डोप टेस्ट में फेल भारतीय एथलीट दीपा कर्माकर पर 21 महीने का बैन

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भारतीय जिम्नास्ट दीपा कर्मकार (Dipa Karmakar Ban) के डोप टेस्ट में फेल होने के चलते ITA (इंटरनेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने उन पर 21 महीने का प्रतिबंध लगा दिया। भारतीय जिम्नास्ट को प्रतिबंधित पदार्थ हाइजेनामाइन के सेवन के चलते खेल से दूर कर दिया गया है। कार्रवाई के बाद पहली बार दीपा ने स्वीकार किया कि अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया।

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गौरतलब हो कि 11 अक्टूबर 2021 को एक प्रतियोगिता से बाहर होने पर इंटरनेशनल फेडरेशन डी जिमनास्टिक (FIG) की ओर से नमूने लिए गये थे। परीक्षण में रिजल्ट पॉजिटिव मिला और दीपा पर बैन लगा दिया। दीपा के ब्लड में हाइजेनामाइन की मात्रा मिली। बता दें कि हाइजेनामाइन ( Higenamine) को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी ने 2017 में प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में जोड़ा था।

प्रतिबंध की अवधि

 

बैन लगने के बाद दीपा करमाकर ने स्वीकार किया कि “आज मैंने अपने और अपने करियर के लिए लड़ी सबसे लंबी लड़ाई में से एक का अंत किया। अक्टूबर 2021 में मेरा नमूना परीक्षण के लिए लिया गया। परिणाम एक प्रतिबंधित पदार्थ के लिए सकारात्मक था जिसे मैंने अनजाने में निगल लिया और इसके स्रोत का निर्धारण नहीं कर सकी।”

बता दें कि करमाकर के प्रतिबंध की अवधि 10 जुलाई 2023 को समाप्त होगी, क्योंकि इसकी गिनती उस दिन से की गई थी, जिस दिन से नमूना एकत्र किया गया था जो कि 11 अक्टूबर 2021 है। दीपा कर्माकर ने लिखा कि मेरा निलंबन 3 महीने कम कर दिया गया है और 2.5 महीने पीछे कर दिया गया है, जिससे मुझे जुलाई 2023 में अपने खेल में वापसी करने की अनुमति मिली है।

 

दीपा करमाकर के नाम दर्ज रिकॉर्ड

 

गौरतलब हो कि दीपा करमाकर ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट हैं। त्रिपुरा की रहने वाली दीपा ने रियो ओलंपिक 2016 में महिला वॉल्ट फाइनल में चौथा स्थान हासिल करके इतिहास रच दिया था। हालांकि, वह कांस्य पदक जीतने से चूक गई थी।

करमाकर ने ग्लासगो में 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य जीता। राष्ट्रामंड खेलों के इतिहास में ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला जिमनास्ट बन गईं। उन्होंने एशियन जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में कांस्य जीता और 2015 वर्ल्ड आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में पांचवां स्थान हासिल किया।

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जानें महिला जननांग विकृति के लिए शून्य सहनशीलता दिवस का इतिहास और महत्व

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महिला के लिए शून्य सहिष्णुता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Zero Tolerance for Female) विश्व स्तर पर 6 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिला जननांग विकृति को मिटाने के उनके प्रयासों के लिए प्रायोजित किया जाता है। पहली बार इस दिन को वर्ष 2003 में मनाया गया था। तब से प्रतिवर्ष महिलाओं को स्नेह और सम्मान दिलाने के लिए विश्व के कई देश महिला जननांग विकृति के लिए शून्य सहनशीलता दिवस मना रहा है।

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क्या है महिला जननांग विकृति?

