इसरो का कुलसेकरपट्टिनम अंतरिक्ष बंदरगाह दिसंबर 2026 तक तैयार होगा

भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए एक बड़े कदम के रूप में, इसरो (ISRO) ने घोषणा की है कि तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले के कुलसेकरपट्टिनम में बन रहा नया प्रक्षेपण केंद्र (लॉन्च कॉम्प्लेक्स) दिसंबर 2026 तक पूरी तरह से संचालित हो जाएगा। यह भारत का दूसरा अंतरिक्ष बंदरगाह होगा, जो श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के साथ कार्य करेगा और मुख्य रूप से स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के प्रक्षेपण के लिए समर्पित होगा।

कुलसेकरपट्टिनम लॉन्च कॉम्प्लेक्स: मुख्य तथ्य

  • स्थान: तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले का तटीय गाँव कुलसेकरपट्टिनम

  • क्षेत्रफल: लगभग 2,300 एकड़

  • समापन लक्ष्य: दिसंबर 2026

  • शिलान्यास: फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से

  • लक्ष्य: प्रतिवर्ष 20–25 SSLV प्रक्षेपण

यह नया केंद्र श्रीहरिकोटा पर बढ़ते दबाव को कम करेगा और भारत की प्रक्षेपण क्षमता को और मज़बूत बनाएगा।

दूसरा लॉन्च कॉम्प्लेक्स क्यों आवश्यक?

  1. SSLV में विशेषज्ञता

  • छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) 500 किलोग्राम तक का पेलोड 400 किमी ऊँचाई तक ले जा सकते हैं।

  • ये कम लागत वाले, तेज़ी से असेंबल होने वाले और कई छोटे उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित करने के लिए उपयुक्त हैं।

  • कुलसेकरपट्टिनम में समर्पित SSLV कॉम्प्लेक्स से बार-बार और ऑन-डिमांड प्रक्षेपण संभव होंगे।

  1. भौगोलिक लाभ

  • विषुवत रेखा (Equator) के पास तटीय क्षेत्र में स्थित होने के कारण सीधी दक्षिण दिशा में प्रक्षेपण संभव है।

  • यह आबादी वाले क्षेत्रों से बचते हुए ध्रुवीय और सूर्य-समानकालिक कक्षाओं (Polar & Sun-synchronous Orbits) में उपग्रह भेजने के लिए आदर्श है।

  1. स्थानीय अर्थव्यवस्था और विज्ञान को बढ़ावा

  • यह परियोजना तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्से में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।

  • कुशल नौकरियों का सृजन, एयरोस्पेस निवेश आकर्षण और STEM शिक्षा व क्षेत्रीय वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा मिलेगा।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

  • स्थान: कुलसेकरपट्टिनम, तूतीकोरिन, तमिलनाडु

  • क्षमता: 20–25 SSLV प्रक्षेपण प्रतिवर्ष

  • प्रक्षेपण यान: स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV)

  • पेलोड क्षमता: 500 किलोग्राम तक

  • वर्तमान लॉन्च साइट: श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)

  • इसरो प्रमुख: वी. नारायण

सिटीबैंक ने कौस्तुभ कुलकर्णी को एशिया-प्रशांत आईबी का सह-प्रमुख नियुक्त किया

सिटीबैंक (Citibank) ने कौस्तुभ कुलकर्णी को एशिया-प्रशांत (Asia-Pacific) क्षेत्र के निवेश बैंकिंग के सह-प्रमुख (Co-head of Investment Banking) के रूप में नियुक्त किया है। यह क्षेत्र जापान, उत्तर एशिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण एशिया जैसे प्रमुख बाज़ारों को शामिल करता है।

कुलकर्णी दिसंबर 2025 में सिटीग्रुप से जुड़ेंगे (नियामकीय मंज़ूरी के बाद) और वे सिंगापुर से काम करेंगे। यहाँ वे सिटी के मौजूदा एशिया-प्रशांत निवेश बैंकिंग प्रमुख जैन मेट्ज़गर के साथ मिलकर काम करेंगे।

कौस्तुभ कुलकर्णी का अनुभव और भूमिका

कुलकर्णी के पास लगभग तीन दशकों का अनुभव है, जो उन्होंने जेपी मॉर्गन (JPMorgan) में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए अर्जित किया। वे –

