17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ठीक पहले कोलंबिया और उज्बेकिस्तान ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की सदस्यता ग्रहण की है। इस कदम से एनडीबी के कुल सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। यह घोषणा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 10वीं बैठक के बाद की गई, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं में विकास को गति देने के उद्देश्य से हुई थी।
वैश्विक पहुंच को मज़बूती
एनडीबी की स्थापना 2015 में ब्रिक्स के मूल पांच देशों—ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका—द्वारा की गई थी। इसके बाद इसमें बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अल्जीरिया जैसे देश भी शामिल हुए। अब कोलंबिया और उज्बेकिस्तान की सदस्यता के साथ बैंक की पहुंच और भी वैश्विक बन गई है।
एनडीबी का मुख्यालय शंघाई, चीन में है और इसका मुख्य उद्देश्य बुनियादी ढांचे और सतत विकास के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
दिल्मा रूससेफ़ ने बताई भविष्य की प्राथमिकताएं
एनडीबी की वर्तमान अध्यक्ष दिल्मा रूससेफ़ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैंक की आगामी योजनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा कि बैंक अब चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर में विकासशील देशों को डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी नवाचार से निपटने में मदद करेगा।
उन्होंने बताया कि बैंक का ध्यान विज्ञान, नवाचार और तकनीक को बढ़ावा देने पर होगा। अभी तक एनडीबी ने 120 से अधिक परियोजनाओं को समर्थन दिया है, जिनमें शामिल हैं:
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स्वच्छ ऊर्जा
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परिवहन
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पर्यावरण संरक्षण
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जल और स्वच्छता
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डिजिटल बुनियादी ढांचा
ब्रिक्स और एनडीबी का अगला कदम
17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन शीघ्र ही आयोजित होने वाला है। कोलंबिया और उज्बेकिस्तान की सदस्यता से एनडीबी की वैश्विक स्थिति और विकासशील देशों के साथ सहयोग की क्षमता और मजबूत हुई है।
यह विस्तार पश्चिमी वित्तीय तंत्र पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, और साथ ही वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को और मज़बूती भी प्रदान करता है।


