Economic Survey 2022 Live Updates: इकोनॉमिक सर्वे संसद में पेश, जानें वर्ष 2022 के इकोनॉमिक सर्वे से जुड़ी मुख्य बातें

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वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण (Finance Minister, Nirmala Sitharaman) ने 31 जनवरी 2022 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण ख़त्म होने के बाद संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 (Economic Survey 2022) पेश किया है। आर्थिक सर्वेक्षण, जिसे केंद्रीय बजट से पहले संसद में पेश किया जाता है ताकि अर्थव्यवस्था की स्थिति पेश की जा सके और नीतिगत नुस्खे सुझाए जा सकें। बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा लिखा गया है। प्रस्तुति से कुछ दिन पहले, केंद्र ने अर्थशास्त्री वी अनंत नागेश्वरन को नया सीईए नियुक्त किया।

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क्या है आर्थिक सर्वेक्षण या समीक्षा? (What is the Economic Survey?)

  • आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का एक वार्षिक दस्तावेज है. इसमें पिछले 12 महीनों में देश की आर्थिक प्रगति और मुद्दों की समीक्षा की जाती है.
  • सर्वेक्षण में सरकार द्वारा शुरू की गई प्रमुख विकासात्मक योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित जानकारी दी जाती है. यह दस्तावेज़ प्रमुख सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन और उनके प्रभाव के बारे में भी जानकरी देता है.
  • आर्थिक समीक्षा में प्रमुख राजकोषीय विकास, व्यापक आर्थिक कारकों, मुद्रास्फीति, और अन्य आर्थिक कारकों पर विचार-विमर्श किया जाता है. यह दस्तावेज़ देश की अर्थव्यवस्था पर कृषि, जलवायु परिवर्तन और रोजगार के प्रभाव पर भी प्रकाश डालता है.
  • पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था. हालांकि, 1964 तक, इसे बजट के साप्रस्तुत किया जाता था.

Here are the key highlights from the Economic Survey 2021-22: आर्थिक सर्वेक्षण या आर्थिक समीक्षा 2021-22 की मुख्‍य बातें:-


सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) में भारतीय अर्थव्यवस्था के 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना जताई है. चालू वित्त वर्ष 2021-22 (FY22) में जीडीपी विकास दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 25 तक भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर के GDP लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, भारत को बुनियादी ढांचे पर इस अवधि में लगभग 1.4 ट्रिलियन अमरीकी डालर खर्च करने की आवश्यकता है.

अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिति (Status of the Economy) :

  • वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट के बाद 2021-22 में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के 9.3 प्रतिशत (पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार) बढ़ने का अनुमान है.
  • FY 2022-23 में जीडीपी की विकास दर 8 – 8.5 प्रतिशत रह सकती है.
  • आर्थिक पुनरुद्धार को समर्थन देने के लिए आने वाले साल में वित्‍तीय प्रणाली के साथ निजी क्षेत्र के निवेश में बढ़ोतरी की संभावना है.
  • वित्त 2022-23 के लिए यह अनुमान विश्‍व बैंक (World Bank) और एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) की क्रमश: 8.7 और 7.5 प्रतिशत रियल टर्म जीडीपी विकास की संभावना के अनुरूप है.
  • आईएमएफ के ताजा विश्‍व आर्थिक परिदृश्‍य अनुमान के तहत, 2021-22  और 2022-23 में भारत की रियल जीडीपी विकास दर 9 प्रतिशत और 2023-24 में 7.1 प्रतिशत रहने की संभावना है, जिससे भारत अगले तीन साल तक दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्‍यवस्‍था बनी रहेगी.
  • 2021-22 में कृषि और संबंधित क्षेत्रों के 3.9 प्रतिशत; उद्योग के 11.8 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र के 8.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है.
  • मांग की बात करें तो 2021-22 में खपत 7.0 प्रतिशत, सकल स्‍थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) 15 प्रतिशत, निर्यात 16.5 प्रतिशत और आयात 29.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है.
  • व्यापक आर्थिक स्थिरता संकेतकों (Macroeconomic stability indicators) से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था 2022-23 की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
  • ऊंचे विदेशी मुद्रा भंडार, टिकाऊ प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश और निर्यात में वृद्धि के संयोजन से 2022-23 में वैश्विक स्‍तर पर तरलता में संभावित कमी के खिलाफ पर्याप्‍त समर्थन देने में सहायता मिलेगी।
  • 2020-21 में लागू पूर्ण लॉकडाउन की तुलना में ‘दूसरी लहर’ का आर्थिक प्रभाव कम रहा, हालांकि इसका स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रभाव काफी गंभीर था।
  • भारत सरकार की विशेष प्रतिक्रिया में समाज के कमजोर तबकों और कारोबारी क्षेत्र को प्रभावित होने से बचाने के लिए सुरक्षा जाल तैयार करना, विकास दर को गति देने के लिए पूंजीगत व्‍यय में खासी बढ़ोतरी और टिकाऊ दीर्घकालिक विस्‍तार के लिए आपूर्ति के क्षेत्र में सुधार शामिल रहे।
  • सरकार की लचीली और बहुस्‍तरीय प्रतिक्रिया आंशिक रूप से ‘त्‍वरित’ रूपरेखा पर आधारित है, जिसमें बेहद अनिश्चिता के माहौल में खामियों को दूर करने पर जोर दिया गया और 80 हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स (एचएफआई) का इस्‍तेमाल किया गया।

