भारतीय खेल प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है कि नई दिल्ली 2026 बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप की मेज़बानी करेगा। यह टूर्नामेंट अगस्त 2026 में आयोजित होगा और 17 साल बाद भारत में इसकी वापसी होगी। बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने यह घोषणा पेरिस (2025 चैंपियनशिप) के समापन समारोह के दौरान की। यह निर्णय भारत की वैश्विक खेल गंतव्य के रूप में बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है।
लंबे इंतज़ार के बाद वापसी
भारत ने पिछली बार 2009 में हैदराबाद में इस चैंपियनशिप की मेज़बानी की थी।
2026 संस्करण न सिर्फ भारत में वापसी करेगा बल्कि 8 साल बाद एशिया में वापसी होगी।
एशिया का पिछला मेज़बान: नानजिंग, चीन (2018)।
2026 संस्करण क्यों खास है?
भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों की सफलताओं का जश्न मनाने का अवसर।
नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित करने का मौका।
स्पोर्ट्स टूरिज्म और वैश्विक सहभागिता को बढ़ावा।
नई दिल्ली में हजारों दर्शक, मीडिया और खिलाड़ी जुटेंगे, जिससे शहर की अंतरराष्ट्रीय खेल छवि और मज़बूत होगी।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड और मर्क (Merck) ने भारत की सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षमताओं को मज़बूत करने के लिए एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सहयोग इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के अनुरूप है और भारत को एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
प्रमुख सहयोग क्षेत्र
1. उन्नत सामग्री और एआई एकीकरण
मर्क टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को धोलेरा, गुजरात में बनने वाले फैब्रिकेशन प्लांट (Fab) के लिए उच्च गुणवत्ता वाले समाधान उपलब्ध कराएगा:
हाई-प्योरिटी इलेक्ट्रॉनिक मटेरियल्स
गैस व केमिकल डिलीवरी सिस्टम
टर्नकी फैब्रिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर
AI-संचालित मटेरियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशन्स
टाटा को Athinia® प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँच मिलेगी, जिससे रियल-टाइम डेटा विश्लेषण और परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइज़ेशन संभव होगा।
2. विनिर्माण और सुरक्षा मानक
दोनों कंपनियाँ सुरक्षा प्रोटोकॉल, गुणवत्ता आश्वासन और विनिर्माण उत्कृष्टता से जुड़ी वैश्विक श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करेंगी।
इससे धोलेरा फैब में विश्वस्तरीय मानक और परिचालन विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।
3. इकोसिस्टम और प्रतिभा विकास
कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला और वेयरहाउसिंग क्षमताएँ भारत में विकसित की जाएँगी।
स्थानीय सोर्सिंग बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता घटेगी।
कौशल विकास कार्यक्रम व इंडस्ट्री बेंचमार्क बनाए जाएँगे, ताकि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में टिकाऊ प्रतिभा उपलब्ध हो।
भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को मज़बूती
भारत का पहला चिप फैब: टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ₹91,000 करोड़ (11 अरब अमेरिकी डॉलर) का निवेश करके धोलेरा, गुजरात में भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट बना रहा है।
यह फैब ऑटोमोबाइल, मोबाइल डिवाइस, एआई सिस्टम और वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए चिप्स तैयार करेगा।
मर्क के सहयोग से फैब का निर्माण तेज़ होगा और एक मज़बूत सप्लाई एवं इनोवेशन नेटवर्क तैयार होगा।
यह साझेदारी भारत की वैश्विक सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में स्थिति को और मज़बूत करेगी।