  • कंट्री ऑफिसर, भारत

  • हेड ऑफ़ इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, भारत

  • सह-प्रमुख, दक्षिण-पूर्व एशिया इन्वेस्टमेंट बैंकिंग

रहे हैं।

सिटीबैंक में उनका कार्यक्षेत्र –

  • कॉरपोरेट एडवाइजरी

  • कैपिटल रेज़िंग

  • रणनीतिक लेन-देन (Strategic Transactions)

पर केंद्रित होगा। उनकी नियुक्ति का उद्देश्य एशिया में बढ़ते आईपीओ, सीमा-पार विलय-अधिग्रहण (M&A) और प्राइवेट इक्विटी गतिविधियों का लाभ उठाना है।

अन्य प्रमुख नियुक्तियाँ

सिटीबैंक ने क्षेत्र में नेतृत्व को और मज़बूत करने के लिए दो और महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ की हैं –

  1. विक्रम चावली

    • पूर्व में गोल्डमैन सैक्स के साथ जुड़े रहे।

    • अब सिटीबैंक में मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड, ग्लोबल एसेट मैनेजर्स (GAM), जापान, एशिया और ऑस्ट्रेलिया

    • हांगकांग में स्थित रहेंगे।

  2. दीपक डांगयाच

    • मैनेजिंग डायरेक्टर और सह-प्रमुख, डेट कैपिटल मार्केट्स (DCM), एशिया और ऑस्ट्रेलिया नियुक्त।

    • यह नियुक्ति फिक्स्ड इनकम और बॉन्ड इश्यूअन्स क्षेत्र में सिटी की मज़बूती को दर्शाती है।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • नियुक्त व्यक्ति: कौस्तुभ कुलकर्णी

  • नया पद: सह-प्रमुख, निवेश बैंकिंग (Co-head, Investment Banking), एशिया-प्रशांत

  • स्थान: सिंगापुर

  • पूर्व संगठन: जेपी मॉर्गन (लगभग 30 वर्षों का अनुभव)

आर गांधी को RBI ने यस बैंक का अध्यक्ष फिर से नियुक्त किया

नेतृत्व की निरंतरता और सुशासन की स्थिरता को मज़बूत करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने निजी क्षेत्र के बैंक यस बैंक में आर. गांधी को आंशिककालिक (Part-time) गैर-कार्यकारी अध्यक्ष (Non-executive Chairman) के रूप में पुनर्नियुक्त करने की मंज़ूरी दे दी है। उनका नया कार्यकाल 20 सितंबर 2025 से 13 मई 2027 तक रहेगा। यह जानकारी बैंक की नियामक फाइलिंग में दी गई है।

यह फ़ैसला उस समय आया है जब यस बैंक अपनी सुधार यात्रा जारी रखे हुए है और निवेशकों के विश्वास तथा संस्थागत निगरानी को और मज़बूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

आर. गांधी कौन हैं?

राम सुब्रमणियम गांधी (Rama Subramaniam Gandhi) भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उन्होंने 37 से अधिक वर्षों तक केंद्रीय बैंकर के रूप में कार्य किया और 2014 से 2017 तक RBI के डिप्टी गवर्नर रहे।

उनके योगदान –

  • बैंकिंग विनियमन, भुगतान प्रणाली और मुद्रा प्रबंधन में नेतृत्वकारी भूमिकाएँ।

  • SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) में तीन वर्ष का प्रतिनियुक्ति कार्यकाल, जहाँ उन्होंने पूंजी बाज़ार के नियमन में योगदान दिया।

  • हैदराबाद में बैंकिंग प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीआरबीटी) में निदेशक के रूप में कार्यकाल।

यस बैंक पर प्रभाव

2020 के संकट के बाद पुनर्गठन और पूंजी प्रवाह के साथ यस बैंक RBI की निगरानी में मज़बूत हुआ है। इस समय गांधी की मौजूदगी –

  • नियामकीय विश्वसनीयता और वित्तीय अनुशासन लाती है।

  • दीर्घकालिक रणनीतिक योजना और सुशासन में सहायक होगी।

  • RBI मानकों के साथ अनुपालन की स्थिति को मज़बूत करेगी।

गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में गांधी दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं होंगे, लेकिन वे बोर्ड की कार्यप्रणाली, जोखिम निगरानी और नियामक संवाद की देखरेख में अहम भूमिका निभाएँगे।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • पुनर्नियुक्ति अवधि: 20 सितंबर 2025 – 13 मई 2027