राजकोषीय मजबूती (Fiscal Developments):

  • 2021-22 बजट अनुमान (2020-21 के अनंतिम आंकड़ों की तुलना में) 9.6 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि की तुलना में केन्‍द्र सरकार की राजस्‍व प्राप्तियां (अप्रैल-नवम्‍बर, 2021) 67.2 प्रतिशत तक बढ़ गईं.
  • सालाना आधार पर अप्रैल-नवम्‍बर, 2021 के दौरान सकल कर-राजस्‍व में 50 प्रतिशत से ज्‍यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह 2019-20 के महामारी से पहले के स्‍तरों की तुलना में भी बेहतर प्रदर्शन है। 
  • अप्रैल-नवम्‍बर, 2021 के दौरान बुनियादी ढांचे से जुड़े क्षेत्रों पर जोर के साथ पूंजी व्‍यय में  सालाना आधार पर 13.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
  • टिकाऊ राजस्‍व संग्रह और एक लक्षित व्‍यय नीति से अप्रैल-नवम्‍बर, 2021 के दौरान राजको‍षीय घाटे को बजट अनुमान के 46.2 प्रतिशत के स्‍तर पर सीमित रखने में सफलता मिली।
  • कोविड-19 के चलते उधारी बढ़ने के साथ 2020-21 में केन्‍द्र सरकार का कर्ज बढ़कर जीडीपी का 59.3 प्रतिशत हो गया, जो 2019-20 में जीडीपी के 49.1 प्रतिशत के स्‍तर पर था। हालांकि अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार के साथ इसमें गिरावट आने का अनुमान है।

बाहरी क्षेत्र (External Sectors):

  • भारत के वाणिज्यिक निर्यात एवं आयात ने दमदार वापसी की और चालू वित्‍त वर्ष के दौरान यह कोविड से पहले के स्‍तरों से ज्‍यादा हो गया।
  • पर्यटन से कमजोर राजस्‍व के बावजूद प्राप्तियों और भुगतान के महामारी से पहले के स्‍तरों पर पहुंचने के साथ सकल सेवाओं में अच्‍छी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
  • विदेशी निवेश में निरंतर बढ़ोतरी, सकल बाह्य वाणिज्यिक उधारी में बढ़ोतरी, बैंकिंग पूंजी में सुधार और अतिरिक्‍त विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) आवंटन के दम पर 2021-22 की पहली छमाही में सकल पूंजी प्रवाह बढ़कर 65.6 बिलियन डॉलर हो गया
  • सितम्‍बर 2021 के अंत तक एक साल पहले के 556.8 बिलियन डॉलर की तुलना में भारत का बाह्य कर्ज बढ़कर 593.1 बिलियन डॉलर हो गया। इससे आईएमएफ द्वारा अतिरिक्‍त एसडीआर आवंटन के साथ ही ज्‍यादा वाणिज्यिक उधारी के संकेत मिलते हैं।
  • 2021-22 की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार 600 बिलियन डॉलर से ऊपर निकल गया और यह 31 दिसम्‍बर, 2021 तक 633.6 बिलियन डॉलर के स्‍तर पर पहुंच गया।
  • नवम्‍बर, 2021 के अंत तक चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत चौथा सबसे ज्‍यादा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश था.