रजित पुन्हानी, बिहार कैडर के 1991 बैच के IAS अधिकारी, ने 1 सितम्बर 2025 को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का पदभार संभाला। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत खाद्य सुरक्षा, जनस्वास्थ्य और नियामक आधुनिकीकरण पर ज़ोर दे रहा है।
व्यापक प्रशासनिक अनुभव
रजित पुन्हानी के पास तीन दशकों से अधिक की सिविल सेवा का अनुभव है। उन्होंने केंद्र, राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे सुधार-उन्मुख शासन के लिए जाने जाते हैं।
प्रमुख पद और योगदान
सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय – कौशल विकास को उद्योग रुझानों और वैश्विक मानकों से जोड़ा।
सचिव, राज्यसभा और CEO, संसद टीवी – संस्थागत संवाद और विधायी सहभागिता को बढ़ाया।
पेंशन व बीमा योजना शुरू की, जिससे असंगठित क्षेत्र के 45 करोड़ से अधिक मज़दूरों को कवर किया।
दुनिया का सबसे बड़ा मातृत्व संदेश कार्यक्रम लागू किया, जिससे मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हुआ।
अप्रत्यक्ष कर समिति के सदस्य रहे, जिसने भारत के वस्तु एवं सेवा कर (GST) ढांचे की नींव रखी।
जमीनी और वैश्विक अनुभव
जिलाधिकारी व उप-विकास आयुक्त, बिहार के आकांक्षी ज़िलों में कार्य किया।
प्रधान सचिव, बिहार सरकार और विशेष सचिव, गृह मंत्रालय के रूप में ज़िम्मेदारी निभाई।
यूरोपीय संघ में भारत के राजनयिक के रूप में शासन और व्यापार संबंधों में अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्राप्त किया।
परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य
पूरा नाम (Full Form): Food Safety and Standards Authority of India (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण)
स्थापना (Established under): खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006
प्रकार (Type): स्वायत्त निकाय (Autonomous Body)
अधीनस्थ मंत्रालय (Works under): स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
मॉर्गन स्टेनली ने भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान FY 2025–26 के लिए 6.2% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया है। यह संशोधन अप्रैल–जून 2025 तिमाही में भारत की मज़बूत आर्थिक वृद्धि (7.8%) और आने वाले GST कटौती से त्योहारी सीजन में घरेलू माँग बढ़ने की उम्मीद के कारण किया गया है।
अनुमान बढ़ाने के प्रमुख कारण
1. Q1 (अप्रैल–जून 2025) का मजबूत प्रदर्शन
GDP वृद्धि: 7.8%
सरकारी खपत (Government consumption): +7.5% (YoY)
निजी खपत (Private consumption): +7% (YoY)
सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF): +7.8% (निवेश की अच्छी गति)
अग्रिम सरकारी व्यय (Front-loaded expenditure) से माँग और पूंजी निर्माण को बढ़ावा मिला।
2. घरेलू माँग का दृष्टिकोण
प्रस्तावित GST दर कटौती से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा।
त्योहारी सीजन की खपत अर्थव्यवस्था को सहारा देगी।
ग्रामीण माँग अच्छी मानसून और मज़बूत खरीफ बुवाई से टिकाऊ रहेगी।
3. बाहरी चुनौतियों का संतुलन
वैश्विक बाज़ारों में कमजोर निर्यात।
अमेरिका के उच्च टैरिफ से प्रतिस्पर्धा प्रभावित।
हालाँकि, रिपोर्ट का मानना है कि बाहरी माँग से लगभग 50 बेसिस पॉइंट का नकारात्मक असर GST कटौती से उत्पन्न खपत से संतुलित हो जाएगा।
4. निर्यात प्रवृत्तियाँ
Q1 में निर्यात वृद्धि का सहारा: अमेरिका को अग्रिम शिपमेंट, टैरिफ लागू होने से पहले।
अन्य क्षेत्रों में निर्यात धीमा, आयात निर्यात से अधिक रहा, जिससे नेट एक्सपोर्ट्स वृद्धि में बाधा बने।
5. क्षेत्रीय सहारा और ग्रामीण स्थिरता
कृषि क्षेत्र: अच्छा मानसून और खरीफ बुवाई से स्थिर।
GST सुधार: उपभोक्ताओं के लिए वस्तुएँ सस्ती, छोटे व्यवसायों को सहारा, खपत आधारित वृद्धि को बढ़ावा।
परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य
नया अनुमान (FY26 GDP वृद्धि): 6.7% (पहले: 6.2%)
Q1 GDP वृद्धि (FY26): 7.8%
मुख्य चालक: GST कटौती, त्योहारी माँग, ग्रामीण मजबूती
भारत ने शैक्षणिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में शैक्षणिक वर्ष 2025–26 के लिए अफगान छात्रों को 1,000 ई-स्कॉलरशिप देने की घोषणा की है। यह छात्रवृत्तियाँ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) द्वारा स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम फॉर अफगान नेशनल्स (SSSAN) के अंतर्गत ई-विद्याभारती (e-VB) i-learn पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जाएँगी। यह कदम भारत की शिक्षा, क्षमता निर्माण और अफगानिस्तान के साथ जन-से-जन (people-to-people) संबंधों को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ई-स्कॉलरशिप कार्यक्रम के बारे में
1. अफगान युवाओं के लिए डिजिटल उच्च शिक्षा
छात्रवृत्ति से अफगान नागरिक प्रतिष्ठित भारतीय विश्वविद्यालयों से स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से कर सकेंगे।
अफगानिस्तान की मौजूदा सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों में, जहाँ शिक्षा का ढाँचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है, यह पहल अत्यंत लाभकारी है।
2. पात्रता और आयु सीमा
आवेदक अफगान नागरिक होने चाहिए।
आयु सीमा: 18 से 35 वर्ष।
इसका उद्देश्य अधिकतर युवा शिक्षार्थियों को अवसर प्रदान करना है।
3. भाग लेने वाले भारतीय विश्वविद्यालय
9 भारतीय विश्वविद्यालय इस स्कॉलरशिप समूह में शामिल हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
जामिया मिलिया इस्लामिया
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)
अन्ना विश्वविद्यालय
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय
अन्य विश्वविद्यालय भी मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, प्रबंधन और आईटी जैसे विषयों में ऑनलाइन डिग्री प्रदान करेंगे।
भारत की पूर्व सहायता का विस्तार
यह लगातार तीसरा वर्ष है जब भारत ने अफगान छात्रों को ई-स्कॉलरशिप दी है (2023–24, 2024–25 और अब 2025–26)।
2021 के बाद भी SSSAN योजना भारत की सबसे प्रमुख शैक्षणिक सहायता पहलों में से एक बनी हुई है।
भारत वर्षों से अफगान छात्रों की पढ़ाई का बड़ा केंद्र रहा है, जहाँ हजारों छात्र ICCR, विदेश मंत्रालय (MEA) और अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से पढ़ चुके हैं।
आवेदन और पहुँच प्रक्रिया
ई-विद्याभारती (e-VB) i-learn पोर्टल इस योजना का मुख्य प्लेटफ़ॉर्म होगा।
सभी लेक्चर, अध्ययन सामग्री और परीक्षाएँ ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।
आवेदन प्रक्रिया शीघ्र ही ICCR स्कॉलरशिप पोर्टल पर शुरू होगी, जहाँ पात्र छात्र दस्तावेज़ जमा कर पाठ्यक्रम चुन सकेंगे और नामांकन प्राप्त कर सकेंगे।
परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य
योजना का नाम: स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम फॉर अफगान नेशनल्स (SSSAN)
शैक्षणिक वर्ष: 2025–26
माध्यम: ऑनलाइन (ई-विद्याभारती i-learn पोर्टल)
छात्रवृत्ति की संख्या: 1,000
पात्रता: 18–35 वर्ष आयु वर्ग के अफगान नागरिक
शामिल विश्वविद्यालय: 9 (IGNOU, जामिया, अन्ना विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सहित)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 सितम्बर 2025 को बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह पहल बिहार की ग्रामीण महिलाओं को सस्ती, डिजिटल रूप से सक्षम ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इसकी शुरुआत ₹105 करोड़ की प्रारंभिक पूंजी स्थानांतरण से हुई।
1. जीविका निधि क्या है?