 

महिला जननांग विकृति (एफजीएम) आंशिक या पूरी तरह से महिला जननांग अंगों को हटाने की प्रक्रिया या गैर चिकित्सीय कारणों से महिला जननांग अंगों को चोट पहुंचाने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।

 

इस दिवस का इतिहास

 

इस दिन को नाइजीरिया की पूर्व राष्ट्रपति स्टेला ओबसंजो ने की थी। वह महिला जननांग विकृति के खिलाफ शून्य सहनशीलता चलाने वाले अभियान की प्रवक्ता भी थीं। नाइजीरिया की पूर्व राष्ट्रपति स्टेला ने ही वर्ष 2003 में 6 फरवरी को पहली बार यह दिन मनाने की घोषणा की थी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस दिन को स्वीकार कर लिया। संयुक्त राष्ट जनसंख्या कोष और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने साल 2007 में महिला विकृति उत्पीड़न के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया। बाद में वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित करके 6 फरवरी को महिला जननांग विकृति के खिलाफ शून्य सहनशीलता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने की घोषणा की।

इस दिवस का महत्व

 

सदियों से महिलाओं के खिलाफ कई कुप्रथाएं चली आ रही हैं। महिलाओं की मानसिक और शारीरिक सेहत पर यह बुरा असर करती हैं। साथ ही उनकी सामाजिक स्थिति के लिए भी नुकसानदायक हैं। इन कुप्रथाओं को खत्म करके महिलाओं को समाज में समान अधिकार और सम्मान दिलाने की जरूरत है। महिलाएं पुरुषों के समान ही हैं। इसलिए उन्हें पुरुषों जैसा सम्मान दिया जाना चाहिए। दुनियाभर में महिलाओं के खिलाफ फैली इन कुरीतियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस तरह के खास दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।

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तुर्की में 7.8 तीव्रता का भूकंप, 100 से ज्यादा की मौत, कई इमारतों को नुकसान

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तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में 7.8 तीव्रता के भीषण भूकंप के दो झटकों से बड़ी तबाही आई है। तुर्की और सीरिया में भूकंप से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और कई इमारतें ध्वस्त हो गईं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में भूकंप से अब तक 76, तो सीरिया में 86 मौतों की पुष्टि हुई है। बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत कार्य चल रहा है। मौतों का आंकड़ा बढ़ने का अनुमान है। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। भूकंप ने दक्षिण तुर्की के गजिएनटेप शहर को दहला दिया है।

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यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। भूकंप के झटके दूर सीरिया तक महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई इमारतों को नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की मानें तो भूकंप की वजह से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है।

 

मुख्य बिंदु

 

  • तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान ने ट्वीट कर बताया कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू अभियान जारी है। भूकंप के दौरान कम से कम 6 बार झटके लगे। इरदुगान ने लोगों से अपील की कि वे क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश न करें।
  • तुर्की की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। यहां 1999 में आए भूकंप में 18000 लोगों की मौत हो गई थी। अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
  • बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके लेबनान, सीरिया में भी महसूस किए गए। सीरिया में अलेप्पो और हमा शहर से नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं।
  • सिविल डिफेंस के मुताबिक, सीरिया में तुर्की से लगे इलाकों में कई इमारतें गिर गईं। दमिश्क में भी भूकंप के झटकों के बाद लोग सड़कों पर आ गए। लेबनान में करीब 40 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।

 

भूकंप की तीव्रता

 

  • रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं।
  • इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते।
  • वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
  • लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

कैसे आता है भूकंप?

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

FATF Blacklists Myanmar, Calls for Due Diligence To Transactions in Nation_70.1

लता मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि, सुदर्शन पटनायक ने दी श्रद्धांजलि

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स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की आज पहली पुण्यतिथी है। 6 फरवरी 2022 को उनका निधन हो गया था। उन्होंने 92 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा था। लगा मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि के मौके पर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर उन्हें खूबसूरत अंदाज में ट्रिब्यूट दिया है।

 

पुरी समुद्र तट पर लता मंगेशकर की रेत से बनाई गई यह मूर्ति करीब 6 फीट ऊंची है। इसके साथ म्यूजिक इंस्ट्रयूमेंट भी बना है और साथ लिखा है, भारत रत्न लता जी को श्रद्धांजलि, मेरी आवाज ही पहचान है। वहीं, इसमें बहुत ही कम रंगों का इस्तेमाल किया गया। लता मंगेशकर को दिए गए इस ट्रिब्यूट को फैंस भी काफी पसंद कर रहे हैं और स्वर कोकिला को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

