भारत सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (UPS) के नियमों को औपचारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है। यह सार्वजनिक क्षेत्र की पेंशन सुधार प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। केंद्रीय सिविल सेवा (एनपीएस के अंतर्गत UPS के कार्यान्वयन) नियम, 2025 को 4 सितंबर 2025 को अधिसूचित किया गया। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों के लिए सेवा-संबंधी पेंशन मामलों को विनियमित करना है जिन्होंने UPS को अपनाने का विकल्प चुना है।
यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?
UPS, NPS के ढाँचे के भीतर एक संरचित और वैकल्पिक पेंशन व्यवस्था है।
इसे पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त 2024 को मंज़ूरी दी थी।
वित्तीय सेवाएँ विभाग ने इसे 24 जनवरी 2025 को अधिसूचित किया।
1 अप्रैल 2025 से UPS परिचालन में आया।
PFRDA ने इसके संचालन संबंधी दिशा-निर्देश 19 मार्च 2025 को जारी किए।
इसका उद्देश्य उन कर्मचारियों को अधिक स्पष्टता और लचीलापन देना है जो पुराने पेंशन सिस्टम से या NPS के तहत परिभाषित अंशदान योजना से स्थानांतरण चाहते हैं।
UPS नियमों की मुख्य विशेषताएँ
UPS में नामांकन और पात्र NPS कर्मचारियों के लिए एक बार स्विच करने का विकल्प।
कर्मचारी UPS से NPS में भी स्विच कर सकते हैं:
सेवानिवृत्ति से 1 वर्ष पहले, या
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) से 3 महीने पहले।
कर्मचारी और सरकार दोनों का अंशदान संरचना।
पंजीकरण या अंशदान जमा करने में विलंब होने पर क्षतिपूर्ति प्रावधान।
सेवा के दौरान मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में CCS पेंशन नियम या UPS के तहत लाभ विकल्प।
विभिन्न सेवानिवृत्ति स्थितियों के लिए प्रावधान:
सुपरऐनुएशन, समयपूर्व सेवानिवृत्ति, VRS, PSU में समायोजन, अक्षमता, इस्तीफ़ा।
अनिवार्य सेवानिवृत्ति, बर्खास्तगी या सेवा से हटाने के मामलों में भी स्पष्ट नियम।
परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु
UPS नियम अधिसूचित: 4 सितंबर 2025।
लागू: उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर जो NPS के अंतर्गत UPS चुनते हैं।
परिचालन: 1 अप्रैल 2025 से।
PFRDA दिशा-निर्देश: 19 मार्च 2025।
अब कर्मचारी 20 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो सकते हैं (पहले 25 वर्ष थे)।
राष्ट्रीय भुगतान निगम भारत (NPCI) ने 15 सितंबर 2025 से यूपीआई लेन-देन की नई सीमाएँ लागू करने की घोषणा की है। इन संशोधित नियमों के तहत प्रति लेन-देन की सीमा ₹5 लाख और 24 घंटे की कुल सीमा ₹10 लाख कर दी गई है। यह बदलाव बीमा, पूँजी बाजार, सरकारी कर भुगतान और क्रेडिट कार्ड भुगतान जैसी उच्च-मूल्य वाली सेवाओं पर लागू होगा। एनपीसीआई का यह कदम भारत के डिजिटल वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक मजबूत और व्यापक बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।
नई यूपीआई लेन-देन सीमाओं की मुख्य विशेषताएँ
एनपीसीआई (NPCI) के नए निर्देश के अनुसार, प्रमाणित व्यापारियों (Verified Merchants) को किए जाने वाले पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेन-देन के लिए यूपीआई की सीमा बढ़ा दी गई है। ये नई सीमाएँ 15 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी और इनका उद्देश्य उच्च-मूल्य वाले डिजिटल लेन-देन को सरल, सुरक्षित और निर्बाध बनाना है।
संशोधित यूपीआई सीमाएँ (15 सितंबर 2025 से प्रभावी)
श्रेणी (Category)
पुरानी प्रति-लेनदेन सीमा
नई प्रति-लेनदेन सीमा
24 घंटे की अधिकतम सीमा
पूंजी बाजार (निवेश)
₹2 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
बीमा भुगतान
₹2 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (ईएमडी/कर)
₹1 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
क्रेडिट कार्ड भुगतान
₹2 लाख
₹5 लाख
₹6 लाख
ऋण/ईएमआई संग्रह
₹2 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
यात्रा बुकिंग
₹1 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
आभूषण खरीद
₹1 लाख
₹2 लाख
₹6 लाख
एफएक्स रिटेल (बीबीपीएस के माध्यम से)
₹2 लाख
₹5 लाख
₹5 लाख
डिजिटल खातों के माध्यम से सावधि जमा
₹2 लाख
₹5 लाख
₹5 लाख
डिजिटल खाता खोलना (फंडिंग)
₹1 लाख
₹2 लाख
₹2 लाख
किसे लाभ होगा?