मौद्रिक प्रबंधन तथा वित्तीय मध्यस्थता (Monetary Management and Financial Intermediation):

  • प्रणाली में तरलता अधिशेष रही
  • 2021-22 में रेपो दर 4 प्रतिशत पर बनी रही
  • भारतीय रिजर्व बैंक ने और अधिक तरलता प्रदान करने के लिए जी-सेक अधिग्रहण कार्यक्रम तथा सामाजिक दीर्घकालिक रेपो संचालन जैसे विभिन्न कदम उठाए हैं।

  • वाणिज्यिक बैंकिंग प्रणाली द्वारा अच्छी तरह महामारी के आर्थिक झटके को दूर कर दिया है: 

    • 2021-22 में वार्षिक आधार पर ऋण वृद्धि अप्रैल, 2021 के 5.3 प्रतिशत से बढ़कर 31 दिसंबर, 2021 तक 9.2 प्रतिशत हुई
    • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का कुल अनुत्पादक अग्रिम अनुपात 2017-18 अंत के 11.2 प्रतिशत से घटकर सितंबर, 2021 के अंत में 6.9 प्रतिशत हो गया
    • समान अवधि के दौरान शुद्ध अनुत्पादक अग्रिम अनुपात 6 प्रतिशत से घटकर 2.2 प्रतिशत हो गया
    • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का पूंजी-जोखिम भारांक परिसंपत्ति अनुपात 2013-14 के 13 प्रतिशत से बढ़ते हुए सितंबर, 2021 के अंत में 16.54 प्रतिशत रहा।
    • सितंबर, 2021 में समाप्त होने वाली अवधि के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए परिसंपत्तियों पर रिटर्न और इक्विविटी पर रिटर्न सकारात्मक बना रहा है।

  • पूंजी बाजारों के लिए असाधारण वर्षः

    • अप्रैल-नवंबर, 2021 में 75 प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से 89,066 करोड़ रुपये उगाहे गए, जो पिछले एक दशक के किसी भी वर्ष में सबसे अधिक है।
    • 18 अक्टूबर, 2021 को सेंसेक्स और निफ्टी 61,766 तथा 18,477 की ऊंचाई पर पहुंचे।
    • प्रमुख उभरती बाजार अर्थव्यवस्था में भारतीय बाजारों ने अप्रैल-दिसंबर, 2021 में समकक्ष बाजारों से अच्छा प्रदर्शन किया।

मूल्य तथा मुद्रास्फीति (Prices and Inflation:)

  • औसत शीर्ष सीपीआई-संयुक्त मुद्रास्फीति (Combined inflation moderated) 2021-22 (अप्रैल-दिसंबर) में सुधरकर 5.2 प्रतिशत हुई, जबकि 2020-21 की इसी अवधि में यह 6.6 प्रतिशत थी।
    • खुदरा स्फीति में गिरावट खाद्य मुद्रास्फीति में सुधार के कारण आई
    • 2021-22 (अप्रैल से दिसंबर) में औसत खाद्य मुद्रास्फीति 2.9 प्रतिशत के निम्न स्तर पर रही, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 9.1 प्रतिशत थी।
    • वर्ष के दौरान प्रभावी आपूर्ति प्रबंधन ने अधिकतर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित रखा।
    • दालों और खाद्य तेलों में मूल्य वृद्धि नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए गए।
    • सैंट्रल एक्साइज में कमी तथा बाद में अधिकतर राज्यों द्वारा वैल्यू एडेट टैक्स में कटौतियों से पेट्रोल तथा डीजल की कीमतों में सुधार लाने में मदद मिली।
  • थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित थोक मुद्रास्फीति 2021-22 (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान 12.5 प्रतिशत बढ़ी।
    • ऐसा निम्नलिखित कारणों से हुआः
    • पिछले वर्ष में निम्न आधार
    • आर्थिक गतिविधियों में तेजी
    • कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में भारी वृद्धि तथा अन्य आयातित वस्तुओं तथा
    • उच्च माल ढुलाई लागत
    • सीपीआई-सी तथा डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति के बीच अंतरः
    • मई, 2020 में यह अंतर शीर्ष पर 9.6 प्रतिशत  रहा।
  • इस वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के दिसंबर, 2021 की थोक मुद्रास्फीति के 8.0 प्रतिशत के नीचे आने से इस अंतर में उलटफेर हुआ।
    • इस अंतर की व्याख्या निम्नलिखित कारकों द्वारा की जा सकती हैः
    • बेस प्रभाव के कारण अंतर
    • दो सूचकांकों के स्कोप तथा कवरेज में अंतर
    • मूल्य संग्रह
    • कवर की गई वस्तुएं
    • वस्तु भारों में अंतर तथा
    • आयातित कच्चे मालों की कीमत ज्यादा होने के कारण डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति संवेदी हो जाती है।
  • डब्ल्यूपीआई में बेस प्रभाव की क्रमिक समाप्ति से सीपीआई-सी तथा डब्ल्यूपीआई में अंतर कम होने की आशा की जाती है।

सतत विकास तथ जलवायु परिवर्तन (Sustainable Development and Climate Change):