समावेशी वित्त के लिए सहकारी संस्था राज्य स्तरीय सहकारी समिति, जो जीविका पहल के अंतर्गत पंजीकृत क्लस्टर स्तरीय महासंघों (Federations) को कम ब्याज दर पर वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
सामान्य माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं द्वारा 18%–24% तक वसूले जाने वाले ब्याज की तुलना में महिलाओं को सस्ती दर पर ऋण मिलेगा।
सहभागी शासन व सदस्यता इस संस्था का संचालन बिहार सरकार और भारत सरकार दोनों के सहयोग से होगा। जीविका के सभी क्लस्टर स्तरीय महासंघ इसके स्वतः सदस्य होंगे।
2. डिजिटल वित्तीय मॉडल
सीधी और पारदर्शी सहायता यह पूरी तरह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित है, जिससे राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुँचेगी।
जीविका दीदी (स्वयं सहायता समूह की महिला नेत्री) को सीधी वित्तीय मदद मिलेगी।
तकनीकी सहयोग 12,000 से अधिक सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट दिए गए हैं, ताकि गाँव स्तर पर रीयल-टाइम संचार, सहायता और रिकॉर्ड प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।
3. दायरा और अपेक्षित प्रभाव
ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण यह योजना बिहार की 20 लाख से अधिक ग्रामीण महिला उद्यमियों को लाभ पहुँचाएगी।
इससे छोटे व्यवसाय, कृषि कार्य, और ग्रामीण सेवाओं जैसे आय-उत्पादक कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
₹105 करोड़ की शुरुआत शुभारंभ के अवसर पर पीएम मोदी ने ₹105 करोड़ संस्था के खाते में स्थानांतरित किए।
4. रणनीतिक महत्व
महिला-नेतृत्व वाला विकास पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय विकास का केंद्रबिंदु महिलाओं का सशक्तिकरण है और आर्थिक बाधाएँ दूर करना उनकी सफलता के लिए अनिवार्य है।
अन्य योजनाओं से जुड़ाव जीविका निधि, सरकार की अन्य महिला-केंद्रित योजनाओं जैसे – लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी – से जुड़ा हुआ है।
परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य
शुभारंभ: 2 सितम्बर 2025, पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा (वर्चुअल)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 सितम्बर 2025 को यशोभूमि, नई दिल्ली में सेमिकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) महाशक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है। इसमें 40+ देशों के प्रतिनिधि, शीर्ष उद्योगपति, स्टार्ट-अप्स और हजारों छात्र शामिल हुए।
प्रमुख बातें
वैश्विक विश्वास, भारतीय प्रतिबद्धता पीएम मोदी ने कहा – “दुनिया भारत पर भरोसा करती है, भारत पर विश्वास करती है और भारत के साथ सेमीकंडक्टर भविष्य गढ़ने के लिए तैयार है।”
चिप्स: 21वीं सदी के डिजिटल हीरे उन्होंने कहा – “तेल काला सोना था, चिप्स डिजिटल हीरे हैं।” सेमीकंडक्टर वैश्विक बाजार $600 अरब का है और जल्द ही $1 ट्रिलियन को पार करेगा।
स्पीड का महत्व: फाइल से फैक्ट्री तक नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए अनुमति प्रक्रियाएँ आसान हुईं, जिससे निवेशक तेज़ी से प्रोजेक्ट शुरू कर सकते हैं।
भारत की सेमीकंडक्टर टाइमलाइन
