पाषाण युग से सूरज का चक्कर लगा रहा धूमकेतु

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आसमान में जल्द ही एक धूमकेतु देखने को मिलेगा। इस धूमकेतु की खासियत है कि ये 50 हजार साल में पहली बार पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। पृथ्वी के करीब आने के बाद यह धूमकेतु हमें चमकता हुआ दिखेगा। 2 मार्च 2022 को इस धूमकेतु को खगोलविदों ने खोजा था। कैलिफोर्निया में ज़्विकी ट्रांसिएंट फैसिलिटी के वाइड फील्ड सर्वे कैमरा के जरिए इसे खोजा गया था। खगोलविदों के मुताबिक 12 जनवरी को यह सूर्य के सबसे करीब होगा।

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इस धूमकेतु को ग्रीन कॉमेट कहा जा रहा है। लेकिन इसका ऑफिशियल नाम C/2022 E3 है। यह धूमकेतु एक तरह से सूर्य का चक्कर लगा रहा है। हमारे सौर मंडल के बाहर काइपर बेल्ट से भी आगे के अंतरिक्ष से घूम कर यह वापस आया है। इसी कारण इसे पृथ्वी के करीब आने में इतना लंबा समय लगा है। आखिरी बार ये 50 हजार साल पहले पुरा पाषाण काल के दौरान हमारे सौर मंडल में आया था। अर्थ स्काई के मुताबिक 12 जनवरी को मध्यरात्रि से ठीक पहले टेलीस्कोप और दूरबीन का उपयोग कर यह दिखाई दे सकता है।

 

इस बर्फीले आकाशीय पिंड की चमक सूर्य के करीब आने के बाद लगातार बढ़ती जा रही है। अर्थस्काई के मुताबिक 1 फरवरी से 2 फरवरी के बीच यह पृथ्वी के सबसे करीब आ जाएगा। इस दौरान पृथ्वी और कॉमेट के बीच 4.2 करोड़ किमी की दूरी होगी। आसमान में यह धूमकेतु पोलारिस (Polaris) नाम के सितारे के पास शाम की शुरुआत में दिखाई देना चाहिए। नासा के अनुसार यह धूमकेतु उत्तरी गोलार्ध में सुबह-सुबह टेलीस्कोप के जरिए लगभग पूरी जनवरी देखा जा सकता है। दक्षिणी गोलार्ध में फरवरी की शुरुआत में यह दिखाई देना चाहिए। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आने वाले हफ्तों में इसकी चमक कितनी बढ़ेगी। जनवरी के अंत में यह सीधी आंख से भी दिखाई देगा।

 

धूमकेतु क्या है?

 

धूमकेतु बर्फ और धूल से बने पिंड होते हैं। जब सूर्य की गर्मी इस पर पड़ती है तो यह सीधे गैस में बदल जाता है, जिससे इसकी एक पूछ दिखती है। यह धूमकेतु हरे रंग का चमकता दिखेगा।

 

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द्रविड़ भाषाओं के विशेषज्ञ ब्रिटिश भाषाविद् रोनाल्ड ई अशर का निधन

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द्रविड़ भाषाओं के विशेषज्ञ शिक्षक और ब्रिटिश भाषाविद् रोनाल्ड ई. अशर का लंदन में वृद्धावस्था में निधन हो गया। वह 96 वर्ष के थे। उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। लंदन की रॉयल एशियाटिक सोसाइटी के सदस्य अशर ने 1983 में केरल साहित्य अकादमी, त्रिचूर से स्वर्ण पदक जीता और 1991 में उन्हें एडिनबर्ग में रॉयल सोसाइटी द्वारा सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1970 में कॉलेज डी फ्रांस, पेरिस से भी पदक प्राप्त किया था।

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अशर का जन्म 23 जुलाई, 1926 को इंग्लैंड के ग्रिंगले-ऑन-द हिल में हुआ था। उनका केरल के साथ संबंध लंदन विश्वविद्यालय में केरल के प्रसिद्ध राजनयिक और राजनीतिक विचारक तथा जवाहरलाल नेहरू के करीबी समझे जाने वाले वी. के. कृष्णा मेनन के एक लंबे एवं विचारोत्तेजक भाषण के जरिये बना था।

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सीएमपीडीआईएल ने नई धूल नियंत्रण प्रौद्योगिकी का आविष्कार किया