  • नीति आयोग एसडीजी इंडिया सूचकांक तथा डैशबोर्ड पर भारत का समग्र स्कोर 2020-21 में सुधरकर 66 हो गया, जबकि यह 2019-20 में 60 तथा 2018-19 में 57 था।
  • फ्रंट रनर्स (65-99 स्कोर) की संख्या 2020-21 में 22 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में बढ़ी, जो 2019-20 में 10 थी।
  • नीति आयोग पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला एसडीजी सूचकांक 2021-22 में पूर्वोत्तर भारत में 64 जिले फ्रंट रनर्स तथा 39 जिले परफॉर्मर रहे
  • भारत, विश्व में दसवां सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला देश है।
  • 2010 से 2020 के दौरान वन क्षेत्र वृद्धि के मामले में 2020 में भारत का विश्व में तीसरा स्थान रहा।
  • 2020 में भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र में कवर किए गए वन 24 प्रतिशत रहे यानी विश्व के कुल वन क्षेत्र का 2 प्रतिशत।
  • अगस्त, 2021 में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम, 2021 अधिसूचित किए गए, जिसका उद्देश्य 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करना है।
  • प्लास्टिक पैकेजिंग के लिए विस्तारित उत्पादक दायित्व पर प्रारूप विनियमन अधिसूचित किया गया।
  • गंगा तथा उसकी सहायक नदियों के तटों पर अत्यधिक प्रदूषणकारी उद्योगों (जीपीआई) की अनुपालन स्थिति 2017 के 39 प्रतिशत से सुधर कर 2020 में 81 प्रतिशत हो गई।
  • उत्सर्जित अपशिष्ट में 2017 के 349.13 मिलियन लीटर दैनिक (एमएलडी) से 2020 में 280.20 एमएलडी की कमी आई।
  • प्रधानमंत्री ने नवंबर, 2021 में ग्लास्गो में आयोजित पक्षों के 26वें सम्मेलन (सीओपी-26) के राष्ट्रीय वक्तव्य के हिस्से के रूप में उत्सर्जन मे कमी लाने के लिए 2030 तक प्राप्त किए जाने वाले महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की घोषणा की।
  • एक शब्द  ‘LIFE’ (Lifestyle for Environment)  यानि ‘लाइफ’ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) प्रारंभ करने की आवश्यकता महसूस करते हुए बिना सोचे-समझे तथा विनाशकारी खपत के बदले सोचपूर्ण तथा जानबूझकर उपयोग करने का आग्रह किया गया है।

कृषि तथा खाद्य प्रबंधन (Agriculture and Food Management):

  • पिछले दो वर्षों में कृषि क्षेत्र में विकास देखा गया। देश के कुल मूल्यवर्धन (Gross Value Added) में महत्वपूर्ण 18.8 प्रतिशत (2021-22) की वृद्धि हुई, इस तरह 2020-21 में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2021-22 में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नीति का उपयोग फसल विविधिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए किया जा रहा है।
  • 2014 की एसएएस रिपोर्ट की तुलना में नवीनतम सिचुएशन असेसमेंट सर्वे (एसएएस) में फसल उत्पादन से शुद्ध प्राप्तियों में 22.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • पशुपालन, डेयरी तथा मछलीपालन सहित संबंधित क्षेत्र तेजी से उच्च वृद्धि वाले क्षेत्र के रूप में तथा कृषि क्षेत्र में सम्पूर्ण वृद्धि के प्रमुख प्रेरक के रूप में उभर रहे हैं।
  • 2019-20 में समाप्त होने वाले पिछले पांच वर्षों में पशुधन क्षेत्र 8.15 प्रतिशत के सीएजीआर पर बढ़ा रहा।
  • कृषि परिवारों के विभिन्न समूहों में यह स्थाई आय का साधन रहा है और ऐसे उन परिवारों की औसत मासिक आय का यह लगभग 15 प्रतिशत है।
  • अवसंरचना विकास, रियायती परिवहन तथा माइक्रो खाद्य उद्यमों के औपचारिकरण के लिए समर्थन जैसे विभिन्न उपायों के माध्यम से सरकार खाद्य प्रसंस्करण को सहायता देती है।
  • भारत विश्व का सबसे बड़ा खाद्य प्रबंधन कार्यक्रम चलाता है। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) जैसी योजनाओं के माध्यम से खाद्य सुरक्षा नेटवर्क कवरेज का और अधिक विस्तार किया है।
Finance Minister, Nirmala Sitharaman has presented Economic Survey 2021-22 in the Parliament on 31st January 2022 | Economic Survey 2022 Live Updates: इकोनॉमिक सर्वे संसद में पेश, जानें वर्ष 2022 के इकोनॉमिक सर्वे से जुड़ी मुख्य बातें | आर्थिक समीक्षा 2021-22 की मुख्‍य बातें | आर्थिक समीक्षा 2021 22 | arthik samiksha | आर्थिक समीक्षा 2021-22 in hindi pdf