यूपीआई सीमा में यह विस्तार मुख्य रूप से निम्न को लाभ पहुँचाएगा –
म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स और एएमसी में लेनदेन करने वाले निवेशक
उच्च-मूल्य बीमा प्रीमियम भुगतान करने वाले पॉलिसीधारक
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (MCC 9311) पर ईएमडी या जीएसटी भुगतान करने वाले करदाता
बड़े क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने वाले कार्डधारक
ऋण लेने वाले उधारकर्ता और थोक ईएमआई/कलेक्शन भुगतान करने वाले व्यवसाय
उच्च मूल्य की यात्राएँ बुक करने वाले यात्री
कैशलेस लेनदेन चाहने वाले आभूषण खरीदार
सुगम ऑनबोर्डिंग और फंडिंग चाहने वाले फॉरेक्स उपयोगकर्ता और डिजिटल खाता खोलने वाले ग्राहक
दायरा और सीमाएँ
यह बदलाव केवल P2M (Person to Merchant) लेनदेन पर लागू होगा (सत्यापित व्यापारियों के लिए)।
P2P (Person to Person) यूपीआई सीमा पूर्ववत् ₹1 लाख/दिन ही रहेगी।
बैंकों और पीएसपी को नई सीमाएँ 15 सितंबर 2025 तक लागू करनी होंगी।
सदस्य बैंक अपने जोखिम नीतियों के अनुसार NPCI की अधिकतम सीमा से कम आंतरिक सीमा तय कर सकते हैं।
परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI)
विकसित किया गया: नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा
लॉन्च वर्ष: 2016
उद्देश्य: मोबाइल के माध्यम से दो बैंक खातों के बीच तत्काल धन हस्तांतरण
मुख्य विशेषता: वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का उपयोग, जिससे संवेदनशील बैंक विवरण साझा करने की आवश्यकता नहीं होती
शिक्षा मंत्रालय द्वारा 4 सितंबर को जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2025 में एक बार फिर आईआईटी-मद्रास को भारत का अग्रणी शैक्षणिक संस्थान घोषित किया गया है। लगातार सातवें वर्ष आईआईटी-मद्रास ने समग्र श्रेणी (Overall Category) में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके बाद क्रमशः भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु और आईआईटी-बॉम्बे रहे।
इस बार यह रैंकिंग 10वें संस्करण के रूप में आई है, जिसमें इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विधि, चिकित्सा, कृषि, शोध और सतत विकास सहित 17 श्रेणियों में उत्कृष्टता को मान्यता दी गई है।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने आधिकारिक रूप से महिला वनडे विश्व कप 2025 का कार्यक्रम घोषित कर दिया है, जो 30 सितंबर से 2 नवंबर 2025 तक आयोजित होगा। यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट भारत और श्रीलंका के पाँच स्थानों पर खेला जाएगा, जिसमें आठ टीमें 28 लीग मैचों और नॉकआउट चरण में भिड़ेंगी। भाग लेने वाली टीमें हैं – भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूज़ीलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान। टूर्नामेंट राउंड-रॉबिन प्रारूप में होगा, जहाँ प्रत्येक टीम बाकी सभी टीमों से एक-एक बार खेलेगी। इसके बाद शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में प्रवेश करेंगी। मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया अब तक महिला वनडे विश्व कप का रिकॉर्ड 7 बार खिताब जीत चुकी है और इस बार भी खिताब बचाने के इरादे से मैदान में उतरेगी।
आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 के आयोजन स्थल
भारत: गुवाहाटी, इंदौर, विशाखापत्तनम, नवी मुंबई
श्रीलंका: कोलंबो (आर. प्रेमदासा स्टेडियम) – पाकिस्तान के सभी मैच यहीं आयोजित किए जाएँगे।
आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025-पूरा कार्यक्रम (IST)
30 सितंबर, 2025 – भारत बनाम श्रीलंका – बरसापारा स्टेडियम, गुवाहाटी – दोपहर 3:00 बजे
1 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूज़ीलैंड – होल्कर स्टेडियम, इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
