भारत और नामीबिया ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नामीबिया यात्रा के दौरान भारत और नामीबिया ने 9 जुलाई 2025 को व्यापार, स्वास्थ्य और डिजिटल भुगतान जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए और कई प्रमुख घोषणाएं कीं। यह यात्रा नामीबिया के लिए वैश्विक मंच पर कई “पहली बार” के अवसर लेकर आई, जिससे भारत-नामीबिया संबंधों की मजबूती और प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी के विस्तार को दर्शाया गया।

प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर

प्रमुख समझौते: भारत और नामीबिया ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान दो महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए:

  1. उद्यमिता विकास केंद्र की स्थापना: भारत और नामीबिया के बीच हुए समझौते के तहत नामीबिया में एक उद्यमिता विकास केंद्र (Entrepreneurship Development Center) स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र का उद्देश्य युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण देना, उन्हें उद्यमशीलता के लिए प्रेरित करना और स्थानीय स्टार्टअप्स को आवश्यक मार्गदर्शन तथा समर्थन प्रदान करना है।

  2. स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग: दूसरा समझौता स्वास्थ्य सेवाओं, प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी साझाकरण को बढ़ावा देने के लिए किया गया। इसका मकसद दोनों देशों के बीच चिकित्सा सेवाओं तक बेहतर पहुंच और सहयोग को मजबूत करना है।

ये समझौते नामीबिया की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य तंत्र को सशक्त बनाने में मदद करेंगे और भारत-नामीबिया संबंधों को नई ऊंचाई देंगे।

बड़े घोषणाएँ: नामीबिया वैश्विक मंचों से जुड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान नामीबिया ने दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों से जुड़ने के लिए औपचारिक पत्र प्रस्तुत किए:

  1. आपदा सहनशील अवसंरचना गठबंधन (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure – CDRI) – यह भारत के नेतृत्व में चलाया जा रहा एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ मजबूत और सुरक्षित अवसंरचना को बढ़ावा देना है।

  2. वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuels Alliance – GBA) – यह पहल स्वच्छ और हरित ईंधन विकल्पों को बढ़ावा देती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।

इन घोषणाओं से यह स्पष्ट होता है कि नामीबिया सतत विकास और जलवायु सहनशीलता के क्षेत्र में भारत और अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

नामीबिया बना UPI तकनीक अपनाने वाला पहला देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक घोषणा हुई — नामीबिया दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने भारत की यूपीआई (Unified Payments Interface) तकनीक को अपनाने के लिए लाइसेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए। यूपीआई भारत में विकसित एक लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जो मोबाइल ऐप्स के माध्यम से तेजी और सुरक्षित तरीके से पैसे के लेन-देन की सुविधा देती है।

यह कदम नामीबिया में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देगा, वित्तीय समावेशन को मजबूत करेगा और यह दर्शाता है कि भारत की डिजिटल पहलें अब वैश्विक स्तर पर सफल हो रही हैं। इससे अन्य देशों के लिए भी भारतीय डिजिटल समाधानों को अपनाने का रास्ता खुलता है।

भारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेशी गोताखोरी सहायता पोत Nistar

भारतीय नौसेना को देश का पहला स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) आईएनएस निस्तार प्राप्त हुआ। यह पोत विशाखापत्तनम स्थित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) द्वारा बनाया गया है। आईएनएस निस्तार गहरे समुद्र में डाइविंग और बचाव अभियानों को अंजाम देने में नौसेना की क्षमताओं को अत्यधिक बढ़ाएगा। यह उपलब्धि “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” कार्यक्रमों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत की समुद्री रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के साथ-साथ स्वदेशी तकनीक और निर्माण को भी बढ़ावा देती है।

गहरे समुद्र अभियानों के लिए भारत में निर्मित

आईएनएस निस्तार को पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन और निर्मित किया गया है, जिसमें लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। इसे इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) के नियमों के अनुसार बनाया गया है, जो यह दर्शाता है कि भारत अब उन्नत युद्धपोतों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है।