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खनन क्षेत्रों में उड़ने वाली धूल को कम करने और नियंत्रित करने के लिए, सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (CMPDIL), रांची ने “फ्यूजिटिव डस्ट के उत्पादन और संचलन को नियंत्रित करने के लिए एक प्रणाली और विधि” का आविष्कार किया है। सीएमपीडीआईएल, रांची कोल इंडिया लिमिटेड की एक सलाहकार सहायक कंपनी है। इसने दिसंबर, 2022 में आविष्कार के लिए पेटेंट प्राप्त किया है। इस प्रणाली का उपयोग खान, थर्मल पावर प्लांट, रेलवे साइडिंग, बंदरगाह, निर्माण स्थलों में किया जा सकता है, जहां खुले आसमान के नीचे कोयला या अन्य खनिज/फ्यूजिटिव सामग्री जमा की जाती है।

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आविष्कार के बारे में

 

आविष्कार धूल के उत्पादन और फैलाव को कम करने के लिए विंडब्रेक (WB) और वर्टिकल ग्रीनरी सिस्टम (VGS) के समकालिक अनुप्रयोग से संबंधित है। WB और VGS को क्रमश: उड़ने वाले धूल स्रोत के संबंध में हवा की दिशा में और नीचे की दिशा में खड़ा किया जाता है।

 

WB स्रोत की ओर आने वाली हवा की गति को कम कर देता है और इसलिए, यह स्रोत के ऊपर उड़ते समय धूल उठाने के लिए परिवेशी वायु की तीव्रता को कम कर देता है। वीजीएस एक फिल्टर के रूप में कार्य करता है और हवा के साथ-साथ नीचे की दिशा में रिसेप्टर्स की ओर जाने वाली अवशिष्ट धूल की मात्रा को कम करता है। इसलिए, डाउन-विंड दिशा में स्थित विभिन्न रिसेप्टर्स पर परिवेशी वायु में धूल की सांद्रता में उल्लेखनीय कमी आ जाती है।

 

फ्यूजिटिव डस्ट क्या है?

 

  • फ्यूजिटिव डस्ट पार्टिकुलेट मैटर का एक रूप है जो वायु प्रदूषण में योगदान देता है
  • यह धूल के कणों को संदर्भित करता है जो एक निर्देशित स्थान के बिना हवा में भागना पसंद करते हैं।
  • यह वायु के संपर्क में आने वाले विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न होता है।

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मप्र पर्यटन बोर्ड ने पीबीडी 2023 में 8 एमओयू किए साइन

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मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (PBD 2023 Indore) मध्य प्रदेश के लिए अच्छी संकेत लेकर आया है, विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार के निमंत्रण पर इंदौर पहुंचे प्रवासी भारतीयों ने मध्य प्रदेश में निवेश की दिशा में कदम बढ़ाये हैं। इस दौरान मप्र टूरिज्म बोर्ड (MP Tourism) ने 8 एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं जिससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में इंदौर (Pravasi Bhartiya Divas Sammelan) में ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में एम पी टूरिज्म पवेलियन में ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजिन (गोपियो) के 8 देश के चेप्टर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह एमओयू फ्रांस मेट्रोपोल पेरिस, मॉरीशस, रीयूनियन द्वीप, मार्टीनिक, श्रीलंका, गोपियो इंटरनेशनल, मलेशिया एवं मॉरिशस के साथ किए गए। एमओयू पर प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने टूरिज्म बोर्ड की ओर से और जीओपीआईओ (GOPIO) के 8 देश के अध्यक्षों ने हस्ताक्षर किए।

 

प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि यह एमओयू प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र के विकास में अधिक सहयोग स्थापित करने, पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने और प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से किया गया है। यह अनुसंधान, संवर्धन और पर्यटन विकास में सहयोग को मजबूत करने, बढ़ावा देने और विकसित करने का भी प्रयास है। प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि भारतीय मूल का प्रत्येक व्यक्ति वास्तव में देश का एक सांस्कृतिक राजदूत है। उन्होंने सभी प्रवासी भारतीयों से भारत की संस्कृति का विदेश में प्रचार करने की अपील भी की।

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शांति कुमारी को तेलंगाना की पहली महिला मुख्य सचिव नियुक्त किया गया