  • नियुक्त व्यक्ति: आर. गांधी

  • पद: आंशिककालिक गैर-कार्यकारी अध्यक्ष, यस बैंक

  • पूर्व भूमिका: RBI के डिप्टी गवर्नर (2014–2017)

  • अन्य भूमिकाएँ: SEBI में प्रतिनियुक्ति, IDRBT निदेशक

स्केचर्स ने मोहम्मद सिराज को ब्रांड एंबेसडर बनाया

भारत के तेजी से बढ़ते क्रिकेट फुटवियर बाज़ार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए वैश्विक स्पोर्ट्सवियर ब्रांड स्केचर्स (Skechers) ने भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज को अपना नया ब्रांड एंबेसडर बनाया है। यह साझेदारी स्केचर्स की भारतीय क्रिकेट में बढ़ती मौजूदगी का संकेत है और इसके एथलीट्स की सूची में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है। अब सिराज स्केचर्स के क्रिकेट फुटवियर पहनते नज़र आएंगे और ब्रांड के परफ़ॉर्मेंस एवं लाइफ़स्टाइल अभियानों का हिस्सा होंगे।

क्यों चुने गए मोहम्मद सिराज?

सिराज आज भारत के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ों में गिने जाते हैं और हाल के वर्षों में उनकी लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ी है।

उनकी कुछ अहम उपलब्धियाँ –

  • इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में भारत के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़।

  • इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में गुजरात टाइटन्स के अहम खिलाड़ी।

  • साधारण पृष्ठभूमि से उठकर कड़ी मेहनत और लगातार प्रदर्शन से युवाओं के लिए प्रेरणा।

युवाओं से जुड़ाव और मैदान पर प्रदर्शन सिराज को परफ़ॉर्मेंस-ड्रिवन ब्रांड स्केचर्स के लिए आदर्श चेहरा बनाता है।

भारत में स्केचर्स की क्रिकेट रणनीति

अब तक स्केचर्स मुख्य रूप से लाइफ़स्टाइल और रनिंग शूज़ पर केंद्रित रहा है। लेकिन क्रिकेट फुटवियर में उतरना उसके परफ़ॉर्मेंस स्पोर्ट्सवियर विस्तार की योजना को दर्शाता है।

ब्रांड की रणनीति में शामिल है –

  • भारत-विशेष क्रिकेट गियर लॉन्च करना।

  • शीर्ष क्रिकेटरों जैसे जसप्रीत बुमराह और अब मोहम्मद सिराज को जोड़ना।

  • क्रिकेट जूतों को उच्च प्रदर्शन और किफ़ायती विकल्प के रूप में पेश करना।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट बाज़ार है, ऐसे में स्केचर्स नाइकी, एडिडास और प्यूमा जैसे स्थापित ब्रांडों को चुनौती देना चाहता है।

अभियान और बाज़ार पर असर

सिराज स्केचर्स के आगामी परफ़ॉर्मेंस और लाइफ़स्टाइल अभियानों में दिखाई देंगे, जिन्हें अगले आईपीएल सीज़न और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट आयोजनों के दौरान लॉन्च किया जाएगा।

इन अभियानों में मुख्य रूप से दिखाया जाएगा –

  • स्केचर्स के क्रिकेट शूज़ की तकनीकी खूबियाँ।

  • सिराज की प्रेरणादायक यात्रा और खेल उत्कृष्टता।

  • ब्रांड का वादा: आराम, टिकाऊपन और प्रदर्शन

इस साझेदारी से स्केचर्स को भारत के युवाओं और क्रिकेट प्रेमियों में ब्रांड रिकॉल और जुड़ाव बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है, खासकर शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में।

Lunar Eclipse: 7 सितंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण

7 सितंबर 2025 की पूर्णिमा की रात को लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा। इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए ब्लड मून बनेगा। उसी समय शनि ग्रह अपने छल्लों के साथ और नीला-हरा चमकता हुआ वरुण (Neptune) भी चंद्रमा के पास दिखाई देंगे। यह दुर्लभ खगोलीय घटना वैज्ञानिकों, ज्योतिषाचार्यों और धार्मिक मान्यताओं के सभी दृष्टिकोण से बेहद खास है।

यह वर्ष 2025 का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण होगा और एशिया, अफ्रीका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया सहित पूर्वी गोलार्ध के बड़े हिस्से से साफ़-साफ़ देखा जा सकेगा। यह खगोलीय दृश्य न केवल पर्यवेक्षकों और फोटोग्राफरों के लिए अद्भुत है बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ब्लड मून क्या है?