निस्तार” नाम संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “बचाव” या “मोक्ष”। यह पोत 118 मीटर लंबा है, इसका वजन लगभग 10,000 टन है, और इसमें अत्याधुनिक डाइविंग उपकरण लगे हुए हैं। यह जहाज़ 300 मीटर तक सैचुरेशन डाइविंग करने में सक्षम है, और 75 मीटर तक की गहराई के लिए एक साइड डाइविंग स्टेज भी है, जिससे यह समुद्री बचाव अभियानों में अत्यंत उपयोगी बनता है।

उन्नत बचाव और समर्थन क्षमताएँ

आईएनएस निस्तार गहराई में फंसे पनडुब्बियों में मौजूद लोगों को बचाने के लिए डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) की “मदर शिप” के रूप में कार्य करेगा। इसका अर्थ है कि यह जहाज़ समुद्र के अंदर फंसे नौसैनिकों को बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस पोत में रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROVs) भी तैनात हैं, जो 1000 मीटर तक की गहराई में जाकर गोताखोरों को सहायता प्रदान कर सकते हैं और अंडरवाटर सैल्वेज ऑपरेशनों को अंजाम दे सकते हैं।

इस प्रकार की उन्नत गहरे समुद्र में बचाव व समर्थन क्षमता विश्व की चुनिंदा नौसेनाओं के पास ही उपलब्ध है। आईएनएस निस्तार के साथ, भारतीय नौसेना अब उन अग्रणी नौसेनाओं की सूची में शामिल हो गई है, जो समुद्री आपात स्थितियों में तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने में सक्षम हैं।

आत्मनिर्भर बनने की भारत की दिशा में एक उपलब्धि

आईएनएस निस्तार की भारतीय नौसेना में शामिल होना रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। यह पोत नौसेना की जलराशि के भीतर संचालन क्षमताओं को मजबूती प्रदान करता है और भारत की नौसेनिक बेड़े के आधुनिकीकरण की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी सरकारी पहलों के दृष्टिकोण से यह पोत पूरी तरह मेल खाता है, क्योंकि इसे स्वदेशी तकनीक और संसाधनों से विकसित किया गया है। इससे न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि होती है, बल्कि देश के भीतर रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन भी मिलता है।

डाक विभाग ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

डाक विभाग ने दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती मनाने के लिए एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देशभक्तिपूर्ण वाद्य यंत्रों के प्रदर्शन सहित जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन, विरासत और योगदान पर आधारित एक प्रदर्शनी का प्रदर्शन किया गया।

सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में भव्य कार्यक्रम

सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम, दिल्ली में आयोजित यह भव्य समारोह संस्कृति मंत्रालय के नेतृत्व में आयोजित किया गया। डाक टिकट विमोचन कार्यक्रम में देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन पर आधारित विशेष प्रदर्शनी, और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) द्वारा प्रस्तुत एक नाट्य मंचन शामिल था। पूरे कार्यक्रम ने उनकी शिक्षा, उद्योग, और राष्ट्र निर्माण में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया और उपस्थित लोगों को उनके विचारों और योगदान से परिचित कराया।

डाक टिकट का विमोचन और प्रमुख अतिथिगण

इस स्मारक डाक टिकट का अनावरण केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में किया गया। दिल्ली सर्कल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल कर्नल अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा पहला डाक टिकट एलबम औपचारिक रूप से प्रस्तुत किया गया। यह डाक टिकट श्रीमती नेनू गुप्ता द्वारा डिज़ाइन किया गया है और यह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रीय एकता और भारतीय मूल्यों पर आधारित समावेशी विकास के प्रयासों को समर्पित है।