2 अक्टूबर, 2025 – बांग्लादेश बनाम पाकिस्तान – आर. प्रेमदासा स्टेडियम, कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
3 अक्टूबर, 2025 – इंग्लैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका – बरसापारा स्टेडियम, गुवाहाटी – दोपहर 3:00 बजे
4 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
5 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
6 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका – इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
7 अक्टूबर, 2025 – इंग्लैंड बनाम बांग्लादेश – गुवाहाटी – दोपहर 3:00 बजे
अक्टूबर 8, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
9 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका – विशाखापत्तनम – दोपहर 3:00 बजे
10 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम बांग्लादेश – गुवाहाटी – दोपहर 3:00 बजे
11 अक्टूबर, 2025 – इंग्लैंड बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
12 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – विशाखापत्तनम – दोपहर 3:00 बजे
13 अक्टूबर, 2025 – दक्षिण अफ्रीका बनाम बांग्लादेश – विशाखापत्तनम – दोपहर 3:00 बजे
14 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
15 अक्टूबर, 2025 – इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
16 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम बांग्लादेश – विशाखापत्तनम – दोपहर 3:00 बजे
17 अक्टूबर, 2025 – दक्षिण अफ्रीका बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
18 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
19 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम इंग्लैंड – इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
20 अक्टूबर, 2025 – श्रीलंका बनाम बांग्लादेश – नवी मुंबई – दोपहर 3:00 बजे
21 अक्टूबर, 2025 – दक्षिण अफ्रीका बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
22 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड – इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
23 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम न्यूज़ीलैंड – नवी मुंबई – दोपहर 3:00 बजे
24 अक्टूबर, 2025 – पाकिस्तान बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
25 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका – इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
26 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम इंग्लैंड – विशाखापत्तनम – सुबह 11:00 बजे
26 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम बांग्लादेश – नवी मुंबई – दोपहर 3:00 बजे
29 अक्टूबर, 2025 – पहला सेमीफाइनल – तय नहीं – स्थान तय नहीं – दोपहर 3:00 बजे
30 अक्टूबर, 2025 – दूसरा सेमीफाइनल – नवी मुंबई – दोपहर 3:00 बजे
2 नवंबर, 2025 – फाइनल – तय नहीं – दोपहर 3:00 बजे
आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 – टीमें और स्क्वॉड्स
भारत ने खेलों में डोपिंग परीक्षण प्रणाली को मज़बूत करने के लिए एक दुर्लभ और अत्यंत महत्वपूर्ण एंटी-डोपिंग रेफरेंस मैटेरियल विकसित किया है — मेथांडीनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM)। यह उपलब्धि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) गुवाहाटी और नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (NDTL) नई दिल्ली के संयुक्त सहयोग से संभव हुई है। यह पहल भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करती है जो इतने उन्नत रेफरेंस मैटेरियल तैयार करने की क्षमता रखते हैं।
रेफरेंस मैटेरियल (RM) क्या होते हैं और क्यों ज़रूरी हैं?