उद्योग और बुनियादी ढ़ांचा (Industry and Infrastructure):

  • अप्रैल-नवम्बर, 2021 के दौरान औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (आईआईपी) बढ़कर 17.4 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) हो गया। यह अप्रैल-नवम्बर, 2020 में (-)15.3 प्रतिशत था।
  • भारतीय रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय 2009-2014 के दौरान 45,980 करोड़ रुपये के वार्षिक औसत से बढ़कर 2020-21 में 155,181 करोड़ रुपये हो गया और 2021-22 में इसे 215,058 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का बजट रखा गया है, इस प्रकार इसमें 2014 के स्तर की तुलना में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है।
  • वर्ष 2020-21 में प्रतिदिन सड़क निर्माण की सीमा को बढ़ाकर 36.5 किलोमीटर प्रतिदिन कर दिया गया है जो 2019-20 में 28 किलोमीटर प्रतिदिन थी, इस प्रकार इसमें 30.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
  • बड़े कॉरपोरेट के बिक्री अनुपात से निवल लाभ वर्ष 2021-22 की जुलाई-सितम्बर तिमाही में महामारी के बावजूद 10.6 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है। (आरबीआई अध्ययन)
  • उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (Production Linked Incentive) योजना के शुभारंभ से लेनदेन लागत घटाने और व्यापार को आसान बनाने के कार्य में सुधार लाने के उपायों के साथ-साथ डिजिटल और वस्तुगत दोनों बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिला है, जिससे रिकवरी की गति में मदद मिलेगी। 

सेवाएं (Services):

  • जीवीए की सेवाओं ने वर्ष 2021-22 की जुलाई-सितम्बर तिमाही में पूर्व-महामारी स्तर को पार कर लिया है। व्यापार, परिवहन आदि जैसे कॉन्टेक्ट इंटेन्सिव सेक्टरों का जीवीए अभी भी पूर्व-महामारी स्तर से नीचे बना हुआ है।
  • समग्र सेवा क्षेत्र जीवीए में 2021-22 में 8.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
  • अप्रैल-दिसम्बर, 2021 के दौरान रेल मालभाड़ा ने पूर्व-महामारी स्तर को पार कर लिया है जबकि हवाई मालभाड़ा और बंदरगाह यातायात लगभग अपने पूर्व-महामारी स्तरों तक पहुंच गये हैं। हवाई और रेल यात्री यातायात में धीर-धीरे वृद्धि हो रही है जो यह दर्शाता है कि महामारी की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर का प्रभाव कहीं अधिक कम था।
  • वर्ष 2021-22 की पहली छमाही के दौरान सेवा क्षेत्र ने 16.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया जो भारत में कुल एफडीआई प्रवाह का लगभग 54 प्रतिशत है।
  • आईटी-बीपीएम सेवा राजस्व 2020-21 में 194 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि के दौरान इस क्षेत्र में 1.38 लाख कर्मचारी शामिल किए गए।
  • प्रमुख सरकारी सुधारों में आईटी-बीपीओ क्षेत्र में टेलिकॉम विनियमों को हटाना और निजी क्षेत्र के दिग्गजों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलना शामिल है।
  • सेवा निर्यात ने 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में पूर्व-महामारी स्तर को पार कर लिया और इसमें 2021-22 की पहली छमाही में 21.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सॉफ्टवेयर और आईटी सेवा निर्यात के लिए वैश्विक मांग से इसमें मजबूती आई है।
  • भारत अमेरिका और चीन के बाद विश्व में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बन गया है। नये मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स की संख्या 2021-22 में बढ़कर 14 हजार से अधिक हो गई है जो 2016-17 में केवल 735 थी।
  • 44 भारतीय स्टार्ट-अप्स ने 2021 में यूनिकॉर्न दर्जा हासिल किया इससे यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप्स की कुल संख्या 83 हो गई है और इनमें से अधिकांश सेवा क्षेत्र में हैं।

सामाजिक बुनियादी ढ़ांचा और रोजगार (Social Infrastructure and Employment):