ब्लड मून पूर्ण चंद्रग्रहण के समय होता है, जब पृथ्वी सीधे सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और अपनी छाया चंद्रमा पर डालती है। अंधकार में गायब होने के बजाय चंद्रमा लालिमा लिए चमकने लगता है। यह प्रभाव रेले स्कैटरिंग (Rayleigh Scattering) के कारण होता है—वही प्रक्रिया जिसके कारण सूर्योदय और सूर्यास्त लाल दिखाई देते हैं।

जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है तो नीली छोटी तरंगें बिखर जाती हैं और लाल लंबी तरंगें मुड़कर चंद्रमा तक पहुँचती हैं। इस कारण चंद्रमा लाल रंग की छटा लिए दिखता है। यह लालिमा वातावरण में धूल, प्रदूषण और बादलों की मात्रा के अनुसार हल्की या गहरी हो सकती है।

ग्रहण का समय-सारणी (UTC समयानुसार)

  • उपच्छाया (Penumbral) ग्रहण आरंभ: 15:28

  • आंशिक ग्रहण आरंभ: 16:27

  • पूर्ण ग्रहण आरंभ: 17:30

  • ग्रहण का अधिकतम चरण: 18:11

  • पूर्ण ग्रहण समाप्त: 18:52

  • आंशिक ग्रहण समाप्त: 19:56

  • उपच्छाया ग्रहण समाप्त: 20:55

पूर्ण चरण (Totality) कुल 82 मिनट तक चलेगा, जो सामान्य 60–70 मिनट की तुलना में अधिक है।

कहाँ दिखाई देगा ब्लड मून?

  • एशिया और ऑस्ट्रेलिया: पूरा ग्रहण शुरू से अंत तक दिखाई देगा।

  • पूर्वी अफ्रीका और यूरोप: विशेषकर पूर्ण चरण के दौरान सबसे अच्छा दृश्य मिलेगा।

  • उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका: दिखाई नहीं देगा (क्योंकि वहाँ दिन का समय होगा)।

भारत, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप के कई हिस्सों से यह ग्रहण साफ़ दिखाई देगा।

कैसे देखें ग्रहण?

  • यह पूरी तरह नग्न आंखों से सुरक्षित है।

  • अनुभव को बेहतर बनाने के लिए आप दूरबीन या टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • सबसे अच्छा दृश्य साफ़ और अंधेरे आकाश वाले क्षेत्रों में मिलेगा, जहाँ कृत्रिम रोशनी कम हो।

  • बादलों से बचने के लिए खुले और साफ़ मौसम का इंतज़ार करें।

जिन क्षेत्रों में ग्रहण दिखाई नहीं देगा, वहाँ कई प्लेटफ़ॉर्म इस घटना का लाइव प्रसारण करेंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • TimeandDate.com (दोपहर 12 बजे पूर्वी मानक समय से शुरू)
  • वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट (दोपहर 1:45 बजे पूर्वी मानक समय)
  • नासा, स्थानीय वेधशालाओं के साथ मिलकर, वास्तविक समय की टिप्पणी और दृश्य प्रदान करेगा।

इस ग्रहण का महत्व

  • 2025 का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण (82 मिनट)।

  • वैज्ञानिक अध्ययन: चंद्रमा की लालिमा से पृथ्वी के वायुमंडल की स्थिति का आकलन किया जा सकता है।

  • सांस्कृतिक महत्व: प्राचीन काल से इसे विभिन्न किंवदंतियों, पर्वों और अनुष्ठानों से जोड़ा गया है। यह हार्वेस्ट मून के साथ संयोग करता है, जो फसल उत्सवों से संबंधित है।

  • दुर्लभ अवसर: अमेरिका के लोग इसे नहीं देख पाएंगे, उन्हें अगली बार 2–3 मार्च 2026 को देखने का मौका मिलेगा।

एशिया कप 2025 का कार्यक्रम, प्रमुख मैच, समय और स्थान देखें

एशिया कप 2025, जो एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) द्वारा आयोजित महाद्वीपीय क्रिकेट टूर्नामेंट है, 9 सितंबर 2025 से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शुरू होगा। यह टूर्नामेंट का 17वां संस्करण होगा, जिसमें मुकाबले टी20 प्रारूप में खेले जाएंगे ताकि टीमों को वर्ष 2026 में होने वाले टी20 विश्व कप की तैयारी का अवसर मिल सके। इस प्रतियोगिता में रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे, जिनमें सबसे बहुप्रतीक्षित मैच भारत बनाम पाकिस्तान 14 सितंबर को दुबई में खेला जाएगा।