ये शुद्ध रासायनिक पदार्थ या उनके मेटाबोलाइट्स होते हैं, जिनका उपयोग सटीक परीक्षण (analytical testing) के लिए किया जाता है।
एंटी-डोपिंग संदर्भ में, इनका प्रयोग होता है:
प्रतिबंधित पदार्थों की पहचान (WADA सूचीबद्ध)
उच्च सटीकता से एथलीट ड्रग टेस्ट करने में
पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने में
दुनिया में केवल 4–5 संस्थान ही ऐसे दुर्लभ RMs बनाते हैं, इसलिए ये बहुत महंगे और कठिनाई से उपलब्ध होते हैं।
मेथांडीनोन LTM का शुभारंभ
4 सितंबर 2025 को डॉ. मनसुख मांडविया (केंद्रीय युवा कार्य व खेल मंत्री) ने नई दिल्ली में NDTL की 22वीं गवर्निंग बॉडी बैठक के दौरान इस मेटाबोलाइट का शुभारंभ किया।
मेथांडीनोन एक एनाबॉलिक स्टेरॉयड है, जिसे खिलाड़ी ताकत और मांसपेशियाँ बढ़ाने के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं।
LTM की खासियत यह है कि यह लंबे समय तक शरीर में मौजूद रहता है, जिससे सेवन के महीनों या वर्षों बाद भी इसका पता लगाया जा सकता है।
मुख्य विशेषताएँ:
वैश्विक स्तर पर व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं
मूत्र परीक्षण के जरिए लंबी अवधि तक ट्रैकिंग
डोपिंग करने वालों पर निवारक (deterrence) प्रभाव
वैज्ञानिक सटीकता से एंटी-डोपिंग प्रवर्तन को मज़बूत करना
NIPER–NDTL सहयोग: डोपिंग परीक्षण में भारत की क्षमता
2020 से दोनों संस्थान मिलकर 22 गैर-व्यावसायिक RMs विकसित कर रहे हैं।
अब तक 12 RMs तैयार किए जा चुके हैं, जिनमें मेथांडीनोन LTM नवीनतम है।
उद्देश्य:
खेलों में पारदर्शिता और ईमानदारी
WADA की 30 मान्यता प्राप्त लैब्स को सहयोग
पश्चिमी देशों से होने वाले महंगे आयात पर निर्भरता घटाना
वैश्विक महत्व और भविष्य की दिशा
साफ-सुथरे खिलाड़ियों को सशक्त बनाना
डोपिंग करने वालों के लिए कड़ा संदेश
भारत को वैज्ञानिक योगदानकर्ता और वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करना
खेल विज्ञान और अनुसंधान में नए अवसर खोलना
“फिट इंडिया” और खेलों में नैतिकता व जवाबदेही को प्रोत्साहित करना
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु
भारत ने सितंबर 2025 में मेथांडीनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM) विकसित किया।
NIPER गुवाहाटी और NDTL नई दिल्ली ने संयुक्त रूप से विकसित किया।
यह रेफरेंस मैटेरियल, सेवन के महीनों बाद भी एनाबॉलिक स्टेरॉयड मेथांडीनोन का पता लगाने में सक्षम है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने ICICI बैंक के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारत भर में DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को लक्षित सहयोग प्रदान किया जाएगा। यह साझेदारी 4 सितंबर 2025 को औपचारिक रूप से हुई और इसे स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स को एक्सेलेरेटर एक्सेस, मेंटरशिप, पायलट अवसर और इकोसिस्टम इंटीग्रेशन जैसे संरचित सहयोग उपलब्ध कराना है।
रणनीतिक सहयोग से स्टार्टअप्स को सशक्त करना