टिकट की विशेषताएं और सार्वजनिक उपलब्धता

डाक टिकट के साथ-साथ एक “फर्स्ट डे कवर” और एक ब्रॉशर भी जारी किया गया। ये सभी सामग्री डॉ. मुखर्जी की विरासत को सम्मानित करती हैं और अब देशभर के फिलेटलिक ब्यूरो में तथा इंडिया पोस्ट की वेबसाइट (www.epostoffice.gov.in) पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं। ये डाक-संग्रहण सामग्री न केवल संग्रहकर्ताओं के लिए उपयोगी हैं, बल्कि आम जनता के लिए भी शिक्षात्मक संसाधन के रूप में कार्य करती हैं, जिससे लोग डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन और योगदान के बारे में जान सकें।

चिंथा रविंद्रन पुरस्कार 2025: शरणकुमार लिम्बाले सम्मानित

मराठी लेखक और समीक्षक शरणकुमार लिम्बाले को चिंथा रविंद्रन पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार में नकद राशि, एक स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र शामिल है। यह सम्मान 26 जुलाई को कोझिकोड के के. पी. केशवमेनन हॉल में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा, जो चिंथा रविंद्रन की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है। यह पुरस्कार लिम्बाले के साहित्य और सामाजिक चिंतन में दिए गए योगदान को सम्मानित करता है।

पुरस्कार और समारोह के बारे में

चिंथा रविंद्रन पुरस्कार हर वर्ष ऐसे लेखक को दिया जाता है, जिसने साहित्य और सामाजिक मुद्दों के क्षेत्र में गहरा प्रभाव डाला हो। इस वर्ष यह सम्मान शरणकुमार लिम्बाले को दिया जा रहा है, जो दलित पहचान, समानता और मानवाधिकारों पर केंद्रित अपनी रचनाओं के लिए जाने जाते हैं।

इस पुरस्कार में ₹50,000 की नकद राशि, एक स्मृति चिन्ह और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है। यह सम्मान 26 जुलाई को सुबह 10 बजे कोझिकोड के के. पी. केशवमेनन हॉल में प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम चिंथा रविंद्रन की स्मृति में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले समारोह का हिस्सा है, जो एक प्रसिद्ध वामपंथी विचारक और लेखक थे।

मुख्य अतिथि और कार्यक्रम विवरण

चिंथा रविंद्रन पुरस्कार समारोह में पूर्व सांसद सुभाषिनी अली मुख्य व्याख्यान देंगी। उनके भाषण का विषय होगा: ‘मनुवादी हिंदुत्व: जब संस्कृति, इतिहास और समान अधिकारों को विघटित किया जा रहा है’, जिसमें वे भारत में सामाजिक और सांस्कृतिक समानता से जुड़े समकालीन मुद्दों पर विचार प्रस्तुत करेंगी।

इस अवसर की अध्यक्षता प्रसिद्ध लेखक एन. एस. मधवन करेंगे, जिससे इस आयोजन को साहित्यिक और वैचारिक गहराई प्राप्त होगी। कार्यक्रम में केरल भर से लेखक, चिंतक और छात्र बड़ी संख्या में भाग लेंगे।

पुरस्कार का महत्व और लिम्बाले का योगदान

शरणकुमार लिम्बाले के लेखन ने दलित साहित्य और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को मुख्यधारा में लाने में अहम भूमिका निभाई है। वे अपने कार्यों में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के संघर्षों और अधिकारों की बात करते हैं। चिंथा रविंद्रन पुरस्कार ऐसे साहसिक और न्याय के पक्षधर लेखकों को सम्मानित करता है, जो असमानता को चुनौती देते हैं और मानव गरिमा को बढ़ावा देते हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक वित्त वर्ष 26 में शेयर बिक्री के जरिए 45,000 करोड़ रुपये जुटाएंगे

भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक वित्त वर्ष 2025–26 में क़रीब ₹45,000 करोड़ जुटाने के लिए शेयरों की क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) करेंगे। यह जानकारी सरकार के एक सूत्र ने बुधवार, 9 जुलाई 2025 को दी। यह निर्णय सरकार की व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह हिस्सेदारी बेचकर धन जुटाना और बैंकों की पूंजी आधार को मजबूत करना चाहती है। इस पूंजी से बैंकों को कर्ज़ देने की क्षमता बढ़ेगी और आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।