यह रहा एशिया कप 2025 का पूरा कार्यक्रम (IST में) 

तिथि मुकाबला चरण समय स्थान
9 सितम्बर अफ़ग़ानिस्तान बनाम हांगकांग चीन ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
10 सितम्बर भारत बनाम यूएई ग्रुप A रात 8:00 बजे दुबई
11 सितम्बर बांग्लादेश बनाम हांगकांग चीन ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
12 सितम्बर पाकिस्तान बनाम ओमान ग्रुप A रात 8:00 बजे दुबई
13 सितम्बर बांग्लादेश बनाम श्रीलंका ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
14 सितम्बर भारत बनाम पाकिस्तान ग्रुप A रात 8:00 बजे दुबई
15 सितम्बर यूएई बनाम ओमान ग्रुप A शाम 5:30 बजे अबू धाबी
15 सितम्बर श्रीलंका बनाम हांगकांग चीन ग्रुप B रात 8:00 बजे दुबई
16 सितम्बर बांग्लादेश बनाम अफ़ग़ानिस्तान ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
17 सितम्बर पाकिस्तान बनाम यूएई ग्रुप A रात 8:00 बजे दुबई
18 सितम्बर श्रीलंका बनाम अफ़ग़ानिस्तान ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
19 सितम्बर भारत बनाम ओमान ग्रुप A रात 8:00 बजे अबू धाबी
20 सितम्बर ग्रुप B Q1 बनाम ग्रुप B Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
21 सितम्बर ग्रुप A Q1 बनाम ग्रुप A Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
23 सितम्बर ग्रुप A Q1 बनाम ग्रुप B Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे अबू धाबी
24 सितम्बर ग्रुप B Q1 बनाम ग्रुप A Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
25 सितम्बर ग्रुप A Q2 बनाम ग्रुप B Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
26 सितम्बर ग्रुप A Q1 बनाम ग्रुप B Q1 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
28 सितम्बर फाइनल फाइनल रात 8:00 बजे दुबई

कुल मैच: 19

स्थल

  • दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम – 11 मैच (जिसमें फाइनल भी शामिल है)

  • शेख ज़ायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी – 8 मैच

टूर्नामेंट प्रारूप

  1. ग्रुप चरण – 8 टीमें, 2 समूहों में विभाजित।

  2. सुपर 4 चरण – प्रत्येक समूह की शीर्ष 2 टीमें सुपर 4 में पहुँचेंगी।

  3. फाइनल – सुपर 4 की सर्वश्रेष्ठ 2 टीमें 28 सितम्बर 2025 को दुबई में भिड़ेंगी।

एशिया कप 2025: टीमें और समूह

  • ग्रुप A: भारत, पाकिस्तान, यूएई, ओमान

  • ग्रुप B: श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान, हांगकांग चीन

टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच अफ़ग़ानिस्तान बनाम हांगकांग चीन (9 सितम्बर) होगा।
भारत का पहला मैच भारत बनाम यूएई (10 सितम्बर, दुबई) होगा।

भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला – आकर्षण का केंद्र

  • तारीख: 14 सितम्बर 2025

  • स्थान: दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम

  • संभावना: दोनों टीमों की प्रगति पर निर्भर करते हुए, भारत-पाकिस्तान के बीच 3 मुकाबले हो सकते हैं –

    • ग्रुप स्टेज

    • सुपर 4

    • फाइनल

एशिया कप इतिहास और रिकॉर्ड

  • वर्तमान चैंपियन (2023): भारत

  • सबसे ज़्यादा खिताब: भारत – 8 बार

  • श्रीलंका: 6 खिताब

  • पाकिस्तान: 2 खिताब

  • स्थापना: 1983 से आयोजित

  • प्रारूप: 2016 से बारी-बारी से ODI और T20I

  • पिछला T20 एशिया कप (2022): श्रीलंका ने पाकिस्तान को फाइनल में हराया

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • भारत एशिया कप इतिहास की सबसे सफल टीम है।

  • श्रीलंका T20 प्रारूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा है।

  • पाकिस्तान का प्रदर्शन यूएई की परिस्थितियों में देखने योग्य रहेगा।

  • यूएई और ओमान को घरेलू मैदान पर अपनी प्रतिभा दिखाने का बड़ा मौका मिलेगा।

PMAY-U 2.0 को बढ़ावा देने के लिए अंगीकार 2025 अभियान शुरू किया गया

आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने 4 सितंबर 2025 को अंगीकार 2025 अभियान की शुरुआत की। यह विशेष जागरूकता और संपर्क अभियान प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के अंतर्गत चलाया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य शहरी आवास योजनाओं में अंतिम चरण तक लाभ पहुँचाना, जागरूकता बढ़ाना और जन भागीदारी (community participation) को प्रोत्साहित करना है।

क्या है अंगीकार 2025?