इस MoU के अंतर्गत, ICICI बैंक एक स्टार्टअप एंगेजमेंट प्रोग्राम शुरू करेगा, जो स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर उपलब्ध होगा। यह कार्यक्रम स्टार्टअप इंडिया के संचार और जागरूकता अभियानों के साथ जुड़ा होगा ताकि अधिकतम स्टार्टअप्स तक पहुँचा जा सके।
मुख्य घटक:
मुंबई स्थित ICICI बैंक एक्सेलेरेटर में वर्कस्पेस एक्सेस
प्रोडक्ट-आधारित स्टार्टअप्स के लिए विशेष पाठ्यक्रम
उद्योग विशेषज्ञों से मेंटरशिप
ICICI बैंक की विभिन्न इकाइयों के साथ पायलट प्रोजेक्ट्स का अवसर
वेंचर कैपिटलिस्ट्स, निवेशकों और कॉर्पोरेट क्लाइंट्स से नेटवर्किंग
उद्योग कार्यशालाओं और इनोवेशन शोकेस में आमंत्रण
यह कार्यक्रम विशेष रूप से आरंभिक और विकास चरण के स्टार्टअप्स के लिए तैयार किया गया है।
नवाचार को गति देने के लिए वास्तविक अवसर
इस पहल के तहत स्टार्टअप्स को केवल प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि वास्तविक अनुभव भी मिलेगा।
रीयल-टाइम फीडबैक से उत्पाद में सुधार
मार्केट फिट की शुरुआती मान्यता
ग्राहक अधिग्रहण और निवेशकों के विश्वास की बेहतर संभावना
ICICI बैंक की प्रतिबद्धता
30 जून 2025 तक ₹21.23 लाख करोड़ से अधिक परिसंपत्तियों के साथ, ICICI बैंक देश के अग्रणी निजी बैंकों में से एक है। इस MoU के माध्यम से बैंक ने भारत की नवाचार-चालित वृद्धि में अपनी सक्रिय भागीदारी को और मजबूत किया है।
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु
DPIIT और ICICI बैंक ने 4 सितंबर 2025 को MoU पर हस्ताक्षर किए।
यह पहल स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत है।
ICICI बैंक स्टार्टअप्स को एक्सेलेरेटर, मेंटरशिप और पायलट अवसर उपलब्ध कराएगा।
यह कार्यक्रम स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर उपलब्ध होगा।
भारत में 1 सितम्बर 2025 से चाँदी के आभूषणों और वस्तुओं के लिए HUID (हॉलमार्किंग यूनिक आइडेंटिफिकेशन) आधारित हॉलमार्किंग स्वैच्छिक रूप से लागू की गई है। यह उपभोक्ताओं के लिए चाँदी की शुद्धता और प्रामाणिकता को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की इस पहल का उद्देश्य चाँदी के आभूषणों को उसी तरह के डिजिटल रूप से ट्रैसेबल ढाँचे में लाना है जैसा पहले से सोने की हॉलमार्किंग में अपनाया जा चुका है। इससे खरीदारों को सशक्त बनाया जाएगा और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा होगी।
भारत में चाँदी की हॉलमार्किंग का विकास
चाँदी की हॉलमार्किंग भारत में अक्टूबर 2005 से स्वैच्छिक रूप से शुरू हुई थी, जिसे IS 2112 मानक के तहत नियंत्रित किया गया था।
BIS की शर्तें पूरी करने वाले ज्वैलर्स को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किए जाते थे, जिससे वे हॉलमार्क वाली चाँदी की ज्वैलरी बेच सकते थे।
उपभोक्ताओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता की बढ़ती मांग को देखते हुए BIS ने मानक को IS 2112:2014 से संशोधित कर IS 2112:2025 कर दिया है।
इस संशोधन के साथ ही अब चाँदी के आभूषणों के लिए आधिकारिक रूप से HUID आधारित हॉलमार्किंग लागू की गई है।
HUID आधारित हॉलमार्किंग क्या है?
