसका उद्देश्य है:

  • बाल श्रम में कमी को पहचानना।

  • इसे पूर्णतः समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रयासों को पुनः समर्पित करना।

  • संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) 8.7 के साथ तालमेल बनाना।

इस दिन के उद्देश्य

  • बाल श्रम के शोषण के प्रति वैश्विक जागरूकता फैलाना।

  • बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और बचपन का अधिकार दिलाने की वकालत करना।

  • गरीबी से प्रभावित विकासशील देशों में बाल श्रम की चुनौतियों को उजागर करना।

  • सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और आम नागरिकों को नीति-निर्माण और क्रियान्वयन में भागीदारी के लिए प्रेरित करना।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • प्रथम आयोजन: 12 जून 2002

  • आरंभकर्ता: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)

  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड

  • 2025 में वर्षगांठ: 21 वर्ष पूर्ण

वैश्विक और भारतीय संदर्भ

  • 2024 में: विश्व स्तर पर 138 मिलियन बच्चे बाल श्रम में शामिल पाए गए।

  • भारत में बाल श्रम से निपटने के उपाय:

    • राष्ट्रीय बाल श्रम नीति (1987)

    • बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016

    • प्रभावित बच्चों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम

    • शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act), 2009 के तहत मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा

इस दिवस का महत्व

  • बचपन एक अधिकार है, विशेषाधिकार नहीं।

  • यह दिन एक वैश्विक नैतिक और कानूनी चेतावनी के रूप में कार्य करता है।

  • यह प्रयासों को बढ़ाता है:

    • गरीबी और शिक्षा की कमी जैसी जड़ों से लड़ने के लिए।

    • श्रम कानूनों के कड़े प्रवर्तन के लिए।

    • प्रभावित बच्चों के लिए पुनर्वास और पुनर्समावेशन कार्यक्रमों को लागू करने के लिए।

    • बच्चों के पोषण, सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर ज़ोर देने के लिए।

भारत में ITU की FG-AINN बैठक: AI-नेटिव टेलीकॉम नेटवर्क का भविष्य तय करने की दिशा

भारत ने वैश्विक दूरसंचार नवाचार में अग्रणी भूमिका निभाते हुए 11 से 13 जून 2025 तक नई दिल्ली में तीसरी अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU-T) की एआई-नेटिव दूरसंचार नेटवर्क पर केंद्रित फोकस ग्रुप (FG-AINN) की बैठक की मेज़बानी की। यह आयोजन दूरसंचार विभाग (DoT) के अधीन टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) द्वारा आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि भविष्य के दूरसंचार नेटवर्क कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को एक सहायक नहीं, बल्कि एक मूलभूत तत्व के रूप में अपनाकर कैसे कार्य करेंगे। यह एक बुद्धिमान, अनुकूली और स्वायत्त संचार प्रणाली की दिशा में वैश्विक प्रयासों में भारत की प्रमुख भूमिका को दर्शाता है।

समाचार में क्यों?

  • तीसरी FG-AINN बैठक की शुरुआत 11 जून 2025 को नई दिल्ली में हुई।

  • भारत ने ITU Plenipotentiary Conference 2030 (PP-30) की मेज़बानी का प्रस्ताव रखा।

  • श्रीमती एम. रेवती को ITU रेडियोकम्युनिकेशन ब्यूरो (2027–2030) की निदेशक पद हेतु पहली महिला और क्षेत्रीय उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया।

  • Build-a-Thon 2025 के ज़रिए वास्तविक समय में एआई-आधारित टेलीकॉम समाधानों के सह-निर्माण को बढ़ावा दिया गया।

  • चर्चाओं में शामिल विषय: फेडरेटेड लर्निंग, 6G उपयोग, AI एजेंट, और टेलीकॉम में चेहरे की पहचान तकनीक

प्रमुख उद्देश्य

  • दूरसंचार संरचना का पुनर्निर्माण: नेटवर्क के मूल में AI को एकीकृत करके स्व-इष्टतम और लचीले नेटवर्क बनाना।

  • वैश्विक सहयोग को बढ़ावा: भविष्य के लिए तैयार दूरसंचार नवाचारों और मानकों पर साझेदारी।

  • नैतिक AI उपयोग को सुनिश्चित करना: समावेशी, व्याख्यात्मक, और डिजिटल संप्रभुता का सम्मान करने वाला एआई विकास।

प्रमुख बिंदु

आयोजनकर्ता:

टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC), दूरसंचार विभाग (DoT)।

उद्घाटन भाषण:

श्री संजीव बिदवई ने 3GPP मानकों, Bharat Gen LLM, और C-DOT नवाचारों में एआई की भूमिका को रेखांकित किया।

वैश्विक भागीदारी:

  • Seizo Onoe, निदेशक, ITU टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन ब्यूरो।

  • Atsuo Okuda, क्षेत्रीय निदेशक, ITU एशिया-प्रशांत।

  • उद्योग प्रतिनिधि और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी।

भारत की रणनीतिक घोषणाएँ

  • PP-30 सम्मेलन (2030) की मेज़बानी का प्रस्ताव।

  • ITU काउंसिल के लिए नामांकन (2027–2031 कार्यकाल)।

  • एम. रेवती को ITU रेडियोकम्युनिकेशन ब्यूरो की निदेशक पद के लिए नामांकित किया गया — इस पद पर नामांकित होने वाली पहली महिला व क्षेत्रीय उम्मीदवार।

FG-AINN (AI-Native Networks फोकस ग्रुप) के बारे में

  • स्थापना: जुलाई 2024, ITU-T स्टडी ग्रुप 13 द्वारा।

  • मुख्य कार्य:

    • नेटवर्क कोर में AI को एम्बेड करने के लिए आर्किटेक्चर पुनः डिज़ाइन करना।

    • स्मार्ट सिटी, हेल्थकेयर, आपदा-जागरूक प्रणालियों जैसे एप्लिकेशनों का विकास।

    • कॉल ड्रॉप्स, नेटवर्क लेटेंसी और रीयल-टाइम अनुकूलन जैसी चुनौतियों का समाधान।

यह बैठक भारत की AI और दूरसंचार तकनीक में वैश्विक नेतृत्व की आकांक्षा और Viksit Bharat@2047 लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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