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तेलंगाना हाई कोर्ट के आदेश के बाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ए. शांति कुमारी को तेलंगाना का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। वह 1989 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। शांति कुमारी तेलंगाना की पहली महिला मुख्य सचिव बनी हैं। कार्यभार संभालने के बाद महिला आईएएस अधिकारी (Ias Santhi Kumari) ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (Kcr) से मुलाकात की।

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वहीं इससे पहले मुख्य सचिव रहे सोमेश कुमार को आंध्र प्रदेश भेज दिया गया है। मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति से पहले आईएएस अधिकारी ए. शांति कुमारी स्पेशल मुख्य सचिव, वन का पद संभाल रही थीं।

 

तेलंगाना की मुख्य सचिव नियुक्त किए जाने वाली ए. शांति कुमारी समुद्री जीव विज्ञान में स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में एमबीए किया और दो साल तक संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रमों में भी काम किया। अपनी तीन दशकों की सेवा के दौरान शांति कुमारी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, कौशल विकास और वन विभागों में विभिन्न पदों पर काम किया।

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“इरफान खान: ए लाइफ इन मूवीज” नामक एक नई किताब

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कई नई किताब प्रतिष्ठित अभिनेता इरफान खान के जीवनऔर उपलब्धियों का एक सम्मोहक विवरण पेश करेगी, जो उनके प्रतिष्ठित नेशनल स्कूल आफ स्कूल में उनके दिनों से शुरू होगी। नाट्य (एनएसडी) से लेकर टेलीविजन में उनका लगभग एक दशक लंबा कार्यकाल और फिल्म उद्योग में उनका क्रमिक उत्थान इसमें शामिल किया गया है। इरफान खान: ए लाइफ इन मूवीज पुस्तक में, फिल्म समीक्षक शुभ्रा गुप्ता ने अभिनेता की कला, शिल्प और विरासत पर बातचीत में निर्देशक मीरा नायर, विशाल भारद्वाज और अनुराग बसु सहित प्रमुख लोगों को शामिल किया है।

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इरफान के करीबी, काम करने वाले प्रमुख लोगों इरफान की पत्नी सुतापा सिकदर, तिलोत्तमा शोम, इरफान के एनएसडी तिमांगशु, शूजीत सरकार, तब्बू, अनुराग कश्यप सहित कई अन्य लोगों के साक्षात्कार इस पुस्तक में हैं। प्रकाशक पैन मैकमिलन ने एक बयान में कहा है कि यह किताब शुभ्रा की टिप्पणी के साथ नए साक्षात्कारों का संग्रह होगा, जो अभिनेता और व्यक्ति इरफान के एक जटिल चित्र की पेशकश करेगा।

 

इरफान खान का करियर और जीवन

 

इरफान खान को भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी अभिनय क्षमता की वजह से जाना जाता था। उन्होंने ​भारतीय सिनेमा को कई प्रभावी भूमिकाओं से बेहतर बनाया। उनकी आखिरी फिल्म अंग्रेजी ​मीडियम रही। इरफान खान को न सिर्फ उनके सिनेमाई प्रतिभा की वजह से बल्कि अपने स्वतंत्र विचार शैली की वजह से भी पहचान मिली। उनका जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहा।

इरफान का जन्म राजस्थान के जयपुर में 7 जनवरी, 1966 को हुआ। उनके पिता का नाम जागीरदार खान और माता का नाम बेगम खान है। इरफान ने नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मुंबई का रूख किया। यहां उन्हें काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा क्योंकि वे न तो किसी फिल्मी परिवार से आते थे और न ही उन्हें सिनेमाई जगत को कोई बड़ा नाम जानता था। इरफान खान की असामयिक मृत्यु 29 अप्रेल, 2020 को मुंबई में हो गई।

वे हिन्दी सिनेमा की 30 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। इरफान हॉलीवुड मे भी एक जाना पहचाना नाम हैं। वह ए माइटी हार्ट, स्लमडॉग मिलियनेयर, लाइफ ऑफ़ पाई और द अमेजिंग स्पाइडर मैन फिल्मों मे भी काम कर चुके हैं। साल 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया। 60वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफ़ान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार दिया गया। साल 2017 में प्रदर्शित हिंदी मीडियम फिल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया। साल 2020 में प्रदर्शित अंग्रेज़ी मीडियम उनकी प्रदर्शित अंतिम फ़िल्म रही।