2021: इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन शुरू
2023: पहला सेमीकंडक्टर फैब स्वीकृत
2024: कई फैब और डिज़ाइन सेंटर को मंजूरी
2025: ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक निवेश के साथ 10 बड़े प्रोजेक्ट प्रगति पर
फुल-स्टैक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम भारत डिज़ाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग और डिवाइस इंटीग्रेशन सभी चरणों को कवर कर रहा है। नोएडा और बेंगलुरु डिज़ाइन हब अगली पीढ़ी की चिप्स पर काम कर रहे हैं।
आधार स्तंभ: खनिज और प्रतिभा
राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन के तहत घरेलू खनन व प्रोसेसिंग को बढ़ावा।
भारत का 20% वैश्विक सेमीकंडक्टर डिज़ाइन टैलेंट – मानव संसाधन है सबसे बड़ी ताकत।
स्टार्टअप्स और MSMEs को सशक्त बनाना
डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना का पुनर्गठन।
चिप्स-टू-स्टार्टअप प्रोग्राम और नेशनल रिसर्च फंड की घोषणा।
भविष्य-तैयार ढाँचा और राज्यों की भागीदारी राज्यों को प्लग-एंड-प्ले सेमीकंडक्टर पार्क बनाने के लिए प्रेरित किया गया, जिनमें बिजली, भूमि, पोर्ट कनेक्टिविटी और प्रशिक्षित श्रमिक उपलब्ध होंगे।
रिफॉर्म – परफॉर्म – ट्रांसफॉर्म पीएम मोदी ने कहा – “डिज़ाइन तैयार है, मास्क अलाइन है, अब समय है सटीक क्रियान्वयन और बड़े पैमाने पर डिलीवरी का।”
परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य
लॉन्च: 2 सितम्बर 2025, नई दिल्ली (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी)
थीम: भारत के सेमीकंडक्टर भविष्य में विश्वास
बाजार लक्ष्य: वैश्विक $1 ट्रिलियन चिप उद्योग में योगदान
प्रोजेक्ट्स: 10 प्रमुख फैब व डिज़ाइन प्रोजेक्ट, निवेश ₹1.5 लाख करोड़+
भारत और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास “अभ्यास मैत्री” का 14वाँ संस्करण 1 सितम्बर 2025 को संयुक्त प्रशिक्षण नोड (JTN), उमरोई, मेघालय में शुरू हुआ। यह अभ्यास 14 सितम्बर 2025 तक चलेगा और भारत-थाईलैंड की रक्षा साझेदारी एवं परिचालन सामंजस्य को और मजबूत करेगा। यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते रणनीतिक सहयोग का प्रतीक है।
उद्देश्य और महत्व
सैन्य सामंजस्य और विश्वास को बढ़ावा देना: 2006 से शुरू हुआ अभ्यास मैत्री, आपसी समझ, परिचालन सामंजस्य और संयुक्त सामरिक क्षमता को बढ़ाने का प्रमुख साधन है।
द्विपक्षीय रक्षा प्रतिबद्धता: यह अभ्यास भारत और थाईलैंड की शांति, स्थिरता और क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, विशेषकर आतंकवाद-रोधी चुनौतियों और इंडो-पैसिफिक की रणनीतिक अहमियत के संदर्भ में।
भागीदारी करने वाली सेनाएँ
भारतीय सेना: मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन (120 सैनिक), जो काउंटर-इंसर्जेंसी और जंगल युद्ध में व्यापक अनुभव रखती है।
रॉयल थाई आर्मी: 1st इन्फेंट्री बटालियन, 14th इन्फेंट्री ब्रिगेड के 53 सैनिक, जो लाइट इन्फेंट्री और आंतरिक सुरक्षा अभियानों में दक्ष हैं।
प्रशिक्षण का केंद्रबिंदु और गतिविधियाँ
इस संस्करण का मुख्य फोकस संयुक्त राष्ट्र चार्टर (Chapter VII) के अंतर्गत अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कंपनी-स्तर के आतंकवाद-रोधी अभियानों पर है।
