ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने हेतु हीरो मोटोकॉर्प ने एचपीसीएल के साथ समझौता किया

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हीरो मोटोकॉर्प और हिन्‍दुस्‍तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने समझौता किया है। इस समझौते के तहत दोनों कंपनियां मिलकर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिये चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्‍थापित करने का काम करेंगीं। इससे आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहन के चलन में तेजी आएगी। इसके तहत दोनों कंपनियां देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का काम करेंगी।

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हीरो मोटोकॉर्प देशभर में हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग स्टेशन लगाएगी। इससे देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए और सुविधा मिल सकेगी। पहले फेज में कंपनी कुछ शहरों से इसकी शुरूआत करेगी। उसके बाद अन्य शहरों में चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। दो पहिया वाहन निर्माता हर चार्जिंग स्टेशन पर कई स्मार्ट चार्जर लगाएगी। इनमें डीसी और एसी चार्जर शामिल होंगे जिनसे इलेक्ट्रिक टू व्हीलर चार्ज होंगे। इस पूरी प्रक्रिया को हीरो मोटोकॉर्प कंट्रोल करेगी। इसके लिए कंपनी मोबाइल आधारित एप का उपयोग करेगी। कंपनी के अनुसार ये पूरी प्रक्रिया कैशलैस होगी।

 

चार्जिंग स्‍टेशन स्थापित

 

कंपनियां चार्जिंग स्‍टेशन स्थापित करने की शुरुआत चुनिंदा शहरों से करेगी। इसके बाद जरूरत और डिमांड को देखते हुए अन्य जगहों पर इसका विस्‍तार किया जाएगा। हीरो मोटोकॉर्प और हिन्‍दुस्‍तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का लक्ष्‍य देशभर में ईवी चार्जिंग स्‍टेशनों के नेटवर्क बढ़ाना है। देश में लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

  • हीरो मोटोकॉर्प की स्थापना: 19 जनवरी 1984;
  • हीरो मोटोकॉर्प के संस्थापक: बृजमोहन लाल मुंजाल;
  • हीरो मोटोकॉर्प मुख्यालय: नई दिल्ली;
  • हीरो मोटोकॉर्प के सीईओ: पवन मुंजाल.

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International Day of Sign Languages 2022: जानें अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस का उद्देश्य

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हर साल, 23 ​​सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस (International Day of Sign Languages) के रूप में मनाया जाता है। 23 सितंबर के दिन पुरे देश में विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर में ऐसे कई लोग है, जो बोल या सुन नहीं सकते है। वह अपनी बात करने के लिए अपने हाथों से चेहरे के हाव-भाव से बात करते है। इस भाषा को सांकेतिक भाषा (Sign Language) कहा जाता है।

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हर साल सांकेतिक भाषा दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को साइन लैंग्वेज के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सांकेतिक भाषा को मजबूत बनाना है। इसलिए सितंबर का अंतिम पूरा सप्ताह अंतरराष्ट्रीय बधिरता सप्ताह (International Week of the Deaf) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस 2018 से मनाया जा रहा है। इस दिवस का मुख्य काम लोगों के बीच संकेतिक भाषा के प्रति जागरूक करना है।

 

इंटरनेशनल डे ऑफ साइन लैंग्वेज: थीम

 

हर साल एक नई थीम या विचार के साथ इंटरनेशनल डे ऑफ साइनल लैंग्वेज डे मनाया जाता है। इस साल भी नई थीम के साथ साइन लैंग्वेज डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस साल की थीम है ‘सांकेतिक भाषाएं हमें एकजुट करती है।

 

अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस का इतिहास:

 

साल 1951 में 23 सितंबर को विश्व फेडरेशन ऑफ डेफ (World Federation of the Deaf) की याद में स्थापना की गई थी, जो जो बधिर लोगों के 135 राष्ट्रीय संघों का एक संघ है, जो विश्भवर में लगभग 70 मिलियन बधिर लोगों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने काम करता है। बधिरों का अंतर्राष्ट्रीय सप्ताह पहली बार सितंबर 1958 में मनाया गया था और तब से यह बधिर एकता के एक वैश्विक आंदोलन के रूप में विकसित हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पहली बार साल 2018 में अंतरराष्ट्रीय बधिरता सप्ताह के भाग के रूप में मनाया गया। यह दिवस मनाने का उद्देश्य बधिर लोगों को उनके जीवन में आने वाले रोजमर्रा के विषयों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