SBI शुरू करेगा शेयर बिक्री, अन्य बैंक भी करेंगे अनुसरण

भारत के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने जल्द ही अपनी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) शुरू करने की योजना बनाई है। मई 2025 में, एसबीआई ने पहले ही ₹25,000 करोड़ की इक्विटी पूंजी जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी। यह QIP एक ऐसा माध्यम है जिससे बैंक बड़े संस्थागत निवेशकों को शेयर बेचकर पूंजी जुटाते हैं।

वित्त वर्ष 2025–26 में अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जैसे कि यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक भी शेयर बिक्री करेंगे। यह बैंक जुटाई गई पूंजी का उपयोग अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने और अधिक कर्ज़ देने की क्षमता बढ़ाने के लिए करेंगे।

विनिवेश के लिए सरकार की व्यापक योजना

मोदी सरकार ने आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री अक्टूबर 2025 तक पूरी करने की योजना बनाई है। यह 2025–26 के केंद्रीय बजट में घोषित ₹47,000 करोड़ जुटाने के लक्ष्य का हिस्सा है, जो हिस्सेदारी बिक्री और संपत्ति मोनेटाइजेशन के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा।

इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी घटाना और अधिक निजी निवेश को आकर्षित करना है। इससे बैंक अधिक कुशलता से कार्य कर सकेंगे और बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।

अधिकारियों की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह जानकारी कार्यालय समय के बाहर साझा की गई थी, इसलिए वित्त मंत्रालय या एसबीआई की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हालांकि, अज्ञात स्रोत से प्राप्त जानकारी सरकार की इस वित्तीय वर्ष की रणनीति को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

HCLSoftware ने सरकारी डेटा गोपनीयता को मजबूत करने हेतु सॉवरेन एआई लॉन्च किया

एचसीएलटेक की सॉफ्टवेयर इकाई HCLSoftware ने Domino 14.5 लॉन्च किया है—एक उन्नत प्लेटफ़ॉर्म जो सरकारों और विनियमित संगठनों के लिए डेटा संप्रभुता (Data Sovereignty) और डेटा गोपनीयता (Data Privacy) को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस नवीनतम संस्करण की प्रमुख विशेषता है Domino IQ, एक सॉवरेन एआई (Sovereign AI) समाधान, जिसे विशेष रूप से राष्ट्रीय और कॉर्पोरेट स्तर की संवेदनशील जानकारी को विदेशी हस्तक्षेप और पहुँच से सुरक्षित रखने के लिए विकसित किया गया है। यह प्लेटफ़ॉर्म उन संस्थाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो डेटा पर पूर्ण नियंत्रण और सुरक्षा चाहते हैं।

एआई युग में संप्रभुता की सुरक्षा

Domino IQ एक अनूठा नवाचार है, जिसे सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं में बढ़ती उस मांग को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है जिसमें ऐसे एआई सिस्टम की आवश्यकता होती है जो राष्ट्रीय डेटा सीमाओं के भीतर कार्य करें। यह समाधान सुरक्षित सहयोग की सुविधा देता है बिना किसी वैश्विक क्लाउड प्लेटफॉर्म पर निर्भर हुए, जो अक्सर विदेशी सरकारों की निगरानी के अधीन हो सकते हैं। यह नवाचार डेटा गोपनीयता, नियंत्रण और संप्रभुता को प्राथमिकता देता है।

डेटा नियंत्रण पर नेतृत्व की दृष्टि

HCLSoftware के कार्यकारी उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक रिचर्ड जेफ्ट्स ने डिजिटल गवर्नेंस में स्थानीय नियंत्रण की तात्कालिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि Domino 14.5 का लॉन्च ऐसे समय में हुआ है जब दुनिया भर की सरकारें डेटा संरक्षण ढांचे को फिर से तैयार कर रही हैं, ताकि अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर निर्भरता कम की जा सके और राष्ट्रीय सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