प्रमुख प्रशिक्षण मॉड्यूल:
संयुक्त सामरिक अभ्यास और समन्वय
हथियार संचालन और विशेष शस्त्र कौशल
काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशनों की योजना और क्रियान्वयन
शारीरिक क्षमता और धैर्य सत्र
संयुक्त छापेमारी और क्लियरेंस ऑपरेशन
समापन: 48 घंटे का वास्तविक परिदृश्य आधारित अभ्यास, जिसमें दोनों सेनाओं की संयुक्त योजना, निर्णय और क्रियान्वयन क्षमता की परीक्षा होगी।
रणनीतिक संदर्भ और क्षेत्रीय प्रभाव
इंडो-पैसिफिक सहयोग का विस्तार: यह अभ्यास भारत और थाईलैंड की बढ़ती सैन्य भागीदारी और क्षेत्रीय शांति-सुरक्षा के साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है।
2023 संस्करण का अनुसरण: पिछला (13वाँ) अभ्यास थाईलैंड के तक प्रांत के फोर्ट वाचिरप्रकान में हुआ था। यह वार्षिक अभ्यास दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य
नाम: अभ्यास मैत्री-XIV
तिथियाँ: 1–14 सितम्बर 2025
स्थान: संयुक्त प्रशिक्षण नोड (JTN), उमरोई, मेघालय
फोकस: UN चार्टर अध्याय VII के अंतर्गत अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियान
शुरुआत: 2006, एक प्रमुख द्विपक्षीय सैन्य पहल के रूप में
कपास उत्पादक समुदाय को बड़ी राहत देते हुए केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने 2 सितम्बर 2025 को कपास किसान ऐप लॉन्च किया। यह मोबाइल एप्लीकेशन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना के तहत कपास की खरीद को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए तैयार किया गया है। इसके माध्यम से किसान पंजीकरण, स्लॉट बुकिंग और भुगतान की ट्रैकिंग डिजिटल रूप से कर पाएंगे।
उद्देश्य और आवश्यकता
कपास खरीद प्रक्रिया का डिजिटलीकरण
कपास किसान ऐप का उद्देश्य प्रक्रिया संबंधी देरी को दूर करना और किसानों की बिचौलियों व मैनुअल कागजी कार्यवाही पर निर्भरता को कम करना है। स्व-पंजीकरण, स्लॉट बुकिंग और भुगतान की वास्तविक समय ट्रैकिंग से किसानों को पारदर्शिता, समय की बचत और औने-पौने दामों पर बिक्री से मुक्ति मिलेगी।
सभी किसानों तक MSP की पहुँच
इस ऐप का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र कपास किसान MSP खरीद योजना का लाभ उठा सकें, जिससे उन्हें शोषणकारी बाजार स्थितियों और दामों में गिरावट से सुरक्षा मिले।
कपास किसान ऐप की प्रमुख विशेषताएँ
स्व-पंजीकरण: किसान मोबाइल और आधार-लिंक्ड विवरण से खुद पंजीकरण कर सकते हैं।
स्लॉट बुकिंग: खरीद केंद्रों पर कपास पहुंचाने के लिए पहले से स्लॉट बुक कर सकते हैं, जिससे लंबी कतारों से बचा जा सके।
भुगतान ट्रैकिंग: सरकारी एजेंसियों को कपास बेचने के बाद भुगतान की स्थिति को वास्तविक समय में देख सकते हैं।
भाषाई सुविधा: यह ऐप कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है ताकि सभी किसान आसानी से उपयोग कर सकें।
किसान-केंद्रित डिज़ाइन: सरल और सहज इंटरफ़ेस, विशेष रूप से ग्रामीण उपयोगकर्ताओं के लिए बनाया गया।
व्यापक प्रभाव और नीतिगत एकीकरण
डिजिटल इंडिया और एग्री-टेक पहल के साथ तालमेल