  • बधिरों के विश्व संघ के अध्यक्ष: जोसेफ जे. मरे।
  • बधिरों का विश्व संघ स्थापित: 23 सितंबर 1951, रोम, इटली।
  • बधिर मुख्यालय का विश्व संघ स्थान: हेलसिंकी, फ़िनलैंड।

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दिल्ली के उपराज्यपाल ने ‘सामुदायिक पुलिस पहल’ की शुरुआत की

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दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने लोगों को दिल्ली पुलिस की विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक करने के वास्ते एक सामुदायिक पुलिस पहल की शुरुआत की। उपराज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 72वें जन्मदिन के अवसर पर इंडिया गेट पर आयोजित ‘सेवा दिवस’ कार्यक्रम में ‘वी केयर’ पहल का उद्घाटन किया। इस पहल का उद्देश्य दिल्ली पुलिस की विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना है ताकि जनता के साथ अधिक से अधिक समन्वय बनाकर रखा जा सके और पुलिस जनसंपर्क स्थापित किया जा सके।

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दिल्ली पुलिस द्वारा आयोजित इस समारोह में उपराज्यपाल ने निवारक और मानवीय पुलिसिंग के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पीपल-पुलिस इंटरफेस के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सामुदायिक संपर्क कार्यक्रम जिसमें पुलिस बैंड द्वारा गायन भी शामिल होगा, छात्रों, आरडब्ल्यूए, एमडब्ल्यूए, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य को आकर्षित करेगा। उन्होंने दिल्ली पुलिस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की सामुदायिक आउटरीच पहल बच्चों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और विदेशी पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करती है।

 

”वी केयर” पहल

 

”वी केयर” पहल के तहत सभी जिला उपायुक्त अगले तीन महीनों के लिए प्रत्येक शनिवार और रविवार को अपने-अपने क्षेत्रों में विभिन्न सामुदायिक पुलिस गतिविधियों का आयोजन करेंगे। वे 30 चयनित स्थानों पर स्कूली बच्चों और आरडब्ल्यूए, एमडब्ल्यूए सदस्यों के पुलिस थानों के दौरे की व्यवस्था भी करेंगे और प्रश्नोत्तरी सत्रों के माध्यम से और सामुदायिक चर्चा के माध्यम से उपयोगी जानकारी का प्रसार करके उनके साथ सार्थक बातचीत करेंगे।

 

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धर्मेंद्र प्रधान ने चमड़ा उद्योग कौशल को आगे बढ़ाने के लिए स्केल ऐप पेश किया

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केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्केल (स्किल सर्टिफिकेशन असेसमेंट फॉर लेदर एम्प्लॉइज) ऐप लॉन्च किया है। यह चमड़ा उद्योग के कौशल, सीखने, मूल्यांकन और रोजगार की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करता है। चमड़ा कौशल क्षेत्र परिषद ने चमड़ा उद्योग में प्रशिक्षुओं को कौशल विकास कार्यक्रमों के डिजाइन और प्रशिक्षण के तरीके को बदलने के लिए एंड्रॉइड ऐप स्केल विकसित किया है।

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चमड़ा एसएससी द्वारा विकसित स्केल स्टूडियो ऐप चमड़े के शिल्प में रुचि रखने वाले सभी आयु वर्ग के लोगों को अपने कार्यालय में अत्याधुनिक स्टूडियो से ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम कक्षाओं तक पहुंचने की अनुमति देता है। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि चमड़ा क्षेत्र देश में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, जिसमें वर्तमान में 44 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं। उन्होंने शिक्षा और कौशल विकास के सही मिश्रण के साथ इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सीएसआईआर-सीएलआरआई की भूमिका की सराहना की।

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इसरो ने हाइब्रिड मोटर का सफल परीक्षण किया