एक व्यापक एआई दृष्टिकोण का हिस्सा

यह लॉन्च HCLTech की OpenAI के साथ चल रही साझेदारी के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर एंटरप्राइज एआई को अपनाने में तेजी लाना है। कंपनी वैश्विक और संप्रभु दोनों तरह के एआई ढांचे विकसित कर रही है ताकि विभिन्न ग्राहक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

जानें कौन हैं सबीह खान, जो बने Apple के COO

दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शुमार एप्पल (Apple) ने भारतीय मूल के सबीह खान (Sabih Khan) को अपना नया मुख्य परिचालन अधिकारी (Chief Operating Officer-COO) बनाया है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्मे सबीह अब दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक की कमान संभालेंगे।

शुरुआती जीवन

सबीह खान का जन्म 1966 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ था। स्कूल की पढ़ाई के दौरान वह सिंगापुर चले गए और फिर आगे चलकर अमेरिका में बस गए। उन्होंने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डबल बैचलर डिग्री हासिल की और फिर रेन्सेलेयर पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट (RPI) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया।

Apple में 30 साल की शानदार पारी

सबीह ने अपने करियर की शुरुआत GE प्लास्टिक्स में की थी, जहाँ वह एप्लिकेशन डेवलपमेंट इंजीनियर और टेक्निकल लीडर की भूमिका में रहे। इसके बाद 1995 में उन्होंने Apple के प्रोक्योरमेंट डिपार्टमेंट में कदम रखा और तब से कंपनी के साथ जुड़े रहे हैं। साल 2019 में उन्हें Apple का सीनियर वॉइस प्रेसिडेंट बनाया गया। इस भूमिका में उन्होंने Apple की वैश्विक सप्लाई चेन का ठीक करने का काम किया। जिसमें प्लानिंग, खरीद, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और प्रोडक्ट सप्लाई शामिल है।

COO बनने के मायने

अब सबीह खान एप्पल के COO जेफ विलियम्स की जगह लेंगे, जो इस साल में रिटायर हो रहे हैं। सबीह इस महीने के अंत तक इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।

टिम कुक ने क्या कहा

CEO टिम कुक ने सबीह की तारीफ करते हुए कहा, सबीह एक शानदार रणनीतिकार हैं। उन्होंने Apple की सप्लाई चेन को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। उनके नेतृत्व में कंपनी ने उन्नत मैन्युफैक्चरिंग तकनीकों को अपनाया, अमेरिका में निर्माण को बढ़ावा दिया और वैश्विक चुनौतियों के दौरान तेजी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता बनाई है।

इसरो ने गगनयान प्रोपल्शन सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

इसरो ने तीन जुलाई को महेंद्रगिरी स्थित अपने प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) के दो सफल परीक्षण किए। ये छोटे अवधि के परीक्षण क्रमश: 30 सेकंड और 100 सेकंड तक चले। इसरो ने कहा कि इनका उद्देश्य परीक्षण आलेख के कान्फिगरेशन को प्रमाणित करना था। परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन सिस्टम का समग्र प्रदर्शन पूर्व-टेस्ट पूर्वानुमानों के अनुसार सामान्य था। 100 सेकंड के परीक्षण के दौरान, विभिन्न मोड में सभी रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (आरसीएस) थ्रस्टर्स का समवर्ती संचालन और सभी लिक्विड अपोजी मोटर (एलएएम) इंजनों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया।

लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसरो का लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) गगनयान एसएमपीएस के लिए प्रौद्योगिकी विकास गतिविधियों का नेतृत्व कर रहा है। एसएमपीएस गगनयान ऑर्बिटल मॉड्यूल का महत्वपूर्ण सिस्टम है और यह ऑर्बिटल मैन्युवरिंग के साथ-साथ विशिष्ट एबार्ट परिदृश्यों के दौरान आवश्यक है।