  • 16 जनवरी, 2022 तक कोविड-19 टीके की 157.94 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। इसमें 91.39 करोड़ पहली खुराक और 66.05 करोड़ दूसरी खुराक शामिल हैं।
  • अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान से रोजगार सूचकांक वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही के दौरान वापस पूर्व-महामारी स्तर पर आ गए हैं।
  • मार्च, 2021 तक प्राप्त तिमाही आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण (पीएफएलएस) आंकड़ों के अनुसार महामारी के कारण प्रभावित शहरी क्षेत्र में रोजगार लगभग पूर्व महामारी स्तर तक वापस आ गये हैं।
  • कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) आंकड़ों के अनुसार दूसरी कोविड लहर के दौरान रोजगारों का औपचारीकरण जारी रहा। कोविड की पहली लहर की तुलना में रोजगारों के औपचारीकरण पर कोविड का प्रतिकूल प्रभाव कम रहा है।
  • सामाजिक सेवाओं (स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य) पर जीडीपी के अनुपात के रूप में केन्द्र और राज्यों का व्यय जो 2014-15 में 6.2 प्रतिशत था 2021-22 (बजट अनुमान) में बढ़कर 8.6 प्रतिशत हो गया।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 (National Family Health Survey-5) के अनुसार-

  • कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 2019-21 में घटकर 2 हो गई जो 2015-16 में 2.2 थी।
  • शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), पांच साल से कम शिशुओं की मृत्यु दर में कमी हुई है और अस्पतालों/प्रसव केन्द्रों में शिशुओं के जन्म में 2015-16 की तुलना में 2019-21 में सुधार हुआ हैं।

150 गांवों को ‘उत्कृष्टता के गांवों’ में बदलने के लिए भारत ने इज़राइल के साथ समझौता किया

 

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किसानों को कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीक अपनाने में मदद करने के लिए भारत सरकार ने देश के 12 राज्यों में 150 ‘उत्कृष्टता के गांव (Villages of Excellence)’ बनाने के लिए इज़राइल सरकार के साथ हाथ मिलाया है। कृषि को अधिक लाभदायक व्यवसाय बनाने के लिए इज़राइल तकनीकी सहायता और अन्य विशेषज्ञता प्रदान करेगा।

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हिन्दू रिव्यू दिसम्बर 2021, Download Monthly Hindu Review PDF in Hindi

सीओई के आसपास स्थित 150 गांवों को ‘उत्कृष्टता के गांवों’ में बदल दिया जाएगा। जिनमें से 75 गांवों को भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में पहले वर्ष में लिया जा रहा है। पहले से ही, इजरायल सरकार ने 12 राज्यों में 29 उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित किए हैं।


सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

  • इज़राइल राष्ट्रपति: इसहाक हर्ज़ोग;
  • इज़राइल राजधानी: जेरूसलम;
  • इज़राइल प्रधान मंत्री: नफ्ताली बेनेट;
  • इज़राइल मुद्रा: इज़राइली शेकेल।

SBI ने इंडिया INX पर $300 मिलियन फॉर्मोसा बांड का पहला इश्यू सूचीबद्ध किया

 

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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 30 करोड़ डॉलर के फॉर्मोसा बांड (Formosa bonds) जारी किए हैं और इंडिया INX गिफ्ट IFSC पर जारी करने को सूचीबद्ध किया है। ऋणदाता फॉर्मोसा बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाने वाली पहली भारतीय इकाई है, जो ताइवान में जारी एक बांड है। एसबीआई पहला जारीकर्ता था, जिसके ग्रीन बॉन्ड को नवंबर 2021 में लक्ज़मबर्ग स्टॉक एक्सचेंज (Luxembourg Stock Exchange) में एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से सूचीबद्ध किया गया था, जिसे दोनों एक्सचेंजों द्वारा दर्ज किया गया है।

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हिन्दू रिव्यू दिसम्बर 2021, Download Monthly Hindu Review PDF in Hindi

किसी भी भारतीय वाणिज्यिक बैंक द्वारा फॉर्मोसा बॉन्ड का यह पहला सफल निर्गम, विदेशी निवेशकों द्वारा भारत की विकास गाथा और एसबीआई में भी दिखाए गए विश्वास का प्रमाण है।


सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

  • एसबीआई की स्थापना: 1 जुलाई 1955;
  • एसबीआई मुख्यालय: मुंबई;
  • एसबीआई अध्यक्ष: दिनेश कुमार खारा।

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JSW Cement : State Bank of India acquired minority stake in JSW Cement_90.1

शिक्षाविद्/सामाजिक नेता बाबा इकबाल सिंह जी का निधन

 

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इकबाल सिंह किंगरा (Iqbal Singh Kingra), जो सिख समुदाय के एक भारतीय सामाजिक-आध्यात्मिक नेता और एक शिक्षाविद थे, का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2022 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 2008 में इटरनल यूनिवर्सिटी और 2015 में अकाल यूनिवर्सिटी, गुरु की काशी की स्थापना की।

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Veteran Marathi author and social activist Anil Awachat passes away_90.1