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाइब्रिड मोटर का सफल परीक्षण किया है। इससे नए प्रक्षेपण वाहनों (रॉकेट) के लिए नयी प्रणोदन प्रणाली का रास्ता साफ हो सकता है। बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय ने बताया कि 30 केएन हाइब्रिड मोटर का तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रणोदन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) में परीक्षण किया गया जो सफल रहा।

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संगठन ने बताया कि इस परीक्षण में इसरो के द्रव प्रणोदल प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) ने सहयोग किया। बयान में कहा गया कि मोटर में हाइड्रॉक्सिल- टर्मिनेटेड पॉलीब्यूटाडाइन (एचटीपीबी) को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जबकि तरल ऑक्सीजन को ऑक्सीकारक पदार्थ के तौर पर इस्तेमाल किया गया। इसरो ने बताया कि ठोस-ठोस या तरल-तरल समिश्रण के विपरीत हाइब्रिड मोटर ठोस ईंधन और तरल ऑक्सीकारक का इस्तेमाल करती है।

 

संगठन ने बयान में कहा कि 30केएन हाइब्रिड मोटर के परीक्षण के दौरान तय 15 सेकेंड तक निरंतर प्रज्ज्वलन और दहन का प्रदर्शन किया। इसरो ने बताया कि एचटीपीबी और तरल ऑक्सीजन हरित है और तरल ऑक्सीजन का प्रबंधन आसान है।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

  • इसरो अध्यक्ष: श्री एस सोमनाथ
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री: जितेंद्र सिंह

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ADB ने भारत के लिए 2022-23 जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाकर 7% किया

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एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है। एडीबी ने इसके लिए उम्मीद से अधिक महंगाई को जिम्मेदार बताया है। एडीबी ने जारी अपनी फ्लैगशिप एडीओ रिपोर्ट के सप्लीमेंट में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13.5% की दर से बढ़ी है।

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एडीबी ने रिपोर्ट में कहा है कि जीडीपी ग्रोथ को एडीओ 2022 के पूर्वानुमान से घटाकर वित्त वर्ष 2022 के लिए 7 प्रतिशत (मार्च 2023 में समाप्त होने वाले वर्ष) और वित्त वर्ष 2023 के लिए 7.2 प्रतिशत (मार्च 2024 में समाप्त होने वाले वर्ष) के रूप में संशोधित किया गया है और इसका कारण कीमतों के दबाव से घरेलू खपत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका एवं वैश्विक मांग में सुस्ती है। इसके साथ ही तेल की ऊंची कीमतों से शुद्ध निर्यात पर दबाव पड़ने की भी संभावना है।

 

चीन से तेज रहेगी भारत की ग्रोथ

 

एडीओ की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान चीन की अर्थव्यवस्था 2022 में पहले के 5 प्रतिशत पूर्वानुमान के बजाय 3.3 प्रतिशत की दर से विस्तार करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीरो कोविड की रणनीति के कारण लॉकडाउन, संपत्ति क्षेत्र में समस्याएं और कमजोर बाहरी मांग का चीन में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

 

  • एशियाई विकास बैंक मुख्यालय: मंडलुयोंग, फिलीपींस;
  • एशियाई विकास बैंक की स्थापना: 19 दिसंबर 1966;
  • एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष: मासत्सुगु असाकावा (17 जनवरी 2020 से)।

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भारत में शुरू होगा पहला MotoGP चैंपियनशिप रेस

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भारत 2023 में ग्रेटर नोएडा में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में अपनी पहली मोटोजीपी विश्व चैंपियनशिप दौड़ की मेजबानी करने के लिए तैयार है। भारत अगले साल ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर पहली मोटो ग्रां प्री विश्व चैम्पियनशिप रेस की मेजबानी करेगा। इसे ‘ग्रां प्री ऑफ भारत’ नाम दिया गया है। मोटो ग्रां प्री के व्यवसायिक अधिकारों के मालिक डोर्ना और नोएडा में बसे रेस प्रोमोटर ‘फेयरस्ट्रीट स्पोर्ट्स’ ने अगले 7 वर्षों तक भारत में प्रीमियर दुपहिया रेसिंग प्रतियोगिता की मेजबानी के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

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महत्वपूर्ण बिंदु:

 