 

लता मंगेशकर के बारे में

 

बता दें कि पिछले साल लता मंगेशकर कोरोना से संक्रमित थीं, जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद लंबी बीमारी के बाद 6 फरवरी को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। ज्ञात हो कि लता मंगेशकर को 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।

 

सुरीली आवाज के लिए मशहूर लता मंगेशकर ने अपनी जिंदगी में तकरीबन 36 भाषाओं में गाना गाया है। अपने आठ दशक के करियर में उन्होंने 50,000 से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी है। स्वर कोकिला ने आठ दशकों में सिनेमा के हर दौर को अपनी आवाज से सराबोर करते हुए एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने दिए।

 

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Grammys Awards 2023: रिकी केज को तीसरी बार मिला सम्मान

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भारतीय कंपोजर रिकी केज (Ricky Kej) ने एक और ग्रैमी जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। 65वें ग्रैमी अवॉर्ड्स में केज ने अपनी एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स’ के लिए रॉक लेजेंड स्टीवर्ट कोपलैंड के साथ बेस्ट इमर्सिव एल्बम का अवॉर्ड जीता। ये केज का लगातार दूसरा ग्रैमी अवॉर्ड है।

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अमेरिका में जन्मे संगीतकार ने मशहूर ब्रिटिश रॉक बैंड ‘द पुलिस’ के ड्रमर स्टीवर्ट कोपलैंड के साथ अपना यह अवॉर्ड शेयर किया है। बता दें, स्टीवर्ट कोपलैंड ने इस एल्बम में रिकी के साथ सहयोग किया था। 65वें ग्रैमी अवार्ड्स में, दोनों को यह अवॉर्ड सर्वश्रेष्ठ इमर्सिव ऑडियो एल्बम कैटेगरी में ग्रामोफोन ट्रॉफी जीती है।

 

जाने-माने म्यूजिक कंपोजर रिकी केज ने पहली बार साल 2015 में अपनी एल्बम ‘विंड्स ऑफ समसारा’ के लिए यह अवॉर्ड जीता था। 2015 में यह सम्मान हासिल करने के बाद रिकी ने एक बार फिर साल 2022 में एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स’ के लिए ‘बेस्ट न्यू एज एल्बम’ की कैटेगरी में स्टीवर्ट कोपलैंड के साथ ग्रैमी अवॉर्ड मिला था।

 

कौन हैं रिकी केज?

 

रिकी केज ने अपने अभी तक के करियर में संयुक्त राष्ट्र हेडक्वार्टर सहित कई प्रतिष्ठित जगहों पर प्रस्तुति दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रिकी ने दुनियाभर के 30 देशों में कुल 100 संगीत पुरस्कार जीते हैं। रिकी को उनके काम के लिए यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन आर्टिस्ट और यूथ आइकॉन ऑफ इंडिया के लिए नॉमिनेट किया जा चुका है। साल 2021 में रिलीज हुए उनके चर्चित एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स’ में नौ गाने और आठ म्यूजिक वीडियो शामिल हैं।

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भारतीय-अमेरिकी अमी बेरा को हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में नियुक्त किया गया

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भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा को 118वीं कांग्रेस के लिए हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस में काम करने के लिए नामित किया गया है। खुफिया समिति पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए), राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) के कार्यालय, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के साथ-साथ सैन्य खुफिया कार्यक्रमों सहित देश की खुफिया गतिविधियों की निगरानी की जिम्मेदारी है।

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प्रमुख बिंदु

 

  • डॉ. बेरा ने बताया कि उन्हें हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में काम करने के लिए लीडर जेफ़्रीज़ द्वारा नियुक्त किए जाने पर सम्मानित महसूस हो रहा है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • डॉ. अमी बेरी, छह बार के कांग्रेस सदस्य, कैलिफोर्निया के छठे कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • उन्होंने हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी और हाउस साइंस, स्पेस एंड टेक्नोलॉजी कमेटी में भी काम किया है।
  • 117वीं कांग्रेस के दौरान बेरा ने एशिया, प्रशांत, मध्य एशिया और अप्रसार पर हाउस फॉरेन अफेयर्स उपसमिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने अमेरिकी आर्थिक और सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए भारत-प्रशांत सहयोगियों और भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए कांग्रेस के प्रयासों की अगुवाई की।
  • 117वीं कांग्रेस में, भारतीय अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में काम किया।