  • यह एक दो माह का राष्ट्रीय अभियान है (4 सितंबर से 31 अक्टूबर 2025 तक)।

  • मुख्य उद्देश्य :

    • संशोधित PMAY-U 2.0 योजना के बारे में जागरूकता फैलाना।

    • आवेदन सत्यापन को तेज़ करना और स्वीकृत घरों का शीघ्र निर्माण सुनिश्चित करना।

    • लाभार्थियों को क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर लो इन्कम हाउसिंग (CRGFTLIH) तथा पीएम सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना जैसी संबंधित योजनाओं की जानकारी देना।

    • विशेष फोकस समूह (SFG) के अंतर्गत कमजोर वर्गों को प्राथमिकता देना।

  • क्रियान्वयन : यह अभियान 5,000+ शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) में चलाया जा रहा है, जिसमें घर-घर संपर्क, सामुदायिक कार्यक्रम और ऋण मेले (loan melas) शामिल हैं।

पीएमएवाई-यू और पीएमएवाई-यू 2.0 की प्रगति

  • अब तक 120 लाख घर स्वीकृत, जिनमें से 94.11 लाख पक्के घर पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे गए

  • अंगीकार 2025 के तहत :

    • शेष घरों के निर्माण की गति बढ़ेगी।

    • 1 करोड़ अतिरिक्त शहरी परिवारों को PMAY-U 2.0 में जोड़ा जाएगा।

    • प्रत्येक लाभार्थी को ₹2.5 लाख की वित्तीय सहायता मिलेगी पक्का घर बनाने या खरीदने के लिए।

अंगीकार 2025 का महत्व

  • नीति और क्रियान्वयन के बीच की खाई भरना, यानी जागरूकता से अंतिम लाभ तक पहुँचाना।

  • अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ अभिसरण (convergence) सुनिश्चित करना।

  • कमजोर और निम्न आय वर्ग की शहरी आबादी को आवास के अधिकार और अवसर दिलाना।

  • जन भागीदारी (Jan Bhagidari) को प्रोत्साहित कर लाभार्थियों में स्वामित्व की भावना पैदा करना।

  • सरकार के “सभी के लिए आवास” लक्ष्य को मज़बूती से आगे बढ़ाना।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • लॉन्च तिथि : 4 सितंबर 2025

  • अवधि : 2 माह (31 अक्टूबर 2025 तक)

  • कवरेज : 5,000+ शहरी स्थानीय निकाय

  • जुड़ी योजनाएँ : PMAY-U 2.0, CRGFTLIH, पीएम सूर्य घर योजना

अनुतिन चार्नविराकुल बने थाईलैंड के नए प्रधानमंत्री

अनुतिन चार्नवीराकुल (Anutin Charnvirakul), अनुभवी राजनीतिज्ञ और भुमजैथाई पार्टी (Bhumjaithai Party) के नेता, 5 सितंबर 2025 को थाईलैंड के प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए। उन्हें संसद में 63% मतों के साथ भारी जीत मिली। यह जीत थाई राजनीति में बड़ा बदलाव है, क्योंकि इससे अरबपति थक्सिन शिनावात्रा समर्थित लंबे समय से प्रभावशाली फेउ थाई पार्टी (Pheu Thai Party) का दबदबा कमजोर हुआ और एक सप्ताह से जारी राजनीतिक उथल-पुथल का अंत हुआ।

प्रोफ़ाइल : अनुतिन चार्नवीराकुल

  • आयु : 58 वर्ष

  • पिता : पूर्व कैबिनेट मंत्री

  • पद : पूर्व उपप्रधानमंत्री, गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री

  • उपलब्धि : थाईलैंड की कोविड-19 प्रतिक्रिया का नेतृत्व किया

  • नीति : कैनबिस (गांजा) के अपराधमुक्तिकरण में प्रमुख भूमिका, जिससे खुदरा क्षेत्र में तेज़ी आई