  • इस प्रतियोगिता में 19 देशों के प्रतिभागी हिस्सा लेंगे जिससे देश में रोजगार के अलावा पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
  • इसमें कहा गया है कि मोटो ग्रां प्री की योजना ‘मोटो ई’ शुरू करने की भी है जो एशिया में ही पहली नहीं होगी बल्कि कुल ‘शून्य कार्बन उत्सर्जन’ के साथ पहली हरित पहल होगी.
  • बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट मोटो ग्रां प्री रेस की मेजबानी करेगा जहां 2011 से 2013 तक फॉर्मूला वन इंडियन ग्रां प्री आयोजित की गयी थी लेकिन वित्तीय, आयकर और नौकरशाही बाधाओं के कारण इसे बंद कर दिया गया था।

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National logistics policy 2022: The New Policy and History Explained_70.1

भारतीय नौसेना ने 32 साल की सेवा के बाद आईएनएस अजय को सेवामुक्त किया

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32 साल देश की सेवा करने के बाद आईएनएस अजय (INS Ajay) रिटायर हो गया। आईएनएस अजय को सेवामुक्त कर दिया गया। आईएनएस अजय को पूरे सम्मान के साथ विदाई दी गई। कारगिल युद्ध में आईएनएस अजय ने अहम भूमिका निभाई थी। आईएनएस अजय का विदाई समारोह पारंपरिक तरीके से मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में आयोजित किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय ध्वज, नौसैनिक पताका और जहाज के डिमोशनिंग पेनेंट को आखिरी बार सूर्यास्त के समय उतारा गया था, जो जहाज की कमीशन सेवा के अंत का प्रतीक है।

 

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इस समारोह कार्यक्रम में वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान समारोह के मुख्य अतिथि थे। जहाज के पहले कमांडिंग ऑफिसर वाइस एडमिरल एजी थपलियाल एवीएसएम बार (सेवानिवृत्त) विशिष्ट अतिथि थे। नौसेना के इस पोत P34 का नाम आईएनएस अजय नाम दिया गया था। लंबी दूरी के टॉरपीडो और पनडुब्बी रोधी रॉकेटों जैसे हथियारों से लैस होने के कारण आईएनएस अजय को ‘पनडुब्बी हंटर’ के नाम से भी जाना जाता था।

 

मुख्य बिंदु

 

  • आईएनएस अजय को 24 जनवरी, 1990 को तत्कालीन यूएसएसआर में पोटी, जॉर्जिया में कमीशन किया गया था और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग, महाराष्ट्र नेवल एरिया के संचालन नियंत्रण के तहत 23 वें पैट्रोल वेसल स्क्वाड्रन का हिस्सा था।
  • जहाज 32 से अधिक वर्षों से सक्रिय नौसैनिक सेवा में था और अपनी शानदार यात्रा के दौरान, उसने कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन तलवार और 2001 में ऑपरेशन पराक्रम सहित कई नौसैनिक अभियानों में भाग लिया।
  • इस समारोह में 400 से अधिक कर्मियों ने भाग लिया जिनमें फ्लैग ऑफिसर, सेना, आईएएफ और सीजी के वरिष्ठ अधिकारी, कमीशनिंग क्रू के अधिकारी और पुरुष, पिछले कमीशन के चालक दल के साथ-साथ जहाजों के चालक दल और परिवार मौजूद थे।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 IIT के निदेशकों की नियुक्ति को दी मंजूरी

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भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आठ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है, जिनमें दो को दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जिन आईआईटी संस्थानों के निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दी है उनमें आईआईटी गोवा, आईआईटी पलक्कड़,आईआईटी तिरुपति, आईआईटी धारवाड़, आईआईटी भुवनेश्वर, आईआईटी गांधीनगर, आईआईटी भिलाई और आईआईटी जम्मू शामिल हैं।

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यहां देखें उनके नाम

 