अनुभव के आधार पर सुधार

इसमें पांच लिक्विड अपोजी मोटर इंजन (प्रत्येक 440 न्यूटन थ्रस्ट) और 16 रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम थ्रस्टर्स (प्रत्येक 100 न्यूटन थ्रस्ट) शामिल हैं। प्रोपल्शन सिस्टम की उड़ान के करीब स्थितियों का अनुकरण करने के लिए, इन परीक्षण के लिए एसएमपीएस परीक्षण आलेख में पूर्व के प्राप्त अनुभव के आधार पर सुधार शामिल किए गए थे।

गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य

इनके माध्यम से प्राप्त आत्मविश्वास के साथ ही इसरो जल्द ही एक पूर्ण अवधि का परीक्षण करेगा। इसरो के अनुसार, गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की क्षमता को लो अर्थ आर्बिट में एक मानवयुक्त अंतरिक्ष यान लांच करने का प्रदर्शन करना है और इस मिशन से प्राप्त अनुभव और ज्ञान इसकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा।

क्या है गगनयान मिशन?

इसरो का गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है। इसका मुख्य उद्देश्य तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लगभग 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें तीन दिनों के मिशन के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राज़ील के साथ 2030 तक 20 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य निर्धारित किया

ब्राज़ील की राजकीय यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और ब्राज़ील के बीच द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2030 तक 20 अरब डॉलर तक पहुँचाने का एक साहसिक लक्ष्य निर्धारित किया, जो वर्तमान में 12.2 अरब डॉलर है। ब्रासीलिया में ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों वैश्विक दक्षिण देशों के बीच आर्थिक सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया।

मर्कोसुर के माध्यम से व्यापार का विस्तार

मर्कोसुर अधिमान्य व्यापार समझौते का विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और मर्कोसुर (Mercosur) के बीच प्रिफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट (प्राथमिकता व्यापार समझौता) के विस्तार पर ज़ोर दिया। मर्कोसुर एक क्षेत्रीय व्यापार समूह है, जिसमें ब्राज़ील, अर्जेंटीना, पराग्वे और उरुग्वे शामिल हैं। वर्तमान में भारत के साथ इस समझौते की कवरेज सीमित है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अधिक उत्पादों को इस समझौते में शामिल करने और भारतीय निर्यातकों के लिए बाज़ार तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने व्यापार विस्तार के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों को प्रमुख अवसरों के रूप में रेखांकित किया:

  • कृषि और खाद्य प्रसंस्करण

  • एग्री-टेक और वैल्यू एडेड फूड निर्यात

  • डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना

  • अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान सहयोग

यह कदम भारत और मर्कोसुर देशों के बीच आर्थिक संबंधों को नई गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा: ब्राज़ील में शुरू होगा यूपीआई
प्रधानमंत्री मोदी की ब्राज़ील यात्रा की एक बड़ी उपलब्धि थी—ब्राज़ील में भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्रणाली की शुरुआत की घोषणा। सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में सफल कार्यान्वयन के बाद, अब ब्राज़ील भारत की इस डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने वाला अगला देश बनने जा रहा है।

यह पहल ब्राज़ील की वित्तीय समावेशन और डिजिटल परिवर्तन की दिशा में चल रही रणनीति से मेल खाती है और साथ ही यह भारत की फिनटेक नवाचार में बढ़ती ‘सॉफ्ट पावर’ को भी दर्शाती है।

नागरिक सम्मान: ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द साउदर्न क्रॉस
सौहार्द और सम्मान के प्रतीक रूप में, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला ने प्रधानमंत्री मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द साउदर्न क्रॉस’ प्रदान किया।

यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी के निम्न योगदानों को मान्यता देता है:

  • भारत-ब्राज़ील के द्विपक्षीय आर्थिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करना

  • वैश्विक मंचों जैसे BRICS, G20 और ग्लोबल साउथ समिट में सक्रिय भूमिका

  • तकनीक और जलवायु परिवर्तन में दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देना

यह सम्मान भारत-ब्राज़ील मित्रता और रणनीतिक साझेदारी के नए युग की शुरुआत का प्रतीक माना जा रहा है।