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Amit Shah ने देवघर में नैनो यूरिया संयंत्र की रखी आधारशिला

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 04 फरवरी 2023 को झारखंड के देवघर में एक नैनो यूरिया संयंत्र की आधारशिला रखी। भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) की ओर से 450 करोड़ रुपये की संयंत्र की स्थापना की जाएगी। अमित शाह ने नैनो यूरिया संयंत्र के अलावा टाउनशिप की भी आधारशिला रखी। ये भारत का पांचवां नैनो यूरिया संयंत्र होगा।

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इफको के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल गुजरात में दुनिया के पहले नैनो यूरिया संयंत्र का उद्घाटन किया था। अमित शाह ने संयंत्र की आधारशिला रखते हुए कहा कि नैनो यूरिया से किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि देश से पहले से ही पांच देशों को निर्यात किया जा रहा है।

 

इसका उद्देश्य

 

नैनो यूरिया फसल की उत्पादकता, मिट्टी के स्वास्थ्य और उपज की पोषण गुणवत्ता में सुधार करता है तथा इसका उद्देश्य पारंपरिक यूरिया के असंतुलित और अत्यधिक इस्तेमाल को दूर करना है।

दिसंबर से संयंत्र हो जाएगा शुरू

 

इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी ने कहा कि संयंत्र अगले साल दिसंबर में शुरू होने वाला है। अवस्थी ने बताया कि 300 करोड़ रुपये की लागत से संयंत्र और 150 करोड़ रुपये की लागत से टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा।

 

20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई

 

झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जेआईएडीए) ने इफको को देवघर जिले के जसीडीह क्षेत्र में परिसर के लिए 20 एकड़ जमीन आवंटित की है। संयंत्र स्थापित होने से इलाके में बड़ी संख्या में स्थानीय और आसपास के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा।

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उन्नत जलवायु विज्ञान के लिए एआई फाउंडेशन मॉडल बनाने के लिए नासा और आईबीएम ने की साझेदारी

AI प्रौद्योगिकी की शक्ति के माध्यम से पृथ्वी की जलवायु पर नए निष्कर्ष प्राप्त करने के लिए आईबीएम ने नासा के साथ साझेदारी की है। दोनों संगठन ने मिलकर आईबीएम द्वारा विकसित एआई तकनीक का उपयोग बड़ी मात्रा में पृथ्वी अवलोकन और भू-स्थानिक डेटा के साथ करेंगे जो साझा करने के लिए नासा ने उपलब्ध कराया है। पृथ्वी अवलोकन आमतौर पर उपग्रह इमेजिंग के उपयोग के माध्यम से पृथ्वी की भौतिक, रसायनिक और जैविक प्रणालियों के बारे में जानकारी एकत्र करना है।

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उन्नत जलवायु विज्ञान के लिए एआई फाउंडेशन मॉडल बनाने के लिए नासा और आईबीएम ने की साझेदारी – महत्वपूर्ण बिंदु 