किरण बेदी द्वारा लिखित “फियरलेस गवर्नेंस” नामक पुस्तक

 

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डॉ किरण बेदी (Dr Kiran Bedi) द्वारा लिखित ‘फियरलेस गवर्नेंस (Fearless Governance)’ नामक पुस्तक का विमोचन किया गया है। वह पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और आईपीएस (सेवानिवृत्त) हैं। यह पुस्तक पुडुचेरी की उपराज्यपाल के रूप में डॉ बेदी की लगभग पांच वर्षों की सेवा और भारतीय पुलिस सेवा में उनके 40 वर्षों के विशाल अनुभव की जमीनी हकीकत पर आधारित है।

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लेखिका जिम्मेदार शासन की सही प्रथाओं का प्रदर्शन करती है। उन्होंने निडर नेतृत्व के माध्यम से टीम भावना, सहयोग, वित्तीय विवेक, प्रभावी पुलिसिंग, सेवाओं में बंधन और निर्णय लेने के बारे में बताया। ‘फियरलेस गवर्नेंस’ सुशासन और नेतृत्व के लिए पढ़ने, देखने, सुनने और महसूस करने वाली किताब है।

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'A Little Book of India: Celebrating 75 years of Independence' authored by Ruskin Bond_90.1

SPMCIL ने नासिक और देवास में नई बैंकनोट प्रिंटिंग लाइन स्थापित की

 

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सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Security Printing and Minting Corporation of India Limited – SPMCIL) ने अपने करेंसी नोट प्रेस, नासिक और बैंक नोट प्रेस, देवास में ‘नई बैंकनोट प्रिंटिंग लाइन’ स्थापित की है। भारत में, बैंकनोटों की छपाई और आपूर्ति के लिए चार प्रिंटिंग प्रेस है। ये मध्य प्रदेश के देवास, महाराष्ट्र के नासिक (SPMCIL के स्वामित्व वाले), कर्नाटक के मैसूर और पश्चिम बंगाल के सालबोनी (भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड – BRBNMPL के स्वामित्व वाले) में हैं।

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SPMCIL के बारे में:

SPMCIL, भारत सरकार के स्वामित्व वाली मिनीरत्न कंपनी है, जो मुद्रा और बैंक नोट, सुरक्षा कागज, गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर, डाक टिकट, पासपोर्ट, वीजा, चेक, बांड, वारंट, सुरक्षा सुविधाओं के साथ विशेष प्रमाण पत्र, सुरक्षा स्याही, संचलन और स्मारक सिक्के, पदक, सोने और चांदी का शोधन और कीमती धातुओं की परख के निर्माण / उत्पादन में लगी हुई है। 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

  • SPMCIL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक: तृप्ति पात्रा घोष;
  • SPMCIL की स्थापना: 10 फरवरी 2006।

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City Union Bank launches fitness watch debit card in tie-up with GOQii_90.1

पेटीएम मनी ने लॉन्च किया “भारत का पहला” बुद्धिमान संदेशवाहक ‘पॉप्स’

 

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पेटीएम मनी (Paytm Money) ने ‘भारत का पहला’ बुद्धिमान संदेशवाहक ‘पॉप्स (Pops)’ पेश किया है। कंपनी ने ‘पॉप्स’ लॉन्च किया है, जिसके साथ उपयोगकर्ता अपने स्टॉक से संबंधित विशिष्ट जानकारी, अपने पोर्टफोलियो के बारे में विश्लेषण, बाजार समाचार, और महत्वपूर्ण बाजार आंदोलनों को एक आसान उपभोग प्रारूप में, सभी एक ही स्थान पर प्राप्त कर सकते हैं। मंच परिष्कृत स्टॉक अनुशंसाओं, समाचार अंतर्दृष्टि और अन्य सेवाओं की पेशकश करने के लिए एक बाज़ार के रूप में भी काम करेगा।

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पेटीएम मनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके उत्पन्न संकेतों के आधार पर स्टॉक अनुशंसाओं की पेशकश करने के लिए InvestorAi के साथ साझेदारी कर रहा है। अब, पेटीएम मनी ऐप पर पॉप्स के साथ, ये निवेशक नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो की निगरानी कर सकते हैं और उनके लिए अलर्ट के साथ बाजार की गतिविधियों से सीख सकते हैं।


सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

  • पेटीएम मनी सीईओ: वरुण श्रीधर;
  • पेटीएम मनी मुख्यालय स्थान: बेंगलुरु;
  • पेटीएम मनी की स्थापना: 20 सितंबर 2017।

एयर इंडिया के पुराने कर्ज के वित्तपोषण के लिए टाटा समूह ने एसबीआई, बीओबी और एचडीएफसी बैंक को चुना