HUID (Hallmarking Unique Identification) एक 6 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है, जो प्रत्येक हॉलमार्क वाले आभूषण को अलग-अलग पहचान देता है।
इसके फायदे:
आभूषण की पूर्ण ट्रैसेबिलिटी
उपभोक्ता BIS Care App के माध्यम से शुद्धता और प्रामाणिकता की जाँच कर सकते हैं
आभूषण की हॉलमार्किंग की तारीख, शुद्धता और पंजीकरण विवरण की जानकारी मिलती है
नई प्रणाली के तहत चाँदी के प्रत्येक हॉलमार्क वाले आभूषण पर तीन निशान अनिवार्य होंगे:
BIS स्टैंडर्ड मार्क (साथ में “SILVER” शब्द)
प्योरिटी ग्रेड (जैसे 925, 958, 999)
HUID कोड
इससे उपभोक्ता न केवल आभूषण की शुद्धता पर भरोसा कर सकेंगे, बल्कि डिजिटल तरीके से उसकी प्रामाणिकता भी सत्यापित कर पाएंगे।
भारत में चाँदी के आभूषणों पर HUID आधारित हॉलमार्किंग (2025)
बुनियादी ढाँचा और कार्यान्वयन का पैमाना साल 2025 तक –
87 ज़िलों में 230 BIS मान्यता प्राप्त जांच एवं हॉलमार्किंग केंद्र (AHCs) संचालित हो रहे हैं।
वित्त वर्ष 2024–25 में 32 लाख से अधिक चाँदी के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की गई।
BIS Care App के माध्यम से उपभोक्ता HUID कोड स्कैन करके वास्तविक समय में आभूषण की जाँच कर सकते हैं। ये सभी केंद्र गुणवत्ता नियंत्रण, परीक्षण और हॉलमार्क जारी करने का कार्य करते हैं, जिससे भारत की हॉलमार्किंग प्रणाली को मजबूत आधार मिलता है।
हितधारकों की भागीदारी और जन-जागरूकता संशोधित हॉलमार्किंग प्रणाली को सुचारु रूप से लागू करने और उसकी समझ बढ़ाने के लिए 7 अगस्त 2025 को BIS ने एक परामर्श बैठक आयोजित की, जिसमें 80 से अधिक प्रतिभागियों (ज्वैलर्स, AHC प्रतिनिधि और उपभोक्ता) ने हिस्सा लिया।
इसके अलावा BIS सक्रिय रूप से –
अपने शाखा कार्यालयों के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रहा है।
सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर HUID के लाभों का प्रचार कर रहा है।
ज्वैलर्स और उपभोक्ताओं को नए शुद्धता ग्रेड और हॉलमार्किंग प्रारूप की जानकारी दे रहा है।
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु
HUID आधारित चाँदी की हॉलमार्किंग स्वैच्छिक रूप से 1 सितंबर 2025 से प्रारंभ हुई।
IS 2112:2025 मानक ने IS 2112:2014 को प्रतिस्थापित किया।
HUID कोड के माध्यम से BIS Care App पर डिजिटल सत्यापन संभव है।
नए शुद्धता ग्रेड जोड़े गए: 958 और 999। यह बदलाव हॉलमार्किंग संरचना को सरल बनाता है और उपभोक्ताओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाता है।
एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक नियुक्ति के तहत श्री पीयूष गोयल, नागालैंड कैडर के 1994 बैच के आईएएस अधिकारी, ने 4 सितम्बर 2025 को आधिकारिक रूप से खनन मंत्रालय के सचिव का पदभार संभाला। उनकी नियुक्ति श्री वी.एल. कंथा राव के स्थानांतरण के बाद हुई है, जो अब जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। यह बदलाव केंद्र सरकार के उस प्रयास को दर्शाता है जिसमें रणनीतिक महत्व वाले मंत्रालयों में अनुभवी और सक्षम अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
पीयूष गोयल का व्यावसायिक पृष्ठभूमि अपने नए कार्यभार से पहले, श्री पीयूष गोयल गृह मंत्रालय के अधीन नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रहे। NATGRID में उनके नेतृत्व के दौरान उन्होंने कई सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया, जिससे डेटा एकीकरण और राष्ट्रीय खुफिया ढांचे को मज़बूत बनाने में मदद मिली।
प्रशासनिक क्षेत्रों में उनके व्यापक अनुभव के कारण श्री गोयल को जाना जाता है:
एजेंसियों के बीच मज़बूत समन्वय क्षमता के लिए
प्रौद्योगिकी-आधारित शासन में रणनीतिक नेतृत्व के लिए
विकास और सुरक्षा मामलों में संतुलित दृष्टिकोण के लिए