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अमित शाह ने नई दिल्ली में Revolutionaries – The Other Story of How India Won Its Freedom पुस्तक का विमोचन किया

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केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में Revolutionaries – The Other Story of How India Won Its Freedom पुस्तक का विमोचन किया। गृह मंत्री ने कहा कि किताब के शीर्षक में ‘अन्य कहानी’ शब्द पुस्तक का सारांश है, जो स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न अन्य लोगों के योगदान के दूसरे परिप्रेक्ष्य को प्रस्तुत करता है। क्योंकि एक कथा के तहत एक कहानी को सार्वजनिक रूप से स्थापित किया गया है। इतिहास लेखन और शिक्षा के माध्यम से जनता पर एक नजरिया थोपा गया है।

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उन्होंने आगे कहा, जो दृष्टिकोण थोपा गया है, मैं यह नहीं कहता कि अहिंसक संघर्ष की स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं है, या यह इतिहास का हिस्सा नहीं है। यह इतिहास का हिस्सा है और इसका बहुत बड़ा योगदान है। शाह ने कहा कि देश को आजाद कराने में विभिन्न लोगों और संगठनों का योगदान था। स्वतंत्रता सभी का सामूहिक परिणाम है।

गृह मंत्री ने कहा, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व में चले आंदोलन का देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है। लेकिन किसी और का योगदान नहीं है, यह कथा ठीक नहीं है। क्योंकि देश की आजादी का विश्लेषण करें तो एक मंजिल तक पहुंचने के लिए असंख्य लोगों, संगठनों, विचारधाराओं और रास्तों ने प्रयास किए थे। भारत की स्वतंत्रता इन्हीं सबका सामूहिक परिणाम है।

 

संजीव सान्याल की किताब ‘क्रांतिकारी’

संजीव सान्याल की किताब ‘Revolutionaries: The other story of how India won its freedom’ इतिहास के कई पहलुओं के बारे में बात करती है। ये किताब उन क्रांतिकारियों के बारे में अधिक बात करती है जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ब्रिटिश राज के विरोध के हिंसक लेकिन साहसी कार्यों ने उन्हें यह अहसास कराया कि अब भारतीयों पर उनका नियंत्रण नहीं है।

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बल्क डील में कंपनी के 1,125 करोड़ रुपये के शेयर बेचे

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अलीबाबा ग्रुप ने पेटीएम (Paytm) की पेरेंट कंपनी वन-97 कम्युनिकेशंस में अपनी 3.1% की बड़ी हिस्सेदारी बेच दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेटीएम के 125 मिलियन डॉलर यानी करीब 1,125 करोड़ रुपए के शेयर अलीबाबा ग्रुप की कंपनी एंट फाइनेंशियल ने बल्क डील में बेच दिए हैं। एंट फाइनेंशियल ने इंडियन डिजिटल पेमेंट एंड फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी पेटीएम के 2 करोड़ शेयर्स 536.95 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से बेचे हैं।

 

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इससे पहले सितंबर 2022 में पेटीएम में अलीबाबा ग्रुप की 6.26% हिस्सेदारी थी। अलीबाबा के हिस्सेदारी बेचने के कारण पेटीएम के शेयर में गुरुवार (12 जनवरी) को बड़ी गिरावट देखने को मिली। पेटीएम का शेयर 6.16% यानी 35.65 रुपए गिरकर 543.50 रुपए पर बंद हुआ। वहीं कारोबार के दौरान पेटीएम का शेयर 8.8% गिरकर 528 रुपए पर आ गया था। यह अपने इश्यू प्राइस से अब तक करीब 75% तक गिर चुका है। इसका इश्यू प्राइस 2,150 रुपए था। पेटीएम के शेयर से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।

 

बता दें कि पेटीएम का 52 वीक हाई 1,145.90 रुपए है, जबकि इसका 52 वीक लो 438.35 रुपए है। कंपनी का शेयर पिछले साल 24 नवंबर को अपने न्यूनतम स्तर तक गया था। एक साल में पेटीएम के शेयर में करीब 500 रुपए की गिरावट आई है।कंपनी के बोर्ड ने हाल ही में 850 करोड़ रुपए की शेयर बायबैक स्कीम की अनाउंसमेंट की थी। यह शेयर बायबैक ओपन मार्केट रूट के जरिए होगा। पेटीएम का 2.5 बिलियन डॉलर यानी 20,361 करोड़ रुपए का IPO नवंबर 2021 में आया था। उस समय यह देश का सबसे बड़ा IPO था।