  • विचारधारा : प्रखर राजभक्त (Royalist), परंतु व्यावहारिक नीतिगत दृष्टिकोण

राजनीतिक रणनीति और गठबंधन

  • अनुतिन ने फेउ थाई पार्टी को पीछे छोड़ने के लिए विपक्ष की सबसे बड़ी संसदीय पार्टी पीपुल्स पार्टी से रणनीतिक समझौता किया।

  • वादा किया कि :

    • संवैधानिक सुधार पर जनमत संग्रह कराया जाएगा।

    • चार माह के भीतर नए चुनाव कराए जाएंगे।

  • भले ही पीपुल्स पार्टी सरकार में शामिल नहीं होगी, लेकिन उनके समर्थन से अनुतिन की जीत सुनिश्चित हुई।

इस कदम ने अनुतिन को एक चतुर डीलमेकर के रूप में स्थापित किया और भुमजैथाई पार्टी को प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच मध्य मार्ग की ताकत बना दिया।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • चुनाव की तिथि : 5 सितंबर 2025

  • पार्टी : भुमजैथाई पार्टी (Bhumjaithai Party)

  • पराजित प्रतिद्वंद्वी : चैकासेम नीतिसिरी (Pheu Thai Party)

  • मत प्रतिशत : 63%

  • गठबंधन समर्थन : पीपुल्स पार्टी (संसद की सबसे बड़ी पार्टी)

युद्धविराम के बाद यूक्रेन में सैनिक तैनात करने के लिए 26 देश तैयार

रूस के साथ चल रहे युद्ध के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 26 देशों ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने का संकल्प लिया है। यह घोषणा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 4 सितंबर 2025 को पेरिस में हुए शिखर सम्मेलन में की। इन गारंटियों में ज़मीनी, समुद्री और हवाई तैनाती की संभावनाएँ शामिल हैं, जो भविष्य में रूस की किसी भी आक्रामक कार्रवाई को रोकने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही हैं।

सुरक्षा गारंटी का स्वरूप

  • 26 देशों का “Coalition of the Willing” ढांचा तैयार किया जा रहा है।

  • युद्ध समाप्त होते ही यह सुरक्षा ढांचा सक्रिय हो जाएगा।

  • कुछ देश सीधे यूक्रेन में सैनिक तैनात कर सकते हैं, जबकि अन्य प्रशिक्षण, हथियार आपूर्ति और वित्तीय सहयोग देंगे।

  • देशों को अपनी भूमिका चुनने की लचीलापन दी गई है।

सैन्य और गैर-सैन्य प्रतिबद्धताएँ

  • फ्रांस और ब्रिटेन : युद्धोत्तर सैनिक भेजने की संभावना जताई।

  • जर्मनी और इटली : जर्मनी ने अमेरिका की भूमिका स्पष्ट होने तक इंतज़ार की बात कही, जबकि इटली केवल प्रशिक्षण देगा, सैनिक नहीं भेजेगा।

  • बुल्गारिया : ज़मीनी सैनिक नहीं भेजेगा, लेकिन काला सागर (Black Sea) में नौसैनिक गतिविधियों, खासकर माइन हटाने (De-mining) में योगदान देगा।

  • बुल्गारिया ने रोमानिया और तुर्की के साथ क्षेत्रीय नौसैनिक सुरक्षा समझौते का प्रस्ताव भी रखा।

रणनीतिक महत्व

ये सुरक्षा गारंटी निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हैं –

  • युद्धविराम या शांति समझौते के बाद रूस की आक्रामकता को रोकना

  • यूक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा

  • भविष्य में नाटो या यूरोपीय संघ में एकीकरण की राह आसान करना।

  • यूक्रेन को दीर्घकालिक सुरक्षा कवच प्रदान करना, भले ही उसे तुरंत नाटो की सदस्यता न मिले।

यूरोपीय नेताओं ने ज़ोर दिया कि भले ही शांति अभी दूर हो, युद्धोत्तर सुरक्षा ढाँचे की तैयारी बेहद आवश्यक है, ताकि पिछली गलतियों को दोहराया न जाए।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • मुख्य घोषणा : 26 देशों ने युद्धोपरांत यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने का संकल्प लिया।

  • सहयोग का स्वरूप : भूमि, समुद्र, वायु, प्रशिक्षण, हथियार, वित्तीय सहायता, प्रतिबंध समन्वय।

  • यूक्रेन के राष्ट्रपति : वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की

  • रूस के राष्ट्रपति : व्लादिमीर पुतिन

भारत का पहला गिद्ध ज्ञान पोर्टल असम में लॉन्च किया गया

भारत का पहला ऑनलाइन गिद्ध ज्ञान पोर्टल (The Vulture Network) 2 सितंबर 2025 को असम में अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस के अवसर पर लॉन्च किया गया। यह पोर्टल असम के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किया गया है और गिद्ध संरक्षण के लिए वैज्ञानिक जानकारी, जागरूकता सामग्री तथा सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने का एक डिजिटल मंच है।

वल्चर नेटवर्क पोर्टल की विशेषताएँ

  • गिद्ध प्रजातियों और उनके संरक्षण की स्थिति पर वैज्ञानिक डाटा

  • जागरूकता अभियानों के लिए निःशुल्क डाउनलोड सामग्री

  • नागरिक विज्ञान (Citizen Science) पहलों को समर्थन देने वाले उपकरण

  • विद्यार्थी, शोधकर्ता और संरक्षणवादियों के लिए अनुकूल संसाधन

यह परियोजना वी फाउंडेशन इंडिया के सहयोग से शुरू की गई है, जिसमें गौहाटी विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग, असम बर्ड मॉनिटरिंग नेटवर्क, LASA फाउंडेशन, सुरक्षा समिति और अन्य संरक्षण कार्यकर्ताओं का योगदान शामिल है।

भारत में गिद्ध संकट

पिछले कुछ दशकों में भारत में गिद्धों की संख्या तेजी से घटी है और कई प्रजातियाँ गंभीर संकटग्रस्त (Critically Endangered) स्थिति में हैं।

मुख्य खतरे –

  • शवों (Carcasses) में ज़हरीले अवशेषों से विषाक्तता

  • डाइक्लोफेनाक जैसी पशु-चिकित्सा दवाएँ, जो गिद्धों के लिए घातक हैं

  • आवास (Habitat) और सुरक्षित भोजन स्थलों की कमी

  • नकारात्मक सामाजिक धारणाएँ और नीतिगत उपेक्षा

विशेष रूप से स्लेंडर-बिल्ड गिद्ध (Slender-billed Vulture) की संख्या केवल ~800 रह गई है।

समुदाय और नागरिक विज्ञान की भूमिका

विशेषज्ञों ने बताया कि गिद्ध संरक्षण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है।

  • शवों के सुरक्षित निपटान और गिद्ध-हितैषी प्रथाओं पर जागरूकता

  • पोषणयुक्त और सुरक्षित भोजन स्रोत तैयार करना

  • नागरिक विज्ञान परियोजनाओं के माध्यम से जनसंख्या की निगरानी

  • वैज्ञानिक शोध और सामुदायिक सहयोग का मेल

डॉ. रूपम भदुरी (असम बर्ड मॉनिटरिंग नेटवर्क) ने उदाहरण प्रस्तुत किया कि नागरिक-नेतृत्व वाली निगरानी से संरक्षण की योजना बनाने में उपयोगी डाटा मिल सकता है।

महत्व

इस पोर्टल का शुभारंभ –

  • पूरे भारत के संरक्षणवादियों के लिए एकीकृत डिजिटल मंच

  • गिद्धों पर मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने का साधन

  • संकटग्रस्त प्रजातियों पर नीति-निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास

  • वैज्ञानिकों और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग का पुल

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

गिद्धों की भूमिका

  • पशु शवों को खाकर पर्यावरण को साफ रखते हैं।

  • बीमारियों के फैलाव को रोकते हैं और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखते हैं।

भारत में पाई जाने वाली गिद्ध प्रजातियाँ (कुल 9)

  1. ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड वल्चर (Gyps bengalensis)

  2. लॉन्ग-बिल्ड वल्चर (Gyps indicus)

  3. स्लेंडर-बिल्ड वल्चर (Gyps tenuirostis)

  4. रेड-हेडेड वल्चर (Sarcogyps calvus)

  5. इजिप्शियन वल्चर (Neophron percnopterus)

  6. हिमालयन वल्चर (Gyps himalayensis)

  7. सिनीरियस वल्चर (Aegypius monachus)

  8. बीअर्डेड वल्चर (Gypaetus barbatus)

  9. यूरेशियन ग्रिफ़ॉन (Gyps fulvus)

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