उनकी यह पृष्ठभूमि खनन क्षेत्र में एक नया दृष्टिकोण लाने की उम्मीद है, विशेषकर डिजिटलीकरण, विनियमन और संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में।
खनन मंत्रालय में नेतृत्व परिवर्तन श्री गोयल ने श्री वी.एल. कंथा राव (1992 बैच, आईएएस) का स्थान लिया है, जो अब जल संसाधन विभाग का नेतृत्व कर रहे हैं। श्री राव के कार्यकाल के दौरान, खनन मंत्रालय में:
महत्वपूर्ण खनिजों की खोज का विस्तार हुआ,
राष्ट्रीय खनिज नीति के तहत नए सुधार किए गए,
खनन क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा मिला।
यह बदलाव सरकार के उस निरंतर प्रयास को दर्शाता है जिसमें संसाधन-सघन और रणनीतिक मंत्रालयों में अनुभवी अधिकारियों को नेतृत्व की भूमिका सौंपी जाती है।
परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु
श्री पीयूष गोयल, आईएएस (1994 बैच, नागालैंड कैडर) ने 4 सितम्बर 2025 को खनन मंत्रालय के सचिव का पदभार संभाला।
इससे पहले वे गृह मंत्रालय के अधीन NATGRID के CEO रहे।
उन्होंने श्री वी.एल. कंथा राव, आईएएस (1992 बैच) का स्थान लिया, जो अब जल संसाधन विभाग के सचिव हैं।
भारत में हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन केवल कैलेंडर की एक तारीख भर नहीं है, बल्कि उन शिक्षकों को श्रद्धांजलि है जो पीढ़ियों को दिशा देते हैं और भविष्य गढ़ते हैं। यह अवसर समाज और राष्ट्र की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, जिसमें शिक्षकों की भूमिका को बौद्धिक और नैतिक मूल्यों की नींव मानकर सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2025 में यह दिवस और भी विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस बार इसका केंद्रीय विषय है—“अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना।”
5 सितम्बर क्यों? डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की विरासत
शिक्षक दिवस, भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। जब उनके विद्यार्थियों ने उनका जन्मदिन मनाने का प्रस्ताव रखा, तो उन्होंने विनम्रता से कहा— “यदि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गर्व की बात होगी।” तब से 1962 से हर वर्ष 5 सितम्बर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
2025 का विषय: “अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना”
इस वर्ष का विषय दर्शाता है कि शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जिज्ञासा, रचनात्मकता और चरित्र का निर्माण भी करते हैं। बदलते समय में उनका दायित्व है कि वे छात्रों को केवल किताबों तक सीमित न रखकर उन्हें नवाचार, आत्मनिर्भरता और जीवन कौशल की ओर मार्गदर्शन दें।
भारतभर में उत्सव
शिक्षक दिवस पर देशभर के विद्यालयों और महाविद्यालयों में:
सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, गीत और भाषण होते हैं।
छात्र शिक्षक बनकर कक्षाएं संचालित करते हैं, जो भूमिका परिवर्तन का प्रतीक है।
शिक्षकों को सम्मान पत्र, संदेश और पुरस्कार देकर कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
सोशल मीडिया पर आभार और श्रद्धा से भरे संदेश साझा किए जाते हैं।
सरकार की पहलें
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप सरकार शिक्षकों को सशक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है:
निष्ठा (NISHTHA): विश्व का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
राष्ट्रीय मार्गदर्शन मिशन (NMM): अनुभवी शिक्षकों को नए शिक्षकों का मार्गदर्शन करने का अवसर।
राष्ट्रीय पेशेवर मानक (NPST): शिक्षकों के कार्य और प्रगति के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार: हर वर्ष 5 सितम्बर को उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