  • आईबीएम ने बताया कि साझेदारी का लक्ष्य शोधकर्ताओं को इन बड़े डेटा सेटों से विश्लेषण और अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का एक आसान तरीका प्रदान करना है।
  • कंपनी इस डेटा के विश्लेषण को गति देने के लिए अपने आधार एआई मॉडल – जो डेटा के व्यापक सेट पर प्रशिक्षित हैं – को लागू करने की योजना बना रही है।
  • कंपनी ने कहा कि हाल के वर्षों में प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार के एआई सिस्टम का उपयोग किया गया है। NLP का उपयोग करने वाले एआई मॉडल का एक उदाहरण ChatGPT है।
  • नासा के वरिष्ठ शोधकर्ता राहुल रामचंद्रन ने बताया कि इन फाउंडेशन मॉडल का संभावित रूप से “कई डाउनस्ट्रीम अनुप्रयोगों के लिए” उपयोग किया जा सकता है।
  • पृथ्वी अवलोकन डेटा से नई अंतर्दृष्टि निकालने के लिए दोनों संगठन कई परियोजनाओं पर एक साथ काम करने की योजना बना रहे हैं।
  • उपग्रह डेटा का विश्लेषण करके, यह आशा की जाती है कि यह मूलभूत मॉडल प्राकृतिक आपदाओं, फसल की पैदावार, और वन्यजीव आवासों में परिवर्तन की पहचान करेगा ताकि शोधकर्ताओं को पृथ्वी की पर्यावरण प्रणालियों का विश्लेषण करने में मदद मिल सके।
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जी किशन रेड्डी ने शुरू की विजिट इंडिया ईयर 2023 पहल

पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने विजिट इंडिया ईयर- 2023 पहल की शुरुआत की और नई दिल्ली में लोगो का अनावरण किया। पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भव्य योजनाओं और गतिविधियों के वर्ष की शुरुआत की।

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जी किशन रेड्डी ने शुरू की विजिट इंडिया ईयर 2023 पहल- मुख्य बिंदु 

  • पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि विजिट इंडिया ईयर 2023 लोगो की लॉन्चिंग इस महत्वपूर्ण वर्ष में हो रही है जब भारत जी20 का नेतृत्व कर रहा है।
  • उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष एक लाख से अधिक विदेशी प्रतिनिधि भारत आएंगे और उन्हें स्मारकों और त्योहारों सहित भारत की संस्कृति के सभी पहलुओं का प्रदर्शन किया जाएगा।
  • श्री रेड्डी ने कहा कि जी20 का प्रत्येक विदेशी प्रतिनिधि भारत की संस्कृति, विरासत और पर्यटन स्थलों का ब्रांड एंबेसडर होगा।
  • उन्होंने आगे कहा कि उनका मंत्रालय इस वर्ष विदेशी आगंतुकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए भारतीय मिशनों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय कर रहा है।
  • भारत को 365 दिनों का गंतव्य बनाने के लिए वैश्विक उद्योग की बहाली, भारत भ्रमण के लिए वैश्विक यात्रियों की तरजीही भावना और पिछले कुछ वर्षों में भारत में बढ़ते पर्यटन में सफलता के आधार पर बनाई गई गति का उपयोग करते हुए पर्यटन मंत्रालय भारत में पर्यटन की अप्रयुक्त क्षमता को अनलॉक करने के मिशन पर है।

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2023 के लिए भारत का हज कोटा 1,75,025 निर्धारित: सरकार

अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने यह जानकारी दी है कि सऊदी अरब के साथ वार्षिक द्विपक्षीय समझौते के तहत सरकार ने इस वर्ष हज यात्रा के लिए मूल हज कोटा बहाल कर दिया है जो एक लाख 75 हजार 25 है।

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Money Minded on Twitter: "India's Haj quota for this year has been fixed at 1,75,025 according to bilateral agreement with Saudi Arabia: Govt #news # India https://t.co/tOeNR01KVm" / Twitter

हज कोटा के बारे में अधिक जानकारी:

मंत्री श्रीमती ईरानी ने कहा कि इस दिशा में मंत्रालय ने हज प्रबंधन पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की हज समितियों सहित हितधारकों के साथ कई बार बातचीत की, जिनमें हज कोटा की बहाली के अनुरोध किया गया था।

उन्होंने कहा, वार्षिक द्विपक्षीय समझौते के तहत भारतीय हज समिति के लिए निर्धारित कोटा विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के इस वर्ष के हज तीर्थयात्रियों के लिए है। मंत्री जी ने कहा, हज कोटा में वृद्धि से अब सरकार हज के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अधिक तीर्थयात्रियों को भेजने में सक्षम हुई है।

वार्षिक द्विपक्षीय समझौते के तहत भारतीय हज समिति (HCoI) के लिए निर्धारित कोटा हज 2023 के लिए विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के तीर्थयात्रियों के लिए है।

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