गौरतलब है कि भारत की राष्ट्रपति देश के सभी आईआईटी संस्थानों की विजिटर हैं। इस नाते यहां निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार भी राष्ट्रपति को हासिल है। राष्ट्रपति ने अपने इन्हीं अधिकारों का प्रयोग करते हुए आईआईटी पलक्कड़ के लिए प्रोफेसर ए शेषाद्री शेखर को निदेशक नियुक्त किया है जबकि आईआईटी तिरुपति के निदेशक पद पर प्रोफेसर केएन सत्यनारायण और आईआईटी धारवाड़ के निदेशक पद पर प्रोफेसर वैंकप्पय्या आर देसाई को नियुक्त किया गया है।

 

वहीं आईआईटी भिलाई के लिए राष्ट्रपति ने प्रोफेसर राजीव प्रकाश को निदेशक नियुक्त किया है। आईआईटी गांधीनगर के नए निदेशक प्रोफेसर रजत मूना होंगे। आईआईटी भुवनेश्वर के नए निदेशक प्रोफेसर श्रीपद कमलाकर हैं। राष्ट्रपति ने आईआईटी गोवा के निदेशक पद पर प्रोफेसर पासुमार्थी सेशु को निदेशक नियुक्त किया है। इसी तरह आईआईटी जम्मू के लिए प्रोफेसर मनोज सिंह गौड़ को निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है।

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National logistics policy 2022: जानिए क्या है ये, कैसे होगा फायदा

हाल ही में सरकार ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति 2022 शुरू की है। इसका उद्देश्य ‘अंतिम छोर तक त्वरित वितरण’ करना है, साथ ही परिवहन से संबंधित चुनौतियों को समाप्त करना है। प्रधानमंत्री ने इस पॉलिसी की शुरुआत करते हुए इसकी सभी खूबियां गिनाईं और अपने संबोधन में कहा कि विकास की तरफ बढ़ते भारत को यह नीति एक नई दिशा देगी।

जानें पॉलिसी से क्या होगा फायदा

इस राष्ट्रीय रसद नीति के लागू होने के बाद कोविड से प्रभावित अर्थ व्यवस्था को रफ्तार मिलेगी। इससे सामानों की सप्लाई में आने वाली समस्याओं को हल करने में सहायता मिलेगी और साथ ही माल ढुलाई में होने वाली ईंधन की खपत को कम करने की दिशा में भी फायदा होगा। फिलहाल भारत में लॉजिस्टिक्स यानी माल ढुलाई हेतु ज्यादातर सड़क, उसके बाद जल परिवहन और फिर हवाई मार्ग का इस्तेमाल किया जाता है।

भारत अपनी जीडीपी का लगभग 13 से 14 प्रतिशत हिस्सा लॉजिस्टिक्स यानी माल ढुलाई पर खर्च कर देता है जबकि जर्मनी और जापान जैसे देश इसी के लिए 8 से 9 फीसदी ही खर्च करते हैं। इस पॉलिसी के लागू होने से लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को भी मजबूती मिलेगी तथा इस पर खर्च भी कम हो जाएगा।

क्या है National Logistics Policy?

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति में सिंगल रेफरेंस पॉइंट बनाया गया है जिसका उद्देश्य अगले 10 सालों में लॉजिस्टिक्स सेक्टर की लागत को 10 प्रतिशत तक लाया जाना है, जो अभी जीडीपी का 13-14 प्रतिशत है। फिलहाल माल ढुलाई यानी लॉजिस्टिक्स का ज्यादातर का काम भारत में सड़कों के माध्यम से होता है। इस पॉलिसी के अंतर्गत अब माल ढुलाई का काम रेल ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ शिपिंग और एयर ट्रांसपोर्ट से होगा। इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा तथा दूसरे ईंधन की बचत होगी। पैसे और समय दोनों कम लगेंगे।

इस नीति का महत्त्व क्या है?

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के शुभारंभ के साथ पीएम गति शक्ति को और बढ़ावा एवं पूरकता मिलेगी। यह नीति इस क्षेत्र को देश में एक एकीकृत, लागत-कुशल, लचीला तथा सतत लॉजिस्टिक परितंत्र बनाने में सहायता करेगी क्योंकि यह नियमों को सुव्यवस्थित करने व आपूर्ति-पक्ष की बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ क्षेत्र के सभी बुनियादों को कवर करती है। यह नीति भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्द्धात्मकता में सुधार, आर्थिक विकास एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ाने का एक प्रयास है।

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