डॉ. राधाकृष्णन: जीवन और प्रेरणा
1888 में जन्मे डॉ. राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और शिक्षाविद थे। उन्होंने भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति (1952–1962) और द्वितीय राष्ट्रपति (1962–1967) के रूप में सेवा की। उनका मानना था कि शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण और आत्मिक उत्थान का सर्वोत्तम साधन है।
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु
भारत में शिक्षक दिवस: 5 सितम्बर।
अवसर: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती।
पहली बार मनाया गया: 1962।
2025 का विषय: “अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना”।
शिक्षक दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि उन मस्तिष्कों और मार्गदर्शकों का उत्सव है जो हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। किसी शिक्षक को दिया जाने वाला सबसे सार्थक उपहार एक ऐसी पुस्तक है जो प्रेरित करे, उत्साहित करे और उत्साह से भर दे। सही पुस्तक केवल “धन्यवाद” नहीं कहती, बल्कि यह संदेश देती है – “आपका कार्य जीवन बदल देता है।”
भारत में, जहाँ शिक्षक की भूमिका अत्यंत पूजनीय मानी जाती है, वहाँ ऐसी पुस्तकें जो नेतृत्व, दृष्टि और शैक्षणिक परिवर्तन को उजागर करती हैं, और भी अधिक प्रभावशाली होती हैं। यहाँ कुछ चुनी हुई पुस्तकें दी जा रही हैं, जिन्हें इस शिक्षक दिवस पर उपहार देने या पढ़ने के लिए आदर्श माना जा सकता है।
1. विंग्स ऑफ़ फ़ायर – ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (अरुण तिवारी के साथ)
भारत के “मिसाइल मैन” और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम की आत्मकथा, जो विनम्र पृष्ठभूमि से राष्ट्रीय नेतृत्व तक उनकी यात्रा को दर्शाती है। इसमें उनके शिक्षकों के प्रति गहरी श्रद्धा झलकती है और यह पुस्तक शिक्षा की शक्ति का जीवंत प्रमाण है।
2. इग्नाइटेड माइंड्स – ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
संक्षिप्त, प्रेरणादायक और दूरदर्शी पुस्तक, जो शिक्षकों को राष्ट्र निर्माण में उनकी केंद्रीय भूमिका की याद दिलाती है। इसमें डॉ. कलाम ने विद्यार्थियों में स्वतंत्र सोच और राष्ट्रीय गर्व विकसित करने का आह्वान किया है।
3. हाउ चिल्ड्रन सक्सीड: ग्रिट, क्यूरियोसिटी एंड द हिडन पावर ऑफ कैरेक्टर – पॉल टफ
यह वैश्विक रूप से प्रशंसित पुस्तक बताती है कि सफलता केवल IQ या अंकों पर नहीं, बल्कि दृढ़ता, जिज्ञासा और भावनात्मक लचीलापन जैसी विशेषताओं पर आधारित है। यह पुस्तक उन शिक्षकों के लिए आदर्श है जो जीवन के लिए तैयार विद्यार्थियों का निर्माण करना चाहते हैं।
4. द आर्ट ऑफ टीचिंग – गिल्बर्ट हाईगेट
यह क्लासिक पुस्तक शिक्षा को केवल विज्ञान नहीं, बल्कि एक कला के रूप में प्रस्तुत करती है। इसमें बौद्धिकता, कहानी कहने की कला और मानवीय जुड़ाव का सुंदर संगम है। जो शिक्षक अपने शिक्षण कौशल को गहराई और सुरुचिता देना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक अनमोल है।
5. व्हाट टीचर्स मेक: इन प्रेज़ ऑफ़ द ग्रेटेस्ट जॉब इन द वर्ल्ड – टेलर माली
वायरल कविता पर आधारित यह पुस्तक शिक्षकों के अद्भुत कार्यों का हृदयस्पर्शी और हास्यपूर्ण चित्रण करती है। यह पुस्तक शिक्षकों को उनकी महत्ता और समाज पर उनके स्थायी प्रभाव की याद दिलाती है।
6. लेटर्स टू ए यंग टीचर – जोनाथन कोज़ोल
वरिष्ठ शिक्षक जोनाथन कोज़ोल के पत्रों का यह संग्रह युवा शिक्षकों के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा का स्रोत है। विशेषकर उन शिक्षकों के लिए जो संसाधनहीन क्षेत्रों में कार्य करते हैं या शिक्षा में सामाजिक समानता के प्रति जुनून रखते हैं। यह पुस्तक याद दिलाती है कि चुनौतियों के बावजूद, शिक्षण अब भी सबसे महान पेशों में से एक है।