दवाओं तक पहुंच और वीज़ा उदारीकरण

द्विपक्षीय वार्ताओं के बाद विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व), पी. कुमारन ने मीडिया को जानकारी देते हुए कई अहम घोषणाएँ कीं:

  • ब्राज़ील ने भारत की सस्ती दवाओं का स्वागत किया, साथ ही ब्राज़ील में फार्मा निर्माण हब स्थापित करने के प्रस्तावों को भी सकारात्मक रूप से लिया गया।

  • भारतीय पर्यटकों और व्यापारिक पेशेवरों के लिए वीज़ा उदारीकरण पर चर्चा हुई, जिससे लोगों के बीच संपर्क और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

  • दोनों देशों ने भारत की जेनेरिक दवा उद्योग को ब्राज़ील की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण माना।

क्रिटिकल मिनरल्स और रेयर अर्थ खनिजों में सहयोग

भारत ने ब्राज़ील के खनिज संसाधनों में गहरी रुचि दिखाई, खासकर रेयर अर्थ एलिमेंट्स में, जो निम्न क्षेत्रों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उत्पादन

  • इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरी निर्माण

  • अंतरिक्ष और उपग्रह प्रौद्योगिकी

इस संबंध में भारत ने प्रस्ताव दिया कि भारतीय कंपनियों को खनन, प्रोसेसिंग या को-विकास में निवेश या संयुक्त उद्यम करने की अनुमति दी जाए। राष्ट्रपति लूला ने संकेत दिया कि ब्राज़ील की आगामी रेयर अर्थ नीति में भारतीय निवेशकों के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे।

यह सहयोग भारत-ब्राज़ील रणनीतिक भागीदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoUs) और भविष्य की साझेदारियाँ

प्रधानमंत्री मोदी की ब्राज़ील यात्रा के दौरान तीन महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए:

  1. आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध पर खुफिया जानकारी साझा करने के लिए समझौता

  2. बायोफ्यूल सहयोग, जिसमें एथनॉल-मिश्रित ईंधन के विकास पर विशेष जोर

  3. नवीकरणीय ऊर्जा तकनीकों पर साझेदारी

जल्द ही हस्ताक्षर किए जाने वाले प्रस्तावित MoUs:

  • कृषि अनुसंधान में सहयोग

  • गोपनीय रणनीतिक जानकारी के आदान-प्रदान पर समझौता

  • बौद्धिक संपदा (IP) प्रणाली में सहयोग

ये समझौते भारत और ब्राज़ील के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को दर्शाते हैं, जो केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य स्थिरता, नवाचार और आतंकवाद-रोधी सहयोग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी शामिल करता है।

मेरठ में एग्रीटेक इनोवेशन हब का शुभारंभ

नवाचार और डिजिटल तकनीक के माध्यम से कृषि में क्रांति लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने 9 जुलाई 2025 को मेरठ स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SVPUAT) में उत्तर प्रदेश एग्रीटेक इनोवेशन हब तथा एग्रीटेक स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी शोकेस का उद्घाटन किया।

यह पहल एक सहयोगात्मक मंच के रूप में कल्पित की गई है, जो किसानों, तकनीकी विशेषज्ञों, स्टार्टअप्स और अकादमिक संस्थानों को जोड़कर क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार टिकाऊ कृषि समाधान प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।

किसानों को सशक्त बनाना

आगामी पीढ़ी की तकनीक के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एसवीपीयूएटी द्वारा भारतीय कृषि की भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए पाठ्यक्रम की सराहना की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विकसित भारत का सपना तब तक साकार नहीं हो सकता जब तक हमारे किसान समृद्ध न हों और ग्रामीण समुदाय सशक्त न हों।