 

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केंद्र सरकार का फैसला, रुपे डेबिट कार्ड और भीम यूपीआई लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 2600 करोड़ रुपये

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सरकार रुपे डेबिट कार्ड व कम राशि के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देगी। इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2,600 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इस कदम से देश में डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा मिलेगा। योजना के तहत बैंकों को चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 में रुपे और यूपीआई का इस्तेमाल कर ‘पॉइंट ऑफ सेल’ (पीओएस) यानी दुकानों पर लगी भुगतान मशीन और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा कि मंत्रिमंडल ने रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई के जरिये व्यक्तियों एवं कारोबारियों के बीच कम राशि के लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी। इससे डिजिटल भुगतान में भारत की प्रगति और मजबूत होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में कहा था, डिजिटल भुगतान बढ़ाने के लिए वित्तीय मदद जारी रखेंगे।

एनआरआई के लिए भी जल्द यूपीआई सुविधा

 

प्रवासी भारतीय (एनआरआई) भी जल्द अपने विदेशी मोबाइल नंबर सेे यूपीआई का इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि, यूपीआई से सिर्फ उनके नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल (एनआरई) व नॉन रेजिडेंट ऑर्डिनरी (एनआरओ) जैसे अंतरराष्ट्रीय खाते ही जुड़ सकेंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने सभी पेमेंट इंटरफेस वाली संस्थाओं से तैयारी करने को कहा है।

 

इन्हें होगा लाभ

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, कैबिनेट के फैसले से डिजिटल भुगतान व्यवस्था को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम), असंगठित क्षेत्र और सुदूर किसानों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। सरकार जैविक उत्पाद, बीज और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई सहकारी समितियों का गठन करेगी।

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1 अप्रैल से पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाया जायेगा: हरदीप सिंह पुरी

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देश की कुछ चुनिंदा जगहों पर 01 अप्रैल, 2023 से एथनॉल वाला पेट्रोल (E20 Petrol) मिलना शुरू हो जाएगा। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि देश में चरणबद्ध तरीके से E20 यानी पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण के साथ वाहनों में उपयोग के लिए मिलेगा। वही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके प्रथम चरण की शुरूआत 1 अप्रैल, 2023 से होने जा रही है। यह देश के कुछ शहरों में मिलना शुरू होगा। इसके बाद धीरे-धीरे इसे देशभर में लागू करने की योजना है।

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शुरुआत कैसे होगी?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के कुछ चुनिंदा शहरों के पेट्रोल पंपों को इस काम के लिए चुना जाएगा, जहां पर इस ईंधन को आम जनता के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्रालय की प्रस्तावित योजना लागू होने से पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के सरकार के प्लान को बल मिलेगा, जिसमें 2025-26 एथनॉल आपूर्ति वर्ष तक देशभर में कुल पेट्रोल आपूर्ति में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, इस मिश्रण की अंतिम तिथि पहले 2030 रखी थी, जिसे अब घटाया गया है क्योंकि कच्चे एथनॉल की आपूर्ति बहुत तेजी से हुई है।

 

एथनॉल की मांग वैश्विक

 

मंत्री पुरी का कहना है कि भारत 2040 तक एथनॉल की वैश्विक मांग (Global Demand) में 25 फीसदी हिस्सेदारी करने की राह पर है। भारत ने पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण 2013-14 के 1.53 प्रतिशत से बढ़ाकर 2022 में 10.17 प्रतिशत कर दिया है। साल 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश को 10.2 से 11 अरब लीटर एथनॉल की जरूरत है।

 

उत्पादन कैसे होगा

देश में एथनॉल की उत्पादन क्षमता (Production Capacity) को और बढ़ाया जा है। देश को लगभग 14.5 अरब लीटर एथनॉल की जरूरत है। इसमें कुछ उत्पादन का इस्तेमाल स्टार्च और केमिकल उद्योग में किया जाता है। बता दें लगभग 7.6 अरब लीटर एथनॉल का उत्पादन गन्ने से होता है। वहीँ 7.2 अरब लीटर उत्पादन अनाज और गैर अनाज आधारित स्रोतों जैसे धान के भूसे आदि से किया जा रहा है।

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