 

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टाटा समूह (Tata Group) ने एयर इंडिया (Air India) के लिए भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को पसंदीदा बैंकरों के रूप में चुना है। हाल ही में टाटा समूह ने सरकार से एयर इंडिया का अधिग्रहण किया है। 18.6% बाजार हिस्सेदारी के साथ एयर इंडिया भारत से बाहर सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय वाहक है। टाटा संस ने एसबीआई से 10,000 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा से 5,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया है। एचडीएफसी बैंक से कर्ज का अभी पता नहीं चला है। ऋण अनारक्षित, असुरक्षित, और सालाना 4.25% [ब्याज दर] पर आंकी गई है।

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टाटा संस द्वारा प्रवर्तित टैलेस ने 18,000 करोड़ रुपये की पेशकश करते हुए एयर इंडिया का अधिग्रहण किया है, जिसमें वाहक के मौजूदा कर्ज के लिए 15,300 करोड़ रुपये और सरकार को भुगतान किए जाने वाले 2,700 करोड़ रुपये शामिल हैं। टाटा समूह द्वारा प्राप्त किए गए नए ऋण का उपयोग एयर इंडिया के 10% से अधिक के ऋण को पुनर्वित्त करने के लिए किया जाएगा।

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Pencilton Launches Teen-Focused Debit and Travel Card_90.1

भारत भर में 5 लाख महिलाओं के स्वामित्व वाले एसएमबी का समर्थन करने के लिए फिक्की के साथ मेटा का टाई-अप

 

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सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा (Meta) ने पूरे भारत में पांच लाख महिलाओं के नेतृत्व वाले छोटे व्यवसायों का समर्थन करने के लिए उद्योग निकाय फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Federation of Indian Chambers of Commerce & Industry – FICCI) के साथ भागीदारी की है। मेटा इस पहल को अपने #शी मीन्स बिज़नस (SheMeansBusiness) कार्यक्रम के तहत फिक्की की ‘एम्पॉवरिंग द ग्रेटर 50%’ पहल के साथ साझेदारी में करेगी। यह पहल महिलाओं के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगी और उन्हें देश के समग्र विकास में योगदानकर्ता बनने के लिए प्रेरित करेगी।

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मेटा अपनी तीन पहलों के माध्यम से समर्थन प्रदान करेगी:

  • अपना बिजनेस हब बढ़ाएं: एमएसएमई को आवश्यक जानकारी, उपकरण और संसाधन प्रदान करना;
  • वाणिज्य भागीदार कार्यक्रम: व्यवसायों को प्रौद्योगिकी का उपयोग करके डिजिटल और D2C जाने में मदद करना;
  • फेसबुक बिजनेस कोच: व्हाट्सएप पर एक शैक्षिक चैटबॉट टूल के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए।

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

  • मेटा सीईओ: मार्क जुकरबर्ग;
  • मेटा मुख्यालय: कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका;
  • फिक्की अध्यक्ष: संजीव मेहता;
  • फिक्की की स्थापना: 1927;
  • फिक्की मुख्यालय: नई दिल्ली;
  • फिक्की महासचिव: दिलीप चेनॉय.

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ऑस्ट्रेलियन ओपन 2022: राफेल नडाल ने डेनियल मेदवेदेव को हराया

 

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राफेल नडाल (Rafael Nadal) (स्पेन) ने डेनियल मेदवेदेव (Daniill Medvedev) (रूस) को 2-6,6-7,6-4,6-4,7-5 से हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन 2022 में पुरुष एकल का खिताब जीता। यह उनका 21वां मेजर खिताब है, ऐसा करने वाले वे पहले पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। महिला टेनिस में, मार्गरेट कोर्ट (Margaret Court) (ऑस्ट्रेलियाई) के पास 24 एकल मेजर हैं, जो एक सर्वकालिक रिकॉर्ड है। महिलाओं में, वर्ल्ड नंबर 1 ऑस्ट्रेलिया की एशले बार्टी (Ashleigh Barty) ने यूएस की डेनियल कोलिन्स (Danielle Collins) को 6-3 7-6 से हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन 2022 में महिला एकल का फाइनल खिताब जीता।

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ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टाइटल 2022 के विजेताओं की सूची:


इवेंट विजेता 
पुरुष एकल राफेल नडाल
महिला एकल एशले बार्टी 
पुरुष युगल थानासी कोकिनाकिस और निक किर्जियोस
महिला युगल बारबोरा क्रेजीकोवा और केटरीना सिनियाकोवा
मिश्रित युगल क्रिस्टिना मलादेनोविक और इवान डोडिग

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