प्रधान ने कहा कि भारत का दिल उसकी धरती और खेतों में धड़कता है। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही भारत की सेवा क्षेत्र (services sector) को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली हो, लेकिन कृषि देश की आत्मा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जब कृषि में नवाचार परंपरा के साथ जुड़े और तकनीक से सशक्त हों, तो वे आत्मनिर्भर और टिकाऊ ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ओर ले जाते हैं।

एग्रीटेक हब: कृषि में तकनीकी छलांग

नवप्रारंभित एग्रीटेक इनोवेशन हब अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है, जिनमें शामिल हैं:

  • IoT-सक्षम सेंसर

  • स्मार्ट सिंचाई प्रणाली

  • स्वचालन उपकरण (Automation Tools)

  • रियल-टाइम डेटा एनालिटिक्स प्लेटफ़ॉर्म

ये तकनीकें सटीक कृषि (Precision Farming) को संभव बनाएंगी, जलवायु-प्रतिरोधी खेती को बढ़ावा देंगी, लागत घटाएंगी और पैदावार अधिकतम करने में मदद करेंगी।

यह हब स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के सहयोग से व्यावहारिक और बड़े स्तर पर अपनाए जा सकने वाले समाधान तैयार करने का प्रयास करेगा। यह भारत की कृषि को आधुनिक बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो पारिस्थितिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी संरक्षित करता है।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: IIT रोपड़ की रणनीतिक भूमिका

यह पहल केंद्रीय बजट के तहत वित्तपोषित एग्रीकल्चर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का हिस्सा है, जिसमें IIT रोपड़ प्रमुख तकनीकी साझेदार है। संस्थान निम्न योगदान देगा:

  • अपने साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (CPS) लैब से तकनीकी सहायता और बुनियादी ढांचा

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और क्लाउड कंप्यूटिंग में विशेषज्ञता

  • परियोजना हेतु ₹75 लाख का वित्तीय योगदान

इसी कार्यक्रम के दौरान SVPUAT और IIT रोपड़ के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को औपचारिक रूप प्रदान किया गया।

मॉडल स्मार्ट फ़ार्म और तकनीकी प्रदर्शनी
SVPUAT के मॉडल स्मार्ट फ़ार्म में एक तकनीकी प्रदर्शन सत्र आयोजित किया गया, जिसमें निम्नलिखित तकनीकों का प्रदर्शन किया गया:

  • उन्नत सिंचाई स्वचालन प्रणाली

  • मृदा नमी सेंसर

  • मौसम से जुड़ी सलाह प्रणाली

  • 20 स्टार्टअप्स द्वारा विकसित एग्रीटेक समाधान

आधुनिक तकनीकों जैसे प्राकृतिक खेती, शून्य बजट कृषि, और डेटा-आधारित खेती को अपनाने वाले प्रगतिशील किसानों को कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

स्टार्टअप्स, स्किलिंग और भविष्य की तैयारी

इस आयोजन में शामिल थे:

  • 20 एग्रीटेक स्टार्टअप्स द्वारा विघटनकारी तकनीकों की प्रदर्शनी

  • आगामी स्टार्टअप इनक्यूबेशन और स्किलिंग कार्यक्रमों की घोषणाएं

  • किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के साथ क्षमता निर्माण पर संवाद

प्रशिक्षण सत्र, क्षेत्रीय भ्रमण और प्रायोगिक लर्निंग मॉड्यूल्स के माध्यम से प्रयोगशालाओं से खेत तक तकनीक के सफल हस्तांतरण को सुनिश्चित किया जाएगा।

भारत की कृषि परंपरा से जुड़ा एक भविष्यदृष्टि युक्त कदम

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सरदार वल्लभभाई पटेल और चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि किसानों की आय को दोगुना करना और कृषि आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन के बीच, भारत को प्राकृतिक व रसायन-मुक्त खेती की ओर बढ़ने के साथ-साथ रीयल-टाइम तकनीकी समाधान भी देने होंगे।

यह एग्रीटेक हब इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो हमारे “अन्नदाता” को “टेक-डाटा सशक्त नवप्रवर्तक” में परिवर्तित करने की दिशा में अग्रसर है।

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