कपास किसान ऐप सरकार की डिजिटल इंडिया और स्मार्ट कृषि पहलों से जुड़ा है। इसका उद्देश्य पारंपरिक खेती को तकनीकी नवाचार से जोड़ना, दक्षता बढ़ाना और किसान कल्याण सुनिश्चित करना है।
कपास पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन
यह पहल भारतीय कपास निगम (CCI) और अन्य खरीद एजेंसियों को रिकॉर्ड्स के डिजिटलीकरण, लॉजिस्टिक्स सुधार और किसानों व खरीद केंद्रों के बीच बेहतर संवाद सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
आईसीसी ने घोषणा की है कि 2025 आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप की विजेता टीम को रिकॉर्ड 4.48 मिलियन अमेरिकी डॉलर (₹39.55 करोड़) का इनाम मिलेगा। यह अब तक की सबसे बड़ी पुरस्कार राशि है और महिला क्रिकेट के इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। टूर्नामेंट की शुरुआत 30 सितंबर 2025 से होगी, जिसकी मेजबानी भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से करेंगे।
ऐतिहासिक वृद्धि
पिछला संस्करण (2022, न्यूज़ीलैंड): विजेताओं को 1.32 मिलियन USD (₹11.65 करोड़)
वर्तमान संस्करण (2025): विजेताओं को 4.48 मिलियन USD (₹39.55 करोड़)
प्रतिशत वृद्धि: 239%
कुल इनामी राशि: 2022 में 3.5 मिलियन USD (₹31 करोड़) से बढ़कर 2025 में 13.88 मिलियन USD (₹122.5 करोड़), लगभग 297% की वृद्धि।
खास बात यह है कि यह इनामी राशि 2023 पुरुष विश्व कप (USD 10 मिलियन / ₹88.26 करोड़) से भी ज्यादा है।
इनामी राशि का बंटवारा
विजेता टीम: 4.48 मिलियन USD (₹39.55 करोड़)
रनर-अप: 2.24 मिलियन USD (₹19.77 करोड़) — 2022 में सिर्फ USD 600,000
सेमीफाइनल में हारने वाली टीमें: 1.12 मिलियन USD (₹9.89 करोड़) प्रत्येक — 2022 में सिर्फ USD 300,000
महत्व
लैंगिक समानता (Gender Equality) में मील का पत्थर महिला क्रिकेट विश्व कप का इनाम अब पुरुष विश्व कप से भी अधिक है। यह खेल जगत में महिला खिलाड़ियों की पहचान और अवसरों को नई ऊँचाई देगा।
निवेश और विकास आईसीसी का यह निर्णय दर्शाता है कि वह महिला क्रिकेट के भविष्य, दर्शक संख्या, प्रायोजन और जमीनी स्तर के कार्यक्रमों में निवेश कर रहा है।
मेजबानी का महत्व
भारत और श्रीलंका की मेजबानी से—
महिला क्रिकेट का ढांचा (infrastructure) और मजबूत होगा।
नई पीढ़ी की लड़कियाँ क्रिकेट अपनाने के लिए प्रेरित होंगी।
एशियाई बाज़ारों में नए व्यावसायिक और प्रसारण साझेदारी विकसित होंगी।
भारत की छवि एक वैश्विक खेल आयोजक देश के रूप में और सशक्त होगी।
आगे की राह
टूर्नामेंट: 30 सितंबर – 2 नवंबर 2025
प्रारूप: 8 शीर्ष राष्ट्रीय टीमें भारत और श्रीलंका में मुकाबला करेंगी।
भारतीय उम्मीदें: हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना जैसी खिलाड़ी मजबूत चुनौती पेश करेंगी।
आईसीसी: मार्केटिंग, टिकटिंग और फैन एंगेजमेंट को और बेहतर बनाने की तैयारी करेगा।
परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
आयोजन स्थल (Host Country): भारत और श्रीलंका
संस्करण (Edition): 13वाँ
विजेता इनाम राशि: USD 4.48 मिलियन (₹39.55 करोड़)
रनर-अप इनाम राशि: USD 2.24 मिलियन (₹19.77 करोड़)
कुल पुरस्कार राशि: USD 13.88 मिलियन (₹122.5 करोड़)
विशेषता: महिला विश्व कप का पुरस्कार पुरुष विश्व कप 